वे कहती हैं कि, ‘सिजेरियन के बाद महिलाओं को नॉर्मल डिलिवरी का प्रयास करना चाहिए। बशर्ते उन्हें सभी स्वास्थ्य सुविधाएं तत्काल मिलें। नॉर्मल डिलिवरी में दिक्कत आने की स्थिति में दोबारा सिजेरियन के लिए तैयार रहना होगा।’
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सिजेरियन के बाद नॉर्मल डिलिवरी (Normal delivery after C-Section) है संभव
अध्ययनों में भी सिजेरियन के बाद नॉर्मल डिलिवरी की पुष्टि हो चुकी है। जानकारों की मानें तो सिजेरियन के बाद दूसरी प्रेग्नेंसी की सामान्य स्थिति में नॉर्मल डिलिवरी कराई जा सकती है। इस प्रकार के मामलों में 75 प्रतिशत सफलता मिलने की संभावना होती है। इसका मतलब यह हुआ कि सिजेरियन के बाद नॉर्मल डिलिवरी (Normal delivery after C-Section) का प्रयास करने वाली चार महिलाओं में से तीन को कामयाबी मिल सकती है। नॉर्मल डिलिवरी की कोशिश करने वाली महिलाओं की पिछली मेडिकल हिस्ट्री जानना जरूरी होता है।
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सी-सेक्शन के बाद नॉर्मल डिलिवरी: पेल्विक की हड्डी पर निर्भर है नॉर्मल डिलिवरी
जन्म लेने से पहले बच्चा पेल्विक की हड्डी में से होकर गुजरता है। इस प्रक्रिया को स्टेशन्स में बांटा गया है, जो -3 से शुरू होकर 3 पर खत्म होती है। तीसरे स्टेशन जब बच्चा पहुंचता है तो वह डिलिवरी के लिए तैयार होता है।
यदि महिला की पेल्विक हड्डी सामान्य अवस्था में या चौड़ी है तो नॉर्मल डिलिवरी की जा सकती है। पेल्विक की हड्डी चौड़ी होने से बच्चा आसानी से उसमें से निकल आता है। हालांकि, यदि महिला की पेल्विक की हड्डी एकदम छोटी और संकुचित है तो हर बार सिजेरियन सर्जरी ही करनी पड़ सकती है।
सी-सेक्शन के बाद नॉर्मल डिलिवरी: कब नहीं की जा सकती नॉर्मल डिलिवरी?