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लेबर और डिलिवरी के डर को कम करती है चाइल्ड बर्थ क्लास, और भी हैं फायदे

लेबर और डिलिवरी के डर को कम करती है चाइल्ड बर्थ क्लास, और भी हैं फायदे

आप पहली बार मां बनने जा रही हैं तो चाइल्ड बर्थ क्लास आपके लिए उपयोगी साबित हो सकती है। साथ ही ये उन मांओं का आत्मविश्वास बढ़ाती है जो पहले किसी समस्या से गुजर चुकी हैं। चाइल्डबर्थ क्लास में प्रेग्नेंट महिला को लेबर और डिलिवरी से जुड़ी कई बातें बताई जाती हैं। जिन महिलाओं में डिलिवरी को लेकर मन में भय होता है, उनके लिए चाइल्ड बर्थ क्लास लाभकारी साबित हो सकती है।

आपने कई लोगों के लेबर और डिलिवरी से जुड़े किस्से सुने होंगे, लेकिन उन बातों को दिल से न लगाएं। डिलिवरी के दौरान हर किसी का एक्सपीरिएंस अलग हो सकता है। हो सकता है जो आपकी दोस्त के साथ डिलिवरी के समय हुआ था, वो आपके साथ न हो।

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चाइल्ड बर्थ क्लास क्यों लेनी चाहिए?

 पहली बार लेबर रूम में जाने पर महिलाओं के मन में कुछ सवाल आते हैं। इन सवालों के जबाव चाइल्ड बर्थ क्लास में मिल सकते हैं। जैसे-

  • मुझे कितना दर्द सहना पड़ेगा?
  • डिलिवरी आराम से हो जाएगी या कई घंटों इंतजार करना पड़ेगा?
  • पेट दर्द के समय मुझे क्या करना चाहिए?
  • मुझे डिलिवरी के समय बच्चे को कब पुश करना चाहिए?
  • क्या नॉर्मल डिलिवरी में भी टांके लगाए जाते हैं?
  • टांके लगाए जाने पर दर्द होगा या नहीं ?
  • मैं नॉर्मल डिलिवरी के कितने दिन बाद तक हॉस्पिटल में रहूंगी?
  • सिजेरियन में क्या बहुत दर्द होता है?

जो महिलाएं पहली बार बच्चे को जन्म देने जा रही होती है, उनके मन में बहुत से प्रश्न होते हैं। ऐसा नहीं है कि उन्हें इन सवालों के जवाब पता नहीं होते हैं, लेकिन सही जानकारी का आभाव होता है। ऐसे में चाइल्ड बर्थ क्लास उपयोगी साबित हो सकती है।

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चाइल्ड बर्थ क्लास के दौरान इन बातों पर दिया जाता है ध्यान

चाइल्ड बर्थ क्लास मे सीखें डर पर काबू पाना

चाइल्ड बर्थ क्लास के दौरान आपको डिलिवरी के समय की महत्वपूर्ण जानकारी दी जाएगी। आपके पास अगर कोई गलत जानकारी है तो चाइल्ड बर्थ क्लास के माध्यम से आप सही जानकारी प्राप्त कर सकती हैं। रिसर्च के दौरान ये बात सामने आई है कि जो महिलाएं चाइल्ड बर्थ क्लास अटैंड करती हैं उन महिलाओं में अन्य महिलाओं की तुलना में डिलिवरी का डर कम होता है।

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अपने पार्टनर को करें कनेक्ट

चाइल्ड बर्थ क्लास में आपके पार्टनर या लेबर कोच को भी ट्रेनिंग दी जाती है कि वो किस तरह से आपको सपोर्ट कर सकते हैं।

दर्द के निपटने के विकल्प

चाइल्ड बर्थ क्लास में आपको दर्द से निपटने के लिए कुछ बातें बताई जाती है। किस तरह से सांस लेना चाहिए या फिर संकुचन के दौरान क्या करना चाहिए आदि। आप इसका अभ्यास करेंगी तो डिलिवरी के दौरान ज्यादा समस्या नहीं होगी।

सुविधा की करें जांच

आप जिस भी हॉस्पिटल में अपना ट्रीटमेंट करवा रही हैं, वहां क्या असुविधा है या फिर क्या सुविधा नहीं है। इस बारे में चाइल्ड बर्थ क्लास के दौरान जानकारी मिल सकती है।

न्यू बॉर्न केयर के बारे में जानकारी

बेसिक जानकारी देने के साथ ही चाइल्ड बर्थ क्लास में न्यू बॉर्न के बारे में भी जानकारी दी जाती है जैसे कि किस तरह से आप उसे दूध पिलाएं या फिर कैसे डायपर चेंज करना है आदि।

कितने प्रकार की होती हैं चाइल्ड बर्थ क्लासेस?

कुछ चाइल्ड बर्थ क्लासेस अलग हो सकती हैं। जैसे सी-सेक्शन के बाद वजायना बर्थ और मल्टीपल बर्थ। रिफ्रेशर क्लासेस या फिर जो लोग चाइल्ड बर्थ के बारे में बेसिक जानकारी चाहते हैं, उनके लिए भी क्लासेस उपलब्ध रहती हैं।

लमाज (Lamaze) – लमाज के दौरान आपके आत्मविश्वास को बढ़ाने का काम किया जाता है। ब्रीथिंग और मसाज के साथ कैसे पेन को कम किया जाए या फिर क्या करने से डिलिवरी के समय आपको राहत मिलती है। यहां इन सबके बारे में जानकारी दी जाती है।

  • नॉर्मल लेबर, जन्म और पोस्टपार्टम केयर के बारे में जानकारी।
  • लेबर और जन्म के समय सही पुजिशन के बारे में जानकारी।
  • दर्द को कम करने के लिए मालिश और रिलैक्शेसन टेक्नीक।
  • प्रसव के दौरान सांस लेने की टेक्नीक।
  • इंटरनल और एक्सटरनल फोकल पॉइंट की पहले से जानकारी।
  • मेडिकल प्रॉसीजर।
  • लेबर के दौरान कम्यूनिकेशन की जानकारी।
  • स्तनपान कैसे करवाना है?

ब्राडली (Bradley)- इस मैथड में नेचुरल डिलिवरी के बारे में बताया जाता है। लेबर के दौरान रिलैक्सेशन टेक्नीक और पार्टनर आपको किस तरह से सपोर्ट कर सकता है, इस बारे में बताया जाता है।

  • न्यूट्रिशन और एक्सरसाइज का महत्व।
  • पेन मैनेजमेंट और रिलैक्शेसन टेक्नीक।
  • लेबर की रिहर्सल की जानकारी।
  • सी-सेक्शन को अवॉयड करने की जानकारी।
  • पोस्टपार्टम की जानकारी।
  • ब्रेस्टफीडिंग की जानकारी।
  • कोच की जानकारी जो मदर को डिलिवरी के समय सपोर्ट करता है।

चाइल्ड बर्थ क्लास में अलेक्जेंडर टेक्नीक

अलेक्जेंडर टेक्नीक की जानकारी चाइल्ड बर्थ क्लास में दी जाती है। चाइल्ड बर्थ क्लास में मूवमेंट, बैलेंस, लचीलापन और कॉर्डिनेश फ्रीडम की जानकारी दी जाती है। प्रेग्नेंसी में वीकली क्लासेस लेना जरूरी होता है। यह एक शैक्षिक प्रक्रिया है। जितना अधिक अभ्यास किया जाएगा, उतना अधिक लाभ होगा। तकनीक का उपयोग प्रेग्नेंट महिला के साथ ही पार्टनर को भी सीखना चाहिए। दोनों को सभी चीजों की जानकारी होना जरूरी है। चाइल्ड बर्थ क्लास में इन जानकारियों को साझा किया जाता है।

  • गर्भावस्था के दौरान कंफर्ट को इंप्रूव करना चाहिए।
  • प्रसव के दौरान अच्छी तरह से पुश करें।
  • चाइल्ड बर्थ के बाद रिकवरी।
  • नर्सिंग की असुविधा को कम करना।

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किस तरह से करें चाइल्ड बर्थ क्लास की तलाश?

ज्यादातर चाइल्ड बर्थ क्लास हॉस्पिटल या फिर बर्थ सेंटर सजेस्ट करते हैं। कुछ क्लासेस की डीवीडी आपको ऑनलाइन मिल जाएगी। अगर आपके आसपास कोई बर्थ सेंटर है तो वहां जाकर आप पता कर सकती हैं। आप चाहें तो उन पेरेंट्स से भी मदद ले सकती हैं, जो हाल में माता-पिता बने हैं।

चाइल्ड बर्थ क्लास तलाशते समय रखें ध्यान

चाइल्ड बर्थ क्लास तलाशते समय आप ध्यान रखें कि जो भी चाइल्ड बर्थ एजुकेटर हो उसके पास सर्टिफिकेट हो। क्लास में आठ या 10 कपल से ज्यादा लोग न हो।

और पढ़ें : किन मेडिकल कंडिशन्स में पड़ती है आईवीएफ (IVF) की जरूरत?

कब लें चाइल्ड बर्थ क्लास?

चाइल्ड बर्थ क्लास प्रेग्नेंसी की आखिरी तिमाही में लेना चाहिए। अगर आपको लगता है कि इसे जल्दी शुरू करना चाहिए तो आप ऐसा कर सकती हैं। आपको इस बारे में जल्दी सोचना चाहिए क्योंकि क्लासेस के लिए जल्दी रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है वरना सीट जल्दी फुल हो जाती है।

हेल्थ केयर प्रोवाइडर का चाइल्ड बर्थ क्लास में रोल

हेल्थ केयर प्रोवाइडर आपको डिलिवरी के बारे में जानकारी देने का काम करता है। वो आपको एजुकेशनल मेटीरियल भी प्रोवाइड करेगा। साथ ही आप उससे डिलिवरी से जुड़ा हुआ कोई भी प्रश्न पूछ सकती हैं।

चाइल्ड बर्थ क्लासेस में आपको लेबल और डिलिवरी से जुड़ी जानकारी प्रदान की जाती है ना कि ट्रीटमेंट। ध्यान रखें कि इस दौरान किसी भी प्रकार की समस्या होने पर अपने डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Childbirth classes: Get ready for labor and delivery

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The effect of participating in the labor preparation classes on maternal vitality and positive affect during the pregnancy and after the labor/
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3208940/
(Accessed on 30th July 2020)

Current Version

30/09/2021

Bhawana Awasthi द्वारा लिखित

Updated by: [email protected]


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Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 30/09/2021

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