डिलिवरी के बाद का समय किसी भी महिला के लिए कष्टकारी ही होता है। ये बात सच है कि अपने बच्चे को देखकर मां का दर्द कुछ हद तक कम हो जाता है। डिलिवरी के बाद शारीरिक कमजोरी और पेरीनियल पेन कुछ हफ्तों तक रहता है। जिन महिलाओं की वजायनल डिलिवरी हुई है उन्हें पेरीनियल पेन की समस्या रहती है। जबकि सी-सेक्शन के बाद परीनियल पेन की समस्या नहीं रहती है। जब वजायना के आसपास पेरीनियल टीयर हो जाता है तो पेरीनियल पेन को सहन करना मुश्किल हो जाता है।
ऐसे में आइस पैक के उपयोग की सलाह ज्यादातर मांओं को दी जाती है। आइस पैक टीयर में राहत देने का काम करता है। ऐसे में एक ओर तरीका ईजाद किया गया है, जिसको सुनने के बाद आपको सोचने पर मजबूर होना पड़ सकता है। जी हां ! पेरीनियल पेन से छुटकारा पाने के लिए फ्रोजन कंडोम को यूज करने का तरीका। अब आप सोच रहे होंगे कि फ्रोजन कंडोम क्या होता है ? मार्टिन वानलेस ने इस तरीके को पेरीनियल पेन को कम करने के लिए अपनाया और उनकी पत्नी को इस उपाय के बाद पेरीनियल पेन में राहत भी महसूस हुई। आप भी इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए कि किस तरह से पेरीनियल पेन से राहत पाई जा सकती है।
और पढ़ें: शिशु की देखभाल के जानने हैं टिप्स तो खेलें क्विज
फ्रोजन कंडोम
फ्रोजन कंडोम के बारे में मार्टिन वानलेस लिखते हैं कि कंडोम में ठंडा पानी भरकर अगर उसे जमा लिया जाए और फिर महिला उसे यूज करती हैं तो पेरीनियल पेन और सूजन में राहत मिल सकती है। कंडोम में पानी जमा हुआ होना जरूरी है। इसे महिला के पैरों के बीच में रख देना चाहिए। ऐसा करने से महिला को डिलिवरी के बाद बहुत राहत महसूस होती है। मार्टिन वानलेस कहते हैं कि ये तरीका मेरी पत्नी के द्वारा अपनाया जा चुका है।
और पढ़ें: महिलाओं से जुड़े रोचक तथ्य: पुरुषों से ज्यादा रंग देख सकती हैं महिलाएं
फ्रोजन नैपीज से कहीं ज्यादा अच्छा है फ्रोजन कंडोम
फ्रोजन नैपीज के कंपेयर में फ्रोजन कंडोम को बेहतर बताया गया है। फ्रोजन कंडोम को लाइनर पैंटी के साथ यूज किया जा सकता है। कंडोम के अंदर की बर्फ जब तक पिघल न जाएं, तब तक महिला को कंडोम पैरों के बीच में दबा कर रखना चाहिए। ऐसा करने से कुछ ही पलों में रिलेक्स फील होगा। इस प्रोसेस को जरूरत के हिसाब से दोहराया भी जा सकता है। मार्टिन वानलेस आगे लिखते हैं कि हॉस्पिटल में किसी ने मुझे बच्चे के डायपर में चिल्ड वॉटर डालकर दिया। ये भी अच्छा विचार है, लेकिन डायपर पानी को जल्दी से सोख लेता है।
पेरीनियल पेन को कम करने के लिए कभी भी डायरेक्ट आइस का यूज स्किन में नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से स्किन में दिक्कत हो सकती है। अगर आइस का यूज किया जा रहा है हो कंडोम, प्लास्टिक बैग या फिर नैपीज की हेल्प से ही आइस पैक को यूज करना चाहिए।
और पढ़ें: HIV Test : जानें क्या है एचआईवी टेस्ट?
पेरीनियल पेन क्यों होता है?
वजायना के बाहर के हिस्से को पेरीनियम कहा जाता है। बाहर से देखने में इसका शेप लिप के जैसा होता है। इसे वजायना माउथ के नाम भी जानते हैं। शिशु के जन्म के दौरान पेल्विक से होते हुए बच्चे का सिर वजायना में आता है। इस स्थिति में डायलेशन होता है और वजायना माउथ बड़ा हो जाता है। इस कारण से वजायना में खिंचाव आता है। शिशु के सिर का आकार सामान्य या बड़ा होने की स्थिति में पेरीनियम का हिस्सा आसानी से स्ट्रेच नहीं होता है। इस स्थिति में शिशु का सिर वजायना से बाहर आने पर उसमें खरोंच आ जाती है। इसे पेरीनियल टीयर या वजायनल टीयर के नाम से जाना जाता है।
ऐसे में वजायना माउथ सख्त होने पर स्किन के पीछे मौजूद मसल्स में खिंचाव पैदा होता है, जिससे उनके टिशूज डैमेज हो जाते हैं। हालांकि, इस स्थिति में यह खरोंच या चोट हल्की से लेकर गंभीर तक हो सकती है। अगर महिला के पेरिनियल टिशू में कट लगाया जाता है तो ये दर्द का कारण बन जाता है। पेरीनियल पेन महिला को डिलिवरी के एक से दो सप्ताह तक रह सकता है। पेरीनियल पेन से महिला को बैठने में और लेटने में दर्द महसूस होता है। साथ ही यूरिन पास करने और स्टूल पास करने के दौरान भी दर्द हो सकता है। पेरीनियल पेन से निजात पाने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं।
और पढ़ें: बेबी पूप कलर से जानें कि शिशु का स्वास्थ्य कैसा है
पेरीनियल पेन को कैसे करें कम?
- पेरीनियल पेन को कम करने के लिए प्रभावित जगह की सिकाई करना जरूरी होता है। प्रभावित जगह में गुनगुने पानी में बीटाडाइन की कुछ बूंदे डालकर सिकाई करने से पेरिनियल पेन में राहत मिल सकती है।
- जब पेरिनियल पेन की समस्या हो तो ढीले कपड़े पहनने चाहिए और फॉम रिंग पिलो का यूज करना चाहिए।
- नॉर्मल डिलिवरी के कुछ समय बाद जब महिला को शारीरिक रूप से मजबूत लगने लगे तो पेरीनियल पेन को कम करने के लिए कीगल एक्सरसाइज की हेल्प ली जा सकती है। इससे मांसपेशिया टोन होंगी और पेरिनियल की मसल्स में सर्कुलेशन भी बढ़ जाएगा। एक्सरसाइज करते समय ध्यान रखें कि एक ही जगह में अधिक दबाव न पढ़ें।
- यूरिन करने बाद हमेशा गरम पानी से सफाई जरूर करें। ऐसा करने से इंफेक्शन फैलने की संभावना कम हो जाती है।
- पेरीनियल पेन को कम करने के लिए चिल्ड पैड का यूज भी किया जा सकता है। आप चाहे तो इसे मार्केट से भी खरीद सकती है, या फिर घर में भी बना सकती हैं।
- पेरीनियल पेन को कम करने के लिए वार्म सिट्ज बाथ लेना बहुत जरूरी होता है। सिट्ज बाथ की हेल्प से पेरीनियल टीयर के कारण होने वाले दर्द में राहत मिलेगी। इसके लिए बाथ टब का भी यूज किया जा सकता है। करीब 20 मिनट के लिए गुनगुने का पानी के टब में शरीर के निचले भाग की सहायता से थोड़ी देर पानी में बैठे। ऐसा करने से पेरीनिमयल टिशू की सिकाई भी हो जाएगी।
- पेरीनियल पेन की समस्या है तो ज्यादा देर तक खड़े रहने या फिर बैठने की पुजिशन को अवॉयड करें। ऐसे में छीले कपड़े पहनने के साथ ही उस पुजिशन को अवॉयड करें, जिससे पेरीनियल पेन बढ़ जाता हो।
- यूरिन करते समय या फिर स्टूल पास करते समय पेरीनियल पेन बढ़ जाता है। इससे बचने के लिए फाइबर फूड खाना जरूरी है। फाइबर फूड खाने से स्टूल लूज होगा और दर्द का अनुभव कम होगा।
पेरीनियल पेन अगर ज्यादा महसूस हो रहा है तो डॉक्टर से संपर्क करें। पेरीनियल पेन डिलिवरी के करीब एक से दो हफ्ते तक महसूस हो सकता है। अगर दर्द कुछ कम हो गया है तो उपरोक्त उपाय को अपनाया जा सकता है। किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से राय जरूर लें ।
[embed-health-tool-ovulation]