प्रेग्नेंसी के दौरान अलग-अलग तरह के खाने की क्रेविंग कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस दौरान खान-पान का विशेष ख्याल भी रखना पड़ता है। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार गर्भवती महिलाओं को अपने डायट में कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates), प्रोटीन (Protein) एवं गुड फैट (Good fat) को जरूर शामिल करना चाहिए। हालांकि कई बार ये देखा जाता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान क्रेविंग होने पर अनहेल्दी फूड को भी अपने डायट में शामिल कर लेती हैं। ऐसा करना मां और शिशु दोनों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। आज इस आर्टिकल में प्रेग्नेंसी के दौरान खाने की लालसा और अरुचि (Food Cravings and Aversions during Pregnancy) से जुड़ी सारी जानकारी आपके साथ शेयर करेंगे। प्रेग्नेंसी के दौरान खाने की लालसा और अरुचि (Food Cravings and Aversions during Pregnancy) दोनों ही समस्या गर्भवती महिलाओं को हो सकती है। इसलिए ऐसा क्यों होता है और इसके पीछे क्या है साइंस यह भी समझेंगे।
- प्रेग्नेंसी के दौरान खाने की लालसा और अरुचि कब शुरू होती है और कब खत्म होती है?
- गर्भावस्था के दौरान खाने की लालसा और अरुचि का क्या है विज्ञान?
- प्रेग्नेंसी के दौरान खाने की लालसा और अरुचि के कारण क्या हैं?
- गर्भावस्था के दौरान खाने की लालसा और अरुचि को कैसे मैनेज करें?
- गर्भवती महिलाओं को किन-किन खाने-पीने की चीजों से परहेज करना चाहिए?
- प्रेग्नेंसी के दौरान हेल्दी फूड हैबिट टिप्स करें फोलो।
चलिए अब एक-एक कर इन सवालों का जवाब जानते हैं।
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प्रेग्नेंसी के दौरान खाने की लालसा और अरुचि कब शुरू होती है और कब खत्म होती है?
गर्भावस्था के दौरान की लालसा और अरुचि दोनों को एक-एक कर समझते हैं।
प्रेग्नेंसी के दौरान खाने की लालसा (Food Cravings during Pregnancy):
प्रेग्नेंसी के दौरान कभी भी और कुछ भी खाने की इच्छा होना सामान्य माना जाता है, जिसे प्रेग्नेंसी क्रेविंग्स या प्रेग्नेंसी के दौरान खाने की लालसा भी कहा जाता है। ऐसा खासकर हॉर्मोनल बदलाव की वजह से होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान कई बार आइसक्रीम खाने या बर्फ खाने की इच्छा होती है। कुछ मां बन चुकी महिलाओं की मानें तो गर्भावस्था के दौरान चॉक और मिट्टी जैसी चीजों को भी खाना पसंद करती हैं। बर्फ, चॉक और मिट्टी जैसी चीजों का सेवन मां और शिशु दोनों के लिए नुकसानदायक होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान खाने की लालसा (Food cravings during Pregnancy) पहली तिमाही यानी चौथे या पांचवें हफ्ते से शुरू हो सकती है। वैसे प्रेग्नेंसी के दौरान खाने की लालसा या प्रेग्नेंसी के दौरान फूड क्रेविंग (Food cravings) कभी भी हो सकती है। ऐसे में गर्भवती महिला के डायट से जुड़ी आदतों या उनके खान-पान को ध्यान देना आवश्यक माना जाता है। अनहेल्दी फूड मां और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों के लिए हानिकारक होता है। सिर्फ इतना ही नहीं न्यूट्रिशन (Nutrition) की कमी शिशु के विकास पर भी असर डाल सकती है।
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प्रेग्नेंसी के दौरान खाने से अरुचि (Food Aversions during Pregnancy):
प्रेग्नेंसी के दौरान खाने से अरुचि भी हॉर्मोन में हो रहे बदलाव की वजह से होती है। ऐसा माना जाता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान खाने की रूचि ना होना प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही (First trimester) से शुरू हो सकती है। हालांकि खाने से अरुचि प्रेग्नेंसी के किसी भी स्टेज में महसूस हो सकती है और शिशु के जन्म के बाद यह परेशानी अपने आप ठीक हो सकती है या बनी भी रह सकती है।
प्रेग्नेंसी के दौरान खाने की लालसा और अरुचि: क्या है विज्ञान?
प्रेग्नेंसी के दौरान खाने की लालसा और अरुचि कभी भी हो सकती है। फ्रंटियर्स जर्नल्स (Frontiers Journals) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार मतली और खाने-पीने की चीजों से अरुचि को गर्भावस्था से जोड़कर देखा जाता है। हालांकि अभी भी इस विषय पर और भी रिसर्च की आवश्यकता है। वहीं जर्नल ऑफ फूड एंड न्यूट्रिशन रिसर्च (Journal of Food and Nutrition Research) रिपोर्ट्स के अनुसार प्रेग्नेंसी के दौरान मतली और उल्टी की समस्या के कारण भी गर्भवती महिलाओं को खाने की इच्छा नहीं होती है।
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प्रेग्नेंसी के दौरान खाने की लालसा और अरुचि के कारण क्या हैं? (Cause of Food Cravings and Aversions during Pregnancy)
प्रेग्नेंसी के दौरान खाने की लालसा और अरुचि का मुख्य कारण हॉर्मोनल बदलाव को बताया गया है। हालांकि प्रेग्नेंसी के दौरान हॉर्मोनल बदलाव के साथ-साथ अन्य कारण भी हो सकते हैं, जो आपके खाने की रूचि को कम या ज्यादा भी कर सकते हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान टेस्ट रिसेप्टर और स्मेल अत्यधिक सेंसेटिव, कम या फिर सामान्य भी रह सकते हैं। वैसे इनमें से कोई भी स्थिति प्रेग्नेंसी के दौरान सामान्य मानी जाती है। अगर इसे एक उदाहरण से समझें, तो ब्रोकली (Broccoli) का स्वाद भी आपको कड़वा लग सकता है, जो आपको खाने में अच्छा नहीं लग सकता है। मुंबई की रहने वाली प्रिया तनेजा दो बच्चों की मां है। जब हमने उनसे प्रेग्नेंसी के दौरान खाने की लालसा और अरुचि के बारे में जानना चाहा, तो वो कहती हैं “मुझे तो प्रेग्नेंसी के दौरान वैसे खाने की चीजों की क्रेविंग ज्यादा होती थी जो मैं बचपन में खाती थी। इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान कब क्या पसंद आ जाए और क्या नहीं ये कहना मुश्किल है और यह हर गर्भवती महिलाओं में अलग-अलग होती है”। ध्यान रखें कि प्रेग्नेंसी के दौरान खाने की लालसा और अरुचि सामान्य समस्या है, लेकिन अनहेल्दी ईटिंग हैबिट (Unhealthy eating habit) से बचना जरूरी है।
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प्रेग्नेंसी के दौरान खाने की लालसा और अरुचि को कैसे मैनेज करें?
प्रेग्नेंसी के दौरान फिजिकल एवं मेंटल प्रॉब्लम (Mental health) होना सामान्य माना जाता है, लेकिन अगर तकलीफ ज्यादा हो रही है तो इस बारे में जानकारी दें। वहीं प्रेग्नेंसी के दौरान खाने की लालसा और अरुचि को मैनेज किया जा सकता है। जैसे:
- प्रेग्नेंसी के दौरान खाने की लालसा और अरुचि सामान्य है और खाने-पीने से जुड़ी लापरवाही मां और शिशु के लिए पोषण की कमी का कारण बन सकती है। प्रेग्नेंसी के दौरान चॉकलेट (Chocolate), आइसक्रीम (Icecream) एवं आइस क्यूब (Ice cube) खाने की इच्छा ज्यादा होती है। ऐसे में बेहतर होगा कि आइस क्यूब ना खाएं और कम से कम चॉकलेट या आइसक्रीम खाएं। वैसे प्रेग्नेंट लेडी ब्राउनी (Brownies) का सेवन कर सकती है।
- अगर क्रेविंग ज्यादा हो रही है, तो आप अपने आपको इस दौरान वॉक करना चाहिए या कोई पसंदीदा काम जैसे किताबे पढ़ना, गाना सुनना या अपने दोस्तों से बात करना।
- प्रेग्नेंसी के दौरान अगर ना खाने की इच्छा ज्यादा होती है, तो आप हेल्दी फूड (Healthy food) को शामिल करें। आप चाहें तो ड्राई फ्रूट्स एवं नट्स का सेवन कर सकती हैं।
- अगर आप वेजिटेरियन या वीगन डायट फॉलो करती हैं और प्रेग्नेंसी के दौरान इससे हटकर जैसे मीट, चिकेन या अंडा (Egg) खाने की इच्छा होती है तो आप इन्हें भी अपने आहार में शामिल कर सकती हैं। प्रेग्नेंसी के बाद आप फिर से वेजिटेरियन या वीगन डायट फॉलो किया जा सकता है।
नोट: कभी-कभी किसी खास चीज की इच्छा होने पर उसे खाया जा सकता है और अगर आपको खाने से अरुचि बढ़ती जा रही है तो इस बारे में डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। ध्यान रखें कि प्रेग्नेंसी के दौरान डायट से जुड़ी लापरवाही गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों के लिए परेशानी पैदा कर सकती है।
गर्भावस्था के दौरान खाने की लालसा और अरुचि पर ध्यान देना जरूरी है। अगर इस दौरान प्रेग्नेंट लेडी मिटटी, राख, चॉक या बर्फ के टुकड़ों को खाना पसंद करती हैं, तो यह शरीर में आयरन (Iron), जिंक (Zinc) की कमी या किसी अन्य परेशानी की ओर इशारा करती है।
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गर्भवती महिलाओं को किन-किन खाने-पीने की चीजों से परहेज करना चाहिए?
गर्भावस्था के दौरान खाने की लालसा और अरुचि किसी भी खाद्य पदार्थों से हो सकती है, लेकिन ऐसे में निम्नलिखित खाद्य पदार्थों से दूरी बनाए रखना चाहिए-
- मिटटी, राख, चॉक या बर्फ के टुकड़ों का सेवन ना करें।
- कच्चे या ठीक से ना पके हुए मांस (Meat), मछली (Fish) या अंडे (Egg) का सेवन ना करें।
- अनपश्चराइज़्ड दूध एवं दही का सेवन ना करें।
- एल्कोहॉल (Alcohol) एवं सिगरेट (Cigarette) का सेवन ना करें।
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प्रेग्नेंसी के दौरान हेल्दी फूड हैबिट टिप्स करें फॉलो (Healthy food hobbit tips during pregnancy)
गर्भावस्था के दौरान हेल्दी फूड हैबिट निम्नलिखित तरह से प्लान करें-
- अचानक या बार-बार भूख लगने से बचने के लिए थोड़ी-थोड़ी देर पर और थोड़ा-थोड़ा खाने की आदत डालें।
- हेल्दी स्नैक्स (Healthy snacks) खाने की आदत डालें।
- कम कैलोरी और फाइबर रिच फूड (Fiber rich food) का सेवन करें।
- पानी (Water) का सेवन करें।
इन छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर प्रेग्नेंसी को हेल्दी बनाने में मदद मिल सकती है और गर्भावस्था के दौरान खाने की लालसा और अरुचि को भी मैनेज किया जा सकता है। अगर आप प्रेग्नेंसी या प्रेग्नेंसी के दौरान खाने की लालसा और अरुचि (Food Cravings and Aversions during Pregnancy) से जुड़े किसी भी सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। हैलो स्वास्थ्य के हेल्थ एक्सपर्ट आपके सभी सवालों का जवाब जल्द से जल्द देने की कोशिश करेंगे।
प्रेग्नेंसी के बाद भी महिलाओं का अपना विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि मां के स्वास्थ्य में ही छिपा है स्वस्थ्य बच्चे का राज। नई बनी मां को आपके मानसिक स्वास्थ्य (Mental health) का भी अत्यधिक ख्याल रखना चाहिए। यहां नीचे दिए वीडियो पर क्लिक कर एक्सपर्ट से जानिए खास टिप्स।
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