लंबे समय से भारतीय सेलेब्रिटी कपल्स सरोगेसी की मदद पेरेंट्स बनने में ले रहें हैं। सेलेब्रिटीज के साथ-साथ सामान्य कपल भी सरोगेट मदर का सहारा लेते हैं, लेकिन सरोगेट मदर का चुनाव चुनौतिपूर्ण है। इस काम को सोच-समझकर करना चाहिए। ताकि आपका बेबी 9 महीने तक सुरक्षित रहे और बाद में भी किसी तरह की परेशानी न आए। कई बार सरोगेसी के केसेस में सरोगेट मदर का बच्चे से लगाव और बच्चे को रियल पेरेंट्स को देने से मना करना जैसे मामले भी देखे जाते हैं। इसलिए सही सरोगेट मदद का चुनाव करना महत्वपूर्ण हो जाता है। आइए जानते हैं कि सरोगेट मदर का चुनाव करने से पहले किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए। इसके पहले जानते हैं सरोगेसी क्या है?
सरोगेसी (Surrogacy) क्या है?
सरोगेसी एक तरह की तकनीक है, जिसमें एक महिला और एक कपल (हसबैंड और वाइफ) के बीच अग्रीमेंट होता है। सरोगेसी में पुरूष के स्पर्म (शुक्राणु) को सरोगेट मदर के ओवम (अंडाणु) के साथ फर्टिलाइज किया जाता है। इसके अलावा,जेस्टेशनल सरोगेसी में महिला और पुरुष दोनों के अंडाणु और शुक्राणु को टेस्ट टयूब प्रॉसेस से फर्टिलाइज करवा कर भ्रूण (Embryo) को सरोगेट मदर के यूट्रस में इम्प्लांट किया जाता है। इसमें बच्चे का जेनेटिक संबंध माता-पिता दोनों से होता है। जन्म के बाद बच्चे पर उस महिला का अधिकार नहीं होता है जो अपने गर्भ में शिशु को रखती हैं। सरोगेसी को सामान्य भाषा में ‘किराय की कोख’ भी कहते हैं क्योंकि सरोगेट मदर भ्रूण (शिशु) का विकास अपने गर्भाशय में करती हैं और इसके बदले उसे पैसे दिए जाते हैं। दरअसल इस तकनीक से ऐसी महिलाएं मां बन पाती हैं, जो गर्भ न ठहरने या IVF सक्सेसफुल नहीं होने के कारण बच्चों को जन्म दे पाने में असफल होती हैं।
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सरोगेट मदर का चुनाव करते वक्त ध्यान रखें ये बातें:
अगर सरोगेट मदर का चुनाव करते वक्त आपके दिमाग में किसी दोस्त या फैमिली मेंबर का नाम नहीं है तो आप किसी एजेंसी या फर्टिलिटी क्लीनिक का चुनाव कर सकते हैं जो आपकी सरोगेट मदर का चुनाव करने में मदद करेंगे। यहां कुछ ऐसी बातें बताई जा रही हैं जिन्हें आपको सरोगेट मदर का चुनाव करते वक्त ध्यान रखनी चाहिए।
- जिसमें सरोगेट मदर की मेडिकल हिस्ट्री के बारे में आपको पता होना चाहिए। यह एक जेनेटिक प्रोफाइल होनी चाहिए। जिसमें ब्लड टेस्ट और दूसरी गायनिक हिस्ट्री शामिल है।
- सरोगेट मदर की लाइफस्टाइल के बारे में आपको पूरी जानकारी होनी चाहिए जिसमें एल्कोहॉल ड्रिकिंग हिस्टी शामिल है।
- आपको सरोगेसी प्रॉसेस के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। इसमें आने वाले खर्चे के बारे में भी आपको पता होना चाहिए।
- आपको लीगल चीजाें के बारे में भी पूरी जानकारी होनी चाहिए। नए कानून के बारे में आपको सब पता होना चाहिए।
- बच्चे के जन्म के बाद आप सरोगेट मदर से किस प्रकार का रिलेशनशिप रखना चाहते हैं इसका भी निणर्य कर लें। क्या आप चाहते हैं कि सरोगट मदर बच्चे के जन्म के बाद आपकी फैमिली और बच्चे से जुड़ी रहे या आप उससे पूरी तरह कॉन्टैक्ट खत्म करना चाहते हैं। इसका निर्णय पहले ही ले लें।
- अगर आप अपने बच्चे के लिए सरोगेट मदर ढूंढ रहे हैं जो 9 महीने तक अपने बच्चे का ख्याल रख सके तो आपको ऐसी महिला ढूंढनी चाहिए जो अपने बच्चे की तरह आपके बच्चे का ध्यान रखें। अगर आप इमरजेंसी में सरोगेट मदद तलाश कर रहे हैं तो एजेंसी को अपनी पसंद- नापसंद के बारे में बताएं। ताकि वे आपके लिए मनमुताबिक सरोगेट मदर का चुनाव कर सकें।
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सरोगेट मदर का चुनाव कैसे करें?
- सरोगेट मदर का चुनाव करते वक्त ध्यान रखें कि कानून के अनुसार सरोगेट मदर की उम्र 23 साल से 35 साल के बीच होनी चाहिए।
- सरोगेट मदर का चुनाव करते वक्त ध्यान रखें कि महिला पूरी तरह से फिट होनी चाहिए (उसे कोई बीमारी नहीं होनी चाहिए)
- सरोगेट मदर का चुनाव करते वक्त ध्यान रखें कि सरोगेट मदर कम से कम एक बार मां जरूर बन चुकी हो।
- सरोगेट मदर का चुनाव करते वक्त पता कर लें कि उस पर परिवार की ओर से कोई प्रेशर नहीं होना चाहिए।
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कौन से कपल सरोगेट मदर का सहारा ले सकते हैं?
- वह महिला जिसे गर्भ धारण करने में परेशानी हो रही हो।
- किसी कारण गर्भाशय की सर्जरी की गई हो या इसे निकाल दिया गया हो।
- महिला किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हो।
- IVF तकनीक से भी गर्भधारण न हो पाया हो।
- कपल्स की उम्र ज्यादा होने की वजह से गर्भधारण में परेशानी आ रही हो।
सरोगेट मदर का चुनाव करने से पहले ऊपर बताई गई बातों को ध्यान रखना जरूरी है, लेकिन हाल ही भारत में सरोगेसी के नियमों में बदलाव भी किए गए हैं।
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क्या कहते हैं सरोगेसी के नए नियम?
सरोगेसी की नियमों में किए गए बदलाव निम्नलिखित हैं।
- देश में सरोगेसी से शिशु चाहने वाले कपल्स को कम-से-कम पांच साल से शादी-शुदा होना चाहिए साथ ही इन कपल्स को भारतीय नागरिकता भी प्राप्त होनी चाहिए।
- सरोगेसी से शिशु चाहने वाले कपल को सरोगेट मदर के लिए किसी करीबी रिश्तेदार को ही चुनना होगा।
- सरोगेट मदर का पहले से विवाहित होना अनिवार्य है जिसका खुद भी कम-से-कम एक बच्चा हो।
- संतान चाहने वाली महिला की उम्र 23 से 50 वर्ष और पुरुष की उम्र 26 से 55 वर्ष के बीच होना जरूरी है।
- सरोगेट मां की उम्र 23 से 35 के बीच होना जरूरी है।
- सरोगेसी के लिए भ्रूण की बिक्री पर 10 साल की सजा और अधिकतम 10 लाख रुपए का जुर्माना भी देना पड़ सकता है।
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सरोगेट मदर का चुनाव करने से क्या हो सकते हैं फायदे?
सरोगेसी के निम्नलिखित फायदे हो सकते हैं।
- सरोगेसी उन कपल्स की फैमली आगे बढ़ाने में है सहायक जो किसी कारण पेरेंट्स नहीं बन पाते हैं।
- बदलते लाइफस्टाइल और करियर के कारण शादी में देरी होने की वजह से प्रेग्नेंसी प्लानिंग में देर हो जाती है ऐसे में सरोगेसी से बेबी प्लानिंग की जा सकती है। जो लोग शादी नहीं करते हैं, लेकिन अपना बच्चा चाहते हैं उनके लिए सरोगेसी अच्छा विकल्प है।
- कई महिलाएं किसी मेडिकल कंडिशन के चलते भी सरोगेसी से मां बन सकती हैं। आप इस बारे में डॉक्टर से पूछ सकती हैं।
हम उम्मीद करते हैं कि सरोगेट मदर का चुनाव कैसे करें विषय पर लिखा गया यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित होगा। सरोगेट मदर का चुनाव करने जा रहें हैं तो ऊपर बताई गई बातों को अवश्य ध्यान में रखें, लेकिन अगर आप इससे जुड़े अन्य सवालों का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। उपरोक्त जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें।
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