किसी भी कपल के लिए गर्भावस्था बेहद खास अनुभव होता है। इस दौरान गर्भवती महिला अपना और गर्भ में पल रहे शिशु का ख्याल रखने में कोई कोताही नहीं बरती लेकिन, इस दौरान शरीर में कुछ ऐसे बदलाव होते हैं जिन पर खुद कंट्रोल नहीं रख सकते हैं। ऐसी स्थिति से कैसे निपटा जाए ये समझना बेहद जरूरी हो जाता है। आमतौर पर गर्भावस्था के शुरुआत की पहली निशानी है पीरियड्स बंद होना। हालांकि शुरूआती 1 से 3 महीने ब्लीडिंग होना या ब्लड स्पॉट आना सामान्य माना जाता है लेकिन, कुछ महिलाओं में पूरे 9 महीने स्पॉटिंग हो सकती है। जो गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे बच्चे (भ्रूण) दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है। इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए कि गर्भावस्था में ब्लीडिंग (Bleeding in pregnancy) क्यों होती है और ऐसे में क्या करना चाहिए।
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गर्भावस्था में ब्लीडिंग (Bleeding in pregnancy) के कारण क्या होते हैं ?
एक्सपर्ट्स के अनुसार प्रेग्नेंसी के दौरान कभी-कभी हो रही स्पॉटिंग खतरनाक नहीं होती लेकिन, लगातार गर्भावस्था में ब्लीडिंग (Bleeding in pregnancy) होने पर यह मां और बच्चे दोनों की सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है। इसके कई कारण हो सकते हैं।
- भ्रूण जब गर्भाशय से जुड़ता है तब शुरूआती स्टेज में स्पॉटिंग की समस्या हो सकती है। शुरूआती दौर होने की वजह से अक्सर महिलाएं इसे पीरियड्स समझती हैं इसलिए इसे नजरअंदाज कर देती हैं।
- गर्भधारण के शुरूआती समय में ब्लीडिंग या गर्भावस्था में ब्लीडिंग (Bleeding in pregnancy) कभी-कभी संक्रमण होने की वजह से भी हो सकती है।
- कई बार गर्भावस्था में सेक्स करने की वजह से भी ब्लीडिंग हो सकती है।
- पीरियड्स कंट्रोल करने वाले हॉर्मोन में बदलाव की वजह से भी स्पॉटिंग हो सकती है और यह स्पॉटिंग भी पीरियड्स की तारीख के अनुसार ही होती है। जिसे प्रायः यही समझ कर टाल दिया जाता है कि ये पीरियड्स हैं। ऐसे में गर्भावस्था में ब्लीडिंग (Bleeding in pregnancy) को इग्नोर करने की बजाय डॉक्टर से बात करें।
- गर्भावस्था के आखिरी महीने में कभी-कभी ब्लीडिंग होती है। इसकी वजह से डिलिवरी जल्दी हो सकती है।
- कभी-कभी गर्भाशय के फटने की वजह से भी गर्भावस्था में ब्लीडिंग (Bleeding in pregnancy) हो सकती है।
- गर्भवती महिला के पहले कभी हुए पेट के ऑपरेशन की वजह से भी गर्भावस्था में ब्लीडिंग (Bleeding in pregnancy) हो सकती है।
- वजाइना में इंफेक्शन की वजह से भी हल्की ब्लीडिंग हो सकती है।
- गर्भ में पल रहा भ्रूण कभी-कभी फैलोपियन ट्यूब में चला जाता है और अगर ऐसे में फैलोपियन ट्यूब डेमेज हो जाता है तो इंटरनल ब्लीडिंग हो सकती है। यह गर्भवती महिला के लिए खतरनाक हो सकता है।
- प्रेग्नेंसी में ब्लीडिंग या गर्भावस्था में ब्लीडिंग (Bleeding in pregnancy) की समस्या होने पर गर्भपात का खतरा बढ़ सकता है।
अगर किसी भी गर्भवती महिला को ब्लीडिंग की समस्या गर्भ धारण के शुरूआती दौर में हो तो इसकी जानकारी अपने डॉक्टर को जरूर दें।क्योंकि ऐसा होने पर आपको कई अन्य तरह की परेशानी शुरू हो जाती है। ऐसी स्थिति में कमजोरी महसूस होना, चक्कर आना और पेट में दर्द हो सकता है। ऐसे समय में घरेलू उपाए करने की बजाए विशेषज्ञों की राय लें और उसे ही अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
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गर्भावस्था में ब्लीडिंग: कुछ बातों का रखें ख्याल
- प्रेग्नेंसी में ब्लीडिंग या गर्भावस्था में ब्लीडिंग (Bleeding in pregnancy) या स्पॉटिंग की भी समस्या हो तो पैड्स का इस्तेमाल जरूर करें। इससे इंफेक्शन से बचा जा सकता है।
- प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लीडिंग होने पर टैम्पून खून को सोखने के लिए उपयोग किया जाने वाला पेड जो वजाइना के अंदर फिट होता है का इस्तेमाल नहीं करें।
- ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं।
- गर्भावस्था में ब्लीडिंग (Bleeding in pregnancy) हो, तो सेक्स न करें।
- जितना ज्यादा हो सके आराम करें।
- खुश रहने की कोशिश करें और अच्छी नींद लें।
- गर्भावस्था में ब्लीडिंग (Bleeding in pregnancy) होने पर भारी सामान नहीं उठाएं।
- कभी-कभी ब्लीडिंग की वजह से गर्भवती महिला बेहोश भी हो सकती है। ऐसा कमजोरी की वजह से हो सकता है।
- ब्लीडिंग के साथ पेट और पीठ में दर्द और उल्टी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
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प्रेग्नेंसी में ब्लीडिंग: ब्लीडिंग के दौरान इन लक्षणों पर भी ध्यान दें
प्रेग्नेंसी में ब्लीडिंग के दौरान आपको कुछ लक्षण भी नजर आएंगे, जिन्हें देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं आपको प्रेग्नेंसी के दौरान किसी प्रकार की समस्या है। अगर आपको निम्नलिखित लक्षण नजर आते हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए। ये आपके लिए और आपके बच्चे के लिए बहुत जरूरी है।
- वजाइना में खिंचाव आना या महसूस करना।
- वजाइना से डिस्चार्ज होना।
- ब्लड क्लॉट का डिस्चार्ज होना।
- पेट में बहुत तेज दर्द होना।
- इन सभी परेशानियों के साथ घबराहट होना।
गर्भावस्था में ब्लीडिंग या गर्भावस्था में ब्लीडिंग (Bleeding in pregnancy) होने पर डॉक्टर कुछ टेस्ट (जांच) करवाने की सलाह देते हैं। डॉक्टर द्वारा बताए गए टेस्ट तुरंत करवाएं। गर्भावस्था के दौरान और खासकर 28 वें सप्ताह में अगर ब्लीडिंग की समस्या शुरू हो तो यह खतरनाक हो सकता है।
कभी-कभी ब्लीडिंग कुछ दवाइयों के सेवन की वजह से भी होती है। इससे गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है। अपने विशेषज्ञ से यह जरूर जानने की कोशिश करें कि आपको ब्लीडिंग की समस्या क्यों हुई कारण पता चलने से आप सतर्क हो जाएंगी और खतरे को टाल सकती हैं।
प्रेग्नेंसी में ब्लीडिंग : घबराएं नहीं, जांच कराएं
प्रेग्नेंसी की शुरुआत में या फिर प्रेग्नेंसी के आखिरी में अगर आपको ब्लीडिंग की समस्या होती है तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराना बहुत जरूरी है। कई बार ब्लीडिंग गंभीर नहीं होती है, लेकिन कई बार ये घातक भी हो सकती है। अगर कोई गंभीर समस्या नहीं है तो डॉक्टर आपको ब्लीडिंग को रोकने की दवा देगा। दवा खाने के बाद ब्लीडिंग बंद हो जाती है। साथ ही आगे होने वाली किसी गंभीर समस्या से भी आप बच सकते हैं।
प्रेग्नेंसी के समय शरीर में होने वाले सभी परिवर्तन पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। अगर आप किसी लक्षण को इग्नोर करते हैं तो ये आपके लिए घातक भी साबित हो सकता है। बेहतर होगा कि आप लापवाही न बरतें। तुरंत डॉक्टर से बात करें और जरूरी ट्रीटमेंट कराएं।
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उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अगर आपको प्रेग्नेंसी में ब्लीडिंग से संबंधित कोई भी सवाल हो तो बेहतर होगा कि आप डॉक्टर से इस बारे में जानकारी जरूर प्राप्त करें।
उम्मीद करते हैं कि आपको इस आर्टिकल की जानकारी पसंद आई होगी और आपको गर्भावस्था में ब्लीडिंग या गर्भावस्था में ब्लीडिंग (Bleeding in pregnancy) से जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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