गर्भ में बच्चा उल्टा होना (Breech pregnancy) वह स्थिति होती है जब गर्भ में बच्चा अपनी स्थिति के उलट घूम जाता है। इस स्थिति में बच्चे का सिर गर्भाशय की तरफ होता है और पैर और नितंब पेल्विक की तरफ होते हैं । वहीं, सामान्य प्रेग्नेंसी में बच्चे का सिर पेल्विक की तरफ और पैर गर्भाशय की तरफ होते हैं। हालांकि, डिलिवरी से पहले ज्यादातर बच्चे गर्भ में अपने आप डिलिवरी के अनुकूल स्थिति में आ जाते हैं लेकिन, ब्रीच प्रेग्नेंसी (Breech pregnancy) डिलिवरी के वक्त मां और बच्चे के लिए समस्याएं हो सकती हैं।
गर्भ में बच्चा उल्टा होना और उसके प्रकार ( Types of Breech Presentation)
इनकंप्लीट ब्रीच (Incomplete Breech)- इसमें घुटने मुड़े होने के साथ ही एक पैर नितंब के साथ पेल्विक की तरफ आता है।
फ्रेंक ब्रीच (Frank Breech)- सिर और पैर गर्भाशय की तरफ होते हैं और नितंब पेल्विक की तरफ होता है।
कंप्लीट ब्रीच (Complete Breech)- दोनों घुटने मुड़े हुए और दोनों पैर नीचे नितंब के साथ पेल्विक की तरफ होते हैं।
गर्भाशय से बाहर आने के बाद बच्चा पेल्विक के भीतर से होकर गुजरता है। पेल्विक में बच्चे की स्थिति को स्टेशन्स में बांटा गया है। इनकी संख्या -3 से शुरू होकर 3 तक आती है। तीसरे स्टेशन पर पहुंचकर बच्चा डिलिवरी के लिए तैयार होता है। वहीं, ब्रीच पुजिशन में एक फ्रेंक ब्रीच प्रेजेंटेशन भी होती है। इसमें बच्चे के दोनों पैर सीधे सिर की तरफ होते हैं। इस स्थिति को फ्रेंक ब्रीच पुजिशन कहा जाता है।
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गर्भ में बच्चा उल्टा होना और उसके कारण (Causes of Breech Pregnancy)
गर्भ में बच्चा उल्टा होना (Breech pregnancy) किस वजह से होता है इसके असल कारण अभी तक पता नहीं किए जा सके हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। वहीं, अमेरिकन प्रेग्नेंसी एसोसिएशन के मुताबिक, गर्भ में बच्चे का अपनी पुजिशन के बदलने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। हालांकि, ब्रीच प्रेग्नेंसी (Breech pregnancy) के निम्न कुछ कारण हैं:
- बच्चे के चारों ओर बहुत अधिक या बहुत कम एमनियोटिक द्रव
- मल्टीपल प्रेग्नेंसी: मल्टीपल प्रेग्नेंसी में गर्भनाल की लंबाई, उदाहरण के लिए अक्सर एक जुड़वां सिर से नीचे की स्थिति में और दूसरा ब्रीच स्थिति में होता है। जुड़वा बच्चों के मामले में भी ब्रीच प्रेग्नेंसी (Breech pregnancy) होने की सबसे ज्यादा संभावना हो सकती है। समय से पहले शिशु को जन्म देने वाली महिलाओं में ब्रीच प्रेग्नेंसी का खतरा रहता है।
- गर्भाशय फाइब्रॉएड: यदि महिला के गर्भाशय में फाइब्रॉएड जैसी विसंगतियां हैं तो उसे ब्रीच प्रेग्नेंसी (Breech pregnancy) का खतरा रहता है।
- मा के गर्भाशय का अनियमित आकार
- प्लेसेंटा प्रीविया: प्लेसेंटा प्रीविया के चलते भी ब्रीच प्रेग्नेंसी (Breech pregnancy) की संभावना हो सकती है।
गर्भ में बच्चा उल्टा होना और डॉक्टर्स की राय
गर्भ में बच्चा उल्टा होना खतरनाक हो सकता है। इसपर मुंबई स्थित डॉक्टर श्रुति श्रीधर (एमडी, (होम), एमएसी, डीएफएसएम) ने कहा, ‘हर मामले में ब्रीच प्रेग्नेंसी (Breech pregnancy) या ब्रीच गर्भावस्था के कारण अलग-अलग हो सकते हैं। लेकिन, कई बार एमनीओटिक फ्लूड की कमी के कारण बच्चा गर्भ में अपनी पुजिशन नहीं बदल पाता है, जिसकी वजह से ब्रीच प्रेग्नेंसी (Breech pregnancy) की संभावना बढ़ जाती है।’ उन्होंने यह भी कहा शिशु के प्रीमेच्योर होने की वजह से महिलाओं को ब्रीच प्रेग्नेंसी (Breech pregnancy) हो सकती है।
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कब होती है ब्रीच प्रेग्नेंसी (When does breech pregnancy happen?)
बच्चा जब तक 35 से लेकर 36 सप्ताह का नहीं हो जाता तब तक उसे ब्रीच पुजिशन में नहीं माना जाता। सामान्य प्रेग्नेंसी में बच्चा गर्भाशय से बाहर आने के लिए अपने आप ही सिर को नीचे की तरफ कर लेता है। हालांकि, 35 हफ्तों से पहले यदि बच्चा का सिर नीचे है तब भी यह स्थिति सामान्य मानी जाती है। इस अवधि के बाद बच्चे का आकार बड़ा हो जाता है, जिसकी वजह से उसका गर्भाशय में घूमना मुश्किल हो जाता है। हालांकि, डॉक्टर बच्चे की ब्रीच पोजिशन का पता लगाने के लिए अल्ट्रासाउंड या विशेष एक्स-रे का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे बच्चे की वास्तविक स्थिति का सटीक अंदाजा लगाया जा सकता है।
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गर्भ में बच्चा उल्टा होना और उसे कैसे डायग्नोज किया जाता है? (How to diagnose breech pregnancy)
आपकी डिलिवरी से कुछ समय पहले आपका डॉक्टर आपके लोअर एब्डोमेन पर हाथ से टच करके बच्चे के सिर और कमर की जगह का पता लगाते हैं। यदि उन्हें ऐसा लगता है कि बेबी ब्रीच पुजिशन में हो सकता है तो इसके लिए डॉक्टर अल्ट्रसाउंड करा सकते हैं। बच्चे की पुजिशन और श्रोणि के आकार का पता लगाने के लिए विशेष एक्स-रे का उपयोग किया जाता है। इससे यह पता लगाया जाता है कि ब्रीच बच्चे की सफलतापूर्वक वजायना डिलिवरी की जा सकती है या नहीं।
एक्सटर्नल सेफेलिक वर्जन (external cephalic version) (ECV)
डॉक्टर ऐसी कंडिशन में सिजेरियन डिलिवरी (C-section) की सलाह देते हैं। गर्भ में पल रहे बच्चे की पुजिशन को ठीक करने के लिए डॉक्टर एक्सटर्नल सेफेलिक वर्जन (external cephalic version) (ECV) भी कर सकते हैं। ईसीवी को 36वें हफ्ते में और लेबर पेन के पहले किया जाता है। इसमें डॉक्टर अपने हाथ से शिशु की पुजिशन को ठीक करने की कोशिश करते हैं। यह प्रक्रिया उन महिलाओं में ज्यादा सफल होती है जो दूसरी बार मां बनी हो। यह प्रॉसेस 50 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं में सक्सेसफुल होती है। यदि है सही से हो जाए तो सिजेरियन डिलिवरी की संभावना कम हो जाती है।
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यदि आपको निम्न परेशानियां हैं तो आप ईसीवी (ECV) नहीं करा सकते हैं:
- वजायनल ब्लीडिंग
- प्लेसेंटा जो गर्भाशय के मुंह के पास हो या उसे कवर करता हो
- थैली में तरल पदार्थ का निम्न स्तर, जो बच्चे को घेरता है और उसकी रक्षा करता है।
- एब्नॉर्मल फेटल हार्ट
- झिल्ली का समय से पहले टूटना
- ट्विंस या मल्टीपल प्रेग्नेंसी
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गर्भ में बच्चा उल्टा होना और इससे जुड़े खतरे (Dangers of Breech Pregnancy)
जब तक शिशु के जन्म लेने का समय नहीं आ जाता तब तक ब्रीच प्रेग्नेंसी (Breech pregnancy) खतरनाक नहीं होती हैं। ब्रीच डिलिवरी में बच्चे का बर्थ केनाल में फंसने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। ऐसे में गर्भनाल से बच्चे को होने वाली ऑक्सीजन की सप्लाई रुक जाती है। जो सबसे ज्यादा खतरनाक होती है।
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि गर्भ में बच्चा उल्टा होना (Breech pregnancy) या ब्रीच गर्भावस्था के लिए सबसे सुरक्षित प्रक्रिया क्या है? सिजेरियन सर्जरी के चलन से पहले डॉक्टर्स और आमतौर पर मिडवाइफ को ब्रीच डिलिवरी को संभालने के बारे में सिखाया जाता था। आज के दौर इस तरह के लोग बहुत कम ही हैं, जो बाहर से ही बच्चे की पुजिशन को ठीक कर पाएं।
ध्यान दें
ज्यादातर डॉक्टर्स ब्रीच प्रेग्नेंसी (Breech pregnancy) या ब्रीच गर्भावस्था में सिजेरियन डिलिवरी की सलाह देते हैं। यह मां और बच्चे दोनों के लिए ही सुरक्षित मानी जाती है। विशेषकर प्रीमेच्योर बच्चों के मामलों में सिजेरियन सबसे ज्यादा उपयुक्त मानी जाती है। किसी भी प्रकार की संशय होने पर डॉक्टर से संपर्क करें। हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको ब्रीच प्रेग्नेंसी (Breech pregnancy) के संबंध में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
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