शिशु के कान में मैल जमना सामान्य है। कान का मैल त्वचा की मृत कोशिकाओं और एक मोटे, चिपचिपे तत्व से मिलकर बनता है, जिसे ग्लैंड लाइनिंग प्रोड्यूस करती है। कुछ मामलों में कान का मैल से शिशु को परेशान नहीं करता है, लेकिन कुछ मामलों में कान का मैल उन्हें परेशान कर सकता है। शिशु के कान की साफ- सफाई का ध्यान रखना जरूरी है। उनका इम्यून सिस्टम इतना मजबूत नहीं होता कि वह किसी संक्रमण को बॉडी में पनपने से रोक पाए। आज हम इस आर्टिकल में आपको शिशु के कान के मैल और इसकी सफाई के बारे में बताएंगे।
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शिशु के कान में मैल क्यों जमता है?
शिशु के कान में मैल कैसे जमता है? अब ये तो आप जान ही चुके हैं। शिशु के कान का मैल एक प्राकृतिक पदार्थ है। कान के इस मैल में एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होती हैं, जो शिशु की ईयर कैनाल को सुरक्षा प्रदान करती हैं।
आमतौर पर कान का मैल शिशु के कान के बाहरी हिस्से में आ जाता है और अपने आप ही बाहर गिर जाता है। शिशु के कान में मैल बनने का मतलब यह नहीं कि आपका बच्चा गंदा या साफ- सुथरा नहीं है। कुछ लोगों के कान में कब मैल होता है। जबकि, कुछ लोगों के कान में सामान्य रूप से अधिक मैल पैदा होता है।
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कैसे साफ करें शिशु के कान का मैल?
आमतौर पर कान के मैल को निकालने की जरूरत नहीं होती है क्योंकि यह खुद ही बाहर आ जाता है। शिशु के कान में किसी भी चीज के चिपके रहने से उसे इंफेक्शन या ईयर कैनाल को क्षति पहुंचने का खतरा बढ़ जाता है। कॉटन स्वैब कई प्रकार की ग्रूमिंग में काम आती है लेकिन, इसका इस्तेमाल कान की सफाई में नहीं होना चाहिए। ज्यादातर मामलों में नियमित रूप से नहाने से और कान को साफ करने से कान का मैल जमता नहीं है।
कुछ बच्चों के कान में अधिक मैल होने की स्थिति में इसकी सफाई जरूरी होती है। कान का मैल ईयर कैनाल को ब्लॉक कर सकता है। ऐसा विशेषकर उस स्थिति में होता है जब इसे कॉटन स्वैब, उंगली या किसी अन्य चीज से पुश किया जाता है। इस स्थिति को ‘इंपेक्शन’ कहते हैं। यदि इससे सुनने की क्षमता पर प्रभाव पड़ता है या इससे दर्द और असहजता होती है तो डॉक्टर से इसे निकलवाएं।
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शिशु के कान का मैल निकालना क्यों जरूरी है?
- शिशु के कान में अधिक मैल जमने पर उसे कम सुनाई दे सकता है। सुनने की क्षमता पांच से 40 dB के बीचे प्रभावित हो सकती है।
- उसे कान में घंटी बजना जैसा सुनाई दे सकता है।
- ईयर कैनाल में भरेपन का अहसास हो सकता है।
- ईयर कैनाल में खुजली हो सकती है।
- कान में दर्द हो सकता है।
- कान से डिस्चार्ज हो सकता है।
- ईयर कैनाल से स्मैल आ सकती है।
- शिशु को चक्कर आ सकता है।
इन कारणों को देखते हुए शिशु के कान के मैल की सफाई जरूरी है। कान साफ करने में किसी भी प्रकार का उपाय या नुस्खा आजमाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर सलाह अवश्य लें। शिशु के कान का पर्दा बेहद संवेदनशील होता है। ऐसे में किसी भी प्रकार की लापरवाही से उसे नुकसान पहुंचा सकता है।
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कान का मैल तो नहीं है बच्चे के कान में खुजली का कारण!
ईयर वैक्स या कान का मैल मृत कोशिकाएं होती हैं, जो हमारे कान में वैक्स के रूप में जमा हो जाती हैं। हमारी बॉडी इन्हें कान के जरिए बाहर निकाल देती है। कई बार कान में यह मृत कोशिकाएं इतनी बढ़ जाती हैं कि वह शिशु के कान में खुजली पैदा करने लगती हैं। इस स्थिति में आपको एकदम कान में खुजली का अहसास होता है। शिशु के कान में खुजली को कम करने के लिए आपको एकाएक कॉटन की तीली से इसे हटाने की कोशिश नहीं करनी है। इससे कान का मैल कान के और भीतर चला जाता है, जहां पर यह फंस सकता है। कान में तीली डालने के बजाय कान की खुजली को कम करने के लिए आप डॉक्टर द्वारा बताए गए ईयर ड्रॉप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह कान का मैल निकालने में मदद करता है।
यदि इससे शिशु को आराम नहीं मिलता है तो अपने डॉक्टर से मदद मांगें। हालांकि, डॉक्टर कान में खुजली को कम करने के लिए कान का मैल किसी टूल से बाहर निकाल सकते हैं। कान में खुजली होने पर आपको तीली से मैल को साफ नहीं करना है। कुछ मामलों में देखा गया है कि कान में मैल न होने की स्थिति में भी कान में खुजली होती है। बेहतर होगा कि आप कान में खुजली होने पर अपने डॉक्टर से सलाह लें।
ईयर इंफेक्शन के बारे में भी जानें
कान में खुजली होना कई बार कान के इंफेक्शन का संकेत हो सकती है। आमतौर पर जब आपको सर्दी, फ्लू या एलर्जी होती है तो बैक्टीरिया और वायरस कान में खुजली पैदा कर सकते हैं। हालांकि कान में पानी भर जाने पर भी आपको कान में खुजली हो सकती है। कान में अत्यधिक मात्रा में नमी होने पर यह कान के पर्दे की लेयर को नुकसान पहुंचाती है। यह ईयर कैनाल पर बनी रक्षात्मक परत बैक्टीरिया से लड़ती है। इस स्थिति में भी शिशु को कान में खुजली हो सकती है। ऐसे में कान में खुजली को रोकने के लिए आपको इंफेक्शन का इलाज करने की आवश्यकता होगी।
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