गर्भ में बच्चा महसूस करता है स्वाद
बच्चा पेट में रहते हुए फूड का फ्लेवर पहचानने में सक्षम होता है। एक अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है कि शिशुओं में तीसरी तिमाही के दौरान गाजर के रस का इस्तेमाल किया गया। बाद में पाया गया कि उन बच्चों को गाजर बहुत पसंद थी। बच्चे को वेजीटेबल और फ्रूट लवर बनाना है तो प्रेग्नेंसी के दौरान सब्जियां और फल पर ज्यादा फोकस रखें। गर्भ में शिशु एम्निऑटिक फ्लूड से घिरा होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान मां जो भी खाना खाती है, उसका सीधा असर एम्निऑटिक फ्लूड पर भी पड़ता है। बच्चा जो भी पोषण मां के शरीर से ले रहा होता है, वो मां के खाने का अंश ही होता है। ऐसे में मां जो खाती है, गर्भ में शिशु के लिए टेस्ट प्रिफरेंस बन जाता है। पैदा होने के बाद भी बच्चा उसी तरह का खाना पसंद करता है। सभी तरह के स्वाद को गर्भ में बच्चा महसूस करता है और भविष्य में उसकी पसंद और नापसंद इस बात पर भी निर्भर हो सकती है।
यह भी पढ़ें : किन मेडिकल कंडिशन्स में पड़ती है आईवीएफ (IVF) की जरूरत?
गर्भ में बच्चा महसूस करता है नींद और सपने
सपना हर कोई देखता है। सपना मतलब कुछ पल के लिए एक अलग सी दुनिया में चले जाना। ऐसा बच्चों के साथ भी होता है। गर्भ में बच्चा महसूस करता है सपनों को। उन सपनों में उसके आसपास का वातावरण शामिल हो सकता है। आपने महसूस किया होगा कि कई बार बच्चे सोते समय रोने लगते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वे सपना देख रहे होते हैं। गर्भ में शिशु के साथ ही ऐसा होता है। रिसर्च के अनुसार बच्चे गर्भ में अचानक से नींद लेते हैं और जिसे रेम स्लीप (REM sleep) कहते हैं। महिला के गर्भ में बच्चे को रेम स्लीप लेते पाया गया है। इससे ये साबित होता है कि गर्भ में शिशु सपने देख सकता है। गर्भ में बच्चा नींद के साथ ही सपने का एहसास भी कर सकता है।
इस आर्टिकल में आपने जाना कि गर्भ में महसूस करता है बच्चा। वह किसी खास चीज के प्रति रिस्पॉन्स देता है और कुछ चीजों महसूस भी करता है। आप प्रेग्नेंसी के दौरान कोशिश करें कि किसी भी हानिकारक चीज का सेवन न करें क्योंकि ये आपके बच्चे को भी प्रभावित करेगा। गर्भ में महसूस करता है बच्चा ये जानकार आप जरूर आश्चर्यचकित हुए होंगे। बच्चा गर्भ में कई बातें भी सीख जाता है। अगर आपको इस संबंध में कोई जानकारी चाहिए तो डॉक्टर से संपर्क करें। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता।
और पढ़ें :
हनीमून के बाद बेबीमून, इन जरूरी बातों का ध्यान रखकर इसे बनाएं यादगार
प्रेग्नेंसी में सबसे पौष्टिक आहार है ‘साबूदाना’
कैसे स्ट्रेस लेना बन सकता है इनफर्टिलिटी की वजह?
क्या प्रेग्नेंसी कैलक्युलेटर की गणना हो सकती है गलत?