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पोस्टपार्टम क्रैम्प्स (Postpartum cramps) के लिए डॉक्टर को सम्पर्क किन कंडिशंस में करें?
शिशु के जन्म के बाद क्रैम्पिंग सामान्य हैं और उन्हें घर पर आराम से मैनेज किया जा सकता है, लेकिन गंभीर स्थिति और अन्य लक्षणों में डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। लोअर बेली में इंटेंस पेन यूट्रीन इंफेक्शन के कारण हो सकता है, जिसे एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) कहा जाता है। दर्द जो लोअर बेक से लेकर साइड तक फैलती है, वो यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (Urinary tract infection) हो सकती है। इसके साथ ही सी-सेक्शन इन्सिजन और वजाइनल लैसरेशन (Vaginal laceration) के आसपास लगातार दर्द और रेडनेस होना भी सामान्य नहीं है। डॉक्टर से तुरंत सम्पर्क करें अगर आपको क्रैम्पिंग से कुछ दिनों में राहत न मिले या यह दर्द असहनीय हो। क्योंकि, यह इंफेक्शन या किसी अन्य मेडिकल अटेंशन का संकेत हो सकता है, जिसमें मेडिकल अटेंशन की जरूरत हो। इसके साथ ही अगर आपको निम्नलिखित लक्षण नजर आएं, तो भी तुरंत डॉक्टर की सलाह लें:
- बुखार (Fever)
- मूत्र त्याग के समय दर्द (Pain or burning when you pee)
- फाऊल-स्मेलिंग डिस्चार्ज (Foul-smelling discharge)
अब जानिए किस तरह से हो सकता है इस परेशानी का उपचार?
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पोस्टपार्टम क्रैम्प्स (Postpartum cramps) का ट्रीटमेंट कैसे संभव है?
क्रैम्पिंग होना सामान्य है, लेकिन इसे सहन करने की आपको जरूरत नहीं है। क्योंकि, इस समस्या के कारण आपको कई कामों को करने में समस्या हो सकती है। यही नहीं, इससे आप शिशु की देखभाल भी अच्छे से नहीं कर पाएंगी। इस परेशानी को मैनेज करने के तरीके इस प्रकार हैं:
- ओवर-द-काउंटर पेन रिलीवर दवाईयां लें, जैसे आइबूप्रोफेन, इससे दर्द से छुटकारा मिल सकता है। इसके साथ ही डॉक्टर आपको पेन किलर दवाइयों के एक शार्ट कोर्स की सलाह भी दे सकते हैं। इसके साथ ही आप डिसकंफर्ट को कम करने के लिए इन टिप्स का पालन भी कर सकते हैं:
- दर्द से डिस्ट्रैक्ट होने के लिए डीप ब्रीदिंग और अन्य रिलैक्सेशन तकनीक को अपनाएं।
- जब भी आपकी इच्छा हो तुरंत मूत्र त्याग करें। फुल ब्लैडर गर्भाशय को पूरी तरह से सिकुड़ने से रोकता है और क्रैम्पिंग को तेज करता है। प्रसव के तुरंत बाद, ब्लैडर के भरे होने की आपकी फीलिंग बाधित हो सकती है, इसलिए नियमित रूप से बाथरूम जाने से क्रैम्प्स को कम करने में मदद मिलेगी।
- दिन में हर दो से तीन घंटे बाद और रात में तीन से चार घंटे के बाद ब्रेस्टफीडिंग कराएं। इससे न केवल मिल्क सप्लाई में मदद मिलेगी। बल्कि, इससे कॉन्ट्रेक्शन के एनकरेज होने से ब्लड लॉस कम होने में भी सहायता मिलेगी और यूट्रस प्री-प्रेग्नेंसी साइज में वापस आने में भी हेल्प होगी।
- तकिए की तरफ मुंह कर के लेट जाएं और लोअर बेली के नीचे हीटिंग पैड रखें।
- अपनी लोअर बेली में मसाज करें।
- पोस्टपार्टम क्रैम्प्स (Postpartum cramps) से राहत पाने के लिए जीवनशैली में बदलाव करें जैसे लाइट एक्सरसाइज करें, हाय फाइबर युक्त डायट लें, अधिक पानी पीएं आदि।
- इंफेक्शन की स्थिति में आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए और सही दवा शुरू करनी चाहिए।
यह तो थी जानकारी पोस्टपार्टम क्रैम्प्स (Postpartum cramps) के बारे में। पोस्टपार्टम पीरियड एडजस्टमेंट और हीलिंग का समय होता है। यह समय नई मां के लिए फिजिकली, इमोशनली और मेंटली मुश्किल हो सकता है। इस दौरान पोस्टपार्टम क्रैम्प्स (Postpartum cramps) होना सामान्य है और इसके कई कारण हो सकते हैं। सामान्य रूप से यह समस्या कुछ दिनों में ठीक हो जाती है। लेकिन, अगर यह परेशानी गंभीर हो, तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें। अगर इस बारे में आपके मन में कोई भी सवाल हो, तो डॉक्टर से इस बारे में अवश्य जानें।