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हार्ट इंफेक्शंस में ARBs को क्यों माना जाता है फायदेमंद, जानिए

और द्वारा फैक्ट चेक्ड Nikhil deore


Nikhil deore द्वारा लिखित · अपडेटेड 23/12/2021

    हार्ट इंफेक्शंस में ARBs को क्यों माना जाता है फायदेमंद, जानिए

    हार्ट डिजीज आजकल की बड़ी हेल्थ प्रॉब्लम्स में से एक हैं। हार्ट कंडिशंस में से एक है हार्ट इंफेक्शन (Heart Infection)। हार्ट इंफेक्शन (Heart Infection) उस स्थीति को कहा जाता है, जब बैक्टीरिया, वायरस, कवक या केमिकल रोगी की हार्ट मसल्स तक पहुंच जाते हैं। इंफेक्शन के कारण हार्ट की इनर लायनिंग (Inner Lining), वॉल्व्स (Valves), आउटर मेम्ब्रेन (Outer membrane) या हार्ट मसल (Heart Muscle) में सूजन होती है या यह डैमेज हो सकते हैं। इस समस्या को कार्डिएक इंफेक्शन (Cardiac infection) और हार्ट वॉल्व इंफेक्शन (Heart valve infection) के नाम से भी जाना जाता है। इस बीमारी  के उपचार के लिए रोगी को दवाईयों, सर्जरी और लाइफस्टाइल में बदलाव की सलाह दी जाती है। आज हम आपको हार्ट इंफेक्शंस में ARBs (ARBs in Heart infections) के बारे में जानकारी देने वाले हैं।

    जानिए, हार्ट इंफेक्शंस में ARBs (ARBs in Heart infections) के बारे में विस्तार से। सबसे पहले जान लेते हैं कि ARBs क्या है?

    ARBs क्या है? (ARBs)

    ARBs हार्ट डिजीज में प्रयोग होने वाली मेडिसिन्स हैं। ARBs को एंजियोटेंसिन II रिसेप्टर ब्लॉकर्स (Angiotensin II receptor blockers) भी कहा जाता है। इनका प्रयोग हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure), हार्ट फेलियर (Heart Failure), क्रॉनिक किडनी प्रॉब्लम की स्थिति में किया जाता है। इसके अलावा हार्ट इंफेक्शंस में ARBs (ARBs in Heart infections) की सलाह दी जा सकती है। यही नहीं, हार्ट अटैक (Heart Attack) के बाद भी रोगी को इस दवा को लेने के लिए कहा जा सकता है। इन दवाईयों की सलाह उन स्थितियों में भी दी जा सकती है, जब रोगी को एंजियोटेंसिन कंवर्टिंग एंजाइम इन्हिबिटर्स (Angiotensin-converting enzyme inhibitors) या ACE इन्हीबिटर(ACE inhibitor) नहीं दी जा सकती हैं।

    एंजियोटेंसिन कंवर्टिंग एंजाइम इन्हिबिटर्स  (Angiotensin-converting enzyme inhibitors) हायपरटेंशन के लिए दी जाने वाली अन्य दवाईयों का ग्रुप है। सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention) के अनुसार हाय ब्लड प्रेशर कई हार्ट डिजीज का मुख्य कारण है। जिनमें हार्ट इंफेक्शन (Heart Infection) भी शामिल है।  अगर किसी व्यक्ति का ब्लड प्रेशर अधिक होगा, तो उसे कई हार्ट संबंधी समस्याएं और अन्य हेल्थ प्रॉब्लम हो सकती हैं। ARBs का प्रयोग ब्लड प्रेशर को लो करने में भी किया जाता है। अब जानते हैं कि हार्ट इंफेक्शंस में ARBs (ARBs in Heart infections) कैसे काम करती हैं?

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    हार्ट इंफेक्शंस में ARBs कैसे काम करती हैं?

    ब्लड वेसल्स हार्ट को ब्लड और ऑक्सीजन सप्लाई करते हैं। इस लगातार सप्लाई से हार्ट फंक्शन में मदद मिलती है। एंजियोटेंसिन II (Angiotensin II) वो हॉर्मोन है, जिसे हमारा शरीर बनाता है और यह ब्लड वेसल्स की मसल्स को टाइट करता है। एंजियोटेंसिन II के कारण शरीर में साल्ट और वाटर रिटेंशन भी हो सकती है। शरीर में नमक की मात्रा के बढ़ने और ब्लड वेसल्स के तंग से हाय ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। हाय ब्लड प्रेशर के कारण ब्लड वेस्ल्स को नुकसान हो सकता है, और उनमें सूजन हो सकती है। यानी, यह हार्ट इंफेक्शन का कारण बन सकता है। ARBs और ACE इन्हिबिटर्स दोनों एंजियोटेंसिन II (Angiotensin II) पर काम करती हैं।

    यह ड्रग्स एंजियोटेंसिन II (Angiotensin II) को इन्हिबिट करती हैं, जिससे हार्ट को काम करने में आसानी होती है और ब्लड प्रेशर को लो होने में मदद मिलती है। यानी एंजियोटेंसिन II के इन्हिबिट होने से हार्ट इंफेक्शन (Heart Infection) की समस्या कम हो सकती है। जानिए, हार्ट इंफेक्शंस में ARBs (ARBs in Heart infections) के बारे में।

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    हार्ट इंफेक्शंस में ARBs (ARBs in Heart infections)

    यह तो आप जान ही गए होंगे कि हार्ट इंफेक्शंस में ARBS (ARBs in Heart infections) का इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही एंजियोटेंसिन II रिसेप्टर ब्लॉकर्स (Angiotensin II receptor blockers) यानी ARBs का प्रयोग हाय ब्लड प्रेशर के उपचार में किया जाता है। हालांकि, कुछ खास ARBs की सलाह अन्य मेडिकल स्थितियों में भी दी जा सकती है, जैसे वालसार्टन (Valsartan) की सलाह हार्ट फेलियर (Heart Failure) और हार्ट अटैक (Heart Attack) के बाद दी जाती है। लोसार्टन (Losartan) डायबिटीज से संबंधित हार्ट फेलियर, किडनी डैमेज की कंडिशन में दी जाती है। ARBs की एंडिंग सार्टन (Sartan) से होती है। इसके सामान्य उदाहरण इस प्रकार हैं :

    • एजिल्सर्टन (Azilsartan) जिसका ब्रांड नेम एडारबी (Edarbi) है।
    • कैंडेसार्टन(Candesartan) को इसके ब्रांड नेम एटाकेंट (Atacand) से भी जाना जाता है।
    • एप्रोसार्टन (Eprosartan), जिसका ब्रांड नेम टेवेटेन (Teveten) है।
    • इर्बेसार्टन (Irbesartan) नाम की इस दवा का ब्रांड नेम एवाप्रो (Avapro) है।
    • लोसार्टन (Losartan) को इसके ब्रांड नेम कोजार (Cozaar) से भी जाना जाता है।
    • वैलसार्टन (Valsartan) जिसका ब्रांड नेम डायोवेन (Diovan) है।
    • टेल्मीसार्टन (Telmisartan) को इसके ब्रांड नेम मिकारडिस (Micardis) से भी पहचाना जाता है।

    डॉक्टर मरीज को  ARBs को अन्य ड्रग्स के साथ कंबाइन कर के भी दे सकते हैं जिसे हायड्रोक्लोरोथियाज़ाइड (Hydrochlorthiazide) कहा जाता है। यह डाययुरेटिक्स (Diuretic s) ड्रग है। यह दवा भी ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद कर सकती है। अब जानें हार्ट इंफेक्शंस में ARBS (ARBs in Heart infections) को कैसे लेना चाहिए?

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    हार्ट इंफेक्शंस में ARBs को किस तरह से लेना चाहिए?

    हार्ट इंफेक्शंस में ARBs  (ARBs in Heart infections) को किस तरह से लेना है, इसके लिए डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है। इन्हें लेने से पहले दवाई के लेबल डायरेक्शन को अच्छे से पढ़ लें। रोगी को इनकी कितनी मात्रा लेनी है, इनकी डोज के बीच में कितना अंतर् होना चाहिए या आपको कितने समय तक यह दवाईयां लेनी चाहिए, यह सब चीजें ARBs के प्रकार और रोगी की कंडिशंस पर निर्भर करती हैं। रोगी इन दवाईयों को लेने के कई हफ़्तों के बाद इसके प्रभाव का अनुभव करते हैं। जब रोगी इन दवाईयों को ले रहे हों, तो डॉक्टर नियमित रूप से उनका ब्लड प्रेशर चेक करते हैं और यह भी जांचते हैं कि रोगी की किडनी कैसे काम कर रही है? जानिए क्या इस दौरान कुछ खास फूड्स और दवाईयों को नजरअंदाज करना चाहिए या नहीं?

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    ABRs को लेते हुए किन खाद्य पदार्थों और दवाईयों को नहीं लेना चाहिए?

    यह दवाईयां शरीर में पोटैशियम के बिल्डअप का कारण बन सकती हैं। ऐसे में, इस दवा को लेते हुए उन साल्ट सब्स्टीट्यूट्स का प्रयोग नहीं करना चाहिए, जिनमें पोटैशियम होता है। यही नहीं, अगर आप एस्पिरिन या नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (Nonsteroidal anti-inflammatory drugs) जैसे आइबूप्रोफेन (Ibuprofen) आदि ले रहे हैं, तो हार्ट इंफेक्शंस में ARBs  (ARBs in Heart infections) को लेने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। यह ओवर द काउंटर मेडिसिन शरीर में सोडियम या वाटर रिटेंशन का कारण बन सकती है और इससे ARBs का प्रभाव कम हो सकता है। लो सोडियम और लो पोटैशियम फूड्स को चुनने के लिए फ़ूड लेबल्स को जांचें। इसमें डायटीशियन भी आपकी मदद कर सकते हैं। डिजोक्सिन (Digoxin) और वार्फरिन (Warfarin), एक ARBs जिसे टेल्मीसार्टन (Telmisartan) या  मकार्डिस  MI-CAR-DIS (Micardis) कहा जाता है उसके असर को प्रभावित कर सकती हैं। अगर डॉक्टर आपको हार्ट इंफेक्शंस में ARBs की सलाह देते हैं, तो डॉक्टर को पहले ही उन दवाईयों, हर्बल उत्पादों या सप्लीमेंट्स के बारे में बता दें जिन्हें आप ले रहे हैं। अब जानते हैं कि किन कंडिशंस में यह दवाईयां लेना लाभदायक हैं?

    हार्ट इंफेक्शंस में ARBs

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    ARBs की सलाह किन स्थितियों में दी जाती है?

    यह तो हम पहले ही बता चुके हैं कि हार्ट इंफेक्शंस में ARBs (ARBs in Heart infections) का इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन ,कुछ अन्य स्थितियों में भी इन दवाईयों कि सलाह दी जा सकती हैं, यह स्थितयां इस प्रकार हैं:

    इनके अलावा, अन्य स्थितियों में भी इन दवाईयों की सलाह दी जा सकती हैं। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से बात करें। इसके साथ यह भी डॉक्टर से जान लें कि इन दवाईयों को कब और कितनी डोज में लेना है। ARBs से हार्ट अटैक, स्ट्रोक, और कार्डिएक इवेंट्स के नुकसान को कम किया जा सकता है। अगर आपको किडनी डिजीज है तो ARBs, हाय ब्लड प्रेशर के उपचार में सबसे प्रभावी दवाईयां हैं। डॉक्टर रोगी को पहले ACE इन्हीबिटर कि सलाह देते हैं। लेकिन, अगर किन्हीं कारणों से यह दवा रोगी के लिए सही साबित नहीं होती है, तो उसे एंजियोटेंसिन II रिसेप्टर ब्लॉकर्स (Angiotensin II receptor blockers) यानी ARB को लेने के लिए कहा जा सकता है।

    डॉक्टर रोगी को ACE इन्हीबिटर या ARBs  में से एक ड्रग लेने की सलाह देंगे। एक ही समय पर दोनों ड्रग्स की सलाह नहीं दी जाती है। कुछ लोगों को ACE इन्हिबिटर्स को लेने के बाद क्रॉनिक खांसी की परेशानी हो सकती है। लेकिन, ARBs को लेने के बाद आमतौर पर अधिकतर लोगों को कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होते हैं। यह भी एक कारण है कि ACE इन्हिबिटर्स कि जगह एंजियोटेंसिन II रिसेप्टर ब्लॉकर्स (Angiotensin II receptor blockers) यानी ARBS की सलाह दी जाती है। अब जानिए क्या हैं हार्ट इंफेक्शंस में ARBS (ARBs in Heart infections) के साइड इफेक्ट्स?

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    हार्ट इंफेक्शंस में ARBs के साइड इफेक्ट्स (Side effects of ARBs in Heart infections)

    अगर आप प्रेग्नेंट हैं या गर्भवती होने के बारे में सोच रही हैं, तो ARBs को न लें। क्योंकि, इसका बुरा प्रभाव भ्रूण पर पड़ सकता है। इसके साथ ही सबसे पहले डॉक्टर को अपनी हेल्थ कंडिशंस के बारे में पूरी जानकारी दें। इस दवा को लेने के बाद कुछ लोग इन साइड इफेक्ट्स का अनुभव कर सकते हैं:

    • सिरदर्द (Headache)
    • बेहोशी (Fainting)
    • चक्कर आना (Dizziness)
    • थकावट (Fatigue)
    • रेस्पिरेटरी सिम्पटम्स (Respiratory symptoms)
    • उल्टी आना और डायरिया (Vomiting and diarrhea)
    • पीठ में दर्द (Back pain)
    • टांगों में सूजन (Leg swelling)
    • हाय पोटैशियम लेवल (High potassium levels)

    दुर्लभ मामलों में, जो लोग हार्ट इंफेक्शंस में ARBS (ARBs in Heart infections)लेते हैं, उन्हें इस दवा के निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स भी नजर आ सकते हैं:

    हालांकि, ऐसा जरूरी नहीं है कि जो कोई भी इन दवाई  का सेवन करें, ऊपर दिए साइड इफ़ेक्ट नजर आएं। कुछ लोग इनके अलावा अन्य दुष्प्रभावों का अनुभव भी कर सकते हैं। लेकिन, अगर आपको इनमें से किसी भी साइड इफ़ेक्ट का अनुभव होता है, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।

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    कुछ ड्रग्स भी ARBs.के साथ सही से काम नहीं कर पाती है। ARBs and ACE इन्हिबिटर्स को एक साथ नहीं लेना चाहिए। इससे लो ब्लड प्रेशर (Low Blood Pressure), किडनी डैमेज (Kidney damage) और हाय पोटैशियम लेवल (High Potassiym level) का जोखिम हो सकता है। आइबूप्रोफेन (Ibuprofen) और नेप्रोक्सेन (Naproxen ) जैसी पैनकिलर दवाईयां भी ARBs के साथ इंटरैक्ट कर के रोगी के पोटैशियम लेवल को प्रभावित कर सकती हैं। अगर आपके दिमाग में इस दवा के साइड इफेक्ट्स या प्रभाव को लेकर कोई भी चिंता या सवाल है, तो अपने डॉक्टर से पहले ही इसके बारे में पूछ लें।

    यह तो थी हार्ट इंफेक्शंस में ARBS (ARBs in Heart infections) के बारे में जानकारी। इस बात का ध्यान भी रखें कि दवाईयां आपके उपचार का केवल एक हिस्सा हैं। इसके साथ ही आपके लिए हेल्दी लाइफस्टाइल का पालन करना भी आवश्यक है। इसलिए हेल्दी आहार का सेवन करें, नियमित व्यायाम करें, अपने वजन को सही रखें, तनाव से बचें और पर्याप्त नींद लें। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करना न भूलें।

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    Nikhil deore द्वारा लिखित · अपडेटेड 23/12/2021

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