फ्रोजन नैपीज से कहीं ज्यादा अच्छा है फ्रोजन कंडोम
फ्रोजन नैपीज के कंपेयर में फ्रोजन कंडोम को बेहतर बताया गया है। फ्रोजन कंडोम को लाइनर पैंटी के साथ यूज किया जा सकता है। कंडोम के अंदर की बर्फ जब तक पिघल न जाएं, तब तक महिला को कंडोम पैरों के बीच में दबा कर रखना चाहिए। ऐसा करने से कुछ ही पलों में रिलेक्स फील होगा। इस प्रोसेस को जरूरत के हिसाब से दोहराया भी जा सकता है। मार्टिन वानलेस आगे लिखते हैं कि हॉस्पिटल में किसी ने मुझे बच्चे के डायपर में चिल्ड वॉटर डालकर दिया। ये भी अच्छा विचार है, लेकिन डायपर पानी को जल्दी से सोख लेता है।
पेरीनियल पेन को कम करने के लिए कभी भी डायरेक्ट आइस का यूज स्किन में नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से स्किन में दिक्कत हो सकती है। अगर आइस का यूज किया जा रहा है हो कंडोम, प्लास्टिक बैग या फिर नैपीज की हेल्प से ही आइस पैक को यूज करना चाहिए।
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पेरीनियल पेन क्यों होता है?
वजायना के बाहर के हिस्से को पेरीनियम कहा जाता है। बाहर से देखने में इसका शेप लिप के जैसा होता है। इसे वजायना माउथ के नाम भी जानते हैं। शिशु के जन्म के दौरान पेल्विक से होते हुए बच्चे का सिर वजायना में आता है। इस स्थिति में डायलेशन होता है और वजायना माउथ बड़ा हो जाता है। इस कारण से वजायना में खिंचाव आता है। शिशु के सिर का आकार सामान्य या बड़ा होने की स्थिति में पेरीनियम का हिस्सा आसानी से स्ट्रेच नहीं होता है। इस स्थिति में शिशु का सिर वजायना से बाहर आने पर उसमें खरोंच आ जाती है। इसे पेरीनियल टीयर या वजायनल टीयर के नाम से जाना जाता है।
ऐसे में वजायना माउथ सख्त होने पर स्किन के पीछे मौजूद मसल्स में खिंचाव पैदा होता है, जिससे उनके टिशूज डैमेज हो जाते हैं। हालांकि, इस स्थिति में यह खरोंच या चोट हल्की से लेकर गंभीर तक हो सकती है। अगर महिला के पेरिनियल टिशू में कट लगाया जाता है तो ये दर्द का कारण बन जाता है। पेरीनियल पेन महिला को डिलिवरी के एक से दो सप्ताह तक रह सकता है। पेरीनियल पेन से महिला को बैठने में और लेटने में दर्द महसूस होता है। साथ ही यूरिन पास करने और स्टूल पास करने के दौरान भी दर्द हो सकता है। पेरीनियल पेन से निजात पाने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं।