गर्भावस्था में एनीमिया ग्लोबल हेल्थ प्रॉब्लम है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के हिसाब से पूरे विश्व में 32.4 मिलियन महिलाएं एनीमिया की समस्या से पीड़ित हैं। इनमें 0.8 मिलियन महिलाएं गंभीर रूप से इस समस्या से जूझ रही हैं। जो महिलाएं प्रेग्नेंसी के समय अपने खान-पान पर ध्यान नहीं देती हैं उन्हें एनीमिया की समस्या से गुजरना पड़ सकता है। किशोरावस्था और पीरियड्स के साथ ही गर्भावस्था में एनीमिया सबसे अधिक होता है। अक्सर महिलाओं को आयरन फूड्स के बारे में जानकारी नहीं होती है। आयरन फूड को रोजाना डायट में शामिल करके शरीर में खून की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है। इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए कि आखिर क्यों होता है गर्भावस्था में एनीमिया और गर्भावस्था में एनीमिया होने पर क्या करें?
क्या होता है एनीमिया?
शरीर में खून की कमी को एनीमिया कहते हैं। एनीमिया रोग में शरीर में फॉलिक एसिड, आयरन और B12 की कमी हो जाती है। शरीर में किसी कारण से जब रेड ब्लड सेल्स में कमी आ जाती है तो व्यक्ति एनीमिया रोग से ग्रसित हो जाता है। शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा तय मात्रा से कम हो जाती है।
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प्रेग्नेंट महिला में खून की कमी को इस तरह समझें
- पहली और तीसरी तिमाही में हीमोग्लोबिन में कमी –11g %
- दूसरी तिमाही में हीमोग्लोबिन में कमी – 10.5g %
क्या हो सकती है समस्या
गर्भावस्था में एनीमिया यानी खून की कमी होने पर लो बर्थ वेट, प्रीमैच्योर बर्थ, मेटरनल और प्रसवकालीन मृत्युदर की समस्या हो जाती है। डब्लूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार 591000 प्रसव मृत्युदर के केस आए हैं। भारत में ये संख्या 326000 के करीब है।
गर्भावस्था में एनीमिया के दौरान दिखने वाले लक्षण
एनीमिया के दौरान प्रेग्नेंट महिला को कमजोरी महसूस होने लगती है। खाने में आयरन की कमी के कारण एनीमिया हो सकता है। प्रेग्नेंसी में एनीमिया के दौरान निम्न लक्षण दिख सकते हैं।
- कमजोरी या थकान लगना
- चक्कर आना
- सांस लेने में परेशानी होना
- दिल की धड़कन का अनियमित हो जाना
- सीने में दर्द होना
- त्वचा का पीला होना जिसमें होंठ, और नाखून शामिल हैं
- ठंडे हाथ और पैर हो जाना
- ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होना
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गर्भावस्था में एनीमिया के प्रकार
आपको जानकर हैरानी होगी कि 400 प्रकार के डिफरेंट एनीमिया होते हैं। हम आपको उन एनीमिया के बारे में बता रहे हैं जो प्रेग्नेंसी के समय में कॉमन हैं। जानते हैं गर्भावस्था में एनीमिया कितने प्रकार का हो सकता है।
गर्भावस्था में एनीमिया (आयरन डेफिसिएंसी)
आयरन डेफिसिएंसी लोगों में पाया जाने वाला कॉमन एनीमिया है। प्रेग्नेंसी के दौरान 15 से 20 % एनीमिया इसी कारण होता है। आयरन रेड ब्लड सेल्स में पाया जाता है। ये फेफड़ों से ऑक्सिजन को पूरे शरीर में ले जाने का काम करता है। साथ ही मसल्स को ऑक्सिजन यूज करने के लिए प्रेरित करता है।
गर्भावस्था में एनीमिया फोलेट की कमी के कारण होता है
शरीर में फोलिक एसिड कमी के कारण एनीमिया होता है। ये वाटर सॉल्यूबल विटामिन है जो प्रेग्नेंसी के दौरान न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट से बचाने का काम करता है। शरीर में इसकी मात्रा को बढ़ाने के लिए केला, मेलन, पत्ती वाली सब्जियों का प्रयोग किया जा सकता है। फोलिक एसिड की कमी से रेड ब्लड सेल्स में कमी हो जाती है जो कि गर्भावस्था में एनीमिया का कारण बनती है।
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गर्भावस्था में एनीमिया विटामिन B12 की कमी के कारण होता है
विटामिन B12 भी रेड ब्लड सेल्स के प्रोडक्शन में मदद करता है। कई बार महिलाएं B12 विटामिन लेती हैं, लेकिन शरीर में प्रॉसेस न हो पाने के कारण एनीमिया कमी के रूप में सामने आता है।
गर्भावस्था में एनीमिया के कारण क्या हो सकते हैं?
- आहार में आयरन न होने से शरीर में इसकी कमी हो जाती है। कई बार आयरन का अवशोषण करने के लिए शरीर समर्थ नहीं होता है। प्रेग्नेंसी के समय में शरीर को अधिक आयरन की जरूरत पड़ती है।
- बढ़ते हुए भ्रूण को आयरन की आवश्यकता होती है। महिलाएं जब उचित मात्रा में आयरन नहीं लेती हैं तो एनीमिया की समस्या हो सकती है।
- कई बार महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है। ये भी एनीमिया का कारण बन सकता है।
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गर्भावस्था में एनीमिया से कैसे बचे ?
प्रेग्नेंसी के दौरान डायट में चेंज करके एनीमिया की समस्या को दूर किया जा सकता है। डॉक्टर प्रेग्नेंट महिला को प्रतिदिन 30 mg आयरन लेने की सलाह देते हैं। आपको एनीमिया की समस्या है तो डॉक्टर आपको आयरन सप्लिमेंट भी दे सकते हैं।
अपनाएं इन आयरन रिच फूड्स को
- लाल मांस
- अंडे
- पत्तेदार हरी सब्जियां (जैसे ब्रोकली, केला, और पालक)
- दाने और बीज
- बींस, दाल और टोफू
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विटामिन C लेना भी है जरूरी
शरीर में आयरन तेजी से एब्जॉर्व हो इसके लिए विटामिन सी लेना बहुत जरूरी है। अगर आपको एनीमिया है तो आयरन के साथ ही विटामिन सी रिच फूड को भी शामिल करें।
- खट्टे फल और रस
- स्ट्रॉबेरीज
- संतरे
- कीवी
- टमाटर
- बेल मिर्च
आयरन फूड के साथ ही आयरन सप्लिमेंट
प्रेग्नेंसी के दौरान अगर शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बहुत अधिक बढ़ाने की जरूरत है, तो आपको आयरन सप्लिमेंट लेने की आवश्यकता हो सकती है, लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान आयरन की मात्रा डॉक्टर से पूछने के बाद ही लें। शरीर में बहुत अधिक आयरन हेमोक्रोमैटोसिस (Hemochromatosis) नामक एक स्थिति का कारण बन सकता है। इससे लिवर रोग जैसे सिरोसिस हो सकता है। कुछ साइड इफेक्ट जैसे कब्ज, मतली और उल्टी भी हो सकती है।
शरीर में आयरन की कमी होने पर डॉक्टर से परामर्श करके ही आयरन सप्लिमेंट लेना चाहिए। एक समय में 25 मिलीग्राम से अधिक आयरन की मात्रा लेने से बचना चाहिए। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ ऑफिस ने महिलाओं को प्रति दिन 18 मिलीग्राम तक आयरन लेने की सलाह देता है। अगर महिला गर्भवती है तो आपको रोजाना 27 मिलीग्राम तक आयरन लेना चाहिए। बेहतर रहेगा कि आप इस बारे में डॉक्टर से परामर्श करें। डॉक्टर की सलाह के बाद ही महिला को प्रेग्नेंसी के दौरान आयरन फूड और आयरन सप्लिमेंट लेना चाहिए।
गर्भावस्था में एनीमिया से बचने के लिए आयरन वाले फूड को खाने में शामिल करने के साथ ही फलों को भी शामिल करना चाहिए। हीमोग्लोबिन की सही मात्रा फलों से भी मिल सकती है। खाने में चुकदंर, आनार, खजूर, कीवी, केला आदि को शामिल करें। इन सभी फलों में आयरन के साथ ही अन्य न्यूट्रिएंस भी होते हैं। डिलिवरी के बाद ब्लड वॉल्यूम और प्लाज्मा लेवल नॉर्मल हो जाता है। आपको गर्भावस्था में एनीमिया की समस्या से निपटने के लिए खानपान में बदलाव करने के साथ ही डॉक्टर की सलाह पर ध्यान देना चाहिए।
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