जब बच्चा गर्भ में होता है तो उसकी हलचल और स्थिति का पता लगाने के लिए डॉक्टर गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड (Ultrasound during pregnancy) की सलाह देते हैं। अल्ट्रासाउंड स्कैन में हाई फ्रीक्वेंसी वेव को गर्भाशय में भेजा जाता है। ये वेव ही तस्वीर के रूप में सामने आतीं हैं। आज समय बदल चुका है। अल्ट्रासाउंड में नई टेक्नीक यूज की जाने लगी है। 3D और 4D अल्ट्रासाउंड में आप बच्चे की छवि को 2D की अपेक्षाकृत अधिक गहराई से देख सकते हैं। डॉक्टर आपको 3D या फिर 4D अल्ट्रासाउंड के लिए बोल सकता है। ये बात ध्यान रखें कि 3D या 4D अल्ट्रासाउंड को ऑप्शन के रूप में भी अपनाया जा सकता है। ये जरूरी नहीं है कि डॉक्टर आपको 3D या 4D अल्ट्रासाउंड के लिए बोले। हो सकता है कि वो आपको केवल 2D अल्ट्रासाउंड के लिए ही सजेस्ट करें।
कई बार माता-पिता बच्चे की छवि देखने के लिए भी फोर डायमेंशन वाले अल्ट्रासाउंड के लिए रिक्वेस्ट कर सकते हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से आपको गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड (Ultrasound in pregnancy) में उपयोग की जाने वाली 3D या 4D तकनीक के बारे में जानकारी मिलेगी।
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गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड के विभिन्न प्रकार (Different types of ultrasound in pregnancy)
गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड- 2D अल्ट्रासाउंड (2D ultrasound)
2D को ओल्ड स्टैंडर्ड अल्ट्रासाउंड भी कहा जाता है। 2D अल्ट्रासाउंड बच्चे की आउटलाइन और फ्लैट इमेज देता है। 2D अल्ट्रासाउंड का यूज बच्चे के इंटरनल ऑर्गन देखने के लिए किया जाता है। 2D अल्ट्रासाउंड की हेल्प से हार्ट डिफेक्ट (Heart defect) की पहचान की जा सकती है। साथ ही किडनी और शरीर के अन्य इंटरनल पार्ट के बारे में जानकारी मिलती है।
गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड (Ultrasound during pregnancy) – डॉप्लर अल्ट्रासाउंड (Doppler ultrasound)
डॉप्लर अल्ट्रासाउंड में चिकित्सक एक विशेष जैली को आपके पेट में लगाएगा और डिवाइस की हेल्प से भ्रूण की धड़कन की आवाज को रिकॉर्ड करेगा।
गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड- 3D अल्ट्रासाउंड (3D ultrasound)
इसमे कई एंगल से टू डायमेंशनल इमेज ली जाती हैं और फिर इन्हें मिलाकर 3D इमेज तैयार की जाती है। 3D सोनोग्राफी काफी हद तक रेगुलर फोटोग्राफ से मेल खाती है।
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गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड (4D )
4D अल्ट्रासाउंड 3D की तरह ही होता है लेकिन इसमे इमेज मूमेंट शो करती हुई नजर आती हैं। 4D अल्ट्रासाउंड में आप बेबी को आंखें खोलते और बंद करते हुए देख सकते हैं।
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गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड क्यों किया जाता है? (Why is ultrasound done in pregnancy?)
हर प्रेग्नेंट महिला के लिए अलग प्रकार का अल्ट्रासाउंड हो सकता है। अगर आपको गर्भावस्था में कोई परेशानी नहीं है, तो हो सकता है आपको ज्यादा अल्ट्रासाउंड की जरूरत नहीं पड़ेगी। गर्भावस्था की तिमाही में अल्ट्रासाउंड कराने के कई कारण हो सकते हैं जैसे:
- अनुमानित तारीख का पता लगाने के लिए
- बच्चे के दिल की धड़कन का पता लगाने के लिए
- गर्भाशय में शिशुओं की संख्या का पता लगाने के लिए
- बच्चे का विकास और गति देखने के लिए
- बच्चे का आकार मापने के लिए
- एम्नियोटिक द्रव (Amniotic fluid) की जांच करने के लिए
- बर्थ डिफेक्ट (Birth defect) को दूर करने के लिए
- होने वाले बच्चे के पेरेंट्स को गर्भावस्था की जानकारी देने के लिए
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3D और 4D अल्ट्रासाउंड (3D and 4D ultrasound) क्यों किए जाते हैं?
चिकित्सक भ्रूण की जांच करने के लिए, एम्नियॉटिक द्रव का आकलन करने और अन्य कारणों को जानने के लिए अल्ट्रासाउंड करते हैं। जन्म दोषों का पता लगाने के लिए 2D और डॉप्लर अल्ट्रासाउंड का उपयोग किया जाता है। 3D और 4D अल्ट्रासाउंड केवल संदिग्ध भ्रूण विसंगतियों की जांच करने के लिए किए जाते हैं। इसमें होंठ में समस्या ( CLEFT LIP), रीढ़ की हड्डी में समस्या या जन्मजात विसंगतियां (CONGENITAL ANOMALIES) की निगरानी करने के लिए ये अल्ट्रासाउंड किया जाता है।
गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड (Ultrasound in Pregnancy) से संबंधित बातें
गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड (Ultrasound during pregnancy) कराना जरूरी होता है, लेकिन 3D और 4D अल्ट्रासाउंड जरूरी नहीं होता है। इसे स्टैंडर्ड प्रीनेटल टेस्ट (Prenatal test) के अंतर्गत नहीं रखा जाता है। कई बार डॉक्टर प्रेग्नेंट महिला के कहने पर भी 3D और 4D अल्ट्रासाउंड लिख सकते हैं। हो सकता है कि इंश्योरेंस में 3D और 4D अल्ट्रासाउंड को कवर नहीं किया गया हो। 3D और 4D अल्ट्रासाउंड को ऑप्शन भी यूज किया जा सकता है। कुछ पेरेंट्स को बच्चे की स्माइल के साथ उसकी छवि देखने की इच्छा होती है। इसलिए वे डॉक्टर से 3D और 4D अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए कहते हैं। इस तरह के अल्ट्रासाउंड से होने वाले बच्चे पर कोई साइड इफेक्ट नहीं पड़ता है।
फिर से करा सकते हैं अल्ट्रासाउंड
पैदा होने से पहले शिशु के चेहरे की मुस्कुराहट हर मां-पिता देखना चाहते हैं। अल्ट्रासाउंड के माध्यम से ये संभव है। प्राइवेट हॉस्पिटल में 28वें सप्ताह से लेकर 32वें सप्ताह के दौरान का 3डी और 4डी अल्ट्रासाउंड आसानी से कराया जा सकता है। आप डॉक्टर को होने वाले बच्चे के अंग देखने की इच्छा जाहिर कर सकते हैं। डॉक्टर आपको इसकी इजाजत दे देगा। अगर एक बार अल्ट्रासाउंड कराने के बावजूद भी आपको क्लियर इमेज नहीं दिख रही हैं तो आप दोबारा भी अल्ट्रासाउंड करा सकती है। इसके लिए अतिरिक्त रुपए भी नहीं लिए जाएंगे। आपको इस बारे में पहले ही बात कर लेनी चाहिए कि आपको बच्चे की क्लियर इमेज चाहिए। वहीं 4डी अल्ट्रासाउंड में बच्चे के मूवमेंट को भी देखा जा सकता है। अगर आप बच्चे के जन्म के पहले की यादें संजोना चाहते हैं तो 3डी और 4डी अल्ट्रासाउंड बेहतरीन ऑप्शन साबित हो सकते हैं।
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क्या गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड से समस्या हो सकती है? Can ultrasound cause problems during pregnancy?
ज्यादातर डॉक्टर पहली तिमाही में गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड (Ultrasound during pregnancy) की सलाह देते हैं। इस दौरान खूब पानी पीने की सलाह दी जाती है। गर्भावस्था के बाद के चरण में होने वाले स्कैन के लिए अधिक पानी पीने की सलाह नहीं दी जाती है। बात अगर किसी प्रकार की समस्या की जाए तो अल्ट्रासाउंड से किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होती है। डॉक्टर जरूरत के मुताबिक आपको अल्ट्रासाउंड की सलाह देगा। अगर बिना डॉक्टर की सलाह के ही आप 3D या 4D अल्ट्रासाउंड करवाना चाहते हैं तो ये न करें। अच्छा ये रहेगा कि आप बच्चे के आने का इंतजार करें और फिर चाहे जितनी फोटो लें।
गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड (Ultrasound during pregnancy) कराना बहुत जरूरी होता है। आप अपने डॉक्टर से संपर्क करने के बाद ही अल्ट्रासाउंड कराएं। ये जरूरी नहीं है कि आपका डॉक्टर 3D या 4D अल्ट्रासाउंड के बारे में कहे। जरूरत के मुताबिक डॉक्टर आपको सजेस्ट कर सकता है।
उम्मीद करते हैं कि आपको गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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