प्रेग्नेंसी में इयर इंफेक्शन या कान में दर्द हार्मोनल बदलाव के कारण हो सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई परिवर्तन होते हैं इसके कारण संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। फंगल इंफेक्शन कान में बन रहे मोम या फिर आराम करने के दौरान पड़ रहे दवाब के कारण हो सकता है। अक्सर ये खतरनाक नहीं होता है और उपचार कराने के बाद ठीक हो जाता है। गर्भावस्था में कान में दर्द गंभीर समस्या नहीं है लेकिन ज्यादा समस्या महसूस होने पर
कैसे होता है प्रेग्नेंसी में इयर इंफेक्शन?
जब कुछ बैक्टीरिया या फिर वायरस मिडल इयर पर अटैक करते हैं तो कान में इंफेक्शन हो जाता है। कान में इंफेक्शन होके बाद तरल पदार्थ का निमार्ण होता है। इसके बाद कान में गंभीर दर्द की समस्या हो सकती है। कान दर्द से बहुत बेचैनी महसूस होती है। कई बार कान में इंफेक्शन पुराना भी हो सकता है। जब संक्रमण तेजी से फैलता है तो दर्द तेज होता है। ये कुछ समय के लिए ही रहता है। क्रोनिक इंफेक्शन इनर और मिडिल इयर को नुकसान पहुंचाते हैं।
और पढ़ें : क्या फिंगरिंग से आप गर्भवती हो सकती हैं? जानिए फिंगरिंग और प्रेग्नेंसी में संबंध
गर्भावस्था के दौरान कान में संक्रमण के कारण
प्रेग्नेंसी में कान में संक्रमण कई वजहों से हो सकता है। आपके डॉक्टर दर्द और संक्रमण का सही कारण बता सकते हैं।
[mc4wp_form id=’183492″]
पेथजन्स (Pathogens) के कारण
कान में संक्रमण तब हो सकता है जब बैक्टीरिया या वायरस जैसे रोगजनकों (पेथजन्स) को कान में रास्ता मिल जाता है। इन रोगजनकों से दूसरी सामान्य बीमारियां भी होती हैं जैसे कि अधिक बलगम, ठंड, एलर्जी, साइनस संक्रमण और सूजन वाले एडेनोइड्स, जिससे सूजन होती है।
यह सूजन यूस्टेशियन ट्यूबों (मध्य कान और ग्रसनी को जोड़ने वाली ट्यूब) में रुकावट का कारण बनती है। यह रुकावट मध्य कान में द्रव का निर्माण करती है, जिसके परिणामस्वरूप इंफेक्शन होता है। यह कुछ मामलों में टेम्परेरी सुनने की क्षमता में हानि का कारण बन सकता है।
कान में इंफेक्शन के दूसरे कारण:
- कान में मोम का निर्माण।
- आराम करते समय या साइड में सोते समय कान पर दबाव पड़ने के कारण।
- यदि आपको पहले से इयर इंफेक्शन है, तो आपको गर्भावस्था के दौरान कान के संक्रमण का अधिक खतरा होगा।
और पढ़ें : आईवीएफ (IVF) के साइड इफेक्ट्स: जान लें इनके बारे में भी
प्रेग्नेंसी में इयर इंफेक्शन के दौरान नजर आने वाले लक्षण
प्रेग्नेंसी के दौरान इयर इंफेक्शन हो जाने से कई तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं। कान के अंदर सूजन आपको नजर नहीं आएगी, लेकिन डॉक्टर उसे देख सकते हैं। आप कान में इंफेक्शन के दौरान ये लक्षण महसूस कर सकती हैं-
- कान में दर्द होना
- बहरेपन की स्थिति
- सिर में दर्द की समस्या
- कान से तरल पदार्थ का बहना
- कान के अंदर दबाव महसूस होना
- भीतरी या मध्य कान में सूजन आना
प्रेग्नेंसी में इयर इंफेक्शन का कैसे करें उपचार?
प्रेग्नेंसी में इयर इंफेक्शन होने पर आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। बैक्टीरिया या वायरस प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर भी कर सकते हैं। डॉक्टर कान के इंफेक्शन को ठीक करने के लिए आपको एंटीबायोटिक्स दे सकता है। जरूरत पड़ने पर डॉक्टर सर्जरी का सहारा भी ले सकता है। बी कैटागिरी की एमोक्सिसिलिन और टाइलेनोल को प्रेग्नेंसी के दौरान कान के दर्द में प्रयोग किया जाता है। साथ ही एसिटामिनोफेन को कान के दर्द निवारक के रूप में प्रयोग किया जाता है। इस दौरान इयर ड्रॉप का यूज भी किया जा सकता है जो बच्चे के लिए सेफ रहता है।
और पढ़ें : गर्भावस्था में मोबाइल फोन का इस्तेमाल सेफ है?
प्रेग्नेंसी में इयर इंफेक्शन होने पर काम आ सकते हैं ये घरेलू उपचार
गर्भावस्था के दौरान कान के इंफेक्शन से छुटकारा पाने के लिए घरेलू उपचार भी अपनाए जा सकते हैं। घरेलू उपाय से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क करें। सलाह लेने के बाद ही घरेलू उपाय अपनाएं।
गर्भावस्था में कान में इंफेक्शन होने पर लहसुन के तेल का करें उपयोग
लहसुन में एंटीबैक्टिरियल गुण होते हैं। आप कान के संक्रमण को दूर करने के लिए लहसुन या गार्लिक का तेल यूज कर सकते हैं। तेल की तीन बंदू इंफेक्टेड इयर में डालें। अगर कान में अधिक संक्रमण है तो बेहतर होगा कि आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
प्रेग्नेंसी में इयर इंफेक्शन में राहत दिला सकता है गरम तौलिए का इस्तेमाल
गरम तौलिए का यूज कान के दर्द को दूर करने के लिए किया जा सकता है। गरम तौलिए को उस कान के ऊपर रखें, जिसमें दर्द ज्यादा हो रहा हो। ऐसा करने से दर्द में राहत मिलेगी।
गर्भावस्था में कान में इंफेक्शन में आराम देगा सॉल्ट बैग या गर्म पानी की बॉटल
साइनस की समस्या या ठंड के कारण होने वाले कान दर्द में सॉल्ट बैग या फिर गर्म पानी की बॉटल राहत दे सकती है। इंफेक्टेड कान पर इन दोनों में से किसी एक को रखें। यह हॉट कंप्रेस की तरह काम करता है। इसके लिए एक पेन में नमक को गर्म करें अब एक साफ कॉटन के कपड़े में इसे रखें। अब इसे कान पर तब तक रखें जब तक इसकी हीट कम न हो जाए।
और पढ़ें : दूसरी तिमाही में गर्भवती महिला को क्यों और कौन से टेस्ट करवाने चाहिए?
स्टीम का यूज करने से भी प्रेग्नेंसी में इयर इंफेक्शन से मिल सकती है राहत
इयर पेन, इंफेक्शन को दूर करने के लिए स्टीम का यूज किया जा सकता है। आमतौर पर कोल्ड की वजह से होने वाले कान के दर्द को दूर करने के लिए स्टीम का यूज किया जाता है। अगर आपको जानकारी नहीं है कि स्टीम का यूज कैसे करना है तो आप इस बारे में डॉक्टर से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
सिरका का करें प्रयोग और प्रेग्नेंसी में इयर इंफेक्शन से पाएं राहत
सिरका कवक के इंफेक्शन से छुटकारा पाने के लिए बेहतर विकल्प है। कॉटन को एक चम्मच विनेगर और एक चम्मच पानी से सोक करें। अब जिस भी कान में इंफेक्शन हो उसे ऊपर की तरफ करके लेट जाएं। कॉटन को कान के ऊपर रख लें। करीब 15 मिनट बाद विपरीत दिशा की ओर लेटकर तरल पदार्थ निकालें। अब कान को सुखा लें। ऐसा दिन में दो बार करने से तीन दिनों के अंदर संक्रमण खत्म हो जाएगा।
मिनिरल ऑयल का यूज करने से भी प्रेग्नेंसी में दूर हो सकता है इयर इंफेक्शन
मिनिरल ऑयल या फिर ऑलिव ऑयल का यूज ब्लाक्ड वैक्स को दूर करने के लिए किया जाता है। ऐसा करने से कान के अंदर जमा हो गया वैक्स ऊपर की तरफ आ जाता है। अगर आपको ज्यादा समस्या महसूस हो रही है तो बेहतर होगा कि अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
और पढ़ें : गर्भावस्था में पेरेंटल बॉन्डिंग कैसे बनाएं?
प्रेग्नेंसी में इयर इंफेक्शन हुआ है तो इन बातों का रखें ध्यान
प्रेग्नेंसी में इयर इंफेक्शन के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखकर आप इससे जल्दी निजात पा सकते हैं।
- अपने कान को पानी से बचाएं। नहाते समय या स्वीमिंग के दौरान कानों में पानी को प्रवेश न होने दें।
- कानों की समय-समय पर सफाई जरूर करें। ज्यादा वैक्स जमा होने पर भी दर्द की समस्या हो सकती है।
- अगर कान में वैक्स ज्यादा जमा हो गया हो तो ईयरप्लग न लगाएं। ईयरप्लग लगाने से कान में वैक्स अंदर की ओर चला जाएगा। ये दर्द को बढ़ा सकता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान कान के साथ ही नाक या गले में भी इंफेक्शन हो सकता है। अगर आपको अचानक से ज्यादा समस्या महूसस हो रही है तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। घरेलू उपाय लेने से पहले डॉक्टर से जरूर पूछें। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।
[embed-health-tool-due-date]