क्या प्रेग्नेंसी में मसाज करवाना सुरक्षित है?
प्रेग्नेंसी में मालिश के फायदे क्या हैं?
- प्रेग्नेंसी में बढ़ते वजन की वजह शरीर के जोड़ों पर तनाव ज्यादा बढ़ता है, जिससे जॉइंट्स पेन (जोड़ों का दर्द) शुरू हो जाता है। ऐसी स्थिति होने पर या इस परेशानी से बचने के लिए गर्भावस्था में मसाज करवाने से परेशानी कम हो सकती है।
- मसल्स में होने वाले दर्द में मालिश से राहत मिलती है।
- गर्भवस्था में बैक पेन, फूट पेन, सिरदर्द या पैर में होने वाले क्रैंपस में भी राहत मिल सकती है।
- ज्यादातर प्रेग्नेंट लेडी हिप पेन, एसिडिटी, सीने में जलन या थकावट महसूस करती हैं। ऐसे में मसाज इन परेशानियों को दूर करने में मददगार होता है।
- प्रेग्नेंसी में मसाज से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होने के साथ ही शरीर से टॉक्सिन दूर होते हैं और इम्यूनिटी पावर स्ट्रॉन्ग होती है।
- गर्भावस्था में मसाज से हॉर्मोनल लेवल को भी बैलेंस रखा जा सकता है। इससे गर्भवती महिला को डिप्रेशन की समस्या या एंग्जाइटी की परेशानी नहीं हो सकती है।
- प्रेग्नेंसी में मालिश से शरीर में एंडोर्फिन्स हॉर्मोन रिलीज होते हैं, जो गर्भवती महिला को रिलैक्स करने के साथ-साथ अच्छी नींद (साउंड स्लीप) आने में भी मददगार होते हैं।
- वैसी गर्भवती महिलाएं जिनका वजन ज्यादा होता है, उन्हें मालिश जरूर करवाना चाहिए। मालिश की वजह से मसल टोन होंगे और बॉडी फ्लेग्जिबल रहेगी।
- नियमित बॉडी मसाज से ब्लड प्रेशर नॉर्मल रहेगा। ब्लड प्रेशर नॉर्मल रहने से हार्ट पर ज्यादा दवाब नहीं पड़ेगा।
- मसाज से स्किन बेहतर होती है।
- गर्भावस्था में मसाज से यूट्रस और प्लासेंटा में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होगा, जो गर्भ में पल रहे शिशु के लिए लाभकारी होता है।
प्रेग्नेंसी में मसाज या प्रेग्नेंसी में मालिश करवाने से पहले किन-किन बातों को ध्यान रखना जरूरी है?
- अगर आप गर्भधारण के साथ ही मालिश करवाना शुरू कर रहीं हैं, तो प्रेग्नेंसी की जानकारी अपने मालिश करने वाले को दें।
- अगर आप मसाज अपने लाइफ पार्टनर से या किसी फ्रेंड से करवा रहीं हैं, तो ध्यान रखें की वो शरीर पर ज्यादा दवाब न डालें।
- जिस तेल से आप मालिश करवाएंगी उससे आपको एलर्जी तो नहीं।
- आपको कोई फ्रैक्चर तो नहीं हुआ है।
- मालिश करवाने के पहले अपने डॉक्टर से अवश्य सलाह लें।
गर्भावस्था में मसाज या प्रेग्नेंसी में मालिश शरीर के कौन-कौन से हिस्से पर लेना चाहिए?
हिप:- ज्यादातर महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान हिप पेन से परेशान रहती हैं। ऐसे में गले और गर्दन से होते हुए हिप मसाज की जा सकती है।
पैर:- पूरे पैर की मालिश करवाने से क्रैंप्स और ब्लड क्लॉटिंग से बचा जा सकता है।
हैंड-फीट:- दोनों हाथों की हथेलियों और पैर के तलवों पर भी मसाज करवाएं। ऐसा करने से गर्भवती महिला को आराम महसूस होगा।
गर्दन:- अंगूठों की मदद से गर्दन पर मसाज किये जा सकते हैं। इससे तनाव कम होने साथ ही गर्भवती अहिला अच्छा महसूस कर सकती हैं।
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क्या गर्भवती महिला खुद से अपना बॉडी मसाज कर सकती हैं?
प्रेग्नेंसी में मसाज करवाने से पहले कुछ बातों को ध्यान जरूर रखें। जैसे:-
- मालिश करने वाली साफ कपड़े पहने हुए हैं या नहीं
- उसके नाखून छोटे-छोटे होने चाहिए
- वह किसी इंफेक्शन की शिकार न हो
- मालिश करने से पहले और बाद साबून से हाथ अवश्य धुलवाएं
- मालिश करने वाल तंबाकू या किसी तरह के पानमसाले का सेवन न करती हो
- आप जो उसे चादर और तौलिया दें उसका ही इस्तेमाल वो करें
मालिश के पहले मालिश करने वाली महिला का हाथ सैनेटाइज करवाना न भूलें और बताई गई बातों को ध्यान में रखकर मालिश करवाने से फायदा होगा।
गर्भवती महिला के साथ ही परिवार के सदस्यों को यह ध्यान रखना चाहिए की अनुभवहीन मालिश करने वाली कम पैसों में मालिश तो कर सकती है लेकिन, वो ठीक तरह से गर्भवती महिला की मालिश नहीं कर पाएगी। कई महिलाएं घर में काम करने वाली महिलाओं से ही मालिश करवा लेती हैं। अगर वह पहले गर्भवती महिलाओं की मालिश कर चुकी है, तो कोई समस्या की बात नहीं है लेकिन, अगर उसने पहले नहीं किया है तो यह गर्भवती महिला के साथ-साथ गर्भ में पल रहे शिशु के लिए खतरनाक हो सकता है। इसलिए अगर आप प्रेग्नेंसी में मसाज से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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