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प्रेगनेंसी में नमक खाने के फायदे और नुकसान

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Shivam Rohatgi द्वारा लिखित · अपडेटेड 17/07/2020

    प्रेगनेंसी में नमक खाने के फायदे और नुकसान

    नमक हम सभी के आहार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सोडियम से भरपूर नमक शरीर के पीएच और तरल पदार्थ के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करता है। प्रेग्नेंसी में नमक भी उतना ही महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह भ्रूण में पल रहे बच्चे के विकास में मदद करता है। हालांकि, नमक का अत्यधिक सेवन कई गंभीर प्रकार की बीमारियों का कारण बन सकता है खासतौर से गर्भावस्था के दौरान।

    तो क्या आपको प्रेगनेंसी में नमक खाने की सही मात्रा के बारे में पता है? यदि नहीं तो आज हम आपको इस लेख में बताएंगे कि प्रेग्नेंसी में नमक क्यों महत्वपूर्ण होता है और इसके अत्यधिक सेवन से क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं। इसके अलावा जानें कि प्रेग्नेंसी में नमक का कितना सेवन करना चाहिए और क्या काला नमक एक बेहतर विकल्प बन सकता है?

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    प्रेगनेंसी में नमक क्यों जरूरी होता है

    सोडियम एक ऐसा रसायन है जो शरीर के पीएच स्तर, तापमान और तरल पदार्थों के स्तर को नियंत्रित रखता है। सोडियम कई प्रकार के आहार में डाला जाता है, इसे आमतौर पर क्लोरीन रसायन के साथ मिलाकर बाजार में मिलने वाले नमक का रूप दिया जाता है। इसलिए घरों में उपलब्ध साधारण नमक को विज्ञान की भाषा में सोडियम क्लोराइड कहा जाता है।

    गर्भावस्था में नमक की पर्याप्त मात्रा के बिना आपकी मांसपेशियां, नसे और अंग सही तरीके से काम नहीं कर पाते हैं। इसीलिए प्रेगनेंसी में ऐंठन, नस चढ़ना और कई पेट संबंधित समस्याओं से निपटने के लिए महिलाओं को नमक का सेवन करना चाहिए लेकिन केवल पर्याप्त मात्रा में ही।

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    प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में खून और अन्य तरल पदार्थों का स्तर बढ़ जाता है और जैसा कि हम जानते हैं कि सोडियम इन सभी को नियंत्रित रखने में मदद करता है। इसके अलावा घरों में उपलब्ध कुछ प्रकार के नमक में आयोडीन भी मिलाया जाता है जो कि शिशु के मस्तिष्क और तंत्रिका प्रणाली के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। इसलिए प्रेगनेंसी में आयोडाइज नमक खाने की सलाह दी जाती है।

    बाजार में उपलब्ध नमक के पैकेट से आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि उसमें आयोडीन मौजूद है या नहीं। भारतीय महिलाओं में आयोडीन की कमी होना एक सामान्य बात है जिसके कारण मृत शिशु पैदा होना, गर्भपात या जन्म के बाद शिशु में मानसिक विकलांगता जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

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    रोजाना कितना नमक खाना चाहिए?

    जैसा कि हम आपको पहले भी बता चुके हैं कि प्रेगनेंसी में सोडियम एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है लेकिन केवल पर्याप्त मात्रा में सेवन करने पर। इसका मतलब है कि प्रेग्नेंसी में नमक के अत्यधिक या कम सेवन के कारण समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। प्रेगनेंसी में रोजाना 3.8 ग्राम प्रतिदिन नमक(2.4 ग्राम सोडियम)  का सेवन करना चाहिए। इसके साथ ही ध्यान रखें कि प्रेगनेंसी में 5.8 ग्राम से अधिक मात्रा में नमक के सेवन से शिशु और मां दोनों को समस्या हो सकती है।

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    गर्भावस्था में काला नमक के फायदे

    प्रेग्नेंसी में पेट से जुड़ी समस्याएं होना बेहद आम बात है। ऐसे में काला नमक का सेवन सीने में जलन और कब्ज जैसी परेशानियों से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकता है। प्रेगनेंसी में काले नमक का सेवन बिना किसी खतरे के किया जा सकता है। हालांकि, यदि आपको हाई बीपी जैसी समस्या है और आपके नमक के सेवन पर प्रतिबंध है तो काले नमक का सेवन बिना किसी डॉक्टरी सलाह के न करें। निम्न प्रेगनेंसी में काले नमक के फायदे होते हैं :

    प्रेगनेंसी में कब्ज से छुटकारा दिलाता है काला नमक

    काला नमक कब्ज के रोकथाम में मदद करता है जो प्रेगनेंसी में होने वाली एक आम समस्या है। कब्ज बेचैनी उत्पन्न कर सकती है जिसे काले नमक के मदद से असानी से आराम पाया जा सकता है।

    गर्भावस्था में काले नमक से पाएं सीने में जलन से आराम

    एसिडिटी के कारण सीने में जलन जैसी स्थिति उत्पन्न होने लगती है। घरेलू उपचार में लंबे समय से इसके इलाज के लिए काले नमक का इस्तेमाल किया जाता रहा है।

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    धुंधला दिखाई देने का इलाज है काला नमक

    काले नमक में ऐसे गुण होते हैं जो कमजोर आंखों के इलाज में मदद करते हैं। पर्याप्त मात्रा में काले नमक का सेवन करने से धुंधला दिखना व आंखों की कमजोरी को ठीक किया जा सकता है।

    पेट दर्द का घरेलू इलाज है काला नमक

    काला नमक पेट से जुड़ी सभी समस्याओं का इलाज कर सकता है। गर्भावस्था के दौरान पेट अपच की समस्याओं से जूझना बेहद मुश्किल होता है। ऐसे में सलाद के साथ एक चुटकी काला नमक स्वाद के साथ अपच और पेट दर्द से आराम दिलाने में मदद कर सकता है।

    प्रेगनेंसी में पर्याप्त मात्रा में काला नमक एक बेहतर विकल्प है। किसी भी चीज का अत्यधिक सेवन हानिकारक होता है। यदि आप में हाई बीपी का खतरा है तो काले नमक के सेवन से परहेज करें क्योंकि यह गर्भावस्था के दौरान शरीर में रक्तचाप को बढ़ाता है जो कि प्रेगनेंसी में एक गंभीर समस्या होती है। काले नमक का सेवन शुरू करने व किसी भी प्रकार के सवाल के जवाबों के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।

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    प्रेगनेंसी में अधिक नमक के सेवन से नुकसान

    प्रेग्नेंसी से पहले भी आपको अत्यधिक नमक के सेवन के कारण कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ता होगा। जब आप नमक युक्त आहार खाते हैं तो आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगती है। यह आमतौर पर शरीर से सोडियम को बाहर निकालने के लिए इकट्ठा पानी के कारण होता है।  प्रेगनेंसी में सूजन व फुलाव होना आम बात होती है जिसका कारण नमक का अत्यधिक सेवन हो सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान अधिक मात्रा में नमक खाने के कारण चेहरे, हाथों, पैरों और टखनों में सूजन आ सकती है।

    पर्याप्त मात्रा से अधिक नमक खाने से गर्भावस्था में हाई बीपी जैसी स्थिति भी विकसित हो सकती है। इसमें हृदय की धमनियों और नसों में अधिक रक्त प्रवाह के कारण ऐसा होता है।  इसकी वजह से स्ट्रोक, हार्ट फेलियर, किडनी फेलियर, पेट का कैंसर और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

    डिस्क्लेमर

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