प्रेग्नेंसी में सही पोषक तत्वों को ग्रहण करना गर्भवती महिला और उसके शिशु को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है। इस दौरान खास पोषक तत्व जैसे आयरन, आयोडीन और फोलेट आदि की आवश्यकता होती है। शिशु के जन्म से पहले ही उसकी देखभाल करना महत्वपूर्ण है। अगर होने वाली मां सही से खाएंगी, तो आपके शिशु का वजन सही रहेगा और आपका प्रसव भी सही होगा। गर्भ का छठा महीना वो समय है जब आपकी दूसरी तिमाही खत्म होने वाली होती है और साथ ही शुरू होने वाली है तीसरी और अंतिम तिमाही। गर्भ के छठे महीने में आपको अपने खाने-पीने और अन्य बातों का ज्यादा ध्यान रखना चाहिए। जानिए 6 मंथ प्रेग्नेंसी डायट चार्ट कैसा होना चाहिए और इस दौरान आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।
फल और सब्जियां
6 मंथ प्रेग्नेंसी डायट चार्ट में पर्याप्त फल और सब्जियों को अवश्य शामिल करें। दिन में कम से कम पांच बार इन्हें खाएं। अपने आहार में विभिन्न रंगों की सब्जियों और फलों को शामिल करें। सभी फल और सब्जियां अलग-अलग नुट्रिएंट प्रदान करते हैं। इन सब्जियों में स्वस्थ विटामिन और मिनरल होते हैं। इसके साथ ही इसमें पर्याप्त रूप से फाइबर भी होता है, जिससे कब्ज नहीं होती। कब्ज गर्भावस्था में होने वाली मुख्य समस्याओं में से एक है।
और पढ़ें :Pregnancy Week 5: प्रेग्नेंसी वीक 5 से जुड़ी क्या जानकारी मुझे पता होनी चाहिए?
करें अंडे,मछली और मीट का सेवन
मीट, मछली, अंडे, बीन्स आदि में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन होती है। इसके साथ ही इनमें आयरन और जिंक भी होते हैं। प्रोटीन शिशु के विकास के लिए आवश्यक है। इससे शिशु की हड्डियों में नए टिश्यू मसल्स और अन्य अंग बनते हैं। दाल, मेवे, बीज, टोफू, पनीर में भी प्रोटीन होती है। इनमे में नुट्रिएंट भी होते हैं। मछली जैसे सालमोन, टूना आदि में ओमेगा 3 फैटी एसिड्स होते हैं, जो बच्चे के दिमाग के विकास के लिए जरूर है। हालांकि गर्भवती महिला को कच्चे और अधपके अंडों या अन्य चीज़ों का सेवन नहीं करना चाहिए।
एनर्जी के लिए अनाज, चावल, आलू
अनाज आलू, चावल और अन्य स्टार्च युक्त आहार में कार्बोहाइड्रेट होता है। जिससे ऊर्जा मिलती है इसके साथ ही इनमें फाइबर होता है जो गर्भावस्था के लिए जरूरी है। ऐसे में इन्हें भी अपने भोजन में अवश्य शामिल करें।
जानिए ‘क्या’ खाएं और ‘कब खाएं’ का महत्व इस वीडियो के माध्यम से :
दूध और दूध से बने पदार्थ
दूध और दूध से बने पदार्थ जैसे दही, पनीर में कैल्शियम, विटामिन डी आदि पर्याप्त मात्रा में होते हैं। जो शिशु की हड्डियों और दांतों के विकास और मजबूती के लिए जरूरी है। लेकिन ऐसे दूध और दूध से बने पदार्थों का सेवन करें जिनमे स्वस्थ वसा हो।
फोलिक एसिड और फोलेट युक्त आहार
ऐसे आहार का सेवन करना प्रेग्नेंसी में जरूरी है क्योंकि इससे गर्भ में शिशु का विकास सही से होता है। फोलेट एक तरह का विटामिन B है। प्रेग्नेंसी में इसे लेना भी आवश्यक है। प्रेग्नेंसी में गर्भवती महिला को आयरन की आवश्यकता अधिक होती है ताकि शिशु का विकास सही से हो। चिकन, ड्राइड बीन, सीफूड, मीट , हरी पत्तेदार सब्जयों, पालक , ब्रोकोली,गोभी, टमाटर अखरोट आदि में यह पर्याप्त मात्रा में होता है। डॉक्टर आपको फोलिक एसिड की उचित मात्रा के सेवन के लिए सप्लीमेंट लेने की सलाह देगा।
DHA
यह एक तरह का फैट है जिसमें ओमेगा -3 फैटी एसिड होता है। यह बच्चे के मस्तिष्क और आंखों के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए DHA युक्त आहार का सेवन करें। अलसी के बीज, अखरोट और राई का तेल, मछली में पर्याप्त DHA होता है। शरीर में कितने डीएचए की जरूरत होती है, आप इस बारे में डॉक्टर से पूछ सकती हैं।
आयोडीन
यह एक खनिज है जो बच्चे के मस्तिष्क और तंत्रिका विकास में मदद करता है। दूध, मुनक्का, दही , ब्राउन राइस, सी फूड , लहसुन आदि में आयोडीन भरपूर होता है।
और पढ़ें: Pregnancy Week 2: प्रेग्नेंसी वीक 2 से जुड़ी क्या जानकारी मुझे पता होनी चाहिए?
क्या न खाएं
- गर्भावस्था के छठे महीने में वसा युक्त आहार और मिर्च मसाले वाला भोजन न खाएं।
- प्रेग्नेंसी में एल्कोहॉल या एल्कोहॉलिक पेय पदार्थों के सेवन से बचे।
- कैफीन युक्त आहार भी गर्भावस्था में न लें। जितना कम हो सके चाय या कॉफी का सेवन करें।
- 6 मंथ प्रेगनेंसी डायट चार्ट में अधिक चीनी वाले आहार और पेय जैसे सोडा को शामिल न करें।
- जिन मछलियों में पारा की मात्रा अधिक होती है। उनका सेवन करना 6 मंथ प्रेगनेंसी में शिशु और आपके लिए हानिकारक होता है जैसे टाइलफिश, स्वोर्डफ़िश आदि।
- इस समय कच्चे या अधपके अंडे, मांस, मछली का सेवन करने से भी बचे।
अगर चाहे तो इस बारे में डॉक्टर से भी परामर्श कर सकती हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान किन फूड को अवॉयड करना चाहिए।
6 मंथ प्रेग्नेंसी डायट चार्ट
6 मंथ प्रेग्नेंसी डायट चार्ट इस प्रकार होना चाहिए।
- सुबह का नाश्ता- सुबह के नाश्ते में आप सैंडविच/ स्प्राउटस/ डोसा/ पनीर परांठा/ उपमा आदि ले सकती हैं। इसके साथ आप जूस या दूध आदि का सेवन कर सकती हैं।
- दोपहर का नाश्ता – दोपहर के नाश्ते के रूप में आप कोई फल ले सकती हैं। इसके साथ ही ताजा जूस और मेवे का सेवन करें।
- दोपहर का भोजन- दोपहर के भोजन में आप दाल+ मौसमी सब्जी+ रायता+ रोटी+ चावल+ सलाद आदि शामिल कर सकती हैं।
- शाम का नाश्ता- शाम के नाश्ते में आप पोहा/सलाद/सैंडविच/चीला/स्प्राउट चाट आदि बना कर खा सकती हैं। इसके साथ ही आप नारियल पानी, जूस या दूध आदि भी आप ले सकती हैं।
- रात का भोजन- 6 मंथ प्रेग्नेंसी डायट चार्ट के अनुसार रात के भोजन में सब्जी + रोटी और दाल ले सकती हैं।
बाल रोग चिकित्सक और इंटरनेशनल बोर्ड सर्टिफाइड लैक्टेशन कंसलटेंट डॉ. संगीता जाधव के अनुसार, “गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए उसकी मां ही सब कुछ होती है। वह अपने बच्चे का न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से पोषण करती है। एक माँ जो एक अच्छी तरह से संतुलित और पौष्टिक आहार खाती है, और केवल सकारात्मक और आध्यात्मिक विचारों को बनाए रखने के बारे में सावधान रहती है, स्पष्ट रूप से वो शिशु शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ होगा।’
और पढ़ें: प्रेग्नेंसी टेस्ट किट (pregnancy test kit) से मिले नतीजे कितने सही या गलत?
सेहतमंद खाना क्या हैं
प्रेग्नेंसी में अगर आपको भूख लगे और स्नैक्स खाने की इच्छा हो तो इस बातों का ध्यान रखें। 6 मंथ प्रेग्नेंसी डायट चार्ट में ऐसे आहार न खाएं जिनमें वसा या चीनी की मात्रा अधिक हो जैसे मिठाई, चॉकलेट आदि। इनकी जगह आप कुछ सेहतमंद स्नैक्स को खाएं जैसे।
- सैंडविच (व्होल वीट ब्रेड और सब्जियों से बनाय हुआ)
- सलाद (सब्जियों जैसे गाजर, खीरे, पत्तेदार गोभी)
- खुमानी, स्ट्रॉबेरी, बेर आदि का सेवन
- सब्जियों या बीन्स से बने सूप
- बिना चीनी वाला फलों का जूस
- कॉर्नफ्लैक्स दूध के साथ बिना चीनी के साथ
- स्प्राउट्स
अगर आपको उपरोक्त दिए गए किसी भी स्नैक्स से एलर्जी है तो बेहतर होगा कि आप उसका सेवन न करें। डायबिटीज की पेशेंट को खानपान के दौरान अधिक सावधानी रखने की जरूरत होती है।
[mc4wp_form id=’183492″]
गर्भावस्था के छठें महीने में डायट : इन बातों का रखें ध्यान
- सब्जियों या फलों को अच्छे से धो कर खाएं, ताकि इनमें लगी मिट्टी अच्छे से निकल जाए। मिट्टी में टोक्सोप्लाज्मा होता है जो टोक्सोप्लाजमोसिज नामक परजीवी पैदा कर सकता है, जो आपके अजन्मे बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है।
- बर्तनों और खाना बनाने वाली जगह, हाथ आदि को अच्छे से धोएं, इससे आप टोक्सोप्लाजमोसिज से बचे सकते हैं।
- तैयार भोजन को अच्छी तरह से गर्म कर के खाएं – मांस मछली के लिए यह आवश्यक है।
- इस बात का ध्यान रखें कि कुछ खाद्य पदार्थ, जैसे अंडे, मछली और मांस को बहुत अच्छी तरह से पकाया जाना अनिवार्य है।
और पढ़ें: Termination Of Pregnancy : टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (अबॉर्शन) क्या है?
ध्यान रखें ये टिप्स
- प्रेग्नेंसी में नाश्ता करना न छोड़ें। अगर आपको मॉर्निंग सिकनेस की समस्या है तब भी सुबह कुछ न कुछ अवश्य खाएं जैसे फल, दलिया आदि।
- फाइबर युक्त आहार, अधिक पानी और शारीरिक गतिविधियां आपके कब्ज की समस्या को दूर करेंगे। जिससे आपको प्रेग्नेंसी में कोई समस्या नहीं होगी। ब्राउन राइस,फल, सब्जियां आदि।
- अगर आपको हार्टबर्न की समस्या है तो पूरे दिन में थोड़ी-थोड़ी देर बाद कम मात्रा में खाएं।
- धीरे-धीरे खाएं। खाना खाने के बाद एकदम न लेटें।
6 मंथ प्रेग्नेंसी डायट चार्ट के बारें में आपको इस आर्टिकल के माध्यम से जानकारी मिल गई होगी। डॉक्टर प्रेग्नेंसी के दौरान बाहर के खाने के साथ ही ज्यादा स्पाइसी खाने के लिए मना कर सकते हैं। आप घर पर बना पौष्टिक आहार खा सकती हैं। अगर आपको किसी प्रकार के फूड से एलर्जी है तो बेहतर होगा कि आप उसे न ही खाएं। अगर आपको कमजोरी का एहसास हो रहा है तो बेहतर होगा कि आप एक बार डॉक्टर को इस बारे में जरूर बताएं। किसी भी प्रकार की हेल्थ कंडीशन होने पर डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही डायट लें। अगर आपको इस विषय में अधिक जानकारी चाहिए तो बेहतर होगा कि आप डॉक्टर से परामर्श करें। यहां दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।
[embed-health-tool-pregnancy-weight-gain]