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प्रेग्नेंसी में थकान क्यों होती है, कैसे करें इसे दूर?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 17/10/2020

    प्रेग्नेंसी में थकान क्यों होती है, कैसे करें इसे दूर?

    प्रेग्नेंसी में थकान शारीरिक परिवर्तनों के कारण होती है। प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में ज्यादातर महिलाओं को थकान महसूस होती है। इस दौरान शारीरिक कमजोरी भी हो सकती है। कुछ महिलाओं को दूसरी तिमाही में आराम महसूस होता है थकान नहीं लगती। वहीं कुछ महिलाएं तीसरी तिमाही के दौरान अधिक थकान महसूस करती हैं। प्रेग्नेंसी के समय शारीरिक बदलाव के कारण कमजोरी और बेहोशी भी महसूस हो सकती है। इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए कि प्रेग्नेंसी में थकान कब ज्यादा महसूस होती है और इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए?

    प्रेग्नेंसी में थकान क्यों महसूस होती है?

    पहली तिमाही के दौरान महसूस होने वाली थकान

    गर्भ में बढ़ते हुए बच्चे को अधिक पोषक तत्वों की जरूरत होती है। इस दौरान रक्त उत्पादन भी अधिक होता है। ब्लड शुगर लेवल और ब्लड प्रेशर कम हो जाता है। प्रेग्नेंसी के कारण प्रोजेस्टेरोन का लेवल बढ़ जाता है जिस कारण नींद अधिक आती है। शरीर में होने वाले परिवर्तन के साथ ही भावनात्मक परिवर्तन भी कम ऊर्जा संचार का कारण बन जाते हैं। इस कारण महिलाओं को आलस आता है और प्रेग्नेंसी में थकान महसूस होती है।

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    बच्चे के बारे में चिंता

    प्रेग्नेंसी में थकान का मुख्य कारण बच्चे को लेकर चिंता भी हो सकती है। प्रेग्नेंसी प्लान की गई हो या फिर अनप्लान्ड, मां को आने वाले बच्चे को लेकर कई प्रकार की चिंताएं सताती हैं। गर्भावस्था के दौरान शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान महिला अधिक थकान महसूस करती है।

    दूसरी बार मां बनने पर चिंता

    महिलाएं जब पहली बार मां बनती हैं तो उन्हें आने वाले बच्चे को लेकर चिंता होती है वहीं दूसरी बार मां बनने पर अक्सर महिलाओं को दो बच्चों को संभालने की जिम्मेदारी के साथ ही प्रेग्नेंसी के दौरान पहले बच्चे की देखभाल की वजह से भी थकान की समस्या हो सकती है। दूसरी बार मां बनने पर महिलाएं अपने आप को पूरा समय नहीं दे पाती हैं। उनके मन में अक्सर एक साथ कई ख्याल आते हैं और साथ ही पहले बच्चे को पूरा समय देने की कोशिश के चलते उन्हें थकान के साथ ही कमजोरी भी महसूस हो सकती है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए टाइम मैनेजमेंट बहुत जरूरी है। अगर आप समय के अनुसार सारे काम शेड्यूल कर लेंगी तो आपको ज्यादा थकावट महसूस नहीं होगी और साथ ही काम के दौरान आराम का समय भी मिल जाएगी।

    हैप्पी ट्राइमेस्टर भी फील करेंगी आप

    ऐसा नहीं है कि प्रेग्नेंसी में केवल थकान ही महसूस होती है। प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही के दौरान ऊर्जा का स्तर बढ़ जाता है। इस दौरान महिलाएं किसी भी काम को करने के लिए खुद को एनर्जेटिक फील करती हैं। दूसरी तिमाही को हैप्पी ट्राईमेस्टर भी कहा जाता है, लेकिन ये बात सभी महिलाओं पर लागू नहीं होती है क्योंकि कुछ महिलाएं दूसरी तिमाही के दौरान भी थकान महसूस कर सकती हैं। अगर आप ऐसा कुछ फील नहीं कर रही हैं तो ये अच्छी बात है।

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    आखिरी महीनों में बढ़ सकती है समस्या

    ऐसा कहा जाता है कि प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही और आखिरी तिमाही के दौरान कुछ समस्याएं बढ़ जाती है। प्रेग्नेंसी में थकान तीसरी तिमाही के दौरान फिर से महसूस हो सकती है। कुछ समस्याएं जैसे बार-बार यूरिन पास करना, पेट के बड़ा हो जाने के कारण उठने-बैठने या फिर सोने में समस्या होना आदि। इन कारणों से तीसरी तिमाही के दौरान महिलाओं को थकान का ज्यादा सामना करना पड़ जाता है।

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    बेहोशी भी आ सकती है

    प्रेग्नेंसी में थकान होना आम बात है, लेकिन थकान जब ज्यादा हो जाती है तो बेहोशी जैसे लक्षण भी महसूस होने लगते हैं। ये शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण होता है। इस दौरान मस्तिष्क को पर्याप्त रक्त नहीं मिल पाता है, इस कारण बेहोशी जैसा महसूस हो सकता है। नहाने के दौरान, खड़े होने के पर या फिर जल्दी से खड़े होने पर आपको बेहोशी जैसा महसूस हो सकता है।

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    बेहोशी से बचने के लिए क्या करें?

    • आप जब भी बैठी या फिर लेटी हुई हो, आराम से उठें, झटके के साथ उठने पर समस्या हो सकती है।
    • अगर खड़े होने के दौरान बेहोशी महसूस हो तो तुरंत पास की चेयर पर बैठ जाएं। हो सके तो करवट लेकर लेटना सही रहेगा।
    • मौसम गर्म है तो इस दौरान खूब पानी पीना आपकी सेहत के लिए अच्छा रहेगा।

    प्रेग्नेंसी में थकान से बचने के लिए क्या करें?

    हेल्दी खाने पर दें ध्यान

    प्रेग्नेंसी के दौरान हेल्दी खाना बहुत जरूरी है। एक्सपर्ट के अनुसार सेटिस्फाइंग और एंटीइंफ्लमेटरी डायट प्रेग्नेंसी की थकान से लड़ने में मदद करती है। खाने में ताजी सब्जियां, फल आदि पौष्टिक आहार शामिल करें। प्रोसेस्ड फूड को जितना ज्यादा हो सके अवॉयड करें। आपको इस समय जल्दी पचने वाले कार्बोहाइड्रेड से दूरी बनाकर रखना चाहिए जैसे कि व्हाइट ब्रेड। क्योंकि इनको खाने से नींद बहुत ज्यादा आती है। आयरन और प्रोटीन की उच्च मात्रा लें और वसा का कम सेवन करें। इस दौरान पानी पीते रहना आपके लिए फायदेमंद साबित होगा।

    आप प्रेग्नेंसी में थकान से बचने के लिए एक साथ खाना न खाएं। एक साथ खाने से आपको आलस का एहसास या फिर अधिक नींद का एहसास भी हो सता है। एक बार में अधिक खाने से पेट में अधिक भारीपन का एहसास हो सकता है। खाने को दिन भर में छह से सात भर खाएं। ऐसा करने से आपको भारीपन का एहसास नहीं होगा और साथ ही खाना भी आसानी से पचेगी। प्रेग्नेंसी में महिलाओं को कब्ज की समस्या भी अधिक होती है। इस समस्या से बचने के लिए भी आप खाने को दिन भर में कई बार लें।

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    गर्भावस्था में थकान से बचने के लिए व्यायाम पर दें ध्यान

    ये बात सही है कि प्रेग्नेंसी में थकान के कारण ज्यादा कुछ करने का मन नहीं करता, लेकिन आपको हल्का व्यायाम जरूर करना चाहिए। एरोबिक, थोड़ा तेज चलना आदि। डॉक्टर और ट्रेनर की हेल्प से आप हल्के व्यायाम को रोजाना कर सकती हैं। इससे आपकी थकान दूर हो जाएगी और नींद भी अच्छी आएगी

    अगर आपको प्रेग्नेंसी के दौरान किसी प्रकार की कॉम्प्लीकेशन है तो एक्सरसाइज करने से पहले डॉक्टर से जानकारी लें। आपको अगर कॉम्प्लीकेशन नहीं है तो आप वॉक के साथ ही योगा भी कर सकते हैं तो शरीर की थकान से निजात दिलाने का काम करेगा। आप योगा एक्सपर्ट से भी जानकारी ले सकते हैं।

    कैफीन का उपयोग संभलकर करें

    द अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्स्ट्रेटिशन एंड गायनेकोलॉजिस्ट के अनुसार सीमित मात्रा में कैफीन (200 मिलीग्राम या 1½  कप कॉफी प्रतिदिन) मिसकैरिज या प्रीटर्म बर्थ का कारण नहीं बनती, लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान कैफीन युक्त बेवरेज का सेवन रेगुलर तौर पर नहीं करना चाहिए। अगर आप कैफीन का उपयोग करती हैं तो प्रेग्नेंसी के दौरान इसे लेना बंद कर दें या कम मात्रा में लें। कैफीन के प्रभाव से नींद उड़ जाती है जो थकावट को बढ़ाने का काम करती है। कई बार कैफीन मूड को भी प्रभावित करती है।

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    आराम करना न भूलें

    प्रेग्नेंसी के दौरान बॉडी और माइंड पर असर होता है। आप ज्यादा ब्लड प्रोड्यूस कर रही होती हैं। हार्ट रेट बढ़ी रहती है। आप ज्यादा पानी और न्यूट्रिशियन का उपयोग कर रही होती हैं। दिमाग में कई सारे इमोशन उमड़ रहे होते हैं जो आपको अभिभूत कर देते हैं। यह समय है कि आप जी भरकर आराम करें। कुछ समय बाद बच्चा आपको रातभर जगाकर रखने वाला है। आपको कुछ समय के लिए शेड्यूल एडजस्ट करने और अपने प्लान को कैंसिल करने की जरूरत पड़ने वाली है।

    गर्भावस्था में थकान से बचने के लिए  पर्याप्त नींद जरूर लें

    प्रेग्नेंसी में थकान से बचने के लिए पर्याप्त नींद जरूर लें। अगर रात में आपकी नींद पूरी नहीं हो पाती है तो दिन में जब भी मिले, थोड़ी सी झपकी लें। 15 से 20 मिनट की झपकी आपके शरीर को बहुत आराम देगी। इस तरह से आप प्रेग्नेंसी में थकान से राहत पा सकती हैं। अगर आप देर रात तक जागेंगी तो आपकी नींद पूरी नहीं होगी। आपको मोबाइल या अन्य डिवाइस से दूरी बनानी चाहिए जो आपकी नींद में दिक्कत पैदा कर सकती हैं। वर्किंग वुमन को अपनी नींद के प्रति अधिक सजग रहने की जरूरत है।

    प्रेग्नेंसी में थकान ज्यादातर महिलाओं को होती है। इससे बचने के लिए आप ऊपर बताए गए उपाय अपना सकती हैं। अगर आपको लगातार थकान महसूस हो रही है तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। वे कुछ टेस्ट करवाकर ये पता लगाने की कोशिश करेंगे कि आप एनीमिया की समस्या या हाइपोथायरॉइड से पीड़ित तो नहीं है।

    हम उम्मीद करते हैं कि आपको इस आर्टिकल में प्रेग्नेंसी में थकान को दूर करने संबंधित दी गई जानकारी पसंद आई होगी। किसी प्रकार की अन्य जानकारी या परामर्श के लिए डॉक्टर से बात करें।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

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