1. प्लेसेंटा या अंबिकल कॉर्ड से जुड़ी समस्या। प्लेसेंटा से ही शिशु को ब्लड, ऑक्सिजन और पोषक तत्व मिलते हैं अगर इसमें कोई खराबी आ जाती है तो शिशु तक पोषक तत्व नहीं पहुंच पाते और उसकी मौत हो जाती है।
2. गर्भवती महिला किसी पुरानी गंभीर बीमारी जैसे हाय ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, दिल की बीमारी, थायरॉइड या बैक्टीरियल इंफेक्शन से पीड़ित हो तो यह भी स्टिलबर्थ का कारण बन सकता है।
3. गर्भवती महिला के प्रेग्नेंसी के पहले से ही स्मोकिंग, ड्रिंकिंग (एल्कोहॉल) या ड्रग्स के सेवन करने के कारण शिशु की मौत समय से काफी पहले हो सकती है।
4. 35 वर्ष की आयु या और ज्यादा बढ़ते हुए उम्र में गर्भवती होना।
5. गर्भावस्था के दौरान पारिवारिक हिंसा।
6. प्रेग्नेंसी के दौरान जरूरत से ज्यादा सोना।
और पढ़ें: क्या गर्भावस्था में धूम्रपान बन सकता है स्टिलबर्थ का कारण?
स्टिलबर्थ का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment of stillbirth)
गर्भावस्था के शुरुआत से ही लक्षणों को समझना चाहिए। डॉक्टर जो सलाह दें उसका पालन करना चाहिए और परेशानी महसूस होने पर इसकी जानकारी डॉक्टर को जरूर देनी चाहिए, जिससे स्टिलबर्थ से बचा जा सकता है।
क्या स्टिलबर्थ के बाद दूसरा बच्चा होना सुरक्षित है?
कुछ परिवार तय करते हैं कि वे भविष्य में एक और बच्चे के कठिन अनुभव के बावजूद एक और बच्चा पैदा करना चाहते हैं। ज्यादातर महिलाएं जो स्टिलबर्थ के बाद गर्भवती हो जाती हैं स्वस्थ बच्चों को जन्म देती हैं।
किसी भी जोखिम और चिंताओं को समझने के लिए आप अपने डॉक्टर के साथ स्थिति पर चर्चा करना सबसे अच्छा है। यदि कोई परिवार दूसरा बच्चा पैदा करने की कोशिश करने का फैसला करता है, तो डॉक्टर की देखरेख में जोखिम को कम करने में मदद करने के लिए कुछ सावधानियां बरत सकता है।
और पढ़ें: गर्भावस्था में ओरल केयर न की गई तो शिशु को हो सकता है नुकसान