बर्थ कंट्रोल के अन्य तरीके (Other methods of birth control)
बर्थ कंट्रोल के लिए कॉपर टी सिर्फ एक ऑप्शन है और आप इसके अलावा दूसरे ऑप्शन को भी अपना सकते हैं। आइए अन्य ऑप्शंस के बारे में भी थोड़ा जान लेते हैं।
प्राकृतिक तरीके (Natural ways of birth control)
ब्रह्मचर्य (Brahmacharya) : ब्रह्मचर्य भी बर्थ कंट्रोल का एक तरीका है, जिसे अपनाकर अनचाहे गर्भ से बचा जा सकता है। हालांकि, इस तरीके को कपल्स के लिए अपनाना थोड़ा अस्वाभाविक हो सकता है।
पुल-आउट मेथड (Pull-out method) : भारत में कई कपल्स इस मेथड को अपनाते हैं। इस मेथड में स्पर्म निकलने से पहले मेल पार्टनर अपनी पीनस फीमेल पार्टनर की वजायना से निकाल लेता है। हालांकि, यह तरीका पूर्ण रूप से प्रभावशाली नहीं है और इसमें चूक की कुछ आशंका हो सकती है। क्योंकि, गर्भवती होने के लिए पीनस का वजायना में होना जरूरी नहीं है। अगर स्पर्म किसी तरह भी वजायना तक पहुंच जाता है, तो अनचाहे गर्भ की आशंका हो सकती है।
कॉन्डोम (Condom) : बर्थ कंट्रोल के लिए कॉन्डोम काफी सुरक्षित और प्रभावशाली ऑप्शन है। अधिकतर एक्सपर्ट और डॉक्टर भी इसका उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। क्योंकि यह न सिर्फ अनचाहे गर्भ का डर खत्म कर देता है बल्कि इसके साथ ही यौन संचारित रोगों से भी सुरक्षा प्रदान करता है। इसके अलावा कॉन्डोम को आप किसी भी कैमिस्ट स्टोर से आसानी से खरीद सकते हैं और इसको इस्तेमाल करना भी काफी आसान है। आपको यह भी बता दें कि कॉन्डोम सिर्फ पुरुषों के लिए ही नहीं, बल्कि महिलाओं के लिए भी आता है।
स्पॉन्ज (Sponge): बर्थ कंट्रोल के विकल्पों में यह भी एक ऑप्शन है। एक कॉन्ट्रासेप्टिव स्पॉन्ज वजायना के अंदर इंसर्ट किया जाता है। इसमें एक डिप्रेशन होता है, जो सर्विक्स के ऊपर इसे आसानी से रोक लेता है। इसके बाद एक एप्लीकेटर की मदद से वजायना के अंदर फोम इंसर्ट की जाती है, जो कि स्पर्मिसाइड होती है और मेल स्पर्म को नष्ट कर देती है और स्पॉन्ज स्पर्म को एग तक पहुंचने से रोकता है। हालांकि, जो महिलाएं एक बार मां बन चुकी हैं, उनमें इसके प्रभावशीलता काफी कम रहती है।
कॉन्ट्रासेप्टिव इंजेक्शन (Contraceptive injection) : कॉन्ट्रास्पेटिव इंजेक्शन को ‘द शॉट’ भी कहा जाता है, जिसमें प्रोजेस्टिन हॉर्मोन होता है। इस इंजेक्शन को डॉक्टर की मदद से हर 3 महीने में लगवाया जा सकता है। यह इंजेक्शन महिलाओं में एग बनने की प्रक्रिया को रोक देता है। हालांकि, इससे यौन संचारित रोगों से बचाव नहीं होता है।
आईयूडी (IUD) :आईयूडी का मतलब इंट्रायूटेराइन डिवाइस होता है। यह एक टी-शेप डिवाइस होता है, जो कि महिलाओं के गर्भ में इंस्टॉल किया जाता है। कॉपर टी भी इसी का एक प्रकार है। इसका दूसरा प्रकार हॉर्मोनल आईयूडी है, जिसमें प्रोजेस्टिन हॉर्मोन होता है। यह स्पर्म को एग तक पहुंचने और फर्टिलाइज करने से रोकता है।
कॉन्ट्रासेप्टिव पिल ((Contraceptive Pills) : बर्थ कंट्रोल के लिए कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का भी काफी उपयोग किया जाता है। इसमें एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन नामक दो हॉर्मोन होते हैं। यह हॉर्मोन एग को बनने और ओव्युलेशन की प्रक्रिया को रोक देते हैं।
इन ऑप्शंस के अलावा, कॉन्ट्रासेप्टिव पैच, वजायनल रिंग, एमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स, द इंप्लांट, सर्वाइकल कैप व डायफ्राम भी अन्य विकल्प के रूप में मौजूद होते हैं।
हम आशा करते हैं कि आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में महिलाओं में गर्भनिरोध के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली कॉपर टी से जुड़ी हर जानकारी दी गई है। यदि आप इससे जुड़ी अन्य कोई जानकारी पाना चाहते हैं, तो अपना सवाल हमसें कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं। आपको हमारा यह लेख कैसा लगा, यह भी आप हमें कमेंट कर बता सकते हैं।