परिचय
मेल पैटर्न बाल्डनेस क्या है?
मेल पैटर्न बाल्डनेस को पुरुषों का गंजापन भी कहते हैं। इसे एंड्रोजेनिक एलोपेसिया भी कहा जाता है। मेल पैटर्न बाल्डनेस पुरुषों में बालों के झड़ने की समस्या है।
कितना सामान्य है मेल पैटर्न बाल्डनेस होना?
मेल पैटर्न बाल्डनेस पुरुषों में होने वाली एक सामान्य समस्या है। ये महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ज्यादा पाया जाता है। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
यह भी पढ़ें : Hair Transplant : हेयर ट्रांसप्लांट कैसे होता है?
लक्षण
मेल पैटर्न बाल्डनेस के क्या लक्षण हैं?
मेल पैटर्न बाल्डनेस सबसे पहले हेयर लाइन यानी कि माथे पर जहां से बाल शुरू होते हैं, वहीं से झड़ने शुरू होते हैं। हेयरलाइन धीरे-धीरे M आकार में बदलती जाती है। साथ ही साथ आपके बाल पतले, छोटे और कमजोर होने लगते हैं। आगे चल कर बाल झड़ते-झड़ते U आकार यानी कि घोड़े के नाल के आकार के हो जाते हैं। इसके अलावा मेल पैटर्न बाल्डनेस के ज्यादा लक्षणों की जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।
यह भी पढ़ें : गर्भवती महिलाएं प्रेग्नेंसी में हेयरफॉल के कारणों और घरेलू उपाय को जान लें
मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
अगर आप में ऊपर बताए गए लक्षण सामने आ रहे हैं तो डॉक्टर को दिखाएं। साथ ही मेल पैटर्न बाल्डनेस से संबंधित किसी भी तरह के सवाल या दुविधा को डॉक्टर से जरूर पूछ लें। क्योंकि हर किसी का शरीर मेल पैटर्न बाल्डनेस के लिए अलग-अलग रिएक्ट करता है।
कारण
मेल पैटर्न बाल्डनेस होने के कारण क्या हैं?
मेल पैटर्न बाल्डनेस आनुवंशिक समस्या है। रिसर्च में पाया गया है कि पुरुषों के सेक्स हॉर्मोन जिसे एंड्रोजेंस कहते हैं, वे मेल पैटर्न बाल्डनेस के लिए जिम्मेदार होते हैं। एंड्रोजेंस बालों की वृद्धि को नियंत्रित करने का काम करते हैं। सिर के हर बाल की अपनी एक ग्रोथ साइकिल होती है। मेल पैटर्न बाल्डनेस में बाल की वृद्धि ही पतले और कमजोर बालों से होती है। साथ ही हेयर फॉलिकल भी सिकुड़ जाते हैं। बालों की ग्रोथ धीमी होती है। वहीं, ग्रोथ साइकिल में हर बाल के बाद बालों की वृद्धि कम या न के बराबर होती है।
पुरुषों में गंजापन आनुवंशिक होता है। लेकिन, कुछ में साइड इफेक्ट्स के कारण भी बाल झड़ते हैं। जैसे- कैंसर, दवाएं, थायरॉयड कंडीशन और एनाबॉलिक स्टेरॉइड। अगर आपने कोई दवा लेनी शुरू की और उसके बाद से ही आपको हेयर फॉल शुरू हो गए तो आप डॉक्टर को तुरंत बताएं।
बालों के झड़ने के साथ ही आपको अन्य समस्या हो सकती है, जैसे- रैशेज, लालपन, दर्द, स्कैल्प का छिल जाना, बालों का टूटना, कहीं-कहीं से हेयर लॉस होना या एक पैटर्न में हेयर लॉस होना।
यह भी पढ़ें : इन हेयर केयर ऑयल के फायदे जानकर हैरान रह जाएंगे आप
जोखिम
कैसी स्थितियां मेल पैटर्न बाल्डनेस के जोखिम को बढ़ा सकती हैं?
मेल पैटर्न बाल्डनेस टीनएज में शुरू हो सकती है। लेकिन, अक्सर ये उम्र ढलने के साथ शुरू होती है। आनुवंशिक कारण बालों के झड़ने में मुख्य भूमिका निभाते हैं। जिस आदमी के परिवार या रिश्तेदार में से किसी को मेल पैटर्न बाल्डनेस है तो उसमें गंजेपन की रिस्क सबसे ज्यादा देखने को मिलता है। अक्सर ये मां के रिश्ते की तरफ से जीन्स में आने के जोखिम ज्यादा होते हैं।
यह भी पढ़ें : किन बीमारियों के कारण झड़ते हैं पुरुषों के बाल
उपचार
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
मेल पैटर्न बाल्डनेस का निदान कैसे किया जाता है?
मेल पैटर्न बाल्डनेस का पता बालों के झड़ने के पैटर्न के आधार पर लगाया जा सकता है। इसके साथ ही अगर बाल अन्य कारणों से झड़ रहे हैं तो उसका भी पता लगाया जाता है। ऐसा हो सकता है कि एक ही जगह से आपके बाल तेजी से झड़ रहे हो या फिर जहां से बाल गिर रहे हैं वहां पर लालपन, रैशेज या दर्द भी हो। ऐसे में डॉक्टर आपके सिर के त्वचा की बायोप्सी या ब्लड टेस्ट करते हैं। कभी-कभी पोषक तत्वों की कमी के कारण भी बाल झड़ते हैं। लेकिन, हेयर लॉस के सटीक कारणों का पता डॉक्टर टेस्ट आदि से ही लगा सकते हैं।
यह भी पढ़ें : डिलिवरी के बाद क्यों झड़ते हैं बाल?
मेल पैटर्न बाल्डनेस का इलाज कैसे होता है?
मेल पैटर्न बाल्डनेस का इलाज तब जरूरी नहीं होता है जब पहले से आपके किसी शारीरिक समस्या का इलाज चल रहा हो। वहीं, जब पुरुष को खुद का लुक अच्छा नहीं लगता है तो भी वह बालों के झड़ने का इलाज कराते हैं।
हेयस्टाइल
अगर पुरुष के बाल बहुत कम मात्रा में झड़े हैं तो वह बालों को स्टाइल दे कर गंजेपन को छिपा सकते हैं। इसके लिए आपको हेयर स्टाइलिस्ट की मदद लेनी पड़ेगी। वह आपके बालों को स्टाइल कर के आपके लुक को अच्छा कर देते हैं।
यह भी पढ़ें : गंजेपन और हेयर फॉल के लिए बेस्ट हैं ये घरेलू उपचार, जरूर करें ट्राई
विग्स या हेयरपीस
विग्स नकली बालों का एक कवर होता है। जिसे सिर पर लगाया जाता है। विग्स की कई तरह की वैरायटी बाजार में मौजूद हैं। वहीं, बालों के रंग और स्टाइल भी आप अपने हिसाब से चुन सकते हैं। इसके बाद अगर आप चाहें तो प्रोफेशनल विग लगाने वाले से विग को सेट करा सकते हैं।
बालों की बुनाई
बालों की बुनाई एक बेहतर विकल्प है। जिसमें आपके बालों में विग को ऐसा बुना जाता है कि वह देखने में प्राकृतिक लगता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप बुने हुए बालों के साथ नहा सकते हैं, स्वीमिंग कर सकते हैं या फिर पहन के सो भी सकते हैं। लेकिन इसके साथ समस्या ये है कि जब आपके बाल बढ़ेंगे तो फिर से बालों को बुनाना होगा। इसके अलावा बालों को बुनते समय आपके प्राकृतिक बाल टूट भी सकते हैं।
मिनोग्जिडी एक ऐसी दवा है जिसे स्कैल्प पर लगाना होता है। मिनोग्जिडी को लगाने से पुरुषों में हेयर लॉस कम होता है और साथ ही हेयर फॉलिकल नए बालों को ग्रो करते हैं। मिनोग्जिडी लगाने के चार महीने से एक साल के अंदर ही रिजल्ट सामने आने लगते हैं। दवा का प्रयोग करने से आपके बालों का झड़ना कम या बंद हो जाएगा।
वहीं, मिनोग्जिडी के कुछ साइड इफेक्ट्स भी हैं, जैसे- रूखापन, जलन या स्कैल्प में पपड़ी पड़ जाना। इसके अलावा अगर आप में निम्न लक्षण सामने आ रहे हैं तो डॉक्टर को तुरंत दिखाएं :
- वजन का बढ़ना
- चेहरे, हाथ और पैर में सूजन होना
- सांस लेने में समस्या होना
- दिल की धड़कनों का तेज होना
- सीने में दर्द
- सांस संबंधी समस्याएं होना
यह भी पढ़ें : बाल हैं चार तो क्या करें यार? गंजेपन से ऐसे निपटें
फिनास्टेराइड [Finasteride
फिनास्टेराइड एक ओरल दवा है, जिसका सेवन मुंह के द्वारा किया जाता है। ये हेयर फॉल के लिए जिम्मेदार हॉर्मोन को ब्लॉक करने का काम करती है। मिनोग्जिडी की तुलना में फिनास्टेराइड ज्यादा असरदार और सफल है। जब आप फिनास्टेराइड का सेवन बंद कर देते हैं तो हेयर फॉल फिर से शुरू हो जाता है।
बेहतर रिजल्ट के लिए फिनास्टेराइड को लगभग तीन महीने से एक साल तक लेना चाहिए। अगर एक साल के बाद भी बालों में ग्रोथ नहीं हो रही है तो डॉक्टर फिनास्टेराइड लेने के लिए मना कर देते हैं। फिनास्टेराइड के कुछ साइड इफेक्ट निम्न हैं :
- डिप्रेशन
- खुजली
- रैशेज
- खरास (Hives)
- स्तनों सा उभार आना
- चेहरा और होंठ में सूजन
- चुभन के साथ दर्द होना
- वृषणों में दर्द होना
- इरेक्शन में परेशानी आना
ये सभी साइड इफेक्ट्स बहुत रेयर हैं। अगर आपको सीने में या ब्रेस्ट में दर्द हो रहा है तो आप डॉक्टर से तुरंत मिलें। फिनास्टेराइड प्रोस्टेट कैंसर के लिए किए जाने वाले प्रोस्टेट-स्पेसिफिक एंटीजन टेस्ट (PSA) के रिजल्ट को प्रभावित करता है।
हेयर ट्रांसप्लांट (Hair transplants)
हेयर ट्रांसप्लांट प्रभावी और महंगा इलाज है। जिसकी सर्जरी के लिए दो तरह की प्रक्रिया को अपनाया जाता है :
- फॉलिक्यूलर यूनिट स्ट्रीप सर्जरी (FUSS)
- फॉलिक्यूलर यूनिट एक्सट्रैक्शन (FUE)
फॉलिक्यूलर यूनिट स्ट्रीप सर्जरी [Follicular unit strip surgery (FUSS)]
फॉलिक्यूलर यूनिट स्ट्रीप सर्जरी में सिर के त्वचा की स्ट्रीप हटाई जाती है। इसके बाद उस स्थान को बालों से ढका जाता है। सबसे पहले आपके सिर को सुन्न किया जाता है। इसके बाद सर्झन आपके स्कैल्प की स्ट्रीप निकाल कर छोटे-छोटे छेद (Graft) बनाते हैं। इसके बाद उसमें एक या कुछ बालों को डाला जाता है। इससे गंजे हुए भाग पर बालों का प्रत्यारोपण किया जाता है। जिसमें रिसिपिएंट साइट कहते हैं।
इस हेयर ट्रांसप्लांट की कीमत आपके ग्राफ्टिंग के आधार पर तय होती है। ये उनके लिए फायदेमंद होता है जिन्हें कम जगह पर ही ग्राफ्टिंग करानी होती है। वहीं, फॉलिक्यूलर यूनिट स्ट्रीप सर्जरी का एक नुकसान ये है कि जहां पर बालों का प्रत्यारोपण किया जाता है वहां पर चोट या पपड़ी हो जाते हैं। कुछ लोगों के सिर में सूजन जैसी समस्या भी सामने आती है।
फॉलिक्यूलर यूनिट एक्सट्रैक्शन [Follicular unit extraction (FUE)]
फॉलिक्यूलर यूनिट एक्सट्रैक्शन सर्जरी करने से पहले आपके सिर को सुन्न किया जाता है। इसमें सिर में सभी जगह पर छेद कर के बालों को रोपा जाता है। जिसके बाद बालों के जड़ों पर बहुत छोटे डॉट्स पता चलते हैं। बाकी पूरा सिर बालों से ढक दिया जाता है। ये FUSS की तुलना में जल्दी रिकवर होता है। साथ ही रिस्क और घाव होने के मौके भी बहुत कम होते हैं। वहीं, FUE विधि FUSS की तुलना में ज्यादा महंगी होती है।
हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी को सुरक्षित माना जाता है। लेकिन, हर सर्जरी की तरह इस सर्जरी में भी थोड़े रिस्क है :
- संक्रमण
- ब्लीडिंग होना
- हेयर फॉलिकल में जलन होना
- स्कैल्प में पपड़ी पड़ जाना
- अप्राकृतिक पैच जैसे नए बालों का निकलना
- स्कैल्प में उभार हो जाना
कभी-कभी वास्तविक बाल झड़ जाते है, लेकिन फिर बाद में आ भी जाते हैं। इस तरह के हेयर फॉल को शॉक लॉस कहते हैं। कई बार सर्जरी सफल नहीं होती है ऐसे में हेयर ट्रांसप्लांट दोबारा करना पड़ सकता है।
काउंसलिंग (Counseling)
गंजे होने से लोगों का मनोबल घटता है और वह अपने लुक्स को लेकर काफी तनाव में रहते हैं। ऐसे में वे खुद के झड़ते हुए बालों को स्वीकार नहीं कर पाते हैं। जिससे वह तनाव में रहने लगते हैं। ऐसे में मेल पैटर्न बाल्डनेस द्वारा पीड़ित व्यक्ति को मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग की जरूरत होती है।
घरेलू उपाय
जीवनशैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो मुझे मेल पैटर्न बाल्डनेस को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?
मेल पैटर्न बाल्डनेस होने का सटीक कारण न पता होने से आप कोई घरेलू इलाज को नहीं अपना सकते हैं। लेकिन, फिर भी अपने तनाव को कम कर के और रिलैक्सिंग एक्टिविटी में हिस्सा लेकर आप बालों का झड़ना कम कर सकते हैं। जैसे – टहलना, म्यूजिक सुनना, अकेले या परिवार के साथ समय बिताना आदि।
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
और पढ़ें :
हेयर ग्रोथ फूड्स अपनाकर पाएं काले घने लंबे बाल
हेयर स्पा ट्रीटमेंट से बाल होंगे हेल्दी, स्पा लेने के बाद रखें इन बातों का ध्यान
डैंड्रफ के लिए हेयर स्पा है फायदेमंद, घर पर ही करें ऐसे स्पा