शरीर में कुछ बदलाव के कारण या फिर अचानक से वजन बढ़ जाने के कारण स्ट्रेच मार्क्स दिखने लगते हैं। स्किन में धारीदार दिखने वाली ये लाइंस देखने में बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगती हैं। शरीर में एक बार स्ट्रेच मार्क्स (Stretch Marks) दिखें तो उसे जड़ से खत्म करना मुश्किल काम होता है। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें इन निशानों से कोई फर्क नहीं पड़ता है। स्किन स्ट्रेच देखने में शरीर में आंसूधारा जैसे लगते हैं। आपको बताना चाहेंगे कि ये मार्क्स खतरनाक नहीं होते हैं। ये आदमी और औरत में समान रूप से पाएं जाते हैं। खासतौर पर प्रेग्नेंसी के समय या एज बढ़ने के साथ ये दिखने लगते हैं। रेड और वाइट स्ट्रेच मार्क्स के बीच अंतर समझना जरूरी है। आपको इस तरह की समस्या है तो अपने डर्मेटोलॉजिस्ट से जरूर संपर्क करें।
जानिए रेड और व्हाइट स्ट्रेच मार्क्स में अंतर (Difference between Red & White Stretch Marks)
रेड और वाइट स्ट्रेच मार्क्स (Red & White Stretch Marks) देखने में एक जैसे ही होते हैं, हालांकि इनके धारियों के रंग में अंतर होता है।
रेड स्ट्रेच मार्क (Red Stretch Marks) क्या है?
रेड स्ट्रेच मार्क यानी लाल रंग के खिंचाव के निशान वे होते हैं जो आपकी त्वचा पर बस पॉपिंग होते हैं। ये निशान नए-नए शरीर में बन रहे होते हैं। इस तरह के निशान रक्त वाहिकाओं के माध्यम से दिखाई देते हैं, इसलिए इनका रंग लाल दिखाई देता है। साथ ही इनमें खुजली की समस्या भी हो सकती है। ये जल्दी सही भी हो जाते हैं। अगर देखभाल सही तरीके से की जाएं तो मार्क जल्दी सही भी हो जाते हैं। एलोवेरा या शीया बटर के यूज से ये मार्क सही हो जाते हैं। इसके अलावा लेजर ट्रीटमेंट से भी इसका उपचार आसानी से किया जा सकता है।
रेड स्ट्रेच मार्क के उपचार के दौरान सावधानी
हमेशा इस तरह के उपचार और यहां तक कि इसके लिए क्रीम का इस्तेमाल करना भी जोखिम भरा हो सकता है। इसके लिए आप किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करें सकते हैं।
ये मार्क स्किन में सेटल हो चुके होते हैं इसलिए इनका रंग सफेद हो जाता है। इनसे छुटकारा पाना थोड़ा कठिन हो सकता है। लेजर या फिर टमी इन सर्जिकल प्रोसेस से इन मार्क से छुटकारा पाया जा सकता है। हालांकि, किसी भी तरह के सर्जिकल प्रोसेस से ये निशान सिर्फ हल्के होते हैं न कि पूरी तरह से ठीक होते हैं। इन सफेद खिंचाव के निशान के लिए एक अन्य उपचार ‘एक्सिमेर लेजर’ भी है, जो इसके रंग को काफी हद तक कम करने में मदद कर सकता है। आईपीएल और फ्रैक्सेल जैसे अन्य लेजर ट्रीटमेंट उपचार से इसके निशानों को कम करने में मदद की जा सकती है। हालांकि, इनके उपचार की प्रक्रिया और उपचार का प्रभाव हर व्यक्ति पर अलग-अलग हो सकता है। ये सफेद निशान त्वचा पर सबसे ज्यादा रूखे होते हैं, क्योंकि वे त्वचा पर छोटे-छोटे धाराओं में होते हैं। और यही एक सबसे बड़ा कारण है कि इनके लिए कोई पूर्ण इलाज नहीं किया जा सकता है।
शरीर में स्ट्रेच मार्क्स होने के कारण क्या हो सकते हैं? (Cause of Stretch Marks)
शरीर पर इन निशानों के होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हो सकते हैंः
गर्भवती होना (Pregnancy)
ये निशान खासकर प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर पर दिखाई देते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि, गर्भावस्था के दौरान एक महिला में कई तरह के शारीरिक बदलाव होते हैं और हार्मोन्स का उतार-चढ़ाव भी होता है। इस दौरान महिला का वजन भी तेजी से बढ़ सकता है जिससे ये निशान बनने शुरू हो जाते हैं। इसके निशान खासतौर पर गर्भावस्था के तीसरी तिमाही में देखे जा सकते हैं। विशेष रूप से पेट, जांघ और कूल्हे के आस-पास ये तेजी से विकसित होते हैं।
ऐसे लोग जिनका वजन बहुत ज्यादा है या अचानक से उनके शरीर का वजन काफी बढ़ जाता है, उनमें भी स्ट्रेच मार्क्स की समस्या सबसे आम देखी जा सकती है। क्योंकि, वजन बढ़ने के कारण शरीर की मांसपेशियों में खिचाव होता है।
बढ़ती उम्र (Ageing)
बढ़ती उम्र में स्ट्रेच मार्क की समस्या होना सबसे आम हो सकता है। इस दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं और उन्हीं बदलावों में से एक है स्ट्रेच मार्क।
बॉडी बिल्डिंग (Body building) करना
वेट ट्रेनिंग और बॉडी बिल्डिंग के दौरान तेजी से मांसपेशियों की वृद्धि होती है।
स्तनों का विकास (Breast development)
स्तनों के विकास के परिणामस्वरूप इसके आस-पास की त्वचा में भी खिंचाव हो सकता है, जिससे निशान बन सकते हैं।
कॉर्टिकोस्टेरॉइड (Corticosteroids) का उपयोग करना
लंबे समय तय कॉर्टिकोस्टेरॉइड का उपयोग करने के कारण भी शरीर में स्ट्रेच मार्क्स की समस्या हो सकती है। इनके कारण शरीर में सूजन की स्थिति हो सकती है, जिससे वजन बढ़ सकता है और त्वचा में खिंचाव हो सकता है। वहीं, ओवर-द-काउंटर पर मिलने वाले हाइड्रोकार्टिसोन का उपयोग करने से आपकी स्किन पतली हो सकती है, जिससे इसके निशान का खतरा भी बढ़ सकता है।
अगर परिवार में माता या पिता को स्ट्रेच मार्क्स की समस्या है, तो यह उनके बच्चे में भी होना काफी आम हो सकता है। अगर परिवार में पहले से स्ट्रेच मार्क की समस्या है तो डॉक्टर को इसकी जानकारी जरूर दें ।
कुछ स्वास्थ्य स्थितियां होना
कुछ तरह की दवाओं के सेवन से तेजी से वजन बढ़ने की संभावना हो सकती है, इनमें एहलर्स-डानलोस सिंड्रोम और कुशिंग सिंड्रोम भी शामिल हो सकते हैं।
जैसा कि आप जानते ही हैं कि स्ट्रेच मार्क्स की सेहत से कोई गंभीर लेना-देना नहीं होता है। यह एक प्राकृतिक और सामान्य स्थिति है। इसलिए शरीर में दिखने वाले इन मार्क से घबराएं नहीं। ये मार्क भले ही देखने में अच्छे न लगते हो लेकिन ये शरीर को किसी भी तरह की हानि नहीं पहुंचाते हैं। इन मार्क को स्वीकार करना सीखें। ये निशान शरीर के विकास के साथ आते हैं। इन्हें लेकर परेशान न होना ही इनका उपाय है।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकली सलाह या उपचार की सिफारिश नहीं करता है। अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो कृपया इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
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