के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
सनस्क्रीन एक ऐसा कॉस्मेटिक प्रोडक्ट है, जो सूर्य की हानिकारक किरणों से हमारी त्वचा को बचाता है। दरअसल सनस्क्रीन में मौजूद मिनिरल ऑयल, ग्लिसरीन, , टाइटेनियम ऑक्साइड जैसे तत्व मौजूद होते हैं, जोकि आपकी त्वचा को टैनिंग और सन बर्न से बचाते हैं। इसलिए घर से बहार जाने से पहले सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूरी है, लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि इसका बुरा प्रभाव भी हो सकता है।
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सनस्क्रीन से होने वाले शारीरिक नुकसान निम्नलिखित हैं:
सनस्क्रीन में कई ऐसे केमिकल्स भी उपलब्ध होते हैं, जो त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। जिससे त्वचा पर जलन, सूजन, रैश्ज, दाने, खुजली या एलर्जी (Allergies) जैसी समस्या हो सकती है। कभी-कभी दाने, सूजन या रैश्ज जल्दी ठीक न होने की स्थिति में एलर्जी की समस्या शुरू हो जाती है। सनस्क्रीन में पारा-एमिनोबेंजोइक एसिड (PABA) का इस्तेमाल किया जाता है। इसी पीएबीए का इस्तेमाल एनेस्थीसिया में भी किया जाता है। सनस्क्रीन में मौजूद पीएबीए और अन्य केमिकल एलर्जी का कारण बनते हैं।
सनस्क्रीन की वजह से मुंहासे की परेशानी भी बढ़ सकती है। सनस्क्रीन के इस दुष्प्रभाव से छुटकारा पाने के लिए आपको नॉन-कॉमेडोजेनिक और नॉन-ऑयली सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना चाहिए। इसलिए ऐसे सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें जो आपकी त्वचा के लिए लाभदायक हो और उससे स्किन को नुकसान न पहुंचे।
आंखों में सनस्क्रीन लगाने पर दर्द और जलन की समस्या हो सकती है। आंखें ज्यादा संवेदनशील होती हैं। कुछ एक्सपर्ट्स का ये भी मानना
है की सनस्क्रीन में मौजूद केमिकल्स अंधापन का कारण बन सकती है। यदि सनस्क्रीन आंखों में जाता है, तो ऐसी परिस्थिति में ठंडे पानी से आंखों में छींटे मारे और श्आंख विशेषज्ञ से जल्द से जल्द मिलें। ध्यान रखें की आंखों की देखभाल सही तरह से करें और उन्हें कॉस्मेटिक प्रोडक्ट से दूर रखें।
सनस्क्रीन में ऐसे केमिकल शामिल होते हैं, जो ब्रेस्ट कैंसर सेल्स पर एस्ट्रोजेनिक प्रभाव डाल सकते हैं। कुछ सनस्क्रीन ब्लड में एस्ट्रोजेन के स्तर पर प्रभाव डाल सकती हैं। बच्चों पर सनस्क्रीन के इस्तेमाल से बचें क्योंकि उनकी त्वचा अत्यधिक संवेदनशील होती है।
ऐसा पुरुषों के साथ ज्यादा हो सकता है। क्योंकि त्वचा और शरीर पर मौजूद बालों के आस-पास के हिस्से पर लाल निशान या सूजन जैसी समस्या शुरू हो जाती है। सनस्क्रीन की वजह से बाल भी सख्त होने लगते हैं।
कुछ लोगों को सनस्क्रीन इस्तेमाल करने से चेहरे लाल हो जाते हैं। ऐसे लोगों ऑयल फ्री सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना चाहिए। डर्मेटोलॉजिस्ट की सलाह लेकर भी सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना त्वचा में सनस्क्रीन से होने वाली परेशानी को कम करने में मदद करता है।
इन ऊपर बताई गई परेशानियों या सनस्क्रीन से त्वचा को नुकसान (Sunscreen Skin Damage) पहुंच सकता है। लेकिन, ऐसा नहीं है की इससे बचा नहीं जा सकता है।
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सनस्क्रीन से त्वचा को नुकसान (Sunscreen Skin Damage) से बचाने के लिए निम्नलिखित टिप्स अपनाने चाहिए। जैसे:-
सनस्क्रीन से त्वचा को नुकसान (Sunscreen Skin Damage) से बचाने के लिए ऊपर दी गई टिप्स के साथ-साथ कुछ अन्य बातों को ध्यान रखना जरूरी है। जैसे:-
कॉस्मेटिक प्रोडक्ट को सही जगह पर रखना भी महत्वपूर्ण है।
सनस्क्रीन खरीदते वक्त मैनुफेक्चर डेट और एक्सपायर होने वाली तारीख जरूर देखें। अच्छे ब्रांड के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित करें की इसमें मौजूद केमिकल्स क्या-क्या हैं। लेकिन, सनस्क्रीन के इस्तेमाल से कोई भी परेशानी होती है, तो सबसे पहले इसका इस्तेमाल बंद करें और डॉक्टर से मिलें। परेशानी को टाले नहीं बल्कि वक्त रहते इसका इलाज करवाएं।
अगर आप बाहर निकल रहें हैं या रहीं हैं तो अपने त्वचा के अनुसार सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने के साथ-साथ हल्के रंग के कपड़े पहनें जो शरीर को पूरी तरह से ढ़कने वाले हों। इसके साथ ही टोपी, छाते और चश्मे का इस्तेमाल जरूर करें। बॉडी को डिहाइड्रेट होने से बचाएं। इसलिए पानी या नारियल पानी का सेवन करें। क लेकिन, तेज धूप स्किन के लिए नुकसानदायक होती है। इसलिए त्वचा संबंधी परेशानियों से बचने के लिए सही सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें।
अगर आप सनस्क्रीन से त्वचा को नुकसान (Sunscreen Skin Damage) को देख चुके हैं या आपको भी सनस्क्रीन के इस्तेमाल से परेशानी होती है, तो इससे जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानने के लिए विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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