हमारे देश में योग का चलन सदियों से है। आज योग दुनिया भर में शांति और कल्याण का प्रतीक बन गया है। योग की उत्पत्ति योगियों ने की थी, जिन्होंने अपने मन, शरीर और सांस का उपयोग करके कुछ ऐसे आसनों की खोज की जिससे हमारा शरीर स्वस्थ रह सके। योगियों ने योग मुद्रा की खोज भी की जिनका हमारे शरीर और दिमाग के लिए असंख्य लाभ हैं। योग मुद्रा मूल रूप से हाथ के इशारे हैं, जो शरीर के भीतर ऊर्जा के प्रवाह को सक्रिय करते हैं। योग में मुद्राएं शारीरिक और भावनात्मक बीमारियों को कम करने के लिए शरीर को चिकित्सा शक्तियां प्रदान करने के लिए जानी जाती हैं। मुद्रा का उपयोग लोगों को अतिरिक्त वजन कम करने और फिट रहने में भी मदद करता है। ऐसी ही एक मुद्रा है अग्नि मुद्रा। अग्नि मुद्रा के बारे में विस्तार से जानिए।
अग्नि मुद्रा (Agni Mudra) क्या है?
योग को पारंपरिक रूप से शरीर और दिमाग को स्वस्थ रखने के तरीके के रूप में किया जाता है। योग द्वारा सिखाई गई सांस लेने की तकनीक एकाग्रता और मन को बेहतर बनाने में मदद करती है। योग में पांच तत्वों को हमारे शरीर के मुख्य फोकस बिंदु मानें जाते हैं, जैसे – जल, पृथ्वी, आकाश, वायु, और अग्नि। इन तत्वों के कारण होने वाले असंतुलन के परिणामस्वरूप बीमारियां और स्वास्थ्य का खराब होना आदि समस्याएं भी हो सकती हैं। आज हम बात करेंगे अग्नि मुद्रा के बारे में। अग्नि मुद्रा को सूर्य मुद्रा के रूप में भी जाना जाता है। यह मुद्रा अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करती है। इस मुद्रा को करना शरीर में अग्नि ऊर्जा को सक्रिय करता है और शरीर के अग्नि संतुलन को बनाएं रखने में मदद करता है। जानिए कैसे करते हैं अग्नि मुद्रा।
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अग्नि मुद्रा (Agni Mudra) को कैसे करें?
अग्नि मुद्रा को करना बेहद सरल है। इसे कैसे करना है? जानिए इन आसान स्टेप्स के माध्यम से:
- अग्नि मुद्रा को करने के लिए सबसे पहले किसी शांत और साफ जगह पर दरी या मैट बिछा लें।
- अब इस मैट पर सुखासन या पद्मासन में बैठ जाएं।
- अपने हाथों को अपने घुटनों पर आराम से रख दें और ध्यान की स्थिति में बैठें।
- इसके करने के लिए अपने दोनों हाथों के अंगूठों को मध्यमा उंगली के साथ मिला लें। इस मुद्रा में आप उंगली और अंगूठें के पोरों को मिला कर रख सकते हैं।
- दूसरे तरीके से इसे करने पर आपको अपनी अनमिका को नीचे और अंगूठे और ऊपर रखना होगा।
- हाथ की बाकी उंगलियां बिलकुल सीधी होनी चाहिए।
- इसके साथ ही ध्यान रखें इस दौरान अपनी हथेलियों को नीचे की तरफ रखें।
- इस मुद्रा को करते हुए सामान्य रूप से सांस लेते हैं।
- अपनी सांसों की गति या अपनी मुद्रा पर ध्यान लगाएं।
- आप जितनी देर चाहें इस मुद्रा की स्थिति में रह सकते हैं।
- लेकिन कम से कम पंद्रह मिनटों तक इसी स्थिति में रहने से आपको सेहत संबंधी अच्छा फायदा मिलेगा।
- अच्छे परिणामों के लिए रोजाना इस मुद्रा को दोहराएं।
अग्नि मुद्रा (Agni Mudra) के फायदे क्या हैं?
अग्नि मुद्रा के फायदे इस प्रकार हैं:
मोटापा कम करने में लाभदायक
इस मुद्रा को करने से शरीर में अग्नि तत्व सक्रिय होते हैं। वजन घटाने की प्रक्रिया में कई लोग खराब पाचन के कारण शरीर की फैट को कम करने में कई मुश्किलों का सामना करते हैं। अग्नि मुद्रा में मौजूद अग्नि तत्वों को शरीर में चयापचय को बढ़ाकर पाचन में सुधार करने के लिए जाना जाता है। नियमित अभ्यास से वसा कम करने में मदद मिलती है। यानी मोटापा दूर करने में यह मुद्रा लाभदायक है। अगर आपका वजन अधिक है, तो उसे कम करने के लिए आपको इस मुद्रा का नियमित अभ्यास करना चाहिए।
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आंखों की रोशनी बढ़ाएं
इस मुद्रा को सूर्य मुद्रा भी कहा जाता है, इसे करने से हमारे शरीर में अग्नि तत्व की मात्रा बढ़ती है। इसलिए इसका एक नाम अग्निवर्धक मुद्रा भी है। इसके साथ ही यह मुद्रा हमारे शरीर में पृथ्वी मुद्रा को कम करने में भी मदद करती है। अग्नि तत्व को आंखों की रोशनी से भी जोड़ कर देखा जाता है। ऐसे में रोजाना इस मुद्रा का अभ्यास करने से आंखें कमजोर नहीं होती और आंखों की रोशनी बढ़ती है।
मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में फायदेमंद
अग्नि मुद्रा को करने से अग्नि तत्व बढ़ता है और पृथ्वी तत्व कम होता है। जिससे शरीर के मेटाबॉलिज्म को ठीक बनाए रखने में मदद मिलती है। यह मुद्रा रक्त वाहिकाओं में जमा अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को हटाने के लिए काम करती है। यही नहीं इससे हार्ट अटैक का जोखिम कम होता है और परोक्ष रूप से यह मुद्रा मधुमेह को ठीक करने में भी मदद करती है।
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सर्दी-जुकाम में राहत
अग्नि मुद्रा को नियमित रूप से करने से अग्नि तत्व बढ़ता है जिससे सर्दी-जुकाम में होने वाली समस्याओं में राहत मिलती है। इसके नियमित अभ्यास से सिर दर्द और माईग्रेन भी ठीक हो जाता है। गले की खराश को दूर करने में भी यह मुद्रा प्रभावी है।
पाचन क्रिया को रखें ठीक
अग्नि मुद्रा पाचन क्रिया को ठीक बनाए रखने में भी सहायक है। इसे करने से पेट की कई समस्याएं जैसे भूख नहीं लगना या कब्ज आदि दूर होती हैं।
सांस संबंधी परेशानी होती है दूर
अगर आपको सांस से जुड़ी समस्या रहती है, तो योग मुद्रा बेहद लाभकारी होती है। यही नहीं सांस से संबंधी इंफेक्शन को भी दूर किया जा सकता है।
ब्लड प्रेशर रहता है नियंत्रित
खाने-पीने में लापरवाही हुई नहीं की अन्य शारीरिक परेशानियों के दस्तक देने के साथ-साथ ब्लड प्रेशर की समस्या भी शुरू हो सकती है। इसलिए नियमित अग्नि मुद्रा करने से ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखा जा सकता है।
अग्नि मुद्रा के अन्य लाभ
- अग्नि मुद्रा को करने से रूखी त्वचा की समस्या दूर होती है।
- जोड़ों के दर्द को दूर करने में भी अग्नि मुद्रा असरदार तरीके से काम करती है।
- इस मुद्रा को करने से शरीर, हाथों और पैरों की ठंडक भी दूर होती है। यह शरीर के कम तापमान को ठीक बनाएं रखनें में मदद करती है।
- अग्नि मुद्रा निमोनिया जैसी बीमारी को दूर करने में भी फायदेमंद है।
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इन बातों का रखें ध्यान
यह तो अग्नि मुद्रा को करने के लाभ। लेकिन, अग्नि मुद्रा को करने से पहले या करते हुए आपको कुछ चीजों का खास ध्यान रखना चाहिए। आइए जानें, कौन-कौन सी हैं वो सावधानियां जिन्हें आप अवश्य बरते इस मुद्रा को करते हुए।
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अग्नि मुद्रा को खाली पेट ही करें
अग्नि मुद्रा को हमेशा खाली पेट ही करनी चाहिए। इसलिए इसे सुबह के समय करना अधिक प्रभावीकारि होता है। हालांकि, आप इसे शाम को भी कर सकते हैं लेकिन ध्यान रहे इसे करने से पहले दो घंटों तक कुछ न खाएं। खाली पेट इस मुद्रा को करना ही आपके लिए अधिक लाभदायक होगा।
ध्यान न भटकने दें
इस मुद्रा को करते हुए आपका ध्यान इधर-उधर नहीं भटकना चाहिए। यह मुद्रा आपकी एकाग्रता को बढ़ाने में भी लाभदायक सिद्ध हो सकती है। इसे करते हुए पूरा ध्यान अपनी मुद्रा या सांसों के आने-जाने पर ही रखें।
रोजाना करें
अगर आप अग्नि मुद्रा से होने वाले अधिक से अधिक लाभों को पाना चाहते हैं तो आप इस मुद्रा को रोजाना करें। आप शुरुआत में इसे पांच मिनट से शुरू कर सकते हैं। उसके बाद इस करने की अवधि को बढ़ाएं। अभ्यास होने पर आप 15 से 45 मिनट तक इस मुद्रा को कर सकते हैं।
गर्मियों में रखें ख्याल
अग्नि मुद्रा को करते हुए शरीर गर्म हो जाता है। ऐसे में गर्मियों में इस मुद्रा को खुली जगह पर करने की सलाह दी जाती है। इस मुद्रा को करने से पहले एक गिलास पानी पी लें क्योंकि इसे अगर आप अधिक समय तक करते हैं, तो आपको डिहाइड्रेशन हो सकता है।
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किन परिस्थितियों में अग्नि मुद्रा (Agni Mudra) न करें?
ऐसा माना जाता है कि योग करना सबके लिए लाभदायक है। लेकिन कुछ खास परिस्थितियों में योग के कुछ आसन और मुद्राएं आपके लिए हानिकारक हो सकती हैं। जानिए कौन सी हैं वो परिस्थितियां:
- यह मुद्रा शरीर को गर्म करती है ऐसे में अगर किसी को बुखार है तो उसे यह मुद्रा करने की सलाह नहीं दी जाती।
- जो लोग कमजोर हैं या जिनका वजन कम है उन्हें अग्नि मुद्रा को कम समय के लिए करना चाहिए। क्योंकि यह मुद्रा वजन को कम करती है।
- गर्भावस्था में आप कुछ समय तक इस मुद्रा को कर सकते हैं लेकिन इसे करने से पहले योग विशेषज्ञ और डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
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योग हर किसी के लिए शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से लाभदायक है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि योग के सभी आसनों के अपने-अपने लाभ हैं। लेकिन योग के किसी भी आसन या मुद्रा को अपनी मर्जी से नहीं करनी चाहिए। अगर आप योग करना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें। फिर किसी योग विशेषज्ञ से सीखें और उनके मार्गदर्शन में ही इसे करें। योग को अपनी मर्जी से करना आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
ऊपर दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। इसलिए किसी भी योग को करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें। अगर आप अग्नि मुद्रा से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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