साइकिल चलाना सेहत के लिए फायदेमंद होता है। ये बात आपने अक्सर फिट रहने के लिए सुना होगा। कई बार ऐसा होता है कि हम मौसम या अन्य किन्हीं कारणों से बाहर साइकिलिंग नहीं कर पाते हैं। ऐसे में किया क्या जाए? ऐसे में इनडोर साइकिलिंग एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। ऐसे में घर पर ही साइकिलिंग से वेट कम करें और फिट रहें। इस आर्टिकल में कैसे इनडोर साइकिलिंग से वेट कम करें ये जानेंगे और इनडोर साइकिलिंग के टिप्स के बारे में भी हम आपको बताएंगे।
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इनडोर साइकिलिंग क्या है?
इनडोर साइकिलिंग एक फिटनेस एक्टिविटी है। जिस तरह से बाहर साइकिलिंग करने के लिए साइकिल होती है, उसी तरह से इनडोर साइकिलिंग के लिए भी साइकिल आती है। इनडोर साइकिलिंग के लिए आप चाहें को साइकिल को घर में ले आ कर साइकिलिंग से वेट कम कर सकते हैं। इनडोर साइकिल भारी पहियों के साथ चेन से चलाई जाती है। इसके साथ ही आगे और पीछे की तरफ स्टैंड लगा रहता है।
इनडोर साइकिल के पैडल पर खड़े हो कर आप साइकिलिंग कर सकते हैं। साइकिलिंग करना एक कार्डियोवैस्कुलर वर्कआउट है, जिससे हिप, घुटने, टखने और पैरों के साथ स्टमक मसल्स की भी एक्सरसाइज होती है। अगर आप 45 मिनट की साइकिलिंग करते हैं तो 400 से 600 कैलोरी ऊर्जा बर्न करते हैं। इनडोर साइकिलिंग से वेट कम होने के साथ ही पैर, ग्लूट्स और कोर मसल्स भी टोन होती हैं।
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इनडोर साइकिलिंग करने में कौन सी मसल्स का इस्तेमाल होता है?
इनडोर साइकिलिंग से वजन कम करने से पहले आपको जानना जरूरी है कि इस वर्कआउट में आप कौन से मसल्स का इस्तेमाल करते हैं :
- कोर : साइकिलिंग से आप खुद को सही से बैलेंस करना सीखते हैं।
- अपर बॉडी : अपर बॉडी टोन होती है।
- पीठ : स्पाइन और बैक मसल्स में स्ट्रेंथ और टोनिंग होती है।
- ग्लूट्स : जब हम खड़े होकर साइकिलिंग करते हैं तो हमारे ग्लूट्स टोन होते हैं।
- पैर : सबसे ज्यादा मेहनत हमारे पैर करते हैं, इसलिए पैर के आगे और पीछे दोनों तरफ की मसल्स टोन होती है। इसके अलावा जांघ यानी कि थाई की मसल्स भी टोन होती है।
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इनडोर साइकिलिंग के फायदे क्या हैं?
इनडोर साइकिलिंग से वेट कम होने के साथ ही इसके कई अन्य फायदे भी हैं :
कार्डियोवैस्कुलर के लिए है फायदेमंद
इनडोर साइकिलिंग से हमारीकार्डियोवैस्कुलर हेल्थ अच्छी होती है। साइकिलिंग ठीक वैसा ही है, जैसा रनिंग, स्विमिंग से कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ ठीक रहती है। साइकिलिंग बिना जोड़ों पर ज्यादा तनाव डालते हुए कार्डियो एक्सरसाइज करने के लिए बहुत सही माना जाता है। 2017 में हुए एक रिसर्च में कुछ स्कूल के बच्चों को शामिल किया गया। उन बच्चों को 16 हफ्तों तक साइकिलिंग कराई गई। जिसमें ये बात सामने आई कि जो बच्चे साइकिलिंग नहीं करते थे, उनकी तुलना में साइकिलिंग करने वाले बच्चे ज्यादा फिट पाए गए।
शरीर को मजबूती देता है अगर हर हफ्ते में 150 मिनट तक साइकिलिंग करते हैं तो आपके शरीर की स्ट्रेंथ बढ़ती है। ऐसे में अगर आप कई हफ्तों तक साइकिलिंग करते हैं तो आप खुद को मेंटेन रखते हुए अपने अंदर स्ट्रेंथ पैदा कर सकते हैं।
साइकिलिंग से वेट कम करने के साथ-साथ होने वाले अन्य शारीरिक लाभ क्या हैं?
नियमित साइकिल चलाने से होने वाले फायदे निम्नलिखित है। जैसे:
डायबिटीज का खतरा होता है कम
साइकिलिंग से वेट कम के फायदे तो होते हैं, लेकिन साइकिल चलाने से डायबिटीज का भी खतरा कम होता है। रिसर्च के अनुसार इन दिनों टाइप 2 डायबिटीज की समस्या ज्यादा देखी जा रही है, जो व्यक्ति के लिए किसी चिंता से कम नहीं है। लेकिन नियमित साइकिल चलाने से डायबिटीज के खतरे को कम किया जा सकता है। क्योंकि साइकिलिंग से शरीर की मांसपेशियां मजबूत होने के साथ-साथ ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है।
दूर होती है मेंटल हेल्थ से जुड़ी परेशानी
फिटनेस एक्सपर्ट्स के अनुसार साइकिल चलाने से मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है और मेंटल हेल्थ से जुड़ी परेशानी जैसे डिप्रेशन, डिस्थीमिया (क्रोनिक डिप्रेशन), तनाव, चिंता या एंग्जाइटी की समस्या होने का खतरा न के बराबर होता है।
हड्डियों के लिए है लाभकारी
साइकिलिंग से वेट कम किया जा सकता है और हड्डियों को मजबूत बनाया जा सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार इससे मसल्स स्ट्रॉन्ग होती है और ऑस्टियोपोरोसिस जैसे बीमारियों से बचा जा सकता है और अगर कोई व्यक्ति ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित हैं, तो उनकी परेशानी भी नियमित साइकिलिंग से ठीक हो सकती है।
डायजेशन होता है बेहतर
साइक्लिंग आपके शरीर के अंदर की मांसपेशियों को मजबूत बनाने का कार्य करती है, जिससे आपके पाचन तंत्र को लाभ मिलता है। कब्ज जैसी परेशानियों से भी आपको राहत मिलता है और यह सब आपके वजन को संतुलित रखने में आपका साथ निभाता है।
जवां दिखने का राज छुपा है साइकिलिंग में
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार नियमित साइकिल चलाने से शरीर में मौजूद विषाक्त को बाहर निकलना आसान होता है। शरीर से विषाक्त बाहर निकलने पर इसका सकारत्मक प्रभाव त्वचा पर पड़ता है। इससे त्वचा पर रौनक आती है और आप जवां-जवां दिखते हैं।
कैंसर पेशेंट को भी मिलता है साइकिल चलाने का फायदा
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) एवं अन्य रिसर्च सेंटर के अनुसार साइकिल चलाना ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है।
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इनडोर साइकिलिंग से वेट कम करने के टिप्स क्या हैं?
इनडोर साइकिलिंग से वेट कम तभी होगा, जब आप निम्न टिप्स को अपनाते हैं, क्योंकि कई बार ऐसा होता है कि हम गलत तरीको को अपना कर परेशानी में पड़ जाते हैं :
साइकिलिंग से पहले कुछ खा लें
अक्सर कहा जाता है कि एक्सरसाइज करने से पहले कुछ नहीं खाना चाहिए। एक्सरसाइज हमेशा खाली पेट करने से ही वजन कम होता है। लेकिन जरा सोचिए कि अगर आपके अंदर एक्सरसाइज करने के लिए ऊर्जा ही नहीं है तो आप एक्सरसाइज करेंगे कैसे? इसलिए आप साइकिलिंग के 30 मिनट पहले कुछ हल्का-सा खा लें। आप एक केला और जैम के साथ एक स्लाइस टोस्ट खा सकते हैं। इसके अलावा आप चाहें तो एक मुट्ठी स्प्राउट्स भी खा सकते हैं। सुबह, दोपहर या शाम को जब भी आपको साइकिलिंग करनी हो तो आप जरूर कुछ ना खुछ खा लें।
साइकिलिंग से वेट कम करने में वर्कआउट के लिए फ्यूल का काम करेगा। इसके अलावा साइकिलिंग करने से पहले आप पानी पीना ना भूलें। क्योंकि पानी पीने से आपकी बॉडी हाइड्रेट रहती है और पसीना होने पर भी आप डिहाइड्रेट नहीं होते हैं।
साइकिलिंग के दौरान गति और मेहनत पर दे ध्यान
साइकिलिंग से वेट कम करना है तो आपको अपनी मेहनत और साइकिलिंग की गति पर ध्यान देना होगा। आप इस ट्रिक को समझ जाएंगे तो साइकिलिंग से वजन कम करने में आसानी होगी। इनडोर साइकिलिंग में एक रेजिस्टेंट बैंड होता है, जो आपके पैरों के द्वारा ज्यादा बल लगाने के लिए प्रेरित करते हैं। वहीं गति को बढ़ाने से मेहनत भी ज्यादा लगेगी और कैलोरी भी बर्न होगी।
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साइकिलिंग वर्कआउट को बदलते रहें
हमारे शरीर के साथ एक सबसे बड़ी समस्या ये है कि यह किसी भी काम को रोजाना करते रहने से उसकी आदी हो जाती है। जैसे कि अगर आप एक ही वर्कआउट करते रहते हैं, तो शुरुआत में तेजी से वजन कम होता है, लेकिन बाद में फिर से कैलोरी बर्न स्लो हो सकता है। ऐसे में साइकिलिंग से वेट कम करने के लिए आप समय-समय पर अपने साइकिलिंग करने के तरीके को बदलते रहें। जैसे कि साइकिलिंग करने के बीच में कई अन्य तरह की साइकिल राइड्स करें, जिससे वजन कम होने में मदद मिलेगी। जैसे कि इंड्योरेंस राइड, स्ट्रेंथ राइड, रेस राइड (आजकल की आधुनिक इनडोर साइकिल में ये साइकिल की सेटिंग के द्वारा भी की जा सकती हैं)।
साइकिलिंग वर्कआउट का समय बांट लें
आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी में एक्सरसाइज पर एक घंटा देना बहुत मुश्किल सा होता है। ऐसे में आप अपने साइकिलिंग करने के समय को बांट सकते हैं। जैसे कि सुबह के समय 25 मिनट साइकिलिंग करें और शाम के समय 25 मिनट का वर्कआउट करें। इन छोटे-छोटे दो सेशन के बीच में आप अपनी ज्यादा कैलोरी बर्न कर सकेंगे।
साइकिलिंग के साथ डायट का भी रखें ध्यान
साइकिलिंग से वेट कम करने के लिए सबसे जरूरी मंत्र है डायट का ध्यान रखना। कई बार लोग साइकिलिंग वर्कआउट करने के साथ एक गलती करते हैं। वो ये कि हम सोचते हैं कि अभी तो वर्कआउट कर लिया है अब हम कुछ भी खा सकते हैं। लेकिन नहीं, 45 मिनट की साइकिलिंग से आप सिर्फ 500 से 600 कैलोरी ही बर्न होता है। अगर आप साइकिलिंग के बाद कुछ खा भी रहे हैं तो लगभग 550 कैलोरी ही ग्रहण करना चाहिए। इसके लिए आप अपनी डायट में कैलोरी की मात्रा को सीमित करें।
तो इस तरह से आप इनडोर साइकिलिंग करके वेट कम कर सकते हैं। इसके साथ ही खुद को फिट भी रख सकते हैं। उम्मीद है कि ये आर्टिकल आपके लिए काफी मददगार साबित होगा। अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर और फिटनेस ट्रेनर से बात कर सकते हैं।
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साइकिलिंग टिप्स क्या है?
साइकिल चलाने के दौरान बिगनर्स या फिर रोजाना साइकिलिंग करने वाले लोगों को भी निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें। जैसे:
सिर को कवर करें- साइकिलिंग के दौरान सिर पर चोट न लगे इसलिए सिर को हेलमेट से कर करें।
हाथों को मूव करते रहें- साइकिल के हैंडिल को पकड़ने के दौरान सिर्फ एक ही जगह न पकड़े रहें। आप जितनी देर साइकिल चलाएं अपने हाथों को मूव करते रहें। ध्यान रखें साइकिलिंग के दौरान हैंडल से हाथ को अलग न करें।
पैडल तेज-तेज न चलाएं- आप अपनी शारीरिक क्षमता को ध्यान में रखते हुए पैडलिंग करें। जरूरत से ज्यादा तेज पैडल मरना आपको थका सकता है और आप साइकिल चलाने में असमर्थ महसूस कर सकते हैं। यह ध्यान रखें की पैरों के मांसपेशियों को हार्म न हो इसलिए पेंडल को सीधा रखें। साइकिलिंग के दौरान पेडल पर पैर के पंजों को आगे झुका कर न रखें। इससे चोट लगने का भी खतरा बना रहता है।
हेड फोन का इस्तेमाल न करें- साइकिलिंग के दौरान हेड फोन का इस्तेमाल न करें। इससे आप किसी दुर्घटना के शिकार हो सकते हैं।
सिर को झुका कर न रखें- साइकिलिंग के दौरान सिर को झुका कर न रखें। हमेशा सामने की ओर देखें।
ट्राफिक रूल फॉलो करें- अगर आप किसी भीड़भाड़ वाली सड़कों पर साइकिलिंग करते हैं, तो ट्राफिक रूल का हमेशा पालन करें। अपने आगे-पीछे एवं दाएं-बाएं भी ध्यान रखें।
साइकिल चेक करें- साइकिलिंग से पहले साइकिल की ठीक तरह जांच करें की साइकिल में हवा है, गेयर ठीक है या नहीं और साइकिल साफ है या नहीं। इन सभी बातों का ध्यान रखें और फिर साइकिलिंग पर निकलें।
कैरी करें- साइकिलिंग पर निकलने के दौरान अपने साथ एक क्लीन टॉवेल रखें, जिससे पसीना पोछने में सहूलियत हो और अपने साथ पानी को बोतल भी कैरी करें। प्यास लगने पर पानी पीते रहें और बॉडी को डिहाइड्रेट न होने दें।
साइकिल पर बैठने या चलाने का तरीका- साइकिलिंग के दौरान यह हमेशा ध्यान रखें की आपकी पीठ और गर्दन फ्लैट हो। आपकी छाती का डायरेक्शन अप हो। क्योंकि सही बॉडी पुजिशन में साइकिल चलाने से रीढ़ की हड्डी, हैमस्ट्रिंग या अन्य मांसपेशियों पर दवाब नहीं पड़ सकता है।
सीट की ऊंचाई- साइकिल की सीट अगर ज्यादा ऊंची होगी, तो आपको पीठ दर्द समेत अन्य परेशानी हो सकती है। इसलिए सीट की उंचाई और कंफर्ट का ध्यान अवश्य रखें।
परफेक्ट साइकिलिंग का अर्थ है पूरे नियम के साथ साइकिल चलाया जाए। इस नियम में शामिल है सीट की ऊंचाई, बॉडी पोश्चर, कम्पर्टेबल कपड़े, आरामदायक जूते, साइकिल की क्लीनिंग और ट्राफिक रूल्स। इसलिए इन सभी का पालन करें और साइकिलिंग से वेट कम करने के साथ-साथ अन्य शारीरिक लाभ उठायें।
अगर आप साइकिलिंग से वेट कम करने से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
जिस तरह से साइकिलिंग की मदद से घर पर ही रहकर वजन कम किया जा सकता है, ठीक वैसे ही जीवन में पारंपरिक खान-पान से भी सेहतमंद रहना आसान हो सकते हैं। क्या है पारंपरिक खाना-पान का महत्व जानने के लिए इस वीडियो पर क्लिक करें।
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