सीटेड कंसन्ट्रेशन कर्ल (Seated concentration curls)
इसे करने के लिए स्टूल पर पीठ सीधी कर के बैठ जाएं। अब एक पैर के जूते के नीचे रेजिस्टेंस बैंड एक छोर को बाएं पैर में दबाएं और दाहिने हांथ से दूसरे छोर को पकड़ें। अब ठीक वैसे ही करें जैसे बाइसेप्स के लिए डंबल से एक्सरसाइज करते हैं। बाएं पैर और दाहिने हाथ के बाद यही प्रक्रिया दाहिने पैर और बाएं हाथ से अपनाएं। इससे हाथ मजबूत हो सकते हैं।
डंकी किक
टार्गेटेड मसल्स : ग्लूट्स और हैमस्ट्रिग्ंस
कैसे करें ये रेजिस्टेंस बैंड एक्सरसाइज
इस एक्सरसाइज में रेजिस्टेंस बैंड आपके घुटनों के ऊपर रहना चाहिए। इस एक्सरसाइज करते समय ध्यान दें कि आपकी गर्दन, बैक और हिप्स को एक सीध में रखें। इसके बाद अपने लेफ्ट पैर को रेजिस्टेंस बैंड को स्ट्रेच करने के लिए ऊपर उठाएं। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि आपका हिप लेवल आपकी बैक की ओर घुमा हुआ न हो। एक साइड ये करने के बाद दूसरी ओर भी ऐसा ही करें। थोड़ी-थोड़ी देर बाद अपनी अवस्था बदलते रहें।
रेजिस्टेड पुश अप्स
टारगेट : छाती, हाथ, पेट, पीठ
कैसे करें: प्रत्येक हाथ में रेजिस्टेड बैंड के एक छोर को पकड़ें और इसे अपने ऊपरी पीठ / कंधों पर खींचें (बैंड आपके बगल के नीचे होना चाहिए)। अपने पैरों के साथ पुशअप स्थिति में आ जाएं, अपने हाथों से बैंड के सिरों को पकड़कर एक पूर्ण पुशअप करने के लिए अपने शरीर को नीचे लाएं।
टिप : यदि पूरा पुशअप बहुत कठिन हैं, तो अपने घुटनों पर मोड़कर इसे ट्राय करें। चुनौती को बढ़ाने के लिए, बैंड को छोटा करके प्रतिरोध को बढ़ाएं (इसे अपने हाथों के नीचे अधिक पकड़ें)। यदि आप एक फ्लैट बैंड का उपयोग नहीं कर रहे हैं, तो आप किसी भी “बैंड बर्न” से बचने के लिए अपनी ऊपरी पीठ पर एक तौलिया लपेट सकते हैं।
रेजिस्टेंस बैंड एक्सरसाइज (Resistance Band Workout) के क्या फायदे हैं?
- रेजिस्टेंस बैंड एक किफायती वर्कआउट है।
- इस बैंड से आसानी से अलग-अलग तरह के एक्सरसाइज किए जा सकते हैं।
- सिर्फ एक ही बैंड से पूरे बॉडी का एक्सरसाइज किया जा सकता है।
- रेजिस्टेंस बैंड के रख-रखाव पर भी कोई खर्च नहीं है और इसे आसानी से कहीं भी रखा जा सकता है।
- इस बैंड की मदद से एक्सरसाइज करने पर लगने वाले चोट का डर भी नहीं रहता है।
रेजिस्टेंस बैंड एक्सरसाइज में इस्तेमाल होने वाले बैंड्स
रेजिस्टेंस बैंड्स शेप, साइज और कलर के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। इसके अलावा ये रेजिस्टेंस के स्तर भी अलग-अलग मुहैया करा सकते हैं। साइज और शेप के आधार पर इन्हें अलग-अलग कैटेगरी में बांटा जा सकता है।
लूप्ड बैंड्स – लूप्ड बैंड्स छोटे और पतले होते हैं। इन्हें मिनी बैंड्स और थेरा बैंड्स भी कहते हैं।
नॉन लूप्ड बैंड्स – नॉन लूप्ड बैंड्स में पकड़ने के लिए हैंडल नहीं होते हैं।
कलर और रेजिस्टेंस लेवल के लिहाज से रेजिस्टेंस बैंड
रेजिस्टेंस बैंड्स कई अलग-अलग कलरों में उपलब्ध होते हैं। ये भी ध्यान दें कि अलग-अलग कलर का रेजिस्टेंस भी अलग-अलग हो सकता है। यह मेन्यूफैक्चर्स पर निर्भर करता है। रेजिस्टेंस लेवल हल्के से भारी हो सकती है। छोटे बैंड्स आमतौर पर 1 से 10 किलो को बीच रेजिस्टेंस देती है। वहीं बड़ें बैंड्स 5 से 90 किलो तक रेजिस्टेंस देते हैं।
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रेजिस्टेंस बैंड एक्सरसाइज से कैसे पाएं मन मुताबिक रिजल्ट
रेजिस्टेंस बैंड एक्सरसाइज को दो तरह से किया जा सकता है:
पहला : फुल स्ट्रेंथ वर्कआउट, पूरी बॉडी या फिर किसी एक बॉडी पार्ट के लिए तीन से पांच एक्सरसाइजेस को करने की जरूरत होती है। इन्हें 8- 25 बार करने और दो से पांच राउंड्स में दोहराएं जाते हैं। साथ ही ये कितने बार करनी है और कितने सेट्स करने हैं यह करने वाले की फिटनेस और बैंड के रेजिस्टेंस लेवल पर निर्भर करता है।
रेजिस्टेंस बैंड एक्सरसाइज करने का दूसरा तरीका है : इस एक्सरसाइज को किसी एक विशेष मांसपेशियों के वॉर्म अप के लिए किया जा सकता है। अगर आप महसूस करते हैं कि आपके ग्लूट्स काम नहीं कर रहे हैं। इसके बाद कोई दूसरा लेग वर्कआउट करने के लिए साइड स्कैएट्स कर लें। साथ ही अपनी क्षमता के अनुसार जितने हो सके उतने रेप्स करें और ऐसे में आपको ग्लूट्स फील करने में मदद मिलेगी।
रेजिस्टेंस बैंड की मदद से आप घर बैठे बिना किसी खर्च के अपने फिटनेस का ख्याल रख सकते हैं लेकिन, आपको एक्सरसाइज करने की कितनी जरूरत है, यह एक बार फिटनेस एक्सपर्ट से जरूर पूछ लें।