यदि आप महीनों से एक्सरसाइज कर रहे हैं तो आप केलेस्थेनिक्स वर्कआउट (Calisthenics Workout) ट्राई कर सकते हैं। केलेस्थेनिक वर्कआउट को बिगनर्स भी कर सकते हैं। केलेस्थेनिक्स वर्कआउट काफी कठिन एक्सरसाइज मानी जाती है। इसमें सामान्य एक्सरसाइज के मुकाबले अलग बॉडी पॉश्चर बनाना पड़ता है। केलेस्थेनिक वर्कआउट में स्ट्रेंथ, स्टेमिना और अधिक पावर की जरूरत पड़ती है। यदि आपका वजन ज्यादा है तो इस वर्कआउट ट्राई करने में काफी सावधानी बरतें।
केलेस्थेनिक्स वर्कआउट (Calisthenics Workout) को करने से पहले इसके लिए आपको अपनी बॉडी को तैयार करना है। केलेस्थेनिक्स वर्कआउट (Calisthenics Workout) में आपको ज्यादातर अपनी हथेलियों का सहारा लेना पड़ेगा। हथेलियों से ग्रिप बनाकर ही आप इस एक्सरसाइज पैटर्न को फॉलो कर पाएंगे। केलेस्थेनिक्स करने के फायदे एक नहीं बल्कि अनेक हैं। केलेस्थेनिक्स वर्कआउट से पहले आपको निम्नलिखित चीजों का ध्यान रखना है।
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अच्छे स्पोर्ट्स शूज
केलेस्थेनिक्स वर्कआउट (Calisthenics Workout) करने से पहले आपको बढ़िया स्पोर्ट्स शूज लेने है। स्पोर्ट्स शूज किसी भी इंटेंस वर्कआउट को सही ढंग से परफॉर्म करने के लिए जरूरी होते हैं। यह आपकी बॉडी को संतुलन बनाए रखने में मददगार होते हैं। केलेस्थेनिक्स वर्कआउट (Calisthenics Workout) में आपको कुछ ऐसे मूवमेंट करने पड़ते हैं, जिसमें आपको स्पोर्ट्स शूज की जरूरत पड़ेगी।
प्री वर्कआउट
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जैसा कि पहले ही बता दिया गया है कि केलेस्थेनिक्स वर्कआउट (Calisthenics Workout) एक कठिन एक्सरसाइज पैटर्न है। इसे करने के लिए आपकी बॉडी में काफी एनर्जी चाहिए। केलेस्थेनिक्स वर्कआउट करने से पहले आप प्री वर्कआउट या क्रेटिन पी सकते हैं। यह एक्सरसाइज के दौरान आपकी बॉडी में एनर्जी लेवल को बनाए रखेंगे।
केलेस्थेनिक्स वर्कआउट (Calisthenics Workout) की बॉडी वेट एक्सरसाइज
1. मसल्स अप्स
मसल्स अप्स बॉडी वेट पर की जाने वाली एक कठिन एक्सरसाइज है। इसमें आपकी लेट्स, बाइसेप्स, शोल्डर्स और ट्राइसेप्स की मसल्स इंगेज होती हैं। अब तो आप समझ ही गए होंगे कि केलेस्थेनिक्स करने के फायदे कितने सारे होते हैं।
मसल्स अप्स के आप दो सेट्स या छह रेपेटेशन ले सकते हैं। मसल्स अप्स एक्सरसाइज को करने में काफी कठिन है। इसे करने के लिए आपको चिन अप्स की बार्बल या किसी अन्य बार्बल को यूज करना है। यह एक्सरसाइज पुल अप्स और पुश अप्स का कॉम्बिनेशन है। इसे करते वक्त आपकी बैक, बाइसेप्स और ट्राइसेप्स की मसल्स इंगेज होती हैं। इसे करने के लिए एक बार पर लटकें। दोनों हथेलियों को कंधों से थोड़ा हल्का खोल लें। इसके बाद कंधों और कोर को टाइट करते हुए बॉडी को ऊपर ले जाएं। ऐसा करते वक्त आपको अपनी बॉडी को ऊपर की तरफ पुश करना है।
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2. केलेस्थेनिक्स वर्कआउट: हैंगिंग लेग रेजेस (Hanging leg ridges)
कोर को मजबूत करने के लिए हेंगिंग लेग रेजेस एक बढ़िया एक्सरसाइज है। इसमें आपके कोर/ पेट की मसल्स इंगेज होती हैं। यह एक्सरसाइज पेट के निचले हिस्से या लोअर अब्डॉमिनल की मसल्स को मजबूत करती हैं।
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सेट्स/ रेपेटेशन
हेंगिंग लेग रेजेस का आप दो सेट्स या 10-10 के रेपेटेशन ले सकते हैं। हालांकि, करने में यह एक्सरसाइज आपको थोड़ी मुश्किल लगेगी। इसे करने के लिए आपको बार पर सीधे लटकना है। इसके बाद अपने दोनों पैरों को एक साथ ऊपर की तरफ उठाना है। इसके बाद इन्हें धीरे-धीरे नीचे की तरफ लेकर जाएं। ऐसा करते वक्त आपकी बॉडी में बाउंस नहीं आना चाहिए। हेंगिंग लेग रेजेस करते वक्त स्पाइन को 90 डिग्री की सीध में रखें। पैरों को धीरे-धीरे नीचे की तरफ लेकर जाएं। जैसे ही आपके लोअर अब्डॉमिनल (पेट का निचला हिस्सा) की मसल्स आपस में कॉन्ट्रैक्ट होती हैं, उस वक्त सांस छोड़ें।
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डीक्लाइन डायमंड पुश अप्स (Decline Diamond Push Ups)
केलेस्थेनिक्स वर्कआउट (Calisthenics Workout) में डीक्लाइन डायमंड पुश अप्स एक अच्छी एक्सरसाइज है। इसे बॉडी वेट पर किया जाता है। सामान्य और डीक्लाइन पुश अप्स में छोटा सा अंतर है। डीक्लाइन डायमंड पुश अप्स में आपके पैर कंधों के मुकाबले ऊंचाई पर होते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि आपकी अपर बॉडी नीचे की तरफ होती है।
सेट्स/ रेपेटेशन
डीक्लाइन डायमंड पुश अप्स के आप दो सेट्स या 12 रिपेटेशन्स ले सकते हैं। इसमें आपके चेस्ट और ट्राइसेप्स की मसल्स इंगेज होती हैं। डीक्लाइन डायमंड पुश अप्स में दोनों हथेलियों को नजदीक रखा जाता है। इससे आपकी कोहनी बाहर की तरफ निकलकर एक डायमंड का आकार बनाती हैं। फ्लोर पर आपका अंगूठा और इंडेक्स फिंगर एक डायमंड का आकार बनाते हैं। इसलिए इसे डायमंड पुश अप्स कहा जाता है। इस एक्सरसाइज में आपको बॉडी को ऊपर ले जाते वक्त सांस छोड़नी है।
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केलेस्थेनिक्स वर्कआउट: बर्पी (Burpees) एक्सरसाइज
बर्पी एक्सरसाइज एक महत्वपूर्ण एक्सरसाइज है, शारीरिक क्षमता को बढ़ाने के लिए ये एक्सरसाइज काफी प्रभावकारी है। बर्पी एक्सरसाइज को स्क्वाट थ्रस्ट्स (squat thrusts) के नाम से भी जाना जाता है। इस एक्सरसाइज को करने के लिए किसी भी उपकरण की आवश्यकता नहीं होती है। बर्पी एक्सरसाइज पूरे शरीर पर काम करती है और कार्डियोवस्कुलर (cardiovascular) एक्सरसाइज जैसा लाभ देती है। नियमित रूप से वर्कआउट करते हैं तो शारीरिक मजबूती और एरोबिक फिटनेस को बढ़ाने के लिए बर्पी एक्सरसाइज जरूर करना चाहिए।
जंपिंग जैक्स (Jumping Jacks)
जंपिंग जैक्स एक्सरसाइज सबसे आसान एक्सरसाइज में से एक है। इसे खड़े हो कर कूद कर किया जा सकता है।
प्रिजनर स्क्वाट जंप (Prisoner Squat Jumps)
यह एक्सरसाइज बड़े ही आसानी से किया जा सकता है। इसे करने के लिए स्ट्रेट खड़े होकर दोनों पैरों के बीच थोड़ा गैप रखना चाहिए। फिर दोनों हांथों को कंधे पर गर्दन के पास रखना है और इसी पॉजीशन में धीरे से ऊपर की ओर जंप करना है। फिर सावधानी पूर्वक धीरे से नीचे आना है। ध्यान रहे कि बहुत ज्यादा ऊपर नहीं जंप करना है।
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अगर योग से रखना चाहते हैं बॉडी फिट, तो देखें ये वीडियो –
बाइसाइकिल क्रंचेज (Bicycle Crunches)
बाइसकिल क्रंचेज सबसे प्रभावकारी एक्सरसाइज में से एक है। इसे करने के लिए मैट पर लेट कर दोनों पैरों को ठीक वैसे ही चलाएं जैसे कि साइकिल चलाई जाती है।
सुपरमैन (Superman) एक्सरसाइज
सुपरमैन नाम से ही समझा जा सकता है कि ये एक्सरसाइज क्या है। इस एक्सरसाइज में भाग-दौड़ नहीं करना है बल्कि आराम से पेट के बल लेट कर दोनों हाथों और दोनों पैरों को ऊपर की ओर धीरे से उठाना है और फिर आराम से नीचे लाना है।
अंत में हम यही कहेंगे कि यदि आप पहली बार जिम ज्वॉइन कर रहे हैं तो यह एक्सरसाइज आपके लिए बेहतर विकल्प नहीं है। जिम में थोड़ा अनुभव रखने वाले लोगों के लिए केलेस्थेनिक्स वर्कआउट (Calisthenics Workout) एक दमदार विकल्प है। हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।
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