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प्राकृतिक आपदाओं के बाद सेफ्टी रिस्क
प्राकृतिक आपदा में स्वास्थ्य को जितना नुकसान पहुंचता है, नेचुरल डिजास्टर के बाद भी उनकी हेल्थ कंडीशन कोई बेहतर नहीं रहती है। जब लोग किसी आपदा के बाद घर लौटते हैं, तो उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य, घर में अनहेल्दी लिविंग कंडीशंस की वजह से जोखिम में रहता है। टूटी हुई गैस लाइन और बैक्टीरिया युक्त जल भराव, इंफेक्शन जैसे कई रिस्क फैक्टर्स गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। यहां तक परिवहन यानि ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क में बाधा उत्पन्न होने के कारण आपातकालीन वाहन सही समय पर पहुँच नहीं पाते हैं। इसके साथ ही दवा, खाद्द पदार्थ, बाहरी जरूरत की चीजें और जरूरी रिकंस्ट्रक्शन सप्लाई में देरी या बाधा आती है।
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प्राकृतिक आपदाओं के बाद स्वास्थ्य जोखिम के कारण
नेचुरल डिजास्टर के बाद जब लोग टूटे घरों और अनहेल्दी लिविंग कंडीशन में रहते हैं तो आपदा के बाद बीमारियां आमतौर पर व्यक्ति को घेर लेती हैं। डैमेज्ड घर में रहने के कुछ खतरे साफ दिखाई देते हैं जैसे टूटे हुए कांच, लटके हुए तार आदि। हालांकि, इनसे लोग आसानी से बच सकते हैं लेकिन दीवारों के पीछे मोल्ड ग्रोथ (फंगल ग्रोथ), क्षतिग्रस्त स्ट्रक्चरल मटेरियल यानी मलबे से निकलने वाले विषाक्त पदार्थों आदि से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। स्वास्थ्य पर प्राकृतिक आपदाओं का नकारात्मक प्रभाव निम्न कारणों से पड़ सकता है:
- बिल्डिंग का गिरता हुआ मटेरियल, खुले हुए केबल और बिजली के तार, टूटी हुई गैस लाइनें, टूटे हुए कांच और टूटे हुए वुडवर्क आदि से व्यक्ति को गंभीर चोटें या बिजली के झटके लग सकते हैं। यहां तक कि कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता (carbon monoxide poisoning) भी हो सकती है।
- बाढ़ का पानी और स्थिर पानी – बाढ़ का पानी अक्सर सीवेज और केमिकल्स से दूषित होता है जिसमें कई हानिकारक विषाक्त पदार्थ होते हैं। यदि यह किसी घरेलू सामान और सामग्री के संपर्क में आया है, तो यह उन्हें भी दूषित करेगा। इसलिए, इन सामानों या जगह के कीटाणुरहित होने से पहले उन्हें छूने या उनका उपयोग करने से त्वचा में संक्रमण, पेट की समस्या और कंजंक्टिवाइटिस (conjunctivitis) जैसी हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती है। यदि घर में या उसके आस-पास पानी भरा हुआ है, तो इसमें बैक्टीरिया हो सकते हैं जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं और कई तरह के संक्रमणों का कारण बन सकता है।
- मोल्ड ग्रोथ – पर्याप्त कार्बनिक भोजन और प्रचुर मात्रा में नमी की वजह से फंगल ग्रोथ 48 घंटों के अंदर शुरू हो सकती है। यह बाढ़ और तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं के बाद नम वातावरण में बहुत तेजी से फैलकर घर को प्रभावित करेगा। हानिकारक सूक्ष्मजीव घर में रहने वालों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। मोल्ड विभिन्न प्रकार के एलर्जी के लक्षणों और अन्य गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों, जैसे कि सिरदर्द, चक्कर आना, आंखों में जलन, रेस्पिरेटरी समस्याओं (respiratory problems), और साइनस इंफेक्शन को ट्रिगर कर सकता है। यह अस्थमा या क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (chronic obstructive pulmonary disease) जैसी स्थितियों को भी बढ़ा सकता है।
- एन्वॉयरन्मेंटल टॉक्सिन्स (environmental toxins) – लेड और एस्बेस्टस (asbestos) जैसे पदार्थ कई तरह के कन्स्ट्रक्शनल मटेरियल में मौजूद होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माने जाते हैं। तूफान, भूकंप और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से फर्श, दीवारों, इन्सुलेशन, साइडिंग और अन्य संरचनात्मक स्ट्रक्चरल एलिमेंट्स को काफी नुकसान हो सकता है। नतीजतन, लेड और एस्बेस्टस फाइबर्स निकलकर हवा को दूषित कर सकते हैं। ऐसे माहौल में सांस लेने से ये छोटे-छोटे खतरनाक पदार्थ श्वसन संबंधी समस्याओं और लंबे समय तक चलने वाली हेल्थ प्रॉब्लम्स का कारण बन सकते हैं।
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प्राकृतिक आपदाओं के बाद स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने के लिए टिप्स