जवाब
ओवेरियन सिस्ट से जुड़े रीता के इस सवाल के लिए हैलो स्वास्थ्य ने नई दिल्ली के सनराइज अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं लैपरोस्कोपिक सर्जन डॉ. निकिता त्रेहन से बात की। डॉ. निकिता ने बताया कि, ‘अंडाशय में गांठ बनने की कई वजहें हो सकती हैं। इनमें फिजियोलॉजिकल या पैथोलॉजिकल कारण भी शामिल हैं। फिजियोलॉजिकल सिस्ट के इलाज की जरूरत नहीं होती है। पैथोलॉजिकल कारणों से होने वाले सिस्ट के बेनाइन यानी नॉन कैंसरस सिस्ट डर्माइड्स एंडोमेट्रोसिस और कई अन्य तरह के संकेत हो सकते हैं। जिनमें कुछ असाध्य भी हो सकते हैं।
आजकल बिनाइन या असाध्य दोनों तरह के ओवेरियन सिस्ट सर्जरी लैप्रोस्कोपिक तकनीक से की जा रही है। इसके लिए एक्सपर्ट डॉक्टर की जरूरत है और ओवेरियन सिस्ट सर्जरी सफल भी हो रही है। इसमें ब्लड का कम नुकसान होता है, अस्पताल में ठहरने का समय कम होता है और अन्य अंगों पर बुरा असर पड़ने का खतरा भी कम होता है। अगर ओवेरियन सिस्ट नॉन कैंसरस है तो लैप्रोस्कोपी के जरिए उसे बिना गर्भाशय को नुकसान पहुंचाए निकाला जा सकता है।
क्या होती है ओवेरियन सिस्ट?
ओवेरियन सिस्ट एक मेडिकल कंडिशन है जिसमें ओवरी की सतह पर तरल पदार्थ की एक थैली बनकर तैयार हो जाती है। ओवरी महिलाओं की शारीरिक संरचना का अहम अंग है। हर महिला के शरीर में दो ओवरी (अंडाशय) होती हैं। यह गर्भाशय के दोनों तरफ निचली और होती हैं।
आमतौर पर ओवेरियन सिस्ट हानिकारक नहीं होतीं हैं। इनमें ज्यादातर सिस्ट खुद ही ठीक हो जाती हैं, लेकिन कई बार यदि सिस्ट ठीक नहीं हो पाती तो वो काफी परेशानी पैदा करती है। इनका समय पर इलाज कराना बेहद जरूरी है। एक अध्ययन के अनुसार, 10 प्रतिशत महिलाएं ओवेरियन सिस्ट की परेशानी से पीड़ित हैं।
ओवेरियन सिस्ट के लक्षण और उपचार: