देखा गया है कि पीसीओडी से ग्रसित 70 प्रतिशत महिलाओं में इंसुलिन रेसिस्टेंस होता है। जिसका मतलब है कि उन महिलाओं के शरीर की सेल्स इंसुलिन को सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाती हैं। इंसुलिन एक हॉर्मोन होता है, जो कि पैंक्रियाज द्वारा उत्पादित किया जाता है और यह हॉर्मोन सेवन किए गए आहार से शुगर को अवशोषित करके ऊर्जा के लिए इस्तेमाल करता है। मोटोपा भी इंसुलिन रेसिस्टेंस का बड़ा कारण हो सकता है और मोटोपा और इंसुलिन रेसिस्टेंस महिलाओं में टाइप-2 डायबिटीज का कारण बन सकता है।
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पीसीओडी और सेक्स: पीसीओडी के लक्षण
पीसीओडी और सेक्स समस्याओं का संबंध समझने के लिए हमें पीसीओडी के लक्षणों के बारे में जानना पड़ेगा। पीसीओडी से ग्रसित महिलाओं को इस बीमारी का पता काफी आसानी से नहीं लगता। एक स्टडी के मुताबिक पीसीओडी से ग्रसित अधिकतर महिलाओं को इस बीमारी के बारे में जानकारी नहीं होती है और वह इसके लक्षणों को आम शारीरिक समस्याएं समझ कर भूल जाती हैं। पीसीओडी की वजह से महिलाओं को निम्नलिखित लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है।
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अनियमित पीरियड
ओव्युलेशन साइकिल पर प्रभाव पड़ने से महिलाओं के यूट्रस की यूटेराइन लाइनिंग से रक्तस्राव होना बंद हो जाता है। इसके दूसरी तरफ, कुछ महिलाओं को पीसीओडी की वजह से एक साल में सामान्य से ज्यादा बार पीरियड्स हो सकते हैं।
अत्यधिक ब्लीडिंग
यूटेराइन लाइनिंग काफी दिनों तक बंद रह सकती है, जिस वजह से महिलाओं को जब भी पीरियड्स होते हैं, तो उन्हें हैवी ब्लीडिंग का सामना करना पड़ सकता है।
मुंहासे
महिलाओं के शरीर में मेल हॉर्मोन एंड्रोजन का उत्पादन होने की वजह से महिलाओं की त्वचा तैलीय हो जाती है और चेहरे, छाती और कमर के ऊपरी हिस्से पर मुंहासें निकल आते हैं।