महिलाओं की योनि में सूजन और जलन होना एक बहुत बड़ी समस्या है। इस बीमारी से हर साल लाखों महिलाओं को योनि की समस्याएं होती हैं। यह बीमारी संक्रमण प्रजनन के समय ज्यादा तेजी से होता है। यह बीमारी हार्मोनल लेवल के निरंतर घटने-बढ़ने, बैक्टीरिया या यौन गतिविधियों के कारण योनि से जुड़ी समस्या होती है। योनि में अनेकों प्रजाति के बैक्टीरिया होते हैं। कई बार बैक्टीरिया या तो बहुतकम हो जाते हैं या बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं। इस वजह से योनि में संक्रमण हो जाता है। महिलाओं को संक्रमण सेक्स करने से भी हो सकता है।
योनि (वजायना) संक्रमण तीन प्रकार का होता है। पहला – यीस्ट इंफेक्शन, दूसरा- बैक्टीरियल इंफेक्शन, तीसरा ट्राईकोमोनिएसिस, जिन महिलाओं को यह गंभीर बीमारी होती है। उनके योनि (वजायना) में एक लिक्विड डिस्चार्ज होने लगता है। योनि के आसपास और अंदर बहुत खुजली भी होता है। कई बार बहुत ज्यादा खुजलाने से जलन होने लगता है। तीनों इंफेक्शन का इलाज अलग-अलग ढंग से किया जाता है। तीनों इंफेक्शन का लक्षण भी अलग-अलग है। यहां जानिए महिलाओं में होने वाली योनि की समस्या के बारे में। साथ ही जानिए कि योनि की इन समस्याओं का उपचार कैसे किया जाता है। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
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महिलाओं को कौन-कोन सी योनि की समस्याएं होती हैं?
योनि की समस्याएं – यीस्ट इंफेक्शन (Vaginal Yeast Infection)
योनि की समस्याएं की बात करें तो सबसे पहले यीस्ट इंफेक्शन आता है। इस समस्या में योनि में बहुत ज्यादा खुजली होने लगता है। इंफेक्शन बहुत ज्यादा बढ़ जाने से जलन भी होने लगता है। योनि मार्ग में कभी-कभी हल्का दर्द भी होने लगता है। सेक्स और मूत्र करते वक्त जलन महसूस होता है। योनि के अंदर एक व्हाइट कलर का लिक्विड डिस्चार्ज होने लगता है। जिस वजह से बदबू भी आती है। कुछ मरीजों में देखा गया है कि, योनि के ऊपर और आसपास के हिस्सों में लाल चकत्ते होने लगता है और दाने।
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योनि की समस्याएं – बैक्टीरियल वेजिनोसिस (Bacterial vaginosis)
योनि की समस्याएं में बैक्टीरियल वेजिनोसिस भी है। यह भी एक तरह से इंफेक्शन है। यह इंफेक्शन योनि में बैक्टीरिया अधिक बढ़ जाने से या कम हो जाने से होता है। इस कंडिशन में गार्डनेरेला वैजिनाइटिस (Gardenarella Vaginitis) कहते हैं। यह गार्डनेरेला बैक्टीरिया (Gardenarella Bacteria) की वजह से होता है। योनि में जब बैक्टीरिया असंतुलित होने लगता है, तब यह इंफेक्शन होता है। इस बीमारी में एक अच्छी बात यह है कि इस इंफेक्शन में इलाज की आवश्यकता नहीं होती है। जब योनि में बैक्टीरिया का बैलेंस नॉर्मल होने लगता है, तब इंफेक्शन अपने आप ठीक हो जाता है। बहुत सारी महिलाएं योनि की सफाई के लिए डूशिंग का इस्तेमाल करती हैं। जिस वजह से यह इंफेक्शन ज्यादा होता है। एंटीसेप्टिक लिक्विड से नहाने से भी यह इंफेक्शन हो सकता है। एक से अधिक साथी से सेक्स करने पर सावधानी बरतें। महिलाएं योनि के दुर्गंध से बचने के लिए डिओडोरेंट और सुगंधित साबून का इस्तेमाल करती हैं।
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योनि की समस्याएं – यूट्रीन प्रोलैप्स (Uterine Prolapse)
यह महिलाओं में काफी गंभीर बीमारी होती है। इस बीमारी में यूट्रस अलग होकर गिर जाता है। यह बीमारी काफी खतरनाक होता है। इसे यूट्रीन प्रोलैप्स कहते हैं। महिलाओं में यूट्रस मांसपेशियों की मदद से अपनी जगह पर टिका होता है। इस बीमारी के प्रभाव से यूट्रस की मांसपेशियां कमजोर हो जाती है। जिस वजह से मांसपेशियां यूट्रस को जकड़ नहीं पाती है और यूट्रस अपनी स्थान से अलग होकर गिर जाता है। ज्यादातर मामलों में यूट्रस वजायना तक आ जाता है। कुछ मामलों में ऐसा भी देखने को मिलता है कि यूट्रस वजायना से बाहर निकलने लगता है।
इस बीमारी का खतरा उम्र बढ़ने के साथ बढ़ता है। महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन नाम का हॉर्मोन भी बनता है। तभी यूट्रीन प्रोलैप्स का खतरा बढ़ जाता है। यह समस्या प्रेग्नेंसी और डिलिवरी के समय भी आती है। इस बीमारी में शुरुआती लक्षण योनि से ब्लीडिंग होने लगता है। इंफेक्शन की तरह योनि में सफेद पदार्थ दिखाई देने लगता है। कभी-कभी ऐसा महसूस होगा, जैसे यूट्रस योनि से बाहर निकल रहा हो। पेट के निचले हिस्से में काफी कसाव महसूस होगा। पेशाब करने में काफी दिक्कत होती है। अगर आपको ऐसा कुछ लक्षण महसूस हो, तो तत्काल विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करें। इन लक्षणों को शुरू में बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें।
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योनि की समस्याएं से बचने के लिए ध्यान दें ये बातें
योनि की समस्याएं से बचने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप इस भाग की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। चूंकि बेक्टीरिया गंदगी में ज्यादा पनपते हैं, तो गुप्तांग की साफ सफाई रखना जरूरी है। नीचे हम इस संक्रमण से बचने के लिए कुछ खास बातें बता रहे हैं, जो आपके काम आएंगे :
1. हमेशा कॉटन के अंडरवियर पहनें। कॉटन के अंडरवियर से इंफेक्शन का खतरा कम होता है। अगर इंफेक्शन है तो यह इस दौरान राहत दिलाने में मदद करता है।
2. टाइट अंडरवेयर या लोअर्स को अवॉइड करें। सिंथेटिक फाइबर्स से बने कपड़ों को भी न पहनें। ऐसे कपड़े पहनने से समस्या बढ़ सकती है।
3. पीरियड्स के दौरान टैम्पोन या पैड्स को हर चार घंटे में बदलें। ज्यादा देर तक एक ही पैड या टैंपोन का इस्तेमाल करने से इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है।
4. गीले कपड़ों में ज्यादा देर ना रहें। जिम या स्विमिंग के बाद तुरंत कपड़ों को बदलें। गीले कपड़ों में बेक्टीरिया पनपते हैं, जिससे इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है।
5. सबसे जरूरी, वजायना को हमेशा ड्राय और क्लीन रखें। वजायना के ज्यादा गीले रहने और साफ-सफाई न रखने पर इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है।
योनि में ड्रायनेस, जलन या दर्द होने पर डॉक्टर से सलाह लें, क्योंकि अक्सर महिलाएं इसे छोटी समस्या समझकर इग्नोर कर देती हैं, और बाद में यही इंफेक्शन को बढ़ाने का कारण बन जाती है। साथ ही योनि में किसी भी प्रकार के ऑइंटमेंट या क्रीम का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। योनि को साबुन से क्लीन न करें। ये भी इंफेक्शन का कारण बन सकता है।
तो ये थीं योनि से जुड़ी कुछ बीमारियां, जो काफी महिलाओं को हो जाती हैं। ऐसे में आप योनि की समस्याएं न हों इसके लिए ऊपर बताई गईं बातों का ध्यान रखें।
उम्मीद है कि आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया होगा। इस आर्टिकल में हमने आपको महिलाओं को होने वाली योनि की समस्याओं से अवगत कराया है। इसके साथ ही आपको इन योनि की समस्याओं के इलाज भी बताए हैं। अगर आपके मन में इस संबंध में कोई और सवाल हैं, तो हमसे हमारे फेसबुक पेज पर जरूर पूछें। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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