मूल बातों को जानें
डायबिटिक नेफ्रोपैथी (Diabetic Nephropathy) क्या होता है?
नेफ्रोपैथी का अर्थ है किडनी की बीमारी। डायबिटिक नेफ्रोपैथी वो बीमारी है जो मधुमेह यानी डायबिटीज की वजह से आपकी किडनी को नुकसान पहुंचाती है। कुछ मामलों में इससे किडनी फेल यानी काम करना बंद भी कर सकती है। लेकिन डायबिटीज वाले सभी मरीज की किडनी खराब नहीं होती है।
डायबिटीज में पेशेंट्स के शरीर में ब्लड शुगर लेवल काफी बढ़ जाता है। समय के साथ, ग्लूकोज लेवल के बढ़ने से शरीर के कई अंग खासतौर से कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम और किडनी के खराब होने की संभावना होती है। किडनी के डैमेज होने की स्थिति को डायबिटिक नेफ्रोपैथी कहते हैं।
कितना आम है डायबिटिक नेफ्रोपैथी (Diabetic Nephropathy)?
डायबिटिक नेफ्रोपैथी (Diabetic Nephropathy) की समस्या धीरे-धीरे शरीर में बढ़ती है। इस बीमारी के रिस्क फैक्टर में हाई ब्लड प्रेशर और किडनी डिसीज वाले लोग शामिल हैं। करीब 40 प्रतिशत किडनी फेलियर के मामले डायबिटीज के कारण ही होते हैं। ESRD डायबिटिक नेफ्रोपैथी की पांचवी और आखिरी स्टेज माना जाता है। अगर इस बीमारी का सही समय पर इलाज कराया जाए तो समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है। ऐसा जरूरी नहीं कि जिन लोगों को डायबिटीज है, उन्हें डायबिटिक नेफ्रोपैथी (Diabetic Nephropathy) भी हो। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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लक्षण
डायबिटिक नेफ्रोपैथी (Diabetic Nephropathy) के सामान्य लक्षण क्या हैं?
डायबिटिक नेफ्रोपैथी के शुरुआती स्टेज में आप शायद किसी भी लक्षण पर इतना ध्यान नहीं देंगे, लेकिन आगे चलकर आपको निम्नलिखित लक्षण नजर आ सकते हैं:
- ब्लड प्रेशर नीचे-ऊपर होता रहता है (Irregular blood pressure control)
- यूरिन में प्रोटीन होना (Protein in the urine)
- थकान महसूस होना (Fatigue)
- पैरों, टखनों, हाथों या आंखों की सूजन (Swelling of feet, ankles, hands and eyes)
- बार—बार पेशाब आना (Increased need to urinate)
- किसी भी चीज में ध्यान ना लगा पाना (Difficulty in concentration)
- भूख में कमी (Loss of appetite)
- सांस न आना (Shortness of breadth)
- उल्टी आना (Vomiting)
- जी मचलाना (Nausea)
- लगातार खुजली होना (Persistent itching)
हो सकता है कि मधुमेह के शुरुआती चरणों में आपको इनमें से कोई लक्षण दिखाई ना दें।
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
यदि आपको ऊपर दिए लक्षणों में कुछ भी दिखाई दे तो अपने डॉक्टर से बात करें। हर किसी का शरीर अलग तरह से कार्य करता है। इसलिए डॉक्टर पूरी जांच करने के बाद ही आपका इलाज कर सकता है। यदि आपको डायबिटीज है तो साल में एक बार यूरिन टेस्ट कराकर डॉक्टर के पास जरूर जाएं। इससे यूरिन में प्रोटीन की मात्रा और ब्लड में क्रिएटिनिन का लेवल पता चलेगा। इससे डॉक्टर यह पता लगा पाएंगे कि किडनी ठीक तरह से काम कर रही है या नहीं।
कारण
डायबिटिक नेफ्रोपैथी (Diabetic Nephropathy) के कारण क्या हैं?
गुर्दे में कई छोटी रक्त वाहिकाएं होती हैं जो आपके खून से गंदगी को फिल्टर करती हैं। मधुमेह के होने से रक्त शर्करा इन रक्त वाहिकाओं को नष्ट कर सकती है। समय के साथ, गुर्दे काम करना बंद कर देते हैं। इसे किडनी फेल होना कहते हैं।
किडनी के डैमेज होने पर शरीर के दूसरे अंगों पर स्ट्रेस पड़ने लगता है। इससे शरीर यूरिन के जरिए प्रोटीन खोने लगता है। इसके अलावा किडनी ब्लड से गंदगी को फिल्टर करना बंद कर देती है और शरीर में हेल्दी फ्लुइड लेवल मेंटेन नहीं रह पाता है।
धीरे-धीरे विकसित होती है। एक अध्ययन के अनुसार, मधुमेह के निदान के 15 सालों बाद एक तिहाई लोगों के यूरिन में एल्ब्यूमिन का उच्च स्तर पाया गया। हांलांकि इनमें से आधे से भी कम लोगों में पूर्ण नेफ्रोपैथी विकसित होगी।
खतरों के कारण
क्या चीजें हैं जो डायबिटिक नेफ्रोपैथी (Diabetic Nephropathy) की संभावना को बढ़ा सकती हैं?
डायबिटिक नेफ्रोपैथी होने के कुछ अन्य कारण भी हैं:
- डायबिटीज या मधुमेह, टाइप 1 या 2 (Diabetes Type 1 or Type 2)
- हाई ब्लड शुगर (हाइपरग्लेसेमिया) जिसे नियंत्रित करना मुश्किल है (Hyperglycemia)
- उच्च रक्तचाप (हाई ब्लडप्रेशर) जिसे नियंत्रित करना मुश्किल है
- धूम्रपान करने वाले को भी ये बीमारी हो सकती है। (Being a Smoker)
- हाई ब्लड कोलेस्ट्रॉल होना। (High Blood Cholestrol)
- परिवार में किडनी रोग या डायबिटीज रही हो तो भी ये बीमारी हो सकती है। (family history of diabetes and kidney disease)
जांच और इलाज
डायबिटिक नेफ्रोपैथी (Diabetic Nephropathy) का परीक्षण कैसे किया जा सकता है?
- डॉक्टर आपसे लक्षणों के बारे में पूछेगा। वह आपको गुर्दा विशेषज्ञ (नेफ्रोलॉजिस्ट) या मधुमेह विशेषज्ञ (एंडोक्रिनोलॉजिस्ट) से परीक्षण करवाने के लिए भी कह सकता है।
- यदि आपको मधुमेह है, तो आपको खून का परीक्षण करवाने की जरूरत होगी। इससे किडनी की स्थिति का पता चलेगा।
- डॉक्टर यूरिन का परीक्षण भी कर सकता है। यूरिन में माइक्रोएल्ब्यूमिन नामक प्रोटीन का उच्च स्तर बताता है कि आपके गुर्दे इस बीमारी से प्रभावित हुए हैं या नहीं।
- डॉक्टर गुर्दे की जांच के लिए एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड का उपयोग कर सकता है। सीटी स्कैन से ये पता चल सकता है कि आपके गुर्दे के अंदर रक्त कितनी अच्छी तरह से प्रवाहित हो रहा है।
- आपका डॉक्टर गुर्दे का परीक्षण करके गुर्दे की फिल्टरिंग क्षमता का आंकलन कर सकता है।
- डॉक्टर गुर्दे के ऊतकों का एक नमूना निकालने के लिए गुर्दे की बायोप्सी कर सकते हैं। डॉक्टर एक माइक्रोस्कोप से गुर्दे के ऊतकों के छोटे टुकड़ों को निकालने के लिए एक पतली सुई का उपयोग करेंगे।
डायबिटिक नेफ्रोपैथी (Diabetic Nephropathy) का इलाज कैसे करें?
डायबिटिक नेफ्रोपैथी के इलाज के डॉक्टर सबसे पहले आपका ब्लड प्रेशर नॉर्मल करने की कोशिश करेगा। साथ ही गुर्दे पर इसका प्रभाव न पड़े इसलिए दवा भी देगा। ये दवाएं हो सकती हैं:
- एंजियोटेंसिन-एंजाइम ब्लॉकर्स (Angiotensin enzyme blocker), जिसे एसीई ब्लॉकर्स भी कहा जाता है।
- एंजियोटेंसिन II रिसेप्टर ब्लॉकर्स, जिन्हें एआरबी भी कहा जाता है।
- जैसे ही किडनी खराब होती है, आपका ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। आपका कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड का स्तर भी बढ़ता है। इन बीमारियों के इलाज के लिए आपको एक से ज्यादा दवा लेने की आवश्यकता हो सकती है।
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जीवन शैली और घरेलू उपाय
डायबिटिक नेफ्रोपैथी (Diabetic Nephropathy) से निजात दिलाने में मदद करेंगे ये घरेलू उपाय
- अपने ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने की कोशिश करें। इससे गुर्दे की छोटी रक्त वाहिकाओं को नुकसान नहीं पहुंचता है।
- अपने ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने के लिए डॉक्टर की बात मानें और जैसा वो बताए वैसा ही करें।
- स्वस्थ भोजन और नियमित व्यायाम करके अपने हार्ट को स्वस्थ रखें। हृदय रोगों से बचना जरूरी है। मधुमेह से हृदय और रक्त वाहिकाएं जल्दी प्रभावित होती हैं।
- शरीर में प्रोटीन की कमी न होने दें। इस बारे में डॉक्टर से भी बात कर सकते हैं।
- देखें कि आप कितना नमक खाते हैं। कम नमक खाने से हाई ब्लड प्रेशर से बच सकते हैं।
- धूम्रपान या अन्य तंबाकू उत्पादों का उपयोग न करें।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको डायबिटिक नेफ्रोपैथी से संबंधित ये आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर आपके मन में कोई प्रश्न हो, तो डॉक्टर से जरूर पूछें। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।
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