के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist
ब्लड सप्लाई की कमी के चलते हड्डियों के ऊत्तकों का मृत हो जाना एवास्क्यूलर नेक्रोसिस कहलाता है। इसे ऑस्टियो नेक्रोसिस के नाम से भी जाना जाता है। एवास्क्यूलर नेक्रोसिस की वजह से हड्डियों में छोटी-छोटी दरार आ जाती है, जिससे हड्डियां टूट जाती हैं। हड्डी में फ्रैक्चर आने से हड्डी के एक हिस्से में ब्लड सप्लाई बधित हो जाती है। इसकी वजह से हड्डियों के जोड़ अपनी जगह से हट जाते हैं। एवास्क्यूलर नेक्रोसिस का संबंध लंबे वक्त तक स्टेरॉयड और एल्कोहॉल की उच्च मात्रा का सेवन करने से भी जोड़ा जाता है।
एवास्क्यूलर नेक्रोसिस किसी भी व्यक्ति को हो सकती है। हालांकि, यह 30 और 60 वर्ष के बीच के आयु वर्ग के लोगों को ज्यादा प्रभावित करती है। अपेक्षाकृत कम आयु के वर्ग से होने की वजह से एवास्क्यूलर नेक्रोसिस के दीर्घकालिक परिणाम सामने आते हैं। हालांकि, इसके जोखिम के कारकों को कम करके एवास्क्यूलर नेक्रोसिस का प्रंबंध किया जा सकता है। यदि आप इस संबंध में अधिक जानकारी चाहते हैं तो अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
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एवास्क्यूलर नेक्रोसिस के शुरुआती चरण में कई लोगों में इस बीमारी के कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं। जैसे-जैसे स्थिति बदतर होती है, वैसे प्रभावित जोड़ों पर वजन पड़ने पर इनमें दर्द होता है। अक्सर नीचे लेटने पर भी इन जोड़ों में दर्द होता है।
इसके अतिरिक्त, एवास्क्यूलर नेक्रोसिस में दर्द हल्का से लेकर गंभीर हो सकता है। यह दर्द धीरे-धीरे सामने आ सकता है। एवास्क्यूलर नेक्रोसिस से जुड़ा हुआ दर्द आपके ग्रोइन (पेट और जांघ के बीच की जगह), जांघ या बटक में हो सकता है। इसके अतिरिक्त, हिप के साथ कंधे, घुटने और पंजों का हिस्सा भी प्रभावित हो सकता है। कुछ लोगों में एवास्क्यूलर नेक्रोसिस के दोनों ही लक्षण नजर आते हैं, उदाहरण के लिए उनके दोनों हिप्स या दोनों घुटनों में दर्द का अहसास होता है।
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यदि आपके जोड़ों में लगातार दर्द का अहसास होने पर चिकित्सा सलाह लें। यदि आपको ऐसा लगता है कि आपकी हड्डी टूट गई है या जॉइंट डिसलोकेट हो गया है तो तत्काल चिकित्सा सहायता लें।
इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि हड्डियों की तरफ रक्त का प्रवाह बधित होने या कम होने पर एवास्क्यूलर नेक्रोसिस की समस्या पैदा होती है।
निम्नलिखित कारणों की वजह से हड्डियों की तरफ ब्लड सप्लाई कम हो जाती है:
जोड़ या हड्डी को आघात
एक चोट, जैसे जॉइंट डिसलोकेशन संभवतः आसपास की रक्त वाहिकाओं को क्षतिग्रस्त कर देता है। कैंसर के इलाज में रेडिएशन शामिल किया जाता है, जो हड्डियों को कमजोर और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है।
रक्त वाहिकाओं में फैट इक्कट्ठा होना
फैट (लिपिड्स) छोटी रक्त वाहिकाओं को ब्लॉक करके, हड्डियों तक जाने वाले रक्त प्रवाह को कम कर सकता है। यह रक्त प्रवाह हड्डियों को फीडिंग कराता है।
कुछ बीमारियां
सिकल सेल एनीमिया (sickle cell) और गौचर्स डिजीज (Gaucher’s disease) भी हड्डियों तक जाने वाली ब्लड सप्लाई को कम कर सकती हैं।
हालांकि, करीब 25% एवास्क्यूलर नेक्रोसिस से पीढ़ित लोगों में रक्त प्रवाह के बधित होने का कारण अज्ञात होता है।
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ऐसे कई कारक हैं, जो दुर्लभ एवास्क्यूलर नेक्रोसिस के जोखिम को बढ़ाते हैं। इनमें से निम्नलिखित कारकों को सबसे ज्यादा सामान्य कारकों के रूप में माना जाता है:
आघात या चोट
चोट, जैसे हिप डिसलोकेशन या फ्रैक्चर आसपास की रक्त वाहिकाओं को क्षतिग्रस्त कर देता है और हड्डियों तक जाने वाली ब्लड सप्लाई को कम कर देता है। इससे एवास्क्यूलर नेक्रोसिस होने की संभावना होती है।
स्टेरॉयड का इस्तेमाल
कोर्टिकोस्टेरॉयड जैसे प्रेडनिसोन (prednisone) का उच्च डोज में इस्तेमाल करने से एवास्क्यूलर नेक्रोसिस होता है, जो आघात से जुड़ा हुआ नहीं है। हालांकि, इसके सटीक कारण के संबंध में जानकारी नहीं है। ऐसे पूर्वाग्रह हैं कि कोर्टिकोस्टेरॉयड रक्त में फैट (लिपिड) की मात्रा बढ़ा देता है और रक्त प्रवाह कम कर देता है। इससे एवास्क्यूलर नेक्रोसिस की समस्या पैदा होती है।
अत्यधिक एल्कोहॉल का सेवन
लगातार कई वर्षों तक दिन में कई एल्कोहॉलिक ड्रिंक्स का सेवन करने से रक्त वाहिकाओं में फैट इक्कट्ठा हो जाता है। इससे आपको यह बीमारी होने की संभावना होती है।
बिसफोसफोनेट (Bisphosphonate) का इस्तेमाल
लंबे वक्त तक इस दवा का इस्तेमाल करने से हड्डी का घनत्व बढ़ सकता है, जो जबड़े के ऑस्टियो नेक्रोसिस का एक जोखिम कारक होता है। कैंसर के इलाज में इस दवा का इस्तेमाल करने से कुछ लोगों में जटिलताएं आती हैं। इनमें मल्टिपल मायलोमा (myeloma) और मेटास्टेटिक (metastatic) ब्रेस्ट कैंसर जैसी समस्याओं को शामिल किया जाता है। महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस में बिसफोसफोनेट का इस्तेमाल करने से खतरे कम होते हैं।
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चुनिंदा मेडिकल ट्रीटमेंट
कैंसर में रेडिएशन थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। यह हड्डी को कमजोर कर देती है। अंग प्रत्यारोपण, (ऑर्गन ट्रांसप्लांट) विशेषकर गुर्दे का प्रत्यारोपण भी एवास्क्यूलर नेक्रोसिस से संबंधित है। इसके अतिरिक्त, निम्नलिखित स्वास्थ्य समस्याएं एवास्क्यूलर नेक्रोसिस से संबंधित हैं:
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
यदि आपके डॉक्टर को इस बीमारी का शक होता है तो वह एक फिजिकल एग्जाम और कुछ जांच कराने की सलाह दे सकता है। फिजिकल एग्जाम के दौरान आपका डॉक्टर जोड़ों के आसपास दबाकर ढीलेपन की जांच कर सकता है। रेंज ऑफ मोशन की कमी की जांच करने के लिए डॉक्टर जोड़ों के विभिन्न पोजिशन्स में घुमा सकता है।
एवास्क्यूलर नेक्रोसिस का पता निम्नलिखित टेस्ट से लगाया जाता है:
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निम्नलिखित तरीकों से एवास्क्यूलर नेक्रोसिस का इलाज किया जाता है:
आमतौर पर डॉक्टर हड्डी को और नुकसान न होने ऐसे चीजों को सीमित करके इलाज शुरू करता है और इससे हड्डी को विकसित होने में मदद मिलती है। इलाज में दवाओं, एक्सरसाइज और इलेक्ट्रिकल स्टिमुलेशन के साथ-साथ जोड़ों पर वजन न पड़े ऐसे उपायों को शामिल किया जाता है। दर्द को कम करने के लिए एंटी-इनफ्लेमेट्री दवा (NSAIDs) दवाइयां दी जा सकती हैं। हालांकि, इस बीमारी से पीढ़ित ज्यादातर लोगों को सर्जरी की अवश्यकता पड़ती है।
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निम्नलिखित घरेलू उपाय आपको एवास्क्यूलर नेक्रोसिस में राहत प्रदान करने में मदद करेंगे:
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
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हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
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