परिचय
लेजियोनैरिस डिजीज (Legionnaires disease) क्या है?
लेजियोनैरिस डिजीज एक गंभीर प्रकार का निमोनिया या फेफड़ों से जुड़ा हुआ संक्रमण है। लेजियोनेला नामक बैक्टीरिया की वजह से यह खतरनाक बीमारी होती है. बता दें कि साल 1976 में अमेरिकी सेना के फिलाडेल्फिया सम्मेलन में जीवाणुओं के प्रकोप के बाद इस बैक्टीरिया की खोज की गई थी। गर्म पानी में लियोनेला बैक्टीरिया पनपते हैं। हवा में पानी की दूषित बूंदों में सांस लेने से लोग लेजियोनेला जैसे बैक्टीरिया से संक्रमित हो जाते हैं। लेजियोनैरिस डिजीज एक गंभीर और खतरनाक बीमारी है जिसमें तुरन्त इलाज की जरूरत होती है।
कितना सामान्य है लेजियोनैरिस डिजीज (Legionnaires disease) का होना?
यह एक खतरनाक बीमारी है जिसमें हर साल संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में लगभग 5,000 लोगों को हॉस्पिटल में भर्ती कराया जाता है। हालाँकि, इन्फेक्शन की संख्या संभवतः इससे अधिक हो सकती है, क्योंकि कई संक्रमणों के बारे में रिपोर्ट नहीं किया गया है। कुछ मामले इतने हल्के होते हैं कि प्रभावित व्यक्ति कभी इलाज की तलाश ही नहीं करते हैं।
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लक्षण
लेजियोनैरिस डिजीज (Legionnaires disease) के क्या लक्षण होते हैं?
बैक्टीरिया के संपर्क में आने के 2 से 14 दिनों के बाद आमतौर पर इस बीमारी के लक्षण दिखाई देना शुरू होते हैं। इस बीमारी के लक्षण ठीक वैसे ही होते हैं जैसे कि निमोनिया के लक्षण होते हैं। लेजियोनैरिस डिजीज (Legionnaires disease) के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं;
- दौरे पड़ना
- मिचली
- बुखार
- कफ के साथ ब्लड आना
- मांसपेशियों में दर्द
- सिर दर्द
- कमजोरी
- थकान
- भूख ना लगना
- सीने में दर्द होना
- डायरिया
मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
ऊपर बताएं गए लक्षणों में किसी भी लक्षण के सामने आने के बाद आप डॉक्टर से मिलें। हर किसी के शरीर पर लेजियोनैरिस डिजीज (Legionnaires disease) अलग प्रभाव डाल सकता है। इसलिए किसी भी परिस्थिति के लिए आप डॉक्टर से जरुर बात कर लें।
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कारण
लेजियोनैरिस डिजीज (Legionnaires disease) के क्या कारण होते हैं?
जैसा कि हमने आपको पहले बताया कि यह एक बहुत ही गंभीर और खतरनाक बीमारी है जिसमें तुरन्त इलाज की जरूरत होती है। इस बीमारी के बैक्टीरिया गर्म पानी मे पनपते हैं। इसके अलावा ये स्विमिंग पूल, बड़ी-बड़ी बिल्डिंग और हॉस्पिटल की एयर कंडीशन सिस्टम में और नदियों और झीलों में भी पनपते हैं। हवा में मौजूद दूषित पानी की बूंदों या धुंध से लोग संक्रमित हो जाते हैं। आपको बता दें कि यह बीमारी एक इंसान से दूसरे इंसान में नहीं फैलती है।
यह जरूरी नहीं कि वो सभी व्यक्ति जो दूषित हवा को सांस के माध्यम से लेते हैं, उनको लेजियोनैरिस डिजीज हो जाए। फिर भी उन लोगों में इस बीमारी के होने की संभावना ज्यादा होती है जो,
- स्मोक- स्मोकिंग लंग्स को डैमेज करती है। इसकी वजह से आप सभी प्रकार के लंग इंफेक्शन के लिए आसान टारगेट बन जाते हैं।
- वीक इम्यून सिस्टम- किसी बड़ी बीमारी या किसी प्रकार के मेडिकेशन की वजह से ऐसा हो सकता है। स्पेशली कॉर्टिसाइड और ऐसे ड्रग जो ऑर्गन ट्रांसप्लांट के बाद दिए जाते हैं।
- क्रॉनिक लंग डिसीज और दूसरी गंभीर मेडिकल कंडिशन होने पर-
दूसरी सीरियस डिजीज होने पर भी ऐसा होता है। जिसमें डायबिटीज, किडनी डिजीज और कैंसर आदि शामिल है।
- 50 से ज्यादा उम्र होने पर-
अगर आपकी उम्र 50 से ज्यादा है तो भी आप इस बैक्टीरिया इंफेक्शन का शिकार आसानी से हो सकते हैं।
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जोखिम
लेजियोनैरिस डिजीज (Legionnaires disease) के साथ और क्या समस्याएं हो सकती हैं?
अगर इस बीमारी का इलाज न किया गया तो इसके साथ कई और समस्याएं भी हो सकती हैं जैसे
सेप्टिक शॉक (septic shock)- सेप्टिक शॉक तब होता है जब अचानक से ब्लड प्रेशर बहुत कम हो जाता है जिसकी वजह से ब्लड फ्लो दूसरे प्रमुख अंगों तक नहीं पहुंचता। जिसमें किडनी और ब्रेन शामिल हैं। हार्ट ब्लड पम्प को बढ़ाने की कोशिश करता है लेकिन एक्सट्रा वर्क लोड हार्ट को वीक कर देता है और ब्लड फ्लो को भी कम कर देता है।
सांस संबंधी समस्या- ऐसा तब होता है जब लंग्स बॉडी को पूरी तरह ऑक्सिजन प्रदान नहीं कर पाते और ब्लड से पर्याप्त मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड नहीं निकाल पाते।
किडनी फैल्योर- इसमें अचानक से किडनी काम करना बंद कर देती है। जिससे आपके खून से वेस्ट बाहर नहीं निकल पाता। जब किडनी फेल हो जाती हैं तो आपकी बॉडी में फ्लूइड और वेस्ट का लेवल खतरनाक स्तर तक बढ़ जाता है।
ये समस्याएं उन लोगों में हो सकती हैं जिनका इम्यून सिस्टम बहुत ही कमजोर होता है।
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उपचार
लेजियोनैरिस डिजीज (Legionnaires disease) का निदान कैसे किया जाता है?
आपका डॉक्टर (लेजियोनेला एंटिजेंस (Legionella antigens) की उपस्थिति के लिए आपके रक्त या मूत्र का परीक्षण करके लेजियोनैरिस डिजीज (Legionnaires disease) का निदान कर सकता है।
इसके अलावा वह कुछ और भी टेस्ट कर सकता है जैसे
- सीने का एक्स रे करना
लेजियोनैरिस डिजीज (Legionnaires disease) का इलाज कैसे किया जाता है?
इस खतरनाक बीमारी का इलाज एंटीबायोटिक के साथ किया जाता है। बिना पुष्टि का इंतजार किये इस बीमारी का संदेह होने पर जितनी जल्दी हो सकते उतनी जल्दी इसका इलाज शुरू किया जाता है। इससे और दूसरी समसयाओं के होने का खतरा बहुत कम हो जाता है। जिन लोगों को दूसरी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं उनको कई बीमारी के होने की संभावना ज्यादा होती है। हॉस्पिटल में भर्ती होने के दौरान मरीज को ऑक्सीजन दिया जाता है। इसके अलावा उन्हें फ्लूइड या इलेक्ट्रोलाइट (Electrolyte) भी दिया जाता है जिससे डिहाइड्रेशन की संभावना को कम किया जा सके।
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घरेलू उपाय
जीवनशैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो लेजियोनैरिस डिजीज (Legionnaires disease) को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?
लेजियोनैरिस डिजीज को रोकने के लिए आप कुछ घरेलू उपाय भी कर सकते हैं। इसके लिए आप घर पर ही बने इलेक्ट्रोलाइट का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप उन चीजों को अपने खानपान में इस्तेमाल कर सकते हैं जिनसे यह इन्फेक्शन कम किया जा सके। इसके अलावा नीचे बताएं गए उपाय अपनाएं :
- इस्तेमाल के लिए गर्म पानी का उपयोग करें
- गर्म पानी से नहाएं
- घर पर ही नेब्यूलाइजर का इस्तेमाल करें
हम उम्मीद करते हैं कि लेजियोनैरिस डिजीज पर आधारित यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित होगा। इस आर्टिकल में लेजियोनैरिस डिजीज के कारण, उपचार और लक्षणों के साथ इसे अच्छी तरह समझाने की कोशिश की गई है। अगर आप लेजियोनैरिस डिजीज के विषय में ज्यादा जानना चाहते हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें। हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा।