डायबिटीज (Diabetes) क्या है?
डायबिटीज जिसे मेडिकल टर्म में डायबिटीज मेलेटस भी कहा जाता है। यह मेटाबॉलिज्म से जुड़ी बीमारियों में से एक है। लम्बे वक्त तक अगर ब्लड में शुगर लेवल अगर ज्यादा रहने लगे, तो ऐसी स्थिति डायबिटीज की समस्या को दावत दे सकती है। डायबिटीज की समस्या भी अलग-अलग तरह की होती है जैसे टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes), टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) एवं जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational Diabetes)। अब यहां यह समझना जरूरी है कि बाईलेटरल ओफोरेक्टॉमी और डायबिटीज रिस्क (Bilateral Oophorectomy and Diabetes Risk) पर क्या है रिसर्च।
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बाईलेटरल ओफोरेक्टॉमी और डायबिटीज से जुड़े रिसर्च क्या हैं? (Research on Bilateral Oophorectomy and Diabetes Risk)

अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन (American Diabetes Association), नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) एवं ऑस्ट्रेलिया के दि डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ, स्टेट गवर्नमेंट ऑफ विक्टोरिया (The Department of Health, State Government of Victoria, Australia) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार मेनोपॉज के पहले अगर ओवरी को रिमूव किया जाए, तो डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार बाईलेटरल ओफोरेक्टॉमी 45 से 49 साल की महिलाओं में देखी जा सकती है। बाईलेटरल ओफोरेक्टॉमी की स्थिति ग्रामीण इलाकों में रहने वाली महिलाएं, जानकारी की कमी, मोटापे की समस्या या फिर कम उम्र शादी होना बाईलेटरल ओफोरेक्टॉमी की स्थिति पैदा कर सकती है। इसलिए अगर रिपोरोडक्टिव ऑर्गन से जुड़ी कोई भी समस्या होती है, तो उसे इग्नोर ना करें और जल्द से जल्द डॉक्टर से कंसल्ट करें।
बाईलेटरल ओफोरेक्टॉमी और डायबिटीज रिस्क (Bilateral Oophorectomy and Diabetes Risk) दोनों पर अभी रिसर्च की जा रही है, लेकिन महिलाओं को इस ओर विशेष ध्यान देना चाहिए। वहीं रिपोर्ट्स के अनुसार महिलाओं को रिप्रोडक्टिव ऑर्गन से जुड़ी सभी तरह की बातों को समझना चाहिए और अपना विशेष ख्याल रखना चाहिए।
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डायबिटीज के रिस्क को कैसे करें कम? (Tips to prevent Diabetes)

डायबिटीज की समस्या अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण भी हो सकती है। शरीर का ब्लड शुगर लेवल ना बिगड़े इसलिए निम्नलिखित टिप्स फॉलो करें। जैसे:
- पौष्टिक आहार (Healthy diet) का सेवन करें।
- बार-बार खाने (Frequent eating) की आदत से बचें।
- मौसमी फल (Fruits) एवं सब्जियों (Vegetables) का सेवन करें।
- पैक्ड जूस (Juice) एवं खाद्य पदार्थों का सेवन ना करें।
- नियमित एक्सरसाइज (Workout), योग (Yoga) या वॉक (Walk) करें।
- एल्कोहॉल (Alcohol) का सेवन कम से कम करें।
- स्मोकिंग (Smoking) ना करें।
- तनाव (Stress) से बचें।
- 7 से 9 घंटे की नींद (Sleep) लें।