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Prediabetic neuropathy: आसानी से दूर हो सकती है प्री-डायबिटिक न्यूरोपैथी की समस्या!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 18/01/2022

    Prediabetic neuropathy: आसानी से दूर हो सकती है प्री-डायबिटिक न्यूरोपैथी की समस्या!

    प्री-डायबिटीज … जब ब्लड में ग्लूकोज का लेवल सामान्य से ज्यादा हो, लेकिन डायबिटीज के लेवल तक ना पहुंचे, तो इसे मेडिकल टर्म में “प्री-डायबिटीज” (Prediabetes) कहते हैं। अगर साल 2018 के दि इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च (the Indian Journal of Medical Research) के रिसर्च रिपोर्ट की बात करें तो पब्लिश्ड रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार 14 प्रतिशत लोग प्री-डायबिटिक रजिस्टर किये गए थें। ऐसे में डायबिटीज (Diabetes) की समस्या ना हो इसके लिए प्री-डायबिटीज की स्थिति को समझना जरूरी है। इसलिए आज इस आर्टिकल में प्री-डायबिटीज और प्री-डायबिटिक न्यूरोपैथी (Prediabetic Neuropathy) से जुड़े सवालों का जवाब जानेंगे। 

    • प्री-डायबिटीज क्या है?
    • प्री-डायबिटीज लेवल कितना होता है?
    • प्री-डायबिटिक न्यूरोपैथी क्या है?
    • प्री-डायबिटिक न्यूरोपैथी के लक्षण क्या हैं?
    • प्री-डायबिटिक न्यूरोपैथी के लिए टेस्ट क्या हैं?
    • प्री-डायबिटिक न्यूरोपैथी के लिए आवश्यक थेरिपी कौन सी हैं?   

    चलिए अब प्री-डायबिटीज और प्री-डायबिटिक न्यूरोपैथी से जुड़े इन सवालों का जवाब जानते हैं। 

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    प्री-डायबिटीज (Prediabetes) क्या है?

    प्री-डायबिटिक न्यूरोपैथी (Prediabetic neuropathy)

    प्री-डायबिटीज जिसे बॉर्डरलाइन डायबिटीज (Borderline Diabetes) भी कहा जाता है। वैसे तो डायबिटीज की बीमारी अगर शुरू हो जाए तो कई गंभीर बीमारियां आसानी से मरीज के शरीर में अपना आशियाना ढूंढ़ लेती है, लेकिन कहा ये भी जाता है कि अगर जरूरी बातों को ध्यान रखा जाए तो किसी भी बीमारी से निजात मिल सकता है। अब यही बात प्री-डायबिटीज पर भी लागू होती है। प्री-डायबिटीज के दौरान शारीरिक लक्षणों और इसके कारणों को ध्यान रखा जाए तो प्री-डायबिटीज की स्टेज में ही इस बीमारी से मुक्ति मिल सकती है। इसलिए आगे प्री-डायबिटीज लेवल, प्री-डायबिटिक न्यूरोपैथी ((Prediabetic neuropathy) क्या है प्री-डायबिटीज लेवल (Prediabetic neuropathy symptoms) के बारे में जानेंगे, लेकिन सबसे पहले प्री-डायबिटीज लेवल को समझने की कोशिश करते हैं।  

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    प्री-डायबिटीज लेवल कितना होता है? (Level of Prediabetes)

    मेयो फाउंडेशन फॉर मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (Mayo Foundation for Medical Education and Research) रिपोर्ट्स के अनुसार नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल 140 mg/dL (7.8 mmol/L ) को नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल बताया गया है। वहीं ब्लड शुगर लेवल 140 to 199 mg/dL (7.8 to 11.0 mmol/L ) को प्री-डायबिटीज कहते हैं। इसे कभी-कभी इंपेयर्ड ग्लूकोज टॉलरेंस (Impaired Glucose Tolerance) भी माना जाता है। इंपेयर्ड ग्लूकोज टॉलरेंस को अगर सामान्य शब्दों में समझें तो इसका अर्थ है ब्लड शुगर लेवल सामान्य से ऊपर जाना, लेकिन इस दौरान ब्लड शुगर लेवल इतना नहीं बढ़ता है जिसे डायबिटीज समझा जाए। वहीं इस बात को ध्यान रखने की सलाह दी गई है कि अगर ब्लड शुगर लेवल (blood sugar level) 200 mg/dL (11.1 mmol/L ) या इससे बढ़ जाए तो यह टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) की ओर इशारा करता है। 

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    प्री-डायबिटिक न्यूरोपैथी (Prediabetic Neuropathy) क्या है?

    प्री-डायबिटिक न्यूरोपैथी (Prediabetic neuropathy)

    प्री-डायबिटिक न्यूरोपैथी को समझने के लिए सबसे पहले न्यूरोपैथी को समझना जरूरी है। नर्वस सिस्टम की नर्वस से जुड़ी किसी भी परेशानी को मेडिकल टर्म में न्यूरोपैथी कहते हैं। न्यूरोपैथी को सामान्य शब्दों में समझें, तो इसे नसों की तकलीफ के रूप में जाना जाता है। अब अगर बात जॉन्स हॉपकिंस (Johns Hopkins) द्वारा किये गए रिसर्च के अनुसार प्री-डायबिटिक न्यूरोपैथी को आपस में जोड़कर देखा गया है। इसका अर्थ यह है कि प्री-डायबिटीज मरीजों में न्यूरोपैथी से जुड़ी समस्या देखी जा सकती है। रिसर्च रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर प्री-डायबिटिक न्यूरोपैथी का इलाज ठीक तरह से किया जाए तो इससे बचा जा सकता है। इसलिए प्री-डायबिटिक न्यूरोपैथी के लक्षण को समझना जरूरी है। 

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    प्री-डायबिटिक न्यूरोपैथी के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Prediabetic Neuropathy)

    प्री-डायबिटिक न्यूरोपैथी के लक्षण इस प्रकार हैं-

    • बार-बार पेशाब (Frequent urination) लगना। 
    • धुंधला दिखाई (Blurred vision) देना। 
    • अत्यधिक प्यास (Constant thirst) लगना। 
    • थकावट (Fatigue) महसूस होना। 
    • बार-बार इंफेक्शन (Frequent infection)s का शिकार होना। 
    • कटने (Cuts) घाव (Bruises) भरने में वक्त लगना। 
    • हाथ या पैर में झुनझुनी (Tingling) या सुन्न (Numbness)  पड़ना।   

    नोट: हाथ और पैर ज्यादा सुन्न पड़ना। वैसे ध्यान रखें कि ऊपर बताये लक्षण डायबिटीज के भी हो सकते हैं। इसलिए जल्द से जल्द डॉक्टर से कंसल्ट करें।  

    प्री-डायबिटिक न्यूरोपैथी के लिए टेस्ट क्या हैं? (Test for Prediabetic Neuropathy)

    प्री-डायबिटिक न्यूरोपैथी की समस्या नजर आने पर डॉक्टर निम्नलिखित टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं। जैसे: 

    • ब्लड टेस्ट (Blood test)
    • ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट (Oral glucose tolerance test)
    • पेरीफेरल न्यूरोपैथी टेस्ट (Peripheral neuropathy)
    • फिजिकल एग्जामिनेशन (Physical examination)
    • न्यूरोलॉजिकल इवैल्यूऐशन (Neurological evaluation)
    • एलेक्ट्रोमायोग्राफी (Electromyography)

    इन टेस्ट रिपोर्ट्स को ध्यान में रखकर प्री-डायबिटिक न्यूरोपैथी का इलाज करते हैं। 

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    प्री-डायबिटिक न्यूरोपैथी के लिए आवश्यक थेरिपी कौन सी हैं? (Therapy for Prediabetic Neuropathy)

    प्री-डायबिटिक न्यूरोपैथी (Prediabetic neuropathy)

    प्री-डायबिटिक न्यूरोपैथी के इलाज के लिए निम्नलिखित टिप्स अपना सकते हैं। जैसे:  

    • डॉक्टर दर्द की दवा (Medicine) प्रिस्क्राइब करते हैं।  
    • थेरिपी के लिए थैरेपीयूटिक शूज (Therapeutic shoes) पहनने को सलाह दी जाती है। 
    • अगर शरीर का वजन ज्यादा है, तो डॉक्टर वजन कम (Lose weight) करने की सलाह देंगे। 
    • नियमित एक्सरसाइज (Exercise) करने की सलाह दी जाती है। 
    • स्मोकिंग (Smoking) नहीं करना चाहिए। 
    • बैलेंस डायट (Balanced diet) फॉलो करने की सलाह दी जाती है। 

    प्री-डायबिटिक न्यूरोपैथी से घबराएं नहीं सिर्फ जैसे ही शरीर में इसके लक्षण नजर आएं तो जल्द से जल्द डॉक्टर से कंसल्ट करें और उनके द्वारा दी गई सलाह का ठीक तरह से पालन करें। 

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    प्री-डायबिटिक न्यूरोपैथी या प्री-डायबिटीज की समस्या को इग्नोर करना हो सकता है खतरनाक?

    किसी भी बीमारी के प्रति लापरवाही शारीरिक परेशानी को बढ़ा सकती है। इसलिए अगर प्री-डायबिटीज की समस्या है और इसे इग्नोर किया जाए तो नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार निम्नलिखित बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। जैसे: 

    ये सभी मरीज को शारीरिक (Physically) एवं मानसिक (Mentally) दोनों तरह से परेशान कर सकती हैं। इसलिए समय पर इलाज करवाना बेहद जरूरी है। वक्त पर इलाज शुरू करवाने से और डॉक्टर द्वारा दिए गए सलाह का ठीक तरह से पालन करने पर किसी भी गंभीर बीमारी से लड़ना और उससे निजात मिलना आसान हो जाता है।

    नोट: न्यूरोपैथी की समस्या से बचने के लिए ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) बैलेंस बनाये रखना बेहद जरूरी है। 

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    अगर आप प्री-डायबिटिक न्यूरोपैथी के मरीज हैं और प्री-डायबिटिक न्यूरोपैथी (Prediabetic Neuropathy) से जुड़े सवालों का जवाब तलाश कर रहें थें, तो उम्मीद करते हैं प्री-डायबिटिक न्यूरोपैथी से जुड़ी जानकारी आके लिए मददगार होंगी। वहीं अगर आप या आपके कोई भी करीबी डायबिटिक हैं, तो उन्हें ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) को बैलेंस बनाये रखने की सलाह दें, जिससे अन्य बीमारियों से दूर रहने में मदद मिल सकती है।

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