एक महिला के तकरीबन 40 साल तक हर महीने औसतन पांच से छह दिन पीरियड्स के होते हैं। यानी उसकी जिंदगी 3000 दिन पीरियड्स वाले होते हैं। हालांकि, पीरियड्स (Periods) का होना, एक महिला की जिंदगी का महत्वपूर्ण हिस्सा है। लेकिन, भारत में 45 फीसदी महिलाएं पीरियड्स का होना सामान्य नहीं मानती हैं। 70 फीसदी महिलाएं पीरियड्स को गंदा मानती हैं और इस संबंध में चुप रहना पसंद करती हैं। इसकी एक वजह जागरूकता की कमी है। यही वजह है कि पीरियड्स महिलाओं के लिए एक बुरा अनुभव बन जाता है। भारत में, विभिन्न वर्गों, धर्मों और कल्चर्स में पीरियड्स एक बड़ा मुद्दा है। सभी आयु की महिलाओं, यहां तक कि माताओं को भी इस बारे में जानकारी नहीं है कि पीरियड्स सीधे तौर पर चाइल्ड बर्थ से जुड़ा विषय है। इसे खासकर भारत के कुछ ग्रामीण इलाकों में हीन भावना से देखा जाता है।