फंक्शन
एटोशाइन (Etoshine) कैसे काम करता है?
एटोशाइन टैबलेट नॉन स्टिओरॉयडल एंटी इंफ्लामेंट्री ड्रग की श्रेणी में आने वाली दवा है। इस दवा का इस्तेमाल रयूमेटाइड अर्थराइटिस, ऑस्टिओअर्थराइटिस, गाउट, स्पॉन्डिलाइटिस जैसी बीमारियों के कारण होने वाले दर्द और सूजन से निजात दिलाने के लिए होता है। वहीं डेंटल पेन से निजात पाने के लिए इसका काफी रेयर ही इस्तेमाल किया जाता है। इसके कंपोजिशन की बात करें तो इसमें इटोरिकोक्सिब (etoricoxib) नामक तत्व एक्टिव इंग्रीडिएंट्स के तौर पर मौजूद होता है। वहीं यह साइक्लोऑक्सीजींस 2 (सीओएक्स 2) का अवरोधक है। सीओएक्स 2 एक प्रकार का एंजाइम है जिसका इस्तेमाल करके हमारा शरीर एलर्जिक रिस्पांस शुरू करता है।
डोसेज
एटोशाइन (Etoshine) का सामान्य डोज क्या है?
एटोशाइन दवा बच्चों, व्यस्क और बुजुर्गों की हाइट, वजन और हेल्थ कंडिशन को देखने के साथ मेंटल लेवल की जांच करने के बाद ही एक्सपर्ट देते हैं। बता दें कि यदि युवाओं को कोई परेशानी नहीं है तो 60 से 120 एमजी मात्रा दे सकते हैं वहीं बुजुर्गों को भी 60 से 120 एमजी दवा दी जा सकती है।
ओवरडोज या आपात स्थिति में मुझे क्या करना चाहिए?
डॉक्टर के सुझाए डोज से यदि आप ज्यादा मात्रा में डोज का सेवन करते हैं तो जल्दी से जल्दी डॉक्टरी सलाह लें। इस परिस्तिथिति में आपको मेडिकल इमरजेंसी तक की जरूरत पड़ सकती है।
एटोशाइन (Etoshine) की खुराक मिस हो जाए तो क्या करूं?:
मान लें यदि आप टैबलेट का सेवन करना भूल जाते हैं तो उस परिस्थिति में जितनी जल्दी आपको याद आए दवा का सेवन कर लें। वहीं यदि अगली दवा का समय निकट आ गया है तो पहले से निर्धारित दवा का सेवन करें और छूटी हुई दवा को छोड़ दें। डबल डोज से बचें।
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उपयोग
एटोशाइन (Etoshine) का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए?
एटोशाइन का सेवन आप चाहें तो खाने के साथ या बिना भोजन के सिर्फ पानी के साथ कर सकते हैं, लेकिन खाने के बाद यदि इसका सेवन करेंगे तो काफी फायदा पहुंचेगा और स्टमक संबंधी परेशानी भी नहीं होगी। जरूरी है कि पहले डॉक्टरी सलाह ली जाए, उसके बाद ही दवा का सेवन शुरू करें। खुराक संबंधी डॉक्टर के दिए दिशा-निर्देशों का पालन करें। वहीं इस बात का ख्याल रखें कि डॉक्टर के द्वारा सुझाए गए डोज से न कम और न ही ज्यादा मात्रा में दवा का सेवन करें। वहीं दवा के सेवन को लेकर रिएक्शन होता है या फिर स्थिति और गंभीर होती है तो जरूरी है कि जल्द से जल्द इमरजेंसी ट्रीटमेंट करवाएं। दवा को छोड़ने संबंधी निर्णय डॉक्टर से पूछकर ही करना चाहिए।
एटोशाइन दवा के जरिए इन बीमारी का होता है इलाज
- ऑस्टिओअर्थराइटिस : ऑस्टिओअर्थराइटिस की बीमारी होने पर इस दवा को देकर मरीज के दर्द को कम करने के साथ ही उसकी सूजन का भी उपचार किया जाता है।
- रयूमेटाइड अर्थराइटिस : रयूमेटाइड अर्थराइटिस की बीमारी से पीड़ित को इस दवा को देकर ज्वाइंट्स में होने वाले दर्द, स्टिफनेस और सूजन को कम कर मरीज को राहत पहुंचाई जाती है।
- एंकोलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस : एंकोलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस के केस में मरीज के लक्षणों को देखकर उपचार किया जाता है। इस बीमारी के होने से मरीज के स्पाइन के साथ जोड़ों में सूजन आ जाती है। ऐसे में इस दवा को देकर मरीज को राहत पहुंचाई जाती है।
- एक्यूट गाउट : गाउट की परेशानी से पीड़ित लोगों को इस दवा को देकर उनके ज्वाइंट्स में होने वाले दर्द और सूजन को कम किया जाता है।
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साइड इफेक्ट्स
एटोशाइन (Etoshine) के क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?
एटोशाइन के साइड इफेक्ट्स निम्न हैं।
- जी मचलाना
- सिर दर्द
- नींद न आना
- पेट दर्द
- चेहरे, होंठ, आइलिड्स, जीभ, हाथ और तलवो में सूजन
- सांस लेने में तकलीफ और दर्द का अहसास होना
- आंखों और स्किन का यल्लो होना
- धुंधला दिखाई देना
- हार्ट रिदम डिसऑर्डर
- स्टीवंस जॉन्सन सिंड्रोम
- कब्जियत और डायरिया
- इनडायजेशन
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सावधानी और चेतावनी
एटोशाइन (Etoshine) का इस्तेमाल करने से पहले मुझे क्या जानना चाहिए?
अगर निम्न से कोई हेल्थ कंडिशन है तो आपको एटोशाइन का इस्तेमाल बहुत सोच-समझकर करना चाहिए।
- किडनी की बीमारी : ऐसे मरीज जिन्हें गंभीर किडनी की बीमारी है उनको इस दवा का सेवन नहीं करने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि उनकी स्थिति और गंभीर हो सकती है।
- लिवर की बीमारी : वैसे मरीज जो लिवर की बीमारी से जूझ रहे हैं उन्हें इस दवा का सेवन नहीं करने की सलाह दी जाती है, ऐसा इसलिए है क्योंकि उनकी स्थिति और गंभीर हो सकती है। वहीं यदि मरीज को यह दवा दी जा रही है तो समय समय पर लिवर फंक्शन टेस्ट करवाना जरूरी हो जाता है। इसके अलावा जरूरी है कि मरीज की क्लीनिकल कंडीशन को देखते हुए डॉक्टर को दिखाने के बाद डोज एडजस्टमेंट के साथ इस दवा के बदले वैकल्पिक दवाओं को देना सुरक्षित होता है।
- एलर्जी : ऐसे मरीज जिनके बारे में हमें पहले से ही पता है कि उन्हें इटोरिकोक्सिब या इसमें मौजूद तत्वों से एलर्जी है उन्हें इसके सेवन की सलाह नहीं दी जाती है।
- गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग : ऐसे मरीज जिनको गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग की बीमारी पूर्व में हुई हो उन्हें इस दवा के सेवन करने की सलाह नहीं दी जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि माना जाता है कि इससे उनकी स्थिति और गंभीर हो सकती है।
एटोशाइन (Etoshine) हेल्थ कंडिशन पर क्या असर डालती है?
- हार्ट डिजीज : ऐसे मरीज जिनको दिल से संबंधित बीमारी होती है उनको इस दवा का सेवन नहीं करने की सलाह दी जाती है। संभावनाएं रहती हैं कि इस दवा का सेवन करने से उनकी बीमारी कहीं और न बढ़ जाए। वहीं यदि लंबे समय तक दवा का सेवन किया जाए तो दिल से संबंधित बीमारी होने की संभावनाएं रहती हैं। ऐसे में मरीज की क्लीनिकल कंडिशन को देखते हुए डॉक्टर को दिखाने के बाद डोज एडजस्टमेंट के साथ इस दवा के बदले वैकल्पिक दवाओं को देना सुरक्षित होता है।
- हाई ब्लड प्रेशर : हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी से ग्रसित मरीजों को यह दवा जरूरी होने पर दी जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि संभावनाएं रहती हैं कि मरीज की बीमारी कहीं और न बढ़ जाए। इसके साथ ही समय-समय पर ब्लड प्रेशर की जांच भी जरूरी हो जाती है। ऐसे में मरीज की क्लीनिकल कंडिशन को देखते हुए डॉक्टर को दिखाने के बाद डोज एडजस्टमेंट के साथ इस दवा के बदले वैकल्पिक दवाओं को देना सुरक्षित होता है।
- इंफेक्शन : इंफेक्शन से ग्रसित व्यक्ति को यह दवा काफी सावधानी के साथ देने की सलाह दी जाती है। यदि मरीज को बुखार भी है तब भी इसको लेकर खास ख्याल रखा जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस दवा का सेवन करने से मरीज की सेहत और खराब हो सकती है। वहीं समय-समय पर ऐसे मरीजों का क्लीनिकल चेकअप जरूरी होता है। ऐसे में जरूरी है कि मरीज की क्लीनिकल कंडिशन को देखते हुए डॉक्टर को दिखाने के बाद डोज एडजस्टमेंट के साथ इस दवा के बदले वैकल्पिक दवाओं को दिया जाए।
- ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव मेडिसिन : जो लोग ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव मेडिसिन का सेवन करते हैं उनको काफी गंभीरता के साथ इस दवा का सेवन करने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि संभावनाएं रहती हैं कि मरीज की तबियत कहीं और न बिगड़ जाए। वहीं मरीज को सलाह दी जाती है कि तबियत बिगड़ने पर जल्द से जल्द डॉक्टरी सलाह लें। वहीं इस मामले में भी जरूरी है कि मरीज की क्लीनिकल कंडिशन को देखते हुए डॉक्टर को दिखाने के बाद डोज एडजस्टमेंट के साथ इस दवा के बदले वैकल्पिक दवाओं को दिए जाए।
- छोटे बच्चों के इस्तेमाल को लेकर : बता दें कि इस दवा का इस्तेमाल 16 साल से कम उम्र के बच्चे नहीं कर सकते हैं। बच्चों की सुरक्षा को लेकर यह कदम उठाए गए हैं। इसलिए जरूरी है कि बच्चों को यह दवा देने के पूर्व डॉक्टरी सलाह ली जाए।
- ड्राइविंग और हैवी मशीनरी चलाने को लेकर : एटोशाइन का सेवन करने से लोगों को सिर चकराना, नींद न आना जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। ऐसे में मरीज को सलाह दी जाती है कि वह दवा का सेवन करने के बाद गाड़ी न चलाए या फिर वो हैवी मशीन चलाते हैं तो उन्हें ऐसा नहीं करने की सलाह दी जाती है। ऐसा करना उनकी सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है।
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रिएक्शन
कौन-सी दवाइयां एटोशाइन (Etoshine) के साथ रिएक्शन कर सकती हैं?
वैसे तो हर दवा हर व्यक्ति पर अलग तरीके से रिएक्ट करती है। एटोशाइन को लेने से पहले भी इसके रिएक्शन को लेकर डॉक्टरी सलाह जरूर लेना चाहिए। ताकि उसके रिएक्शन से समय रहते बचा जा सके।
इन दवाओं के साथ हो सकता है एटोशाइन का रिएक्शन
- इथीनाइल एस्ट्राडिओल (Ethinyl Estradiol)
- प्रीमाक्वीन (Primaquine)
- लिथियम (Lithium)
- रेमिप्रिल (Ramipril)
- वारफेरिन (Warfarin)
क्या एटोशाइन (Etoshine) भोजन या एल्कोहॉल के साथ रिएक्शन करती है?
इस दवा का सेवन करने के साथ शराब का सेवन करने की सलाह डॉक्टर नहीं देते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि लोगों को दवा के साथ शराब का सेवन करने से कई प्रकार की समस्या हो सकती है। बता दें कि इस पर उतने शोध नहीं हुए हैं। जरूरी है कि यदि आप नियमित तौर पर शराब का सेवन करते हैं तो इसको लेकर डॉक्टरी सलाह जरूर लें।
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स्टोरेज
एटोशाइन (Etoshine) को कैसे करूं स्टोर?
दवा को घर में सामान्य रूम टेंप्रेचर पर ही रखें। इसे सूर्य की किरणों से बचाकर रखें। 25 डिग्री तापमान दवा के लिए बेस्ट है, लेकिन फ्रिज में रखने की गलती कतई न करें। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो यह दवा सामान्य रूप से काम नहीं कर पाएगी। इसके अलावा इसे बच्चों और पालतू जानवरों की पहुंच से दूर रखना चाहिए। एक्सपायरी होने के पहले ही दवा का सेवन करें। लंबे समय तक सेवन करना हो तो डॉक्टरी सलाह लें। वहीं इसे एयरटाइट कंटेनर में रखें। एटोशाइन को डिस्मेंटल करने के लिए उसे फ्लश नहीं करना चाहिए। इससे पर्यावरण को नुकसान पहुंच सकता है। दवा एक्सपायरी हो जाए तो उसे कैसे डिस्पोज करना है इसको लेकर फॉर्मासिस्ट से सलाह लें।
एटोशाइन (Etoshine) किस रूप में उपलब्ध है?
- टैबलेट
- इंजेक्शन
- क्रीम
इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए डॉक्टरी सलाह लें। ।
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