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ओणम सेलिब्रेशन, न्यूट्रिशन से भरपूर हेल्दी फूड के साथ

केरल में ओणम को उत्तर भारत के त्योहार दिपावली की तरह बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्योहार को महाबली नाम के राजा के सम्मान में मनाते हैं। ओणम को फसलों का त्योहार भी कहा जाता है। जब कई फसलें पककर तैयार हो जाती हैं तब इस त्योहार को सेलिब्रेट किया जाता है। जब बात किसी त्योहार की हो तो ऐसे में खाने की बात होना भी लाजमी है। दूसरे त्योंहारों की तरह ओणम सेलिब्रेशन पर भी खाने पीने के एक से बढ़कर एक पकवान बनाए जाते हैं। आइए इस खास पर्व के मौकर पर जानते हैं ओणम थाली के बारे में…

साउथ इंडियन फूड सबसे हेल्दी खानों में से एक है। आयुर्वेदिक तरीके को ध्यान में रखते हुए इसे तैयार किया जाता है। पारंपरिक रूप से इस उत्सव में परिवार और दोस्तों के लिए सादय बनाया जाता है, जिसमें 26 या उससे ज्यादा शाकाहारी व्यंजन बनाकर तैयार किए जाते हैं। विविधताओं से भरी इस ओणम थाली में कई तरह की कढ़ी, पापड़, केले के चिप्स, नारियल की चटनी, हलवा और अलग-अलग आचार शामिल होते हैं।

एस्कॉर्ट हॉस्पिटल की डाइटीशियन प्रियंका ने हैलो स्वास्थ को बताया कि साउथ इंडियन फूड दूसरे खाने की तुलना में कई ज्यादा हेल्दी होता है। ये एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी से भरपूर होता है। इसमें उच्च मात्रा में कैल्शियम होता है। जानते हैं कैसे ओणम सादया बहुत सारी अच्छी चीजों का एक हेल्दी मिश्रण है। सादया को परोसे जाने के लिए किसी धातु के बर्तन की बजाए केले के पत्ते पर परोसा जाता है, जो खाने की गुणवत्ता को और बढ़ाने का काम करता है।

क्या-क्या होता है एक ओणम थाली में शामिल?

कलन (Kalan)

ओणम सादया में कढ़ी सबसे अहम होती है। इसे शकरकंदी, नारियल, छाछ, हल्दी (हल्दी में मौजूद विटामिन जैसे- विटामिन-सी, कैल्शियम, फायबर, जिंक, पोटैशियम आदि) दूध, मिर्च और कई हर्ब्स शामिल करके तैयार किया जाता है। प्रोबायोटिक्स का ये एक अच्छा स्त्रोत है। शकरकंद में स्टार्च होता है जो आंत के बैक्टीरिया के लिए अच्छा होता है।

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ओलन (Olan)

ये टेस्टी डिश सफेद लौकी से बनती है और फाइबर से भरपूर होती है। साथ ही लौकी में लेक्सेटिव और ड्युरेटिक प्रॉपर्टीज होती हैं। लौकी को जब नारियल के साथ मिलाकर बनाया जाता है तो इसमें कैलोरी और सैचुरेटेड फैट (मीडियम चेन ट्रिगलीसिराइड और लॉरिक एसिड) बहुत ज्यादा हो जाते हैं। इसमें सैचुरेटेड फैट अधिक होता है जो इसे पौष्टिक भोजन बनाता है। मीडियम चेन ट्रिगलीसिराइड (medium-chain triglycerides) डायजेस्टिव ट्रेक्ट से सीधा लिवर में जाते हैं जहां इनका इस्तेमाल ऊर्जा और कीटोन के उत्पादन के लिए किया जाता है। यही कारण है कि ये कम वसा के रूप में संग्रहीत होते हैं।

अविअल (Avial)

ओणम थाली में अविअल भी शामिल होती है। इस डिश में बहुत सारी सब्जियों को नारियल के साथ मिलाकर बनाया जाता है। इसमें अच्छी मात्रा में पोषक तत्व और एंटी-ऑक्सिडेंट मौजूद होते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स और रिसर्च की मानें तो नारियल शरीर के लिए लाभकारी माना जाता है। क्योंकि नारियल में मौजूद विटामिन्स, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम या फाइबर जैसे कई अन्य पोषक तत्व की मौजूदगी होती है। नारियल पानी एंटीऑक्सीडेंट का प्रमुख स्रोत भी माना जाता है। वहीं औषधीय गुणों से भरपूर नारियल तेल कई बीमारियों के इलाज में कारगार गया है। इसमें वसा और कोलेस्ट्रॉल नहीं होता, जिस वजह से इसे मोटापे से निजात पाने वालों के लिए वरदान के रूप में भी देखा जाता है। नारियल में मौजूद इन्हीं खूबियों की वजह से वर्ल्ड कोकोनट डे भी मनाया जाता है।

पुली इंजी (Puli Inji)

ओणम थाली में सर्व की जाने वाली यह भी एक खास डिश है। यह मीठा, खट्टा और मसालों का कॉम्बीनेशन है जिसे देखते ही आपके मुंह में पानी आ जाएगा। यह डिश इमली, अदरक और हरी मिर्च से तैयार की जाती है।

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कूटू करी (Kootu curry)

ओणम थाली में सर्व की जाने वाली इस डिश को काबूली चने से बनाया जाता है, जो अपने आप में प्रोटीन का एक अच्छा स्त्रोत है। अगर आप डाइट पर हैं तो ये डिश आपके लिए परफेक्ट है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (glycemic index) बहुत कम होता है, जिसके चलते ये मधुमेह और इंसुलिन पेशेंट्स के लिए भी परफेक्ट ऑप्शन में से एक है।

रसम (Rasam)

रसम के बिना तो ओणम थाली की कल्पना ही नहीं की जा सकती। ये सूप की तरह होता है। इसे दाल, टमाटर, इमली और मसालों से तैयार किया जाता है। इसमें मेथी, काली मिर्च, मकई, हल्दी और धनिया के बीज जैसे कई हर्बस का प्रयोग किया जाता है। ये सभी चीजें हमारी सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद होती हैं। एंटीइन्फलामेटरी, एंटी-बैक्टीरियल और एंटीऑक्सिडेंट गुणों से भरपूर रसम का सेवन सभी उम्र के लोग कर सकते हैं। इसमें इस्तेमाल होने वाली सभी सामग्री में माइक्रो और मैक्रोज का कॉम्बीनेशन होता है जो शरीर में ऊर्जा और इम्यूनिटी के लिए जरूरी हैं।

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परिपू पायसम (Parippu payasam)

पायसम एक लोकप्रिय साउथ इंडियन डिजर्ट है। ओणम के मौके पर स्वीटडिश में इसे खासतौर पर बनाया जाता है। इसे बनाने के लिए दाल, गुड़ और नारियल के दूध का प्रयोग किया जाता है। डाइटीशियन प्रियंका सोनी बताती हैं- पायसम में प्रयोग की गई दाल कार्ब्स से भरपूर होती है। वहीं गुड़ में उच्च मात्रा में आयरन होता है।

सादया में बनाई गई सभी डिश में ऊपर से हल्का हिंग का छिड़काव किया जाता है, जो हमारे डाइजेसटिव सिस्टम के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

https://www.hindustantimes.com/more-lifestyle/onam-2018-here-s-why-sadya-is-the-most-balanced-meal-full-of-nutritional-value/story-2gwLfWrIj9L3VSnBVFxUfK.html Accessed on 9/12/2019

https://www.ndtv.com/health/onam-2018-history-significance-and-healthy-foods-you-can-eat-this-onam-sadya-1905446 Accessed on 9/12/2019

https://indianexpress.com/article/lifestyle/food-wine/onam-special-onam-sadhya-recipes-inji-puli-5969503-kerala-mayalali-5969503/ Accessed on 9/12/2019

https://www.healthifyme.com/blog/how-to-prepare-a-nutritious-onam-sadya/ Accessed on 9/12/2019

https://www.thehealthsite.com/news/onam-special-here-is-why-the-onam-sadhya-is-a-complete-nutritional-platter-d0818-592415/ Accessed on 9/12/2019

Current Version

31/08/2020

Mona narang द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Shruthi Shridhar

Updated by: Sanket Pevekar


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समीक्षा की गई Dr. Shruthi Shridhar द्वारा · · · । लिखा गया Mona narang द्वारा। अपडेट किया गया 31/08/2020।

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