दालचीनी के लाभ बताने से पहले आपको बता दें कि दालचीनी हर घर में आसानी से उपलब्ध होती है। इसे मसाले के रूप में इस्तेमाल करने के साथ ही औषधि के रूप में भी उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग रोगों के उपचार में सालों से किया जा रहा है। ऐसा कहा जाता है कि पुराने समय में राजाओं के द्वारा इसका इस्तेमाल लोगों को उपहार देने के लिए किया जाता था। इसे बहुत मूल्यवान माना जाता था।
आज के समय में दालचीनी को परचून की दुकान से खरीदा जा सकता है। यह सुपरमार्केट में भी आसानी से मिल जाती है। आयुर्वेद में इसके बहुत सारे फायदे बताए गए हैं। इसमें कई सारे एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो बॉडी को डैमेज से बचाते हैं। आइए जानते हैं दालचीनी के लाभ क्या-क्या हैं?
और पढ़ें: रूमेटाइड अर्थराइटिस के लिए डाइट प्लान: इसमें क्या खाएं और क्या न खाएं?
दालचीनी के लाभ- हार्ट अटैक के खतरे को करती है कम
दालचीनी के लाभ में सबसे महत्वपूर्ण है कि दालचीनी बुरे कॉलेस्ट्रॉल के लेवल का कम करती है, जिससे अच्छे कॉलेस्ट्रॉल का लेवल बना रहता है। यहां तक कि कुछ स्टडीज में ऐसा भी सामने आया है कि अगर आप 120mg दालचीनी हर दिन लेते हैं, तो ये अच्छे कॉलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ाती है। इसमें ब्लड प्रेशर को भी कम करती है। इस सभी चीजों को एक साथ देखें, तो यह हार्ट डिसीज जैसे कि हार्ट अटैक के खतरे को कम करती है।
दालचीनी के लाभ- ब्लड शुगर को कंट्रोल करती है
दालचीनी के लाभ में दूसरा महत्वपूर्ण लाभ है कि इसको ब्लड शुगर को कम करने वाली प्रॉपर्टीज के रूप में जाना जाता है। इंसुलिन की सेंसिटिविटी को बढ़ाने के साथ ही यह ब्लड शुगर को कम करती है। दालचीनी खाना खाने के बाद बॉडी में बनने वाले ग्लूकोज के अमाउंट को कम करती है। इंसानों पर की गईं कई स्टडीज के अनुसार इसमें एंटी डायबिटिक प्रभाव होता है, जो कि ब्लड शुगर लेवल को 10-29 प्रतिशत तक कम कर देता है। इसके लिए आपको 1-6 ग्राम दालचीनी पाउडर रोज खाना होगा।
दालचीनी के लाभ- कैंसर से लड़ने में करती है मदद
स्टडीज के मुताबिक, दालचीनी में कैंसर को रोकने और इसका इलाज करने का क्षमता है। यह कैंसर कोशिकाओं को बनने से रोकती है। कोलोन कैंसर से जुड़ी एक स्टडी के अनुसार, इसमें एक एक्टिवेटर होता है, जो कि कोलोन में एंजाइम को डीटॉक्स करके कैंसर ग्रोथ से बचाता है।
और पढ़ें : हृदय रोग के लिए डाइट प्लान क्या है, जानें किन नियमों का करना चाहिए पालन?
दालचीनी के लाभ- फंगल और बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचाती है
इसमें में ऐसे तत्व होते हैं, जो कि कई तरक के इंफेक्शन से लड़ने में मदद करते हैं, दालचीनी का तेल रेसपिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का इलाज में मदद करता है। यह लिस्टेरिया और सालमोनेला जैसे बैक्टीरिया की ग्रोथ को रोकती है। यह सांस की बदबू को भी दूर करती है।
दालचीनी के लाभ- HIV वायरस से लड़ने में मदद कर सकती है
HIV का वायरस इम्यून सिस्टम को तोड़ देता है। अगर इलाज न किया जाए, तो इसकी वजह से एड्स हो सकता है। दालचीनी में पाए जाने वाले तत्व HIV-1 से लड़ने में मदद करते हैं।
ये थे छोटी सी दालचीनी के बड़े-बड़े फायदे। उम्मीद है इसे आप अपने अपने खानपान में शामिल करेंगे और इसके फायदे उठाएंगे।
दालचीनी के लाभ- मुंहासों पर करती है असर
शहद में ज्यादातर फ्रुक्टोज और ग्लूकोज है। इसके अलावा शहद में प्रोटीन, अमीनो एसिड, विटामिन, खनिज और एंजाइम भी पाए जाते हैं। सदियों से, लोगों ने शहद को एक औषधीय उपचार के रूप में इस्तेमाल किया है। शहद का उपयोग रूसी, जलने-कटने और फंगल संक्रमण के इलाज के लिए किया जाता रहा है। पर शहद की ताकत तब बढ़ जाती है जब उसके साथ दालचीनी का प्रयोग किया जाता है। मुंहासे के इलाज के लिए शहद और दालचीनी का उपयोग करने का मुख्य कारण यह है कि यह उन जीवाणुओं को मारने में मदद कर सकता है जो चेहरे पर खुले हुए छिद्रों को बढ़ाने में योगदान करते हैं। दालचीनी में रोगाणु रोकने के भी गुण होते हैं जिसकी मदद से वो चेहरे पर बढ़ने वाले मुंहासों पर नियंत्रण कर लेता है।
ऐसे बनाएं दलचीनी और शहद का फेस मास्क
शहद और दालचीनी के फेस मास्क को अपने चेहरे पर लगाकर 30 मिनट के लिये छोड़े। इस मास्क का प्रभाव लगाने वाले व्यक्ति की त्वचा पर निर्भर करता है।
दालचीनी का सेवन सभी के लिए सुरक्षित है?
छोटे बच्चों के इलाज में या प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को दालचीनी का सेवन करने से परहेज करना चाहिए, क्योंकि प्रेग्नेंट महिलाओं और बच्चों पर इसके प्रभाव से जुड़े पर्याप्त रिसर्च मौजूद नहीं हैं।
और पढ़ें: विटिलिगो: सफेद दाग के रोगियों के लिए डाइट प्लान
दालचीनी के साइड इफेक्ट (Side Effect of Cinnamon In Hindi)
दालचीनी के लाभ के अलावा इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में।
- तेज गर्मी लगना (फ्लशिंग)
- दिल की धड़कन तेज होना
- मुंह में सूजन और छाले, जीभ और मसूड़ों में सूजन
- बार-बार शौच लगना, भूख की कमी
- त्वचा पर खुजली (डर्मेटाइटिस)
- सांस फूलना
- हाइपरसेंसिटिविटी
हालांकि, हर किसी को यह साइड इफेक्ट हों ऐसा जरूरी नहीं है। कुछ ऐसे भी साइड इफेक्ट हो सकते हैं, जो ऊपर बताए नहीं गए हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी साइड इफेक्ट महसूस हों या आप इनके बारे में और जानना चाहते हैं, तो नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।
दालचीनी की खुराक (Doses of Cinnamon In Hindi)
यहां पर दी गई जानकारी को डॉक्टर की सलाह का विकल्प न मानें। किसी भी दवा या सप्लीमेंट का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
दालचीनी के लाभ प्राप्त करने के लिए इसे कितनी मात्रा में खाना चाहिए?
कुछ शोधों में मरीजों को रोजाना एक से 1.5 ग्राम दालचीनी पाउडर दिया गया और उनमें कोई गलत प्रभाव नहीं देखा गया। इस हर्बल सप्लीमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लीमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए, सही खुराक की जानकारी के लिए और दालचीनी के लाभ प्राप्त करने के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
और पढ़ें: अल्सरेटिव कोलाइटिस रोगी के डाइट प्लान में क्या बदलाव करने चाहिए?
दालचीनी किन रूपों में उपलब्ध है?
आमतौर पर इसका इस्तेमाल इन रूपों में किया जाता है : सूखी छाल, एसेंशियल ऑयल, पत्तियां, पाउडर, टिंचर और फ्लूइड एक्सट्रेक्ट। डॉक्टर या हर्बल विशेषज्ञ की सलाह लेकर आप इनमें से किसी भी रूप में इसका उपयोग कर सकते हैं।
हम उम्मीद करते हैं कि दालचीनी के लाभ पर आधारित यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित होगा। इस आर्टिकल में हमने दालचीनी के लाभ के अलावा उसके साइड इफेक्ट्स और खुराक के बारे में भी बताया। दालचीनी का रेगुलर यूज करने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।
[embed-health-tool-bmr]