कैंसर (Cancer) …ये शब्द सुनते ही अगर किसी तस्वीर की हम कल्पना करते हैं, तो शायद हारती हुई जिंदगी की। इस बात पर मुहर लगाती है वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) साल 2020 की एक रिपोर्ट। दरअसल इस रिपोर्ट में यह बताया गया है कि 10 में से 1 भारतीय कैंसर के शिकार हो रहा है और 15 कैंसर पेशेंट्स में से 1 व्यक्ति की मौत भी हो रही है। ये आंकड़ें डराने वाले जरूर हैं, लेकिन रिसर्च की मानें, तो कैंसर का इलाज अगर शुरुआती दौर में ठीक तरह से किया जाए, तो इस जानलेवा बीमारी को भी मात दिया जा सकता है। वैसे किसी भी बीमारी को खत्म करने के लिए उस बीमारी के बारे में जानना जरूरी है। इसलिए आज इस आर्टिकल में समझेंगे स्टेज-0 सर्वाइकल कार्सिनोमा (Cervical Carcinoma In Situ) के बारे में। जानेंगे स्टेज-0 सर्वाइकल कार्सिनोमा का इलाज कैसे किया जाता है? और साथ ही इससे जुड़ी कंप्लीट इन्फॉर्मेशन।
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स्टेज-0 सर्वाइकल कार्सिनोमा (CIS) क्या है? (What is Cervical Carcinoma In Situ)
स्टेज-0 सर्वाइकल कार्सिनोमा (CIS) कैंसर के सबसे अर्ली स्टेज को कहा जाता है। ठीक उसी तरह स्टेज-0 सर्वाइकल कार्सिनोमा (Cervical Carcinoma In Situ) भी कैंसर का सबसे अर्ली स्टेज माना जाता है, जिसे स्टेज जीरो भी कहा जाता है। अगर इसे आसान शब्दों में समझें, तो इसका अर्थ है सर्विक्स (Cervix) में कैंसर कोशिकाओं का जन्म हो चुका है, लेकिन अभी ये टिशू के अंदुरुनी हिस्सों तक नहीं पहुंचा है। यूट्रस का यह सबसे निचला हिस्सा होता है। सर्वाइकल कैंसर का विकास सर्विक्स से शुरू होता है और धीरे-धीरे फैलता है। ऐसा ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (Human Papillomavirus (HPV)) की वजह से होता है, जो सेक्शुअल कॉन्टेक्ट की वजह से फैलता है।
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) में पब्लिश्ड एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2012 में यूनाइटेड स्टेट्स में 12000 महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित थीं। इन महिलाओं में ज्यादातर महिलाओं की उम्र 55 साल से कम थी। रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया है कि 20 साल से कम उम्र की महिलाओं के स्टेज-0 सर्वाइकल कार्सिनोमा (CIS) होना अत्यधिक रेयर होता है। यंगस्टर में ये कैंसर काफी देखा जाता है, लेकिन 40 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं में स्टेज-0 सर्वाइकल कार्सिनोमा रेट्स में कमी आई है। अब ऐसे में यह समझना बेहद जरूरी है कि स्टेज-0 सर्वाइकल कार्सिनोमा (Cervical Carcinoma In Situ (CIS)) के कारण क्या हैं और इस स्टेज जीरो कैंसर को कैसे रोका जा सकता है।
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स्टेज-0 सर्वाइकल कार्सिनोमा के कारण क्या हैं? (What Causes Cervical CIS)
स्टेज-0 सर्वाइकल कार्सिनोमा का सबसे मुख्य कारण ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (Human Papillomavirus (HPV)) है। इस वायरस के 100 से भी ज्यादा स्ट्रेन होते हैं, जो स्टेज-0 सर्वाइकल कार्सिनोमा के संभावना को बढ़ा भी सकते हैं और कम भी कर सकते हैं। नैशनल कैंसर इंस्टीट्यूट में पब्लिश्ड एक रिपोर्ट में बताया गया है कि 70 प्रतिशत स्टेज-0 सर्वाइकल कार्सिनोमा (CIS) की समस्या ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (HPV) के कारण ही होती है। इसके अलावा स्टेज-0 सर्वाइकल कार्सिनोमा (CIS) के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं। जैसे :
- एक से ज्यादा सेक्शुअल पार्टनर होना
- स्मोकिंग करना
- इम्यून पावर कमजोर होना
- सेक्शुअल इंटरकोर्स कम उम्र से करना
- डायट में फल और सब्जियों को शामिल नहीं करना
- बर्थ कंट्रोल पिल्स का सेवन करना
- क्लैमिडिया से संक्रमित होना
इन ऊपर बताये कारणों की वजह से सीआईएस का खतरा बढ़ जाता है या महिला इससे पीड़ित हो जाती हैं। ऐसे में इस बीमारी को दूर करने के लिए इसके लक्षणों को समझना जरूरी है।
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क्या है स्टेज-0 सर्वाइकल कार्सिनोमा के लक्षण? (Symptoms of Cervical Carcinoma In Situ)
रिसर्च के अनुसार कैंसर के अर्ली स्टेज में कोई भी लक्षण नजर नहीं आते हैं, लेकिन कुछ वक्त के बाद निम्नलिखित लक्षण नजर आ सकते हैं। इन लक्षणों में शामिल है:
- इंटरकोर्स के बाद वजायनल ब्लीडिंग होना
- वजायना से पानी या रक्त डिस्चार्ज होना
- पेल्विक पेन होना
- इंटरकोर्स के दौरान दर्द महसूस होना
अगर ऐसे लक्षण नजर आ रहें हों या महसूस करती हैं, तो घबराएं नहीं और अपने पार्टनर से बात करें और डॉक्टर से कंसल्टेशन करना सबसे महत्वपूर्ण कदम होगा।
स्टेज-0 सर्वाइकल कार्सिनोमा का निदान कैसे किया जाता है? (How Is Cervical CIS Diagnosed)
सीआईएस (CIS) के निदान के लिए डॉक्टर पेशेंट को निम्नलिखित टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं। इन टेस्ट में शामिल है:
पैप स्मीयर या पैप टेस्ट (Pap smear test) –
सर्विक्स (Cervix) के शुरुआती कैंसर की जांच के लिए पैप टेस्ट करने की सलाह दी जाती है। सर्विक्स, महिलाओं का रिप्रोडक्टिव ऑर्गेन हैं। इस टेस्ट की मदद से गर्भाशय (Uterus) में उन कोशिकाओं की जानकारी ली जाती है, जो कैंसरस सेल्स बन चुके हैं या भविष्य में बन सकते हैं।
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ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (Human Papilloma virus test (HPV)) टेस्ट –
ह्यूमन पेपिलोमा वायरस टेस्ट, पैप टेस्ट के दौरान ही किया जाता है। इस टेस्ट से कैंसरस सेल्स की जानकारी ली जाती है।
इन दो टेस्ट के अलावा डॉक्टर पेशेंट के कॉल्पोस्कोपी प्रोसेस की मदद से सर्विक्स की जांच करते हैं। इस टेस्ट के दौरान डॉक्टर सर्विक्स (Cervix) पर एक सौल्यूशन अप्लाय करते हैं, जिससे एब्नॉर्मल सेल्स की जानकारी मिलती है। इस दौरान टिशू ली जाती है, जिसे बायोप्सी (Biopsy) के लिए भेजा जाता है। अगर बायोप्सी रिपोर्ट में स्टेज-0 सर्वाइकल कार्सिनोमा की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो इन्फेक्टेड एरिया को रिमूव करने का निर्णय पेशेंट की हेल्थ और कंडिशन को देखते हुए डॉक्टर लेते हैं।
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स्टेज-0 सर्वाइकल कार्सिनोमा का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment for Cervical Carcinoma In Situ)
स्टेज-0 सर्वाइकल कार्सिनोमा (CIS) के इलाज के लिए डॉक्टर निम्नलिखित विकल्प अपनाते हैं। इन विकल्पों में शामिल है:
- जो महिलाएं बेबी प्लानिंग (Baby planning) नहीं करना चाहती या वो मां बन चुकी हैं, तो उनमें हिस्टरेक्टॉमी (Hysterectomy) की मदद ली जाती है। इस दौरान सर्जरी की मदद से यूट्रस को बॉडी से अलग किया जाता है।
- एब्नॉर्मल सेल्स को फ्रीज कर। यह प्रक्रिया डॉक्टर के क्लिनिक में ही किया जाता है।
- लेजर सर्जरी की मदद से इन्फेक्टेड एरिया को ठीक किया जाता है।
- कोनिजेशन (Conization) की मदद से सर्विक्स के एरिया को रिमूव किया जाता है। दरअसल इस प्रोसेस के दौरान एब्नॉर्मल टिशू के कोन शेप टिशू को हटाया जाता है।
स्टेज-0 सर्वाइकल कार्सिनोमा (CIS) का इलाज इन ऊपर बताये का तरीका है। इसके साथ ही डॉक्टर पेशेंट के बॉडी स्ट्रक्चर, उम्र और बीमारी की गंभीरता को ध्यान में रखकर भी इलाज करते हैं।
डॉक्टर से कंसल्टेशन की जरूरत कब पड़ती है?
निम्नलिखित स्थितियों में डॉक्टर से जल्द से जल्द कंसल्ट करें। अगर आपको-
- इंटरकोर्स के बाद वजायनल ब्लीडिंग होता है।
- वजायना से वॉटर या ब्लड की तरह डिस्चार्ज होना।
- पेल्विक में दर्द होना।
- इंटरकोर्स के दौरान सामान्य से ज्यादा दर्द होना।
ऐसी स्थिति में डॉक्टर से अपॉइंटमेंट को टाले नहीं। क्योंकि अगर शुरुआती स्टेज में किसी भी कैंसर या किसी भी अन्य बीमारियों की जानकारी मिलती है और उसका इलाज ठीक तरह से करवाया जाता है, तो उस बीमारी को हराना आसान हो जाता है और जिंदगी जीना भी आसान।
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सर्वाइकल कार्सिनोमा से जुड़े फैक्ट्स (Facts of Cervical Carcinoma)
नैशनल फाउंडेशन फॉर कैंसर रिसर्च (NFCR) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार इस कैंसर से जुड़े फैक्ट्स इस प्रकार हैं-
- सर्वाइकल कार्सिनोमा ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (HVP) की वजह से होता है।
- ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (HPV) के सिर्फ कुछ ही वायरस से इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।
- सर्वाइकल कार्सिनोमा (Cervical Carcinoma) से बचना मुमकिन है।
- इस कैंसर से जुड़े वार्निंग साइन मिलते हैं, लेकिन शुरुआती दिनों में नहीं।
सर्वाइकल कार्सिनोमा से जुड़े फैक्ट्स को समझें और वक्त रहते इसका इलाज शुरू करवाएं। सीआईएस (CIS) की समस्या से बचने के लिए और क्या किया जा सकता है, इसकी जानकारी आगे दी जा रही है।
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स्टेज-0 सर्वाइकल कार्सिनोमा (Cervical Carcinoma In Situ) से बचने के लिए क्या हैं उपाय?
सीआईएस (CIS) की परेशानी ना हो इसलिए हेल्थ एक्सपर्ट निम्नलिखित सुझाव देते हैं। जैसे:
- कॉन्डोम के बिना शारीरिक संबंध ना बनायें।
- महिलाओं को 30 से 35 साल की आयु के बाद पैप टेस्ट करवाना चाहिए।
- स्मोकिंग से पूरी तरह से दूरी बना लें, क्योंकि सिगरेट में मौजूद निकोटिन ब्लड में घुल जाती है और धीरे-धीरे गर्भाशय-ग्रीवा (Uterine Cervix) में प्रवेश करने लगती है। ये सभी धीरे-धीरे जमा होने लगती है, जिससे कैंसरस सेल्स का निर्माण आसानी से हो सकता है और आप अनजाने में खुद से कैंसर को दावत दे बैठते हैं।
- हेल्दी फूड और हेल्दी लाइफ स्टाइल मेंटेन करें।
इन छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर स्टेज-0 सर्वाइकल कार्सिनोमा (Cervical Carcinoma In Situ) से बचा जा सकता है।
अगर आप स्टेज-0 सर्वाइकल कार्सिनोमा (Cervical Carcinoma In Situ) या गर्भाशय के कैंसर से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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