एचपीवी टेस्ट (HPV test) जिसे ह्यूमन पैपिलोमावायरस टेस्ट भी कहा जाता है व्यक्ति के अंदर ह्यूमन पैपिलोमावायरस का पता लगाने के लिए किया जाता है। यह वायरस जेनिटल वार्ट्स, असामान्य सर्विक्स कोशिकाएं या सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) का कारण बन सकता है। डॉक्टर एचपीवी टेस्ट तब रिकमंड करते हैं जब पेप टेस्ट सामान्य नहीं रहा हो, टेस्ट में एटिपिकल स्क्वामस कोशिकाएं (Atypical squamous cells) दिखाई दी हों या व्यक्ति की उम्र 30 साल से ज्यादा हो।
यह टेस्ट केवल महिलाओं के लिए उपलब्ध है ऐसा कोई भी एचवीपी टेस्ट नहीं है जो पुरुषों में इस वायरस का पता लगा सके। पुरुष एचपीवी से संक्रमित हो सकते हैं और इस वायरस को सेक्स के जरिए अपने पार्टनर तक ट्रांसफर कर सकते हैं।
एचपीवी टेस्ट (HPV test) क्यों किया जाता है?
एचपीवी टेस्ट सर्वाइकल कैंसर के लिए किया जाने वाला स्क्रीनिंग टेस्ट है, लेकिन इससे यह पता नहीं चलता कि महिला को कैंसर है या नहीं क्योंकि यह सिस्टम में होने वाले वायरस का पता लगाता है जो सर्वाइकल कैंसर का कारण बनता है। एचपीवी के कुछ प्रकार जैसे कि 16 और 18 सर्वाइकल कैंसर के रिस्क को बढ़ा सकते हैं। यह जानने के बाद कि मरीज को किसी भी प्रकार का एचपीवी हो वह उसे सर्वाइकल कैंसर के रिस्क में डाल सकता है। ऐसे में डॉक्टर और प्रभावित व्यक्ति मिलकर अगला कदम निर्धारित कर सकते हैं। जिसमें फॉलो अप मॉनिटरिंग, आगे के लिए टेस्ट और असामान्य कोशिकाओं के लिए ट्रीटमेंट शामिल है।
तीस साल से पहले एचपीवी टेस्ट (HPV test) को रूटीन टेस्ट में कराने की सिफारिश नहीं की जाती है। यह मददगार भी नहीं है। एचपीवी सेक्शुअल कॉन्टैक्ट के जरिए फैलता है और यह व्यस्कों में आम है। हालांकि एचपीवी इंफेक्शन अपने आप ही एक दो साल में ठीक हो जाता है। सर्वाइकल में होने वाले बदलाव जो कैंसर का कारण बनते हैं 10 साल या उससे अधिक समय में डेवलप होते हैं।
एचपीवी टेस्ट से जुड़े रिस्क क्या हैं? (HPV test risk)
किसी भी स्क्रीनिंग टेस्ट की तरह ही एचपीवी टेस्ट (HPV test) के कई रिस्क हैं जिसमें फॉल्स पॉजिटिव और फॉल्स निगेटिव शामिल है।
फॉल्स पॉजिटिव (False positive)
एक फॉल्स पॉजिटिव रिजल्ट बताता है कि मरीज को एचपीवी होने का हाय रिस्क है जो कि वास्तव में नहीं होता है। एक फॉल्स पॉजिटिव रिजल्ट व्यक्ति को अनआवश्यक फॉलो अप प्रॉसीजर की तरफ ले जाता है जिसमें कोल्पोस्कोपी या बायोप्सी शामिल है। साथ ही इससे व्यक्ति को सीवियर एंजायटी से गुजरना पड़ता है।
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फॉल्स निगेटिव (False Negative)
फॉल्स निगेटिव रिजल्ट का मतलब है कि मरीज को एचपीवी इंफेक्शन है लेकिन टेस्ट इसके नहीं होने की पुष्टि कर रहा है। इसकी वजह से फॉलो अप टेस्ट और प्रॉसीजर में देरी हो सकती है।
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एचपीवी टेस्ट के लिए कैसे तैयारी करें? (How to prepare for HPV test)
एचपीवी टेस्ट के लिए किसी खास तैयारी की जरूरत नहीं होती। कई बार एचपीवी टेस्ट पेप टेस्ट (Pap test) के समय ही कर लिया जाता है। टेस्ट के पहले निम्न बातों का ध्यान रखें।
- इंटरकोर्स ना करें
- टेस्ट से दो दिन पहले से वजायना में किसी प्रकार की कोई दवा, जेल, क्रीम इंसर्ट ना करें
- मासिक धर्म के दौरान टेस्ट कराने के लिए ना जाए। सेल्स सैम्पल की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।
इस प्रक्रिया के दौरान क्या होता है?
जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि एचपीवी टेस्ट (HPV test) पेप टेस्ट के साथ ही कर लिया जाता है। जिसमें सर्विक्स से कुछ कोशिकाओं को कलेक्ट किया जाता है ताकि उनमें कैंसर या असामान्यता का पता लगाया जा सके। एचपीवी टेस्ट उसी सैम्पल से यूज करते हुए किया जा सकता है या सर्विकल केनाल से दूसरा सैम्पल कलेक्ट किया जाता है। पैप और एचपीवी टेस्ट का यह प्रॉसीजर डॉक्टर के क्लिनिक या हॉस्पिटल में हो सकता है। इसमें कुछ मिनटों का ही समय लगता। इस प्रॉसेस को निम्न प्रकार संपन्न किया जाता है।
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इन स्टेप्स को करना होगा फॉलो
- मरीज को अपने कपड़े उतारकर हॉस्पिटल गाउन पहनना होगा।
- मरीज को पेल्विक एग्जामिनेशन की तरह लेटने के लिए कहा जाएगा। जिसमें घुटने को मोड़कर लेटा जाता है।
- डॉक्टर स्पैकुलम का उपयोग वजायना को फैलाने के लिए करता है ताकि सर्विक्स को अच्छी तरह से देखा जा सके। स्पैकुलम के इंसर्ट होने पर पेल्विक एरिया में हल्का सेंसेशन या प्रेशर का अनुभव हो सकता है।
- डॉक्टर सर्विकल कोशिकाओं का सैम्पल लेंगे। इसके लिए एक सॉफ्ट ब्रश और स्क्रैपिंग डिवाइस का यूज किया जाता है जिसे स्पाटुला spatula कहा जाता है।
- इससे किसी प्रकार की तकलीफ नहीं होती यहां तक कि सैम्पल ले लिया गया है इसका पता भी नहीं चलता।
प्रॉसीजर के बाद क्या होता है?
टेस्ट के बाद व्यक्ति अपनी डेली एक्टिविटीज को बिना किसी रोकटोक के कर सकते हैं। अपने डॉक्टर से पूछें कि कब रिजल्ट आएगा।
रिजल्ट्स (HPV test results)
एचपीवी टेस्ट (HPV test) का रिजल्ट सकारात्मक या नकारात्मक के रूप में आएगा। सकारात्मक एचपीवी परीक्षण। एक सकारात्मक परीक्षा परिणाम का मतलब है कि व्यक्ति को एचपीवी का उच्च जोखिम है जो गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर से जुड़ा हुआ है। इसका मतलब यह नहीं है कि आपको अभी सर्वाइकल कैंसर है, लेकिन यह एक चेतावनी संकेत है कि भविष्य में सर्वाइकल कैंसर विकसित हो सकता है।
डॉक्टर संभवत: एक वर्ष में फॉलो अप टेस्ट की सिफारिश करेगा ताकि यह देखा जा सके कि संक्रमण चला गया है या गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के लक्षण हैं। नकारात्मक एचपीवी परीक्षण। एक नकारात्मक परीक्षा परिणाम का मतलब है कि आपके पास किसी भी प्रकार का एचपीवी नहीं है जो गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का कारण बनता है।
अगला कदम
टेस्ट रिजल्ट के आधार पर डॉक्टर कुछ चीजों को रिकमंड कर सकते हैं। जो निम्न प्रकार हो सकते हैं।
सामान्य निगरानी (Normal monitoring)
यदि किसी की उम्र 30 वर्ष से अधिक है, और एचपीवी टेस्ट (HPV test) नकारात्मक है और पैप परीक्षण सामान्य है, तो पांच वर्षों में दोनों परीक्षणों को दोहराने के लिए कहा जाएगा।
कोल्पोस्कोपी (Colposcopy)
इस फॉलो अप प्रक्रिया में, यदि आपका पैप परीक्षण असामान्य है, तो आपका डॉक्टर गर्भाशय ग्रीवा की अधिक बारीकी से जांच करने के लिए एक विशेष आवर्धक लेंस (कोलपोस्कोप) का उपयोग करता है।
बायोप्सी (Biopsy)
इस प्रक्रिया में, आमतौर पर कोल्पोस्कोपी के साथ ही किया जाता है, डॉक्टर माइक्रोस्कोप के तहत अधिक बारीकी से जांच करने के लिए गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं (बायोप्सी) का एक नमूना लेता है।
असामान्य ग्रीवा कोशिकाओं को हटाना (Removal of abnormal cervical cells)
असामान्य कोशिकाओं को कैंसर कोशिकाओं में विकसित होने से रोकने के लिए, डॉक्टर ऊतक के उन क्षेत्रों को हटाने के लिए एक प्रक्रिया का सुझाव दे सकता है जिनमें असामान्य कोशिकाएं होती हैं।
किसी विशेषज्ञ की देखकर (Seeing a specialist)
यदि आपका पैप परीक्षण या एचपीवी परीक्षण के परिणाम असामान्य हैं, तो डॉक्टर शायद कोल्पोस्कोपिक परीक्षा के लिए स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास भेज देंगे। यदि परीक्षण के परिणाम बताते हैं कि मरीज को कैंसर हो सकता है, तो डॉक्टर के पास भेजा जा सकता है जो फीमेल जेनिटल ट्रैक्ट (स्त्री रोग संबंधी ऑन्कोलॉजिस्ट) के कैंसर का इलाज करने में माहिर है।
अच्छी बात ये है कि एचपीवी (HPV) वैक्सीन को अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा मंजूरी दी गई है और इसका उपयोग लड़कियों और लड़कों दोनों के लिए किया जा सकता है। यदि किसी लड़की या महिला को किसी वायरस के संपर्क में आने से पहले एचपीवी (HPV) वैक्सीन दी गई हो, तो सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय ग्रीवा) के अधिकांश मामलों को रोका जा सकता है। इतना ही नहीं इसके अलावा, यह टीका महिलाओं में योनि (वजायना) और वल्वर कैंसर (vulvar) को रोक सकता है। यह महिलाओं और पुरुषों में जननांग मौसा (Genital warts) और गुदा कैंसर (Anal cancer) को रोक सकता है।
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उम्मीद करते हैं कि आपको एचपीवी टेस्ट (HPV Test) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।