कैंसर एक गंभीर बीमारी है और यह बीमारी कब शुरुआत से आखरी स्टेज में पहुंच जाए यह कहना मुश्किल है। हालांकि यह हमसभी को समझना चाहिए कि कैंसर के आखरी स्टेज में भी पेशेंट की देखभाल बेहद जरूरी है। इसलिए आज इस आर्टिकल में कोलोरेक्टल कैंसर सपोर्टिव केयर (Colorectal cancer Supportive care) के बारे में समझेंगे।
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कोलोरेक्टल कैंसर एक ऐसा कैंसर है, जो पेट या मलाशय (Rectum) में होता है। इस कैंसर को पेट का कैंसर (Colon) या रेक्टल (Rectal) कैंसर भी कहा जा सकता है। दरअसल यह इस बात पर निर्भर करता है कि कैंसर कहां से शुरू होता है। कोलन कैंसर और रेक्टल कैंसर आमतौर पर एक जैसे होते हैं। बड़ी आंत को भी कोलन कहते हैं। अमेरिकन कैंसर सोसायटी (American Cancer Society) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार 22 पुरुषों में 1 और 24 महिलाओं में से 1 व्यक्ति को कोलोरेक्टल कैंसर की समस्या होती है। ऐसी स्थिति में कोलोरेक्टल कैंसर के कारण और लक्षणों को समझना जरूरी है।
- कोलोरेक्टल कैंसर के लिए सपोर्टिव केयर के बारे में क्या समझना आवश्यक है?
- किन-किन स्थितियों में पैलिएटिव केयर की जरूरत पड़ सकती है?
- किन-किन परेशानियों को दूर करने में सहायक है पैलिएटिव केयर?
- कोलोरेक्टल कैंसर के लिए सपोर्टिव केयर कितने दिनों के लिए आवश्यक होती है?
- कोलोरेक्टल कैंसर के लिए सपोर्टिव केयर एक्सपर्ट किन-किन बातों को ध्यान रखने की सलाह देते हैं?
- कोलोरेक्टल कैंसर के कारण क्या हैं?
चलिए अब कोलोरेक्टल कैंसर के लिए सपोर्टिव केयर से जुड़े इन सवालों का जवाब जानते हैं।
कोलोरेक्टल कैंसर सपोर्टिव केयर (Colorectal cancer Supportive care): कोलोरेक्टल कैंसर के लिए सपोर्टिव केयर के बारे में क्या समझना आवश्यक है?
कोलोरेक्टल कैंसर सपोर्टिव केयर को मेडिकल टर्म में पैलिएटिव केयर (Palliative care) कहते हैं। कोलोरेक्टल कैंसर के लिए सपोर्टिव केयर यानी पैलिएटिव केयर को अगर आसान शब्दों में समझें, तो पेशेंट की स्थिति कितनी भी गंभीर क्यों ना हो, लेकिन ऐसी स्थिति में पेशेंट और उनके फेमली को इस बात से अवगत करवाना होता है कि सीरियस कंडिशन के बावजूद भी पेशेंट को क्वॉलिटी लाइफ दी जा सकती है। कोलोरेक्टल कैंसर के लिए सपोर्टिव केयर के लिए डॉक्टर्स की टीम, नर्स एवं इससे जुड़े अन्य एक्सपर्ट हो सकते हैं, मेडिकल एक्सपर्ट के साथ काम करते हुए फेमली मेंबर को भी मेंटली स्ट्रॉन्ग बनाने में मददगार होते हैं।
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किन-किन स्थितियों में पैलिएटिव केयर (Palliative care) की जरूरत पड़ सकती है?
कोलोरेक्टल कैंसर के साथ-साथ निम्नलिखित स्थितियों में पैलिएटिव केयर की जरूरत पड़ सकती है। जैसे:
- कैंसर (Cancer)
- ब्लड और बोन मैरो डिसऑर्डर (Blood and bone marrow disorders)
- हार्ट डिजीज (Heart disease)
- सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis)
- डिमेंशिया (Dementia)
- लिवर डिजीज का आखरी स्टेज (End-stage liver disease)
- किडनी फेलियर (Kidney failure)
- लंग डिजीज (Lung disease)
- पार्किंसन डिजीज (Parkinson’s disease)
- स्ट्रोक (Stroke)
इन बीमारियों में भी पैलिएटिव केयर की जरूरत पड़ सकती है।
कोलोरेक्टल कैंसर सपोर्टिव केयर (Colorectal cancer Supportive care): किन-किन परेशानियों को दूर करने में सहायक है पैलिएटिव केयर?
निम्नलिखित शारीरिक तकलीफों को दूर करने में पैलिएटिव केयर की मदद ली जा सकती है। जैसे:
- अत्यधिक दर्द (Pain) की समस्या होना।
- जी मिचलाने (Nausea) की समस्या होना।
- उल्टी (Vomiting) आना।
- एंग्जाइटी (Anxiety) महसूस होना।
- नर्वसनेस (Nervousness) महसूस होना।
- डिप्रेशन (Depression) में रहना।
- दुखी (Sadness) रहना।
- कब्ज (Constipation) की समस्या होना।
- सांस लेने में कठिनाई (Difficulty breathing) होना।
- एनोरेक्सिया (Anorexia) की समस्या होना।
- अत्यधिक थकान (Fatigue) महसूस होना।
- नींद आने में कठिनाई (Trouble sleeping) महसूस होना।
इन स्थितियों में पैलिएटिव केयर बेहद सहायक होते हैं।
कोलोरेक्टल कैंसर के लिए सपोर्टिव केयर (Colorectal cancer Supportive care) कितने दिनों के लिए आवश्यक होती है?
कोलोरेक्टल कैंसर सपोर्टिव केयर की जरूरत तकरीबन 37 दिनों तक या फिर पेशेंट की हेल्थ कंडिशन पर निर्भर होता है। कोलोरेक्टल कैंसर सर्जरी के बाद पेशेंट अलग-अलग साइड इफेक्ट्स की समस्या से परेशान रहते हैं। ऐसे में पेशेंट द्वारा महसूस की जा रही परेशानियों या अगर केयर टेकर उनकी परेशानियों को समझ रहें हैं, तो इसकी जानकारी स्वास्थ्य विशेषज्ञों को जरूर दें।
कोलोरेक्टल कैंसर सपोर्टिव केयर से जुड़ी जानकारी के साथ-साथ इस कैंसर के कारणों को समझना चाहिए, जिससे भविष्य में इस बीमारी से बचने में मदद मिल सके।
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कोलोरेक्टल कैंसर के लिए सपोर्टिव केयर एक्सपर्ट किन-किन बातों को ध्यान रखने की सलाह देते हैं? (Tips from Palliative care)
कोलोरेक्टल कैंसर के लिए सपोर्टिव केयर एक्सपर्ट निम्नलिखित बातों को ध्यान रखने की सलाह देते हैं। जैसे:
सिम्पटम्स मैनजमेंट (Symptom management)- बीमारी और इलाज के दौरान हो रही तकलीफों को कम करने के लिए पेन मेडिसिन देने के साथ-साथ पेशेंट को कैसे अपना ध्यान रखना है इसकी जानकारी दी जाती है।
सपोर्ट और सलाह (Support and advice)- पैलिएटिव केयर एक्सपर्ट बीमारी की गंभीर स्थिति में भी तनाव से बचने की सलाह देते हैं इस दौरान पेशेंट और उनकी फेमली के साथ पैलिएटिव केयर एक्सपर्ट बेहतर तालमेल स्थापित करते हैं, जो मेंटली और इमोशनली सपोर्ट की तरह काम करते हैं।
एडवांस केयर प्लानिंग (Advance care planning)- मरीज की इच्छाओं और परिवार के प्रति उनकी दाइत्व को समझते हैं और इस ओर भी पैलिएटिव केयर एक्सपर्ट आवश्यक जानकारी शेयर करते हैं।
नोट: यहां बताई गईं आवश्यक बातों की जानकारी के साथ-साथ पैलिएटिव केयर एक्सपर्ट मेडिकल एक्सपर्ट की टीम के साथ भी लगातार संपर्क में रहती है, जिससे पेशेंट और उनके परिवार वालों को पेशेंट की स्थिति के बारे में बेहतर तरीके से अवगत कर सकें।
कोलोरेक्टल कैंसर के कारण क्या हैं? (Causes of Colorectal cancer)
कोलोरेक्टल कैंसर की समस्या उन लोगों में ज्यादा डायग्नोस की जाती है, जो अनहेल्दी डायट (Unhealthy Diet) एवं अनहेल्दी लाइफस्टाइल (Unhealthy lifestyle) फॉलो करते हैं। इसके साथ ही जरूरत से ज्यादा वजन या ओबेसिटी (Obesity) के शिकार लोगों में भी कोलोरेक्टल कैंसर की समस्या देखी जाती है।
इसलिए शरीर के बढ़ते वजन को नियंत्रित रखें और हेल्दी खानपान की आदत डालें। इसके साथ ही हेल्दी लाइफस्टाइल भी अपनायें। वहीं अगर बॉडी में कोई नेगेटिव चेंजेस दिखे तो इसे इग्नोर ना करें और डॉक्टर से सलाह लें। यह ध्यान रखें कि शरीर के प्रति छोटी सी लापरवाही किसी भी बड़ी समस्या को दावत दे सकती है।
अगर आप कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal cancer) या कोलोरेक्टल कैंसर सपोर्टिव केयर (Colorectal cancer Supportive care) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकते हैं। हमारे हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगे। हालांकि अगर आप कोलोरेक्टल कैंसर से पीड़ित है, तो डॉक्टर से कंसल्टेशन करें, क्योंकि ऐसी स्थिति में डॉक्टर आपके हेल्थ कंडिशन को ध्यान में रखकर इलाज शुरू करेंगे और प्रोस्टेट कोलोरेक्टल कैंसर के लिए रेडिएशन थेरिपी पर विचार करेंगे।
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