अगर आपको कोई लंग डिजीज है, तो आपके डॉक्टर लोबेक्टॉमी (Lobectomy) की सलाह दे सकते हैं। लोबेक्टॉमी (Lobectomy) एक सर्जरी है, जिसे लंग डिजीज की स्थिति में किया जा सकता है। हमारे लंग्स पांच सेक्शन से बने होते हैं, जिन्हें लोब्स कहा जाता है। हमारे राइट लंग में तीन और लेफ्ट लंग में दो लोब्स होते हैं। लोबेक्टॉमी (Lobectomy) का इस्तेमाल इन में से एक लोब को रिमूव करने के लिए किया जाता है। इस सर्जरी को अक्सर लंग के सेक्शन को रिमूव करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है लेकिन, इसे लिवर, ब्रेन. थायरॉइड ग्लैंड या अन्य ऑर्गन्स के लिए प्रयोग किया जा सकता है। आइए, जानें लोबेक्टॉमी (Lobectomy) के बारे में विस्तार से।
लोबेक्टॉमी (Lobectomy) किसे कहा जाता है?
लोबेक्टॉमी (Lobectomy) उस सर्जरी को कहा जाता है, जो लंग्स में से एक लोब को रिमूव करने के लिए किया जाता है। जैसा कि पहले ही कहा गया है कि लंग्स के कुछ सेक्शंस होते हैं, जिन्हें लोब्स कहा जाता है। इस प्रोसीजर को तब किया जाता है जब प्रॉब्लम लंग के किसी भाग में पाई जाती है। इस सर्जरी से प्रभावित लोब को रिमूव किया जाता है और रिमेनिंग हेल्दी लंग टिश्यू सामान्य रूप से काम करते हैं। लोबेक्टॉमी (Lobectomy) को समान्यतया एक सर्जरी के बाद किया जाता है, जिसे थोरैकोटॉमी (Thoracotomy) कहा जाता है। इस सर्जरी के दौरान चेस्ट को ओपन किया जाता है। अधिकतर मामलों में लोबेक्टॉमी (Lobectomy) के दौरान प्रभावित लोब के लेवल पर कट किया जाता है। सर्जन लोब को हटाने के लिए एक्सपोज्ड रिब्ज के माध्यम से चेस्ट कैविटी तक पहुंचते हैं। जानिए इस सर्जरी को क्यों किया जाता है?
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लोबेक्टॉमी (Lobectomy) क्यों की जाती है?
जैसा कि पहले ही बताया गया है कि इस सर्जरी को लंग के खराब पोरशन को रिमूव करने के लिए किया जाता है। लंग्स में समस्या अधिकतर लंग कैंसर (Lung cancer) के कारण होती है। अधिकतर यह सर्जरी नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (Non-small cell lung cancers) की स्थिति में की जाती है, जिसमें ट्यूमर एक लोब तक ही सीमित होता है। यह प्रोसीजर कम इनवेसिव होता है और इसमें लंग्स के छोटे से हिस्से को रिमूव करना पड़ता है। अब जानिए कि लोबेक्टॉमी (Lobectomy) के प्रकार कौन से हैं?
लोबेक्टॉमी (Lobectomy) के प्रकार
लंग में लोब को कुछ विभिन्न मेथड्स का इस्तेमाल कर के रिमूव किया जा सकता है। यह मेथड्स इस प्रकार हैं:
ओपन लोबेक्टॉमी (Open Lobectomy)
इस तरीके में चेस्ट की साइड में एक लॉन्ग चीरे में माध्यम से लंग्स से लोब को रिमूव किया जा सकता है। इसमें लंग्स तक पहुंचने के लिए रिब्स को स्प्रेड करना शामिल है। इस तरह की सर्जरी को सर्जन तब करते हैं, जब लंग्स और लिम्फ नोड्स से स्टेज 2 और स्टेज 3 ट्यूमर को रिमूव करना होता है।
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वीडियो-असिस्टेड थोरकोस्कॉपिक सर्जरी (Video-Assisted Thoracoscopic Surgery)
इस तरीके में इंस्ट्रूमेंट्स और एक कैमरे की सहायता से चेस्ट में कुछ छोटे चीरों के माध्यम से फेफड़े के एक लोब को रिमूव कर दिया जाता है। यह प्रोसीजर आजकल प्रेफर्ड तकनीक बनती जा रही है। इसे नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (Non-small cell lung cancers) की स्टेज 1 और स्टेज 2 में प्रेफर किया जाता है। ओपन लोबेक्टॉमी (Lobectomy) की तुलना में इस प्रोसीजर की कुछ कॉम्प्लीकेशन्स भी हो सकती हैं।
रोबोट-असिस्टेड थोरकोस्कॉपिक सर्जरी (Robot-Assisted Thoracoscopic Surgery)
यह तकनीक वीडियो-असिस्टेड थोरकोस्कॉपिक सर्जरी के समान हो होती है लेकिन इसे रोबोट्स के साथ किया जाता है। यह नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (Non-small cell lung cancers) की स्टेज 3 के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। हालंकि, इसकी आउटकम्स को लेकर अभी विवाद जारी है।
अब जानते हैं लोबेक्टॉमी (Lobectomy) की प्रक्रिया के बारे में।
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लोबेक्टॉमी (Lobectomy) कैसे की जाती है?
लोबेक्टॉमी (Lobectomy) से पहले रोगी के लिए कम से कम आठ घंटों तक फास्ट करना जरूरी है। इसका अर्थ है कि मिडनाइट के बाद रोगी न तो कुछ खाएं न ही पिएं। स्मोकर्स के लिए भी इस सर्जरी से पहले स्मोकिंग बंद करना जरूरी है। इससे सक्सेसफुल रिकवरी की संभावना बढ़ती है। अधिक रोगों को इससे पहले सेडेटिव दिया जाता है ताकि वो रिलैक्स हो सकें। इसके साथ ही उन्हें एंटीबायोटिक्स भी दी जा सकती है। जनरल एनेस्थीसिया के बाद ही सर्जन इस प्रक्रिया को परफॉर्म करते हैं। इसके साथ ही विभिन्न प्रकार की लोबेक्टॉमी (Lobectomy) में से रोगी के लिए परफेक्ट सर्जरी का चुनाव करना भी जरूरी है। जिन्हें चुनते हुए इन चीजों का ध्यान रखा जाता है:
- पर्टिकुलर कैंसर की कैरेक्टरिस्टिक
- ट्यूमर कहां है
- ट्यूमर का साइज
- यह ट्यूमर नियरबाय टिश्यूज तक फैला है या नहीं
- रोगी को कितनी दर्द है
- सर्जरी से पहले लंग्स कितनी अच्छी तरह से काम कर रहा है
- रोगी का स्वास्थ्य
लोबेक्टॉमी के लिए रोगी को एक ब्रीदिंग ट्यूब के साथ वेंटिलेटर पर लेटाया जाता है। इस ट्यूब को गले में इंसर्ट किया जाता है और प्रक्रिया के दौरान और बाद में यूरिन को ड्रेन करने के लिए एक कैथेटर भी प्लेस किया जा सकता है। ऑपरेशन के दौरान आपका ब्लड प्रेशर, हार्ट रेट और ब्रीदिंग को भी मॉनिटर किया जाता है। जानिए विभिन्न प्रकार की लोबेक्टॉमी (Lobectomy) में यह प्रक्रिया कैसे की जाती है?
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ओपन लोबेक्टॉमी (Open Lobectomy)
अगर रोगी ओपन लोबेक्टॉमी से गुजर रहा है. तो उसके शरीर के साइड में उस जगह चीरे लगाए जाते हैं, जहां से टिश्यू को रिमूव किया जाना है। यह कट निप्पल के आसपास छाती के सामने से शुरू होगा। रिब्स को फैलाने के लिए एक इंस्ट्रूमेंट का भी इस्तेमाल किया जाता है। डॉक्टर टिश्यू को रिमूव कर डेट हैं और चीरे को स्टिचेस या स्टेपल्स की मदद से बंद कर सकते हैं।
वीडियो-असिस्टेड थोरकोस्कॉपिक सर्जरी (Video-Assisted Thoracoscopic Surgery) या रोबोट-असिस्टेड थोरकोस्कॉपिक सर्जरी (Robot-Assisted Thoracoscopic Surgery)
अगर आप इन प्रोसीजर से गुजर रहे हैं, तो लोब के एरिया के आसपास तीन या चार छोटे कट्स लगाए जाते हैं। थोरकोस्कॉप (Thoracoscope) एक स्माल ट्यूब है, जिसमें लाइट और छोटा कैमरा होता है। इसे चेस्ट कैविटी में इन्सर्ट किया जा सकता है। इससे सर्जन को प्रभावित एरिया की तस्वीरें मिल जाती हैं। किसी भी सर्जरी के बाद चेस्ट ट्यूब को सर्जरीकल एरिया में प्लेस किया जाता है ताकि कुछ समय के लिए अधिक फ्लूइड और एयर चेस्ट के बाहर ड्रेन हो सके। अंत में कट या घाव को स्टिचेज और स्टेपल से बंद कर दिया जाता है। अब जानिए लोबेक्टॉमी (Lobectomy) के रिस्क्स के बारे में।
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लोबेक्टॉमी (Lobectomy) के रिस्क क्या हो सकते हैं?
लोबेक्टॉमी (Lobectomy) मेजर सर्जिकल प्रोसीजर है और इसमें कॉम्प्लिकेशन्स होना असामान्य नहीं है। आपके डॉक्टर इनके बारे में आपको पहले ही बता सकते हैं। यह रिस्क इस प्रकार हैं:
- प्रोलोंगड एयर लीक, इस प्रोसीजर का सबसे सामान्य कॉम्प्लिकेशन है
- इंफेक्शन जैसे निमोनिया
- ब्लीडिंग
- हार्ट प्रॉब्लम्स जैसे हार्ट अटैक्स और इरेगुलर हार्ट रिदम
- टांगों में ब्लड क्लॉट्स
- ब्रोंकोप्लुरल फिस्टुला (Bronchopleural Fistula)
यह तो थी जानकारी इसके रिस्क्स के बारे। अब जानिए इस सर्जरी से रिकवरी के बारे में।
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लोबेक्टॉमी (Lobectomy) से रिकवरी
लोबेक्टॉमी (Lobectomy) से पहले रोगी की मॉनिटरिंग की जाएगी। इसके साथ ही रेस्पिरेटरी थेरेपिस्ट भी आपकी जांच कर सकते हैं। जटिलताओं को छोड़कर, अधिकांश रोगी लोबेक्टॉमी के प्रकार के आधार पर चार से सात दिनों के बीच अस्पताल में रहते हैं। लेकिन, इससे जल्दी रिकवरी संभव है। अगर आपको इस दौरान कोई भी समस्या होती है, तो तुरंत डॉक्टर से बात करें। अगर इस बारे में आपके मन में कोई भी सवाल है तो उसे भी अपने डॉक्टर से जानना न भूलें।
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