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क्या डायबिटीज कॉम्प्लिकेशन्स का रिवर्सल संभव है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 26/11/2021

    क्या डायबिटीज कॉम्प्लिकेशन्स का रिवर्सल संभव है?

    डायबिटिक कॉम्प्लिकेशन्स रिवर्सल (Diabetic Complications reversal) संभव है अगर हेल्दी लाइफस्टाइल और डायबिटीज कंट्रोल प्लान को स्ट्रिकली फॉलो किया जाए। हालांकि, जब भी डायबिटिक कॉम्प्लिकेशन्स रिवर्सल की बात की जाती है तो ऐसा कहा जाता है कि डायबिटीज कॉम्प्लिकेशन्स को रिवर्स करने की बजाय उनके विकास को धीमा किया जा सकता है। इस आर्टिकल में डायबिटिक कॉम्प्लिकेशन्स रिवर्सल (Diabetic Complications reversal) के बारे में जानकारी दी जा रही है, लेकिन पहले जान लेते हैं कि डायबिटीज क्या है और क्या इसे रिवर्स किया जा सकता है।

    डायबिटीज (Diabetes) क्या है?

    डायबिटीज एक ऑटो इम्यून कंडिशन (Auto immune condition) है। जब हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम पैंक्रियाज की उन कोशिकाओं पर हमला करता है जो इंसुलिन बनाती हैं, तो यह ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar level) को बैलेंस रखने के लिए पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता। इसे टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes) कहा जाता है। वहीं टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) में पैंक्रियाज पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बनाता या बॉडी इंसुलिन (Insulin) का उपयोग नहीं कर पाती। जिससे ग्लूकोज सेल्स में ना जाकर ब्लड में ही रह जाता है। यह टाइप डायबिटीज का कॉमन प्रकार है। डायबिटीज के लक्षणों (Diabetes symptoms) में निम्न शामिल हैं।

    • किसी चोट को ठीक होने में समय लगना या घाव का ना भरना
    • लगातार घटता वजन ( ऐसा टाइप1 डायबिटीज में होता है)
    • हाथ / पैर में झुनझुनी या दर्द (ऐसा टाइप 2 डायबिटीज में होता है)
    • बार-बार पेशाब होना
    • बार-बार और अधिक प्यास लगना
    • अत्यधिक भूख लगना
    • अत्यधिक थकान
    • धुंधला दिखना

    ये लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर से तुरंत कंसल्ट करना चाहिए। अगला सवाल आता है कि क्या डायबिटीज को रिवर्स किया जा सकता है। चलिए डायबिटिक कॉम्प्लिकेशन्स रिवर्सल बारे में जान लेते हैं।

    और पढ़ें :  टाइप-1 डायबिटीज क्या है? जानें क्या है जेनेटिक्स का टाइप-1 डायबिटीज से रिश्ता

    क्या डायबिटीज को रिवर्स किया जा सकता है? (Can diabetes be reversed?)

    टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) का कोई इलाज अब तक नहीं है, लेकिन डायबिटिक पेशेंट दवाओं के बिना अपने ग्लूकोज लेवल को नॉन डायबिटिक रेंज या प्री डायबिटीज ग्लूकोज लेवल तक वापस ला सकते हैं,लेकिन इसका मतलब ये बिलकुल भी नहीं है कि आप डायबिटीज से पूरी तरह बच जाएंगे। डायबिटीज एक लगातार चलने वाली बीमारी है। अगर आपने ग्लूकोज लेवल को नॉर्मल कर लिया है और आप दवाएं नहीं ले रहे हैं और ब्लड शुगर लेवल हेल्दी रेंज में तब भी लक्षण वापस आ सकते हैं। इसके साथ ही वजन कम करने से भी डायबिटीज रिवर्सल पर अच्छे प्रभाव देखे गए हैं।

    अगर आप वजन कम कर लेते हैं तो डायबिटीज को मैनेज करने के साथ ही आप डायबिटीज फ्री लाइफ जी सकते हैं खासतौर पर अगर आपको डायबिटीज की समस्या कुछ समय से ही रही हो और आप इंसुलिन नहीं ले रहे हों। डायबिटीज रिवर्सल के बाद यह जानना भी जरूरी है कि क्या डायबिटीज कॉम्प्लिकेशन रिवर्सल किया जा सकता है। डायबिटिक कॉम्प्लिकेशन्स रिवर्सल संभव है?

    और पढ़ें: डायबिटीज के असामान्य लक्षण : ध्यान देकर ही हो सकता है बचाव!

    डायबिटिक कॉम्प्लिकेशन्स रिवर्सल (Diabetic Complications reversal)

    अमेरिका के प्रसिद्ध डॉक्टर और एंडोक्रोनोलोजिस्ट डॉक्टर रिचर्ड बर्नस्टेटिन (Richard K. Bernstein) ने डायबिटीज कॉम्प्लिकेशन रिवर्सल पर कई स्टडीज की हैं। यहां तक कि उन्होंने अपनी खुद की केस स्टडी भी प्रकाशित की थी। उन्हें टाइप 1 डायबिटीज के चलते किडनी, आंख और न्यूरोलॉजिकल कॉम्प्लिकेशन थे। उन्होंने कीटोजेनिटिक डायट के महत्व को पहचाना और पाया कि अगर ग्लूकोज लेवल के नियंत्रण में सुधार करते हैं तो डायबिटीज कॉम्प्लिकेशन रिवर्सल संभव है।

    वहीं जापान में भी शोधकर्ता इसी तरह के निष्कर्ष पर पहुंचे तब उन्होंने किडनी ट्रांसप्लांट के इफेक्ट्स की जांच की। जिसमें उन्होंने पाया कि किडनी डोनर को टाइप 2 डायबिटीज थी लेकिन जिसे किडनी लगाई गई उसे डायबिटीज नहीं थी। उस समय डायबिटीज के चलते किडनी बदले गए थे, लेकिन एक साल के बाद नॉन डायबिटिक पेशेंट में रिवर्सल हो गया था।

    इसी प्रकार की एक अन्य रिपोर्ट भी थी जिसमें किडनी डोनर जिसे टाइप 2 डायबिटीज थी उसमें डायबिटिक किडनी डिजीज (Diabetic kidney disease) के लक्षण दिखाई दे रहे थे। एक नॉन डायबिटिक होस्ट में किडनी ट्रांसप्लांट के 6 महीने बाद ही किडनी की बीमारी पूरी तरह ठीक हो गई। इसके अलावा पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट के बाद भी डायबिटीज कॉम्प्लिकेशन के रिवर्सल की खबरें हैं।

    और पढ़ें: डायबिटीज और एथेरोस्क्लेरोसिस: जानिए क्यों जरूरी है ब्लड ग्लूकोज लेवल को कंट्रोल करना

    डायबिटिक कॉम्प्लिकेशन्स रिवर्सल कैसे होता है? (How Does Diabetic Complications Reversal Happen?)

    शरीर एक लिविंग बायोलॉजिकल एंटिटी होने के कारण कुछ हद तक खुद को ठीक करने में सक्षम है, लेकिन हमारे शरीर को खुद को ठीक करने का मौका देने के लिए, हमें उस चीज को रोकना होगा जो नुकसान पहुंचा रही है, डायबिटीज के मामले में यह ब्लड शुगर लेवल का बढ़ा हुआ स्तर है। जब हम अपने ब्लड शुगर के स्तर को “सुरक्षित” स्तर पर वापस लाते हैं, तो शरीर को होने वाली क्षति रुक ​​जाती है, और उपचार का अवसर मिलता है। हालांकि, इसके लिए लंबे समय तक हेल्दी ब्लड शुगर लेवल की आवश्यकता होती है।

    इसके साथ ही लो कार्ब डायट के जरिए किडनी और न्यूरोपैथी से जुड़े डायबिटीज कॉम्प्लिकेशन्स को रिवर्स करने में सफलता दर्ज की गई है।  2011 में एक स्टडी में चूहों के ग्रुप को हाय फैट और कम कार्ब वाली डायट दी गई जिससे किडनी डिजीज को रिवर्स कर दिया गया।

    इन स्टडीज से यह निष्कर्ष निकलता है कि डायबिटीज के कॉप्लिकेशन भी परमानेंट नहीं है। अगर कॉम्प्लिकेशन होते हैं, तो उनसे घबराएं नहीं और ना ही ऐसा सोचे कि यह कभी ठीक नहीं हो सकते या वे बिगड़ते जाएंगे। ब्लड ग्लूकोज के कंट्रोल के साथ वे कम गंभीर होते जाएंगे या पूरी तरह से दूर भी हो सकते हैं। डायबिटिक कॉम्प्लिकेशन्स रिवर्सल (Diabetic Complications reversal) के लिए कीटोजेनिक डायट का विशेष महत्व बताया गया है। चलिए इसके बारे में भी जान लेते हैं।

    डायबिटिक कॉम्प्लिकेशन रिवर्सल/diabetic complication reversal

    डायबिटिक कॉम्प्लिकेशन्स रिवर्सल के लिए कीटोजेनिक डायट (The ketogenic diet for diabetic complication reversal)

    कीटोजेनिक डायट (ketogenic diet) में बहुत कम कार्ब और हाय फैट वाले फूड्स का सेवन किया जाता है। यह डायट एटकिन्स और लो कैलोरी डायट के साथ कई समानताएं शेयर करती है। इसमें कार्बोहाइड्रेट का सेवन काफी कम करना और इसे फैट से रिप्लेस शामिल है। कार्ब्स में यह कमी आपके शरीर को कीटोसिस (Ketosis) नामक मेटाबॉलिक स्टेट (Metabolic state) में डाल देती है। जब ऐसा होात है तो हमारा शरीर एनर्जी के लिए फैट को बर्न करना शुरू कर देता है। यह लिवर में फैट को कीटोन में बदल देता है जो ब्रेन के लिए एनर्जी सप्लाय करता है। कीटोजेनिक डायट ब्लड शुगर और इंसुलिन के स्तर में महत्वपूर्ण कमी ला सकता है। बढ़े हुए कीटोन्स के साथ, इसके कई अन्य हेल्थ बेनिफिट्स भी हैं। इस डायट को फॉलो करते वक्त ऐसे फूड्स को अवॉइड किया जाता है जिसमें अधिक मात्रा में कार्ब हो, जिसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज आदि शामिल हैं। याद रखें डायबिटिक कॉम्प्लिकेशन्स रिवर्सल (Diabetic Complications reversal) के किसी प्रकार की डायट को फॉलो करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

     और पढ़ें: डायबिटीज में वेट लॉस एक्सरसाइज: आसानी से कर सकते हैं डायबिटीज पेशेंट इन 7 एक्सरसाइज

    उम्मीद करते हैं कि आपको डायबिटिक कॉम्प्लिकेशन्स रिवर्सल (Diabetic Complications reversal) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

    डिस्क्लेमर

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