स्मॉल फाइबर न्यूरोपैथी (Small fiber neuropathy) की समस्या पेरिफेरल नर्वस सिस्टम के डैमेज हो जाने के कारण होती है। स्किन में स्मॉल फाइबर उपस्थित होते हैं, जो दर्द के संबंध में सेंसरी इंफॉर्मेशन की जानकारी देते हैं। ये स्मॉल फाइबर्स हार्ट और ब्रीथिंग के दौरान ऑटोमैटिक फंक्शन को रेगुलेट करते हैं। जब ये स्मॉल फाइबर्स किसी कारण से डैमेज हो जाते हैं, तो स्मॉल फाइबर न्यूरोपैथी (Small fiber neuropathy) की समस्या पैदा हो जाती है। जिन लोगों में स्मॉल फाइबर न्यूरोपैथी डायग्नोज होता है, उनमें डायबिटीज की कंडीशन की संभावना होती है। इस बीमारी के कारण सेंसरी सिस्टम जैसे कि दर्द, जलन, और झुनझुनी का एहसास होता है। ये समस्या पैरों के साथ ही पूरे शरीर में होती है। अगर समय पर बीमारी का इलाज न कराया जाए, तो समस्या अधिक बढ़ जाती है। ये एक प्रकार से पेरीफेरल न्यूरोपैथी का एक टाइप है। ये बीमारी पेरीफेरल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है। ये ब्रेन के साथ ही स्पाइनल कॉर्ड पर भी बुरा असर डालती है। इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको स्मॉल फाइबर न्यूरोपैथी (Small fiber neuropathy)के बारे में अधिक जानकारी देंगे और इसके उपचार के बारे में भी बताएंगे।
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स्मॉल फाइबर न्यूरोपैथी के लक्षण (Small Fiber Neuropathy Symptoms)
स्मॉल फाइबर न्यूरोपैथी (Small fiber neuropathy) के लक्षण विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं। शरीर के विभिन्न हिस्सों में दर्द होना इस बीमारी के मुख्य लक्षणों में शामिल हो सकता है। जानिए स्मॉल फाइबर न्यूरोपैथी के कारण किन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
- जलन होना
- शरीर के विभिन्न हिस्सों में झुनझुनी
- सेंसेशन का एहसास न होना
कुछ एक्सटरनल ट्रिगर्स के कारण भी शरीर में लक्षण दिख सकते हैं। कुछ व्यक्तियों को पैरों में दर्द मोजे पहने के दौरान या फिर बेडशीट छूने पर भी हो सकता है। बीमारी के लक्षण हल्के या फिर अधिक भी हो सकते हैं। स्मॉल फाइबर न्यूरोपैथी (Small fiber neuropathy) के कारण पहले पैर प्रभावित होते हैं और दर्द धीरे-धीरे शरीर के ऊपर भी बढ़ता जाता है। इसे स्टॉकिंग और ग्लोव डिस्ट्रीब्यूशन के नाम से भी जाना जाता है। समय पर ट्रीटमेंट न लेने पर हाथों पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
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ऑटोनॉमिक नर्व फाइबर डैमेज होने पर लक्षण
कुछ मामलों में स्मॉल फाइबर न्यूरोपैथी (Small fiber neuropathy)ऑटोनॉमिक फंक्शन में समस्या पैदा करता है। ऑटोनॉमिक फंक्शन (Autonomic functions) बॉडी अपने आप ही करती है, कुछ फंक्शन जैसे कि पाचन का कार्य, ब्लड प्रेशर (Blood pressure) और यूरीनरी फंक्शन आदि। जब ऑटोनॉमिक नर्व फाइबर प्रभावित होती है, तो शरीर में विभिन्न प्रकार के लक्षण दिखते हैं।
- इंकॉन्टिनेंस (Incontinence)
- स्किन का रंग बदलना (Skin discoloration)
- पसीना निकलने में कठिनाई (Difficulty sweating)
- कब्ज (Constipation)
- चक्कर आना (Dizziness)
- ड्राय आय (Dry eyes)
- ड्राय माउथ (Dry mouth)
- सेक्शुअल डिस्फंक्शन (Sexual dysfunction)
उपरोक्त लक्षण दिखने पर आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। बीमारी के लक्षणों को कई दिनों तक इग्नोर करने से आप बीमारी की गंभीरता को बढ़ाने का काम करते हैं। समय पर ट्रीटमेंट कराकर कई बड़ी समस्याओं से बचा जा सकता है। हैलो स्वास्थ्य किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह उपलब्ध नहीं कराता है। डॉक्टर से इस बारे में अधिक जानकारी लें।
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स्मॉल फाइबर न्यूरोपैथी के कारण (Causes of Small fiber neuropathy)
स्मॉल फाइबर न्यूरोपैथी (Small fiber neuropathy) मुख्य रूप से डायबिटीज के कारण होती है। जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या होती है, अगर उन्हें उपरोक्त दिए गए लक्षण महसूस होते हैं, तो समय रहते बीमारी का इलाज कराना चाहिए। मधुमेह के साथ ही इस बीमारी के लिए अन्य कई कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं। इनमें मुख्य रूप से शामिल है: एंडोक्राइन और मेटाबॉलिक डिसऑर्डर (Endocrine and metabolic disorders), हायपोथायरॉइडिज्म (hypothyroidism), अनुवांशिक रोग (hereditary diseases), इम्यून सिस्टम डिसऑर्डर (immune system disorders), सीलिएक रोग (Celiac disease), इंफ्लामेट्री बाउल डिजीज (Inflammatory bowel disease), सोरायसिस (Psoriasis), एचआईवी (HIV), विटामिन बी-12 की कमी आदि।
तो क्या कुछ बीमारियां बढ़ा देती हैं स्मॉल फाइबर न्यूरोपैथी का खतरा?
जी हां! ये बात बिल्कुल सही है। ऊपर दी गई एक या फिर दो कंडीशन स्मॉल फाइबर न्यूरोपैथी (Small fiber neuropathy) के रिस्क फैक्टर को बढ़ाने का काम करती है। इन सभी बीमारियों में डायबिटीज मुख्य रिस्क फैक्टर के रूप में काम करती है। मधुमेह से पीड़ित करीब 50 प्रतिशत से अधिक लोग स्मॉल फाइबर न्यूरोपैथी की समस्या से पीड़ित होते हैं। अधिक उम्र के लोगों में भी इस बीमारी का खतरा अधिक रहता है।
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कैसे किया जाता है इस बीमारी को डायग्नोज?
स्मॉल फाइबर न्यूरोपैथी (Small fiber neuropathy) को डायग्नोज करने के लिए डॉक्टर पहले शारीरिक जांच करते हैं और बीमारी के लक्षणों के बारे में जानकारी लेते हैं। डॉक्टर फैमिली मेडिकल हिस्ट्री के बारे में भी जानकारी लेते हैं। डॉक्टर नर्व कंडक्शन टेस्ट (Nerve conduction test) और इलेक्ट्रोमायोग्राफी (electromyography) की मदद से फाइबर डैमेज के बारे में जानकारी मिलती है। डॉक्टर स्किन बायोप्सी (Skin biopsy की मदद से स्मॉल फाइबर न्यूरोपैथी के बारे में पता लगाता हैं। प्रोसीजर के दौरान डॉक्टर स्किन का थोड़ा सा सैंपल लेते हैं। फिर इसकी जांच की जाती है। रिफ्लेक्स टेस्टिंग (Reflex testing) की मदद से स्वेट के अमाउंट की जानकारी ली जाती है। हल्का इलेक्ट्रिकल शॉक दिया जाता है और फिर स्किन से प्रोड्यूस हुए स्वेट की मात्रा की जांच की जाती है। जरूरत पड़ने पर डॉक्टर ब्लड टेस्ट (Blood tests), आनुवंशिक परीक्षण और इमेजिंग परीक्षण आदि भी कर सकते हैं। आप डॉक्टर से इस बारे में अधिक जानकारी लें।
स्मॉल फाइबर न्यूरोपैथी का ट्रीटमेंट (Treatment of small fiber neuropathy)
स्मॉल फाइबर न्यूरोपैथी (Small fiber neuropathy) के कारण तो आपने जान लिए हैं। अगर इस बीमारी से छुटकारा पाना है, तो डायबिटीज को नियंत्रण में रखना बहुत जरूरी है। साथ ही वजन को बढ़ने न दें और हेल्दी वेट मेंटेन करें। ऐसा करने से आप इस बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं। अगर बीमारी के कारणों के बारे में पता नहीं चल पाता है, तो डॉक्टर बीमारी के लक्षणों को काबू करने की कोशिश करते हैं। कुछ मेडिसिंस जैसे कि एंटीडिप्रेसन्ट (antidepressants), कोर्टिकोस्टेरोइड (corticosteroids), टॉपिकल पेन क्रीम (Topical pain creams), दर्दनाशक दवाओं (Analgesics) आदि का इस्तेमाल किया जाता है। आपको इस बारे में अधिक जानकारी डॉक्टर से लेनी चाहिए। हैलो स्वास्थ्य किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह उपलब्ध नहीं कराता है।
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कुछ लोगों में स्मॉल फाइबर न्यूरोपैथी के हल्के लक्षण दिखते हैं, जो अपने आप ठीक हो जाते हैं। वहीं कुछ लोगों में समय के साथ लक्षण अधिक बढ़ सकते हैं। आपको बिना देरी किए ट्रीटमेंट कराकर लक्षणों से निजात पानी चाहिए। डायबिटीज की बीमारी को कंट्रोल कर आप कई समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह उपलब्ध नहीं कराता है। हम उम्मीद करते हैं कि आपको इस आर्टिकल के माध्यम से स्मॉल फाइबर न्यूरोपैथी (Small fiber neuropathy) के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी मिल गई होगी। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।
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