डायबिटीज की बीमारी के दौरान शरीर में कम इंसुलिन बनना शुरू हो जाती है यानी हमारा शरीर जरूरत के मुताबिक इंसुलिन प्रोड्यूज नहीं कर पाता है। इंसुलिन का काम शरीर में ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रण में रखना है। जब इंसुलिन की सही मात्रा का उत्पादन नहीं हो पाता है, तो खून में ग्लूकोज का लेवल अधिक हो जाता है। टाइप 1 डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज मधुमेह के दो प्रमुख प्रकार हैं। अगर किसी व्यक्ति को टाइप 1 डायबिटीज हुआ है, तो पैंक्रियाज इंसुलिन प्रोड्यूस नहीं कर पाता है जबकि टाइप 2 डायबिटीज में शरीर में कुछ इंसुलिन तो बनता है लेकिन ये पर्याप्त मात्रा में नहीं होता है। इस कारण से शरीर पूर्ण रूप से इंसुलिन का इस्तेमाल नहीं कर पाता है। डायबिटीज के कारण पैदा हुए लक्षण पेशेंट की नींद में खलल डाल सकते हैं। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि कैसे डायबिटीज के कारण नींद पूरी नहीं हो पाती है। जानिए डायबिटीज और नींद (Sleep and diabetes) या मधुमेह में नींद का क्या संबंध है।
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डायबिटीज और नींद (Sleep and diabetes)
एनसीबीआई (ncbi) में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2012 में शोधकर्ताओं ने डायबिटीज और नींद (Sleep and diabetes) के संबंध में रिसर्च की। रिसर्च में ये बात सामने आई कि डायबिटीज पेशेंट (Diabetic patient) को रात में कई बार उठने के कारण नींद में रुकावट पैदा होती है और दोबारा सो पाने में भी मुश्किल महसूस होती है। जब डायबिटीज पेशेंट सोने की कोशिश करते हैं, तो उन्हें निम्नलिखित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है
- हाय ब्लड शुगर लेवल के कारण फ्रीक्वेंट यूरिनेशन (frequent urination) की समस्या हो जाती है जिसके कारण बार-बार बाथरूम जाने की आवश्यकता महसूस होती है।
- जब शरीर में एक्स्ट्रा ग्लूकोज होता है, तो ये टिशू से अधिक पानी अवशोषित करता है। इस कारण से व्यक्ति को बार-बार प्यास का एहसास होता है।
- लो ब्लड शुगर के कारण कंपकंपी, चक्कर आना (dizziness) और पसीना आना आदि समस्या व्यक्ति को दिन रात परेशानी कर सकती है।
उपरोक्त दिए गए लक्षण जैसे कि रात में बार-बार पेशाब आना या फिर बार-बार प्यास लगने के कारण पेशेंट को गहरी नींद से भी जागना पड़ सकता है। ऐसे में नींद एक दो बार नहीं बल्कि कई बार टूट सकती है। अब तो आप समझ ही गए होंगे कि किस तरह से डायबिटीज और नींद (Sleep and diabetes) एक दूसरे से संबंध रखते हैं या डायबिटीज के लक्षण नींद में रुकावट पैदा करने का काम करते हैं।
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डायबिटीज और स्लीप डिसऑर्ड (Diabetes and sleep disorder) का संबंध
डायबिटीज और नींद (Sleep and diabetes) में परेशानी आपको कई समस्याओं से घेर सकती है। मधुमेह के रोगियों में स्लीप डिसऑर्डर आम बात है। ऐसे लोगों में स्लीप एप्निया (Sleep apnea), रेस्टलेस लेग सिंड्रोम (Restless leg syndrome), इंसोम्निया (Insomnia) आदि की परेशानी हो सकती है।
स्लीप एप्निया (Sleep apnea)
डायबिटीज से पीड़ित लोगों में स्लीप एप्निया (Sleep apnea) डिसऑर्डर हो सकता है। इस डिसऑर्डर के कारण सांस लेने की प्रक्रिया बंद और शुरू होती है, जिसके कारण नींद में समस्या पैदा होती है। साल 2009 में की गई स्टडी में ये बात सामने आई की करीब 86 प्रतिशत लोगों में डायबिटीज के साथ ही स्लीप एप्निया की भी समस्या थी। टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों में ये डिसऑर्डर अधिक होता है क्योंकि उनके एयर पैसेज अधिक वजन के कारण रुकावट पैदा होती है।
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रेस्टलेस लेग सिंड्रोम (Restless leg syndrome)
रेस्टलेस लेग सिंड्रोम के कारण बार-बार पैर के निचले हिस्से को हिलाने का मन करता है। ये एक सिंड्रोम है, जिसके कारण आपकी नींद में समस्या पैदा हो सकती है। ये समस्या, हाय ब्लड शुगर लेवल, थायरॉयड या फिर किडनी की समस्या के दौरान अधिक बढ़ सकती है।
अनिद्रा की समस्या (Insomnia)
डायबिटीज और नींद (Sleep and diabetes) में आने वाली परेशानी शरीर में अन्य समस्याओं को जन्म दे सकती है। अनिद्रा की समस्या (Insomnia) के कारण ठीक से नींद नहीं आती है। ऐसा ग्लूकोज के हाय लेवल के साथ ही स्ट्रेस अधिक हो जाने के कारण भी हो सकता है। अगर आप ऐसे में नींद की दवा का सेवन करते हैं, तो इसके भी फायदे नजर नहीं आते हैं। ऐसे में आपको डॉक्टर से परामर्श कराने के बाद इसका ट्रीटमेंट करवाना चाहिए।
मधुमेह में नींद की गड़बड़ी का क्या होता है असर?
अब आप सोच रहे होंगे कि डायबिटीज की बीमारी के कारण नींद में रुकावट पैदा होती है और फिर नींद न पूरी होने पर क्या ये बीमारी समस्या बढ़ा सकती है? जी हां! आप बिल्कुल सही सोच रहे हैं। नींद पूरी न हो पाने के कारण पेशेंट शरीर में हॉर्मोनल बदलाव होते हैं, जो भूख से संबंधित है। जिन लोगों की नींद पूरी नहीं हो पाती है, उन्हें अक्सर अधिक भूख लगती है। शरीर की अधिक कैलोरी की जरूरत पूरी करने के चक्कर में ब्लड में ग्लूकोज लेवल बढ़ जाता है। नींद की कमी मोटापे को भी बढ़ाने का काम करती है। मोटापे के कारण (due to obesity) टाइप 2 डायबिटीज का खतरा भी बढ़ जाता है।
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डायबिटीज और नींद: ऐसे सुधारे अपने नींद के पैटर्न को
अगर आपको रात में नींद आने में समस्या हो रही है, तो आपको कुछ बातों पर ध्यान देने की जरूरत है। आपको ये जानने की भी जरूरत है कि क्या कारण अक्सर आपकी नींद उठा देते हैं। हम हम आपको उन कारणों के बारे में बताएंगे, जो अक्सर नींद में खलल पैदा करते हैं।
- अगर आप रात में मोबाइल चलाते हैं या फिर ई-बुक रीड करते हैं, तो आपको ये आदत छोड़ देनी चाहिए। आप चाहे तो बिना मोबाइल या स्क्रीन के किताबे पढ़ सकते हैं।
- आपको अगर अच्छी नींद चाहिए तो एल्कोहॉल (Alcohol) से दूरी बनाना बेहतर होगा।
- रात में फोन बंद करके सोएं। कई बार मैसेज या नोटिफिकेशन टोन आपकी नींद खराब कर सकते हैं। आप आठ से नौ घंटे की नींद बिना रुकावट के लेनी चाहिए।
- आपको रोजाना एक ही समय पर सोना चाहिए और एक ही समय पर जागना चाहिए। आपकी बॉडी खुद नए शेड्यूल को कुछ दिनों बाद अपना लेगी और आपकी नींद एक निश्चित समय बाद खुलेगी।
अगर डायबिटिक पेशेंट हैं, तो आपको कैफिनेटेड बेवरेज (Caffeinated beverages) से बचना चाहिए। आपको रात के समय ऐसा नहीं करना चाहिए वरना आपको आधी रात में बाथरूम जाना पड़ेगा। साथ ही रात में एक्सरसाइज (Excercise) भी करने से बचें वरना नींद आपको देर में आएगी।
डायबिटीज से छुटकारा पाने के लिए आपको रोजाना समय पर दवाओं का सेवन करने के साथ ही अपनी खानपान की आदतों में सुधार करने की भी आवश्यकता है। अगर आप एक्सरसाइज करने के साथ ही नींद के पैटर्न में सुधार करते हैं, तो आपको काफी हद तक आपको डायबिटीज और नींद (Sleep and diabetes) से होने वाली समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है।
हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता। इस आर्टिकल में हमने आपको डायबिटीज और नींद (Sleep and diabetes) के संबंध में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
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