पेट के लिए अच्छा (Good for stomach health)
पोहा बनाने के तरीके की वजह से यह प्रोबायोटिक्स (Probiotics) का अच्छा सोर्स है जो स्टमक हेल्थ को मेंटेन रखने में मदद करता है। पोहे की फ़ॉर्मेशन प्रॉसेस (Formation process) में बनने वाले माइक्रोऑर्गानिज्म (micro organism) बॉडी को हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस से बचाने में मदद करते हैं। साथ ही यह आसानी से पच जाता है।
लौ कैलोरी फूड (Low calorie food) का बेस्ट ऑप्शन
जो लोग वजन कम करना चाहते हैं उनके लिए पोहा लो कैलोरी (Low calorie) फूड का अच्छा ऑप्शन साबित हो सकता है। इसमें ड्राय फ्रूट्स और अनार के दाने डालकर इसके पोषक तत्वों को और बढ़ाया जा सकता है। यह पेट भरे होने का एहसास कराता है।
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प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए भी है अच्छा ब्रेकफास्ट (Good breakfast for pregnant women)
इसको बनाने की प्रॉसेस में इसमें आयरन के रोलर्स का उपयोग किया जाता है जिससे पोहे में भरपूर मात्रा में आयरन (Iron) प्रवेश कर जाता है। इसलिए यह आयरन की भी अच्छा सोर्स बन जाता है। प्रेग्नेंट महिलाएं पोहे का सेवन कर सकती है। बता दें कि प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए जेस्टेशनल एनीमिया (Gestational anemia) को रोकने और ब्लड में ऑक्सिजन के लेवल्स को रेगुलेट करना जरूरी है।
डायबिटीज में पोहा (Poha in diabetes) खाने का सही समय क्या है?
पोहा पेट के लिए हल्का और जल्दी पचने वाला स्नैक है। आप दिन में कभी भी पोहा खा सकते हैं। ज्यादातर लोग सुबह के ब्रेकफास्ट में पोहा खाना पसंद करते हैं। अगर आप चाहे तो ईवनिंग स्नैक्स में भी इसका आनंद ले सकते हैं या चाहे तो डिनर में पोहा खा सकते हैं, च्वॉइस आपकी है।
डायबिटीज में पोहा खाने के नुकसान भी हो सकते हैं? (Disadvantage of Poha in diabetes)
अभी तक ऐसी कोई रिसर्च नहीं आई है जिसमें पोहा नुकसानदायक बताया गया हो, लेकिन साथ ही किसी भी चीज का अधिक मात्रा में सेवन नुकसानदायक हो सकता है। पोर्शन साइज और डेली इंटेक को मेंटेन रखें। आप चाहे तो रोज इसे खाने की जगह हफ्ते में एक या दो बार खा सकते हैं। इस बारे में डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
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