एनसीबीआई में छपी स्टडी के अनुसार क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम इंसुलिन रेजिस्टेंस में वृद्धि और टाइप 2 डायबिटीज की उच्च दर से जुड़ा हुआ है। अन्य कई स्टडीज में भी क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम और डायबिटीज (Klinefelter Syndrome and Diabetes) के कनेक्शन के बारे में अध्ययन किया गया है। क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम से पीड़ित लोगों में टाइप 2 डायबिटीज के प्रसार कई मैकनिज्म का परिणाम होता है। जिसमें बढ़ी हुई ट्रंकल एडिपोजिटी (Truncal adiposity) और सामाजिक आर्थिक नुकसान (Socioeconomic disadvantages), शामिल हैं, लेकिन यह संभवतः अकेले हाइपोगोनाडिज्म (Hypogonadism) का प्रत्यक्ष परिणाम नहीं है। इस आर्टिकल में हम क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम और डायबिटीज (Klinefelter Syndrome and Diabetes) के कनेक्शन के बारे में बताने जा रहे हैं, लेकिन इससे पहले जान लेते हैं कि क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम और टाइप 2 डायबिटीज क्या है?
क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम (Klinefelter syndrome) क्या है?
क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम एक जेनेटिक कंडिशन हैजिसमें शिशु एक्स क्रोमोसोम की एक्सट्रा कॉपी के साथ पैदा होते हैं। यह पुरुषों को प्रभावित करने वाली स्थिति है, जिसके बारे में व्यस्क होने तक पता नहीं चलता। यह सिंड्रोम टेस्टिकुलर ग्रोथ को प्रभावित कर सकता है। जिससे टेस्टिकल्स नॉर्मल की तुलना में छोटे होते हैं। जिसकी वजह से टेस्टोस्टेरॉन का प्रोडक्शन कम हो जाता है। यह सिंड्रोम मसल मास में कमी, बॉडी और फेशियल हेयर का कम होना, ब्रेस्ट के बड़े होने का कारण भी बन सकता है।
हालांकि इस सिंड्रोम के लक्षण पुरुषों में अलग हो सकते हैं। सभी में एक जैसे लक्षण नजर नहीं आते। क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम से पीड़ित पुरुषों में स्पर्म का प्रोडक्शन कम या ना के बराबर होता है, लेकिन असिस्टेड रिप्रोडक्टिव प्रॉसीजर की मदद से वे पिता बन सकते हैं।
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क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम के लक्षण (Klinefelter syndrome Symptoms)
इसके लक्षण पुरुषों में अलग हो सकते हैं। कुछ में हल्के लक्षण दिखाई देते हैं कुछ में ये लक्षण गंभीर होते हैं। पुरुषों में दिखाई देने वाले कॉमन लक्षणों में निम्न शामिल हैं।
- लो सेक्स ड्राइव
- हाइट औसत से ज्यादा होना
- कमजोर हड्डियां
- बालों और चेहरे पर बालों का कम होना
- बैली फैट का अधिक होना
- स्पर्म काउंट कम या ना होना
- टेस्टिकल्स और पीनस का छोटा होना
क्लाइनफेल्डर सिंड्रोम डायग्नोस होने पर टेस्टोस्टेरॉन रिप्लेसमेंट थेरिपी, ब्रेस्ट टिशू रिमूवल, स्पीच एंट फिजिकल थेरिपी, फर्टिलिटी ट्रीटमेंट आदि डॉक्टर के द्वारा सजेस्ट किए जा सकते हैं। चलिए अब जान लेते हैं क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम और डायबिटीज (Klinefelter Syndrome and Diabetes) के कनेक्शन के बारे में।
क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम और डायबिटीज (Klinefelter Syndrome and Diabetes)
डायबिटीज जर्नल में छपी स्टडी के अनुसार पहले क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम डायबिटीज के बढ़ते जोखिमों से जुड़ा था, लेकिन इस संबंध में आगे की जांच नहीं की गई। क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम में मृत्यू दर पर की गई एपिडर्मिओलॉजिकल स्टडी में डायबिटीज से मरने वाले और डायबिटीज के साथ हॉस्पिटल में भर्ती होने का एक बड़ा जोखिम दिखाया है।
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क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम और डायबिटीज (Klinefelter Syndrome and Diabetes) के बारे में क्या कहती है स्टडी
डायबिटीज जर्नल की इस स्टडी के अनुसार एक क्रॉस सेक्शनल स्टडी में क्लाइनफेल्डर सिंड्रोम वाले 71 मरीजों की जांच की गई। जिसमें से 35 ने टेस्टोस्टेरॉन ट्रीटमेंट को प्राप्त किया। डुअल एनर्जी एक्स रे एब्जॉर्पटिओमेट्री स्कैन (Dual-energy X-ray absorptiometry scans) के जरिए शारीरिक संरचना का मूल्यांकन किया गया था। फास्टिंग ब्लड सैम्पल्स को सेक्स हॉर्मोन्स, प्लाज्मा ग्लूकोज, इंसुलिन, सी-रिएक्टिव प्रोटीन और एडिपोसाइटोकिन्स (Adipocytokines) के लिए एनालाइज्ड किया गया। इस स्टडी में अनुपचारित क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम और नियंत्रण विषयों वाले रोगियों के बीच अंतर का विश्लेषण किया और बाद में टेस्टोस्टेरोन-उपचारित और अनुपचारित क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम रोगियों के बीच अंतर का विश्लेषण किया।
क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम और डायबिटीज (Klinefelter Syndrome and Diabetes) पर की गई स्टडी का ऐसा रहा रिजल्ट
क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम वाले रोगियों में से, 44% में मेटाबोलिक सिंड्रोम था। इंसुलिन संवदेनशीलता, एंड्रोजन (Androgen) और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के लेवल में काफी कमी आई थी। वहीं टोटल मास, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड, सीआरपी (CRP), लेप्टिन (Leptin) और फ्रुक्टोसामाइन (Fructosamine) का स्तर अनुपचारित क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम रोगियों में काफी बढ़ गया था। इलाज किए गए क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम के रोगियों में, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और एडिपोनेक्टिन (Adiponectin) में काफी कमी आई थी, जबकि अनुपचारित क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम रोगियों की तुलना में शरीर की संरचना में कोई अंतर नहीं पाया गया था। बहुभिन्नरूपी विश्लेषण से पता चला है कि ट्रंकल फैट (Truncal fat) मेटाबॉलिक सिंड्रोम और इंसुलिन संवेदनशीलता का प्रमुख निर्धारक था।
इस स्टडी के जरिए क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम और डायबिटीज (Klinefelter Syndrome and Diabetes) या अन्य मेटाबॉलिक सिंड्रोम के कनेक्शन को समझा जा सकता है। जिसमें क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम में डायबिटीज होने का कारण ट्रंकल फैट डिपॉजिट को माना गया है। क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम के कॉम्प्लिकेशन में सिर्फ टाइप 2 डायबिटीज ही शामिल नहीं है। इसके अलावा क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम निम्न का रिस्क बढ़ा सकता है।
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क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम के अन्य कॉम्प्लिकेशन (Other Complications of Klinefelter Syndrome)
क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम से निम्न का खतरा बढ़ सकता है।
- एंजायटी और डिप्रेशन
- सोशल, इमोशनल और बिहेवियरल प्रॉब्लम्स जिसमें आत्म विश्वास में कमी, भावनात्मक अपरिपक्वता और आवेग शामिल है।
- ऑस्टियोपरोसिस (Osteoporosis)
- इंफर्टिलिटी (Infertility) प्रॉब्लम्स
- सेक्शुअल प्रॉब्लम
- हार्ट और ब्लड वेसल्स डिजीज
- ब्रेस्ट कैंसर और दूसरे कुछ कैंसर (Breast cancer and certain other cancers)
- लंग डिजीज (Lung disease)
- हाय कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स
- ऑटोइम्यून डिअसॉर्डर्स जैसे कि ल्यूपस और रयूमेटॉइड अर्थराइटिस
- दांतों की और दूसरी मुंह से संबंधित परेशानियां जिससे डेंटल केविटी होने की संभावना बढ़ जाती है।
- ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (Autism spectrum disorder)
यदि आप या आपके बेटे को क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम का निदान किया गया है, तो आपको एंडोक्रिनोलॉजिस्ट की मदद लेनी पड़ सकती है, लेकिन ये बात तो जान लें कि क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम के कारण होने वाले लिंग गुणसूत्र परिवर्तनों को ठीक करने का कोई तरीका नहीं है, उपचार इसके प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं। जितनी जल्दी निदान किया जाता है और उपचार शुरू किया जाता है, उतना ही अधिक लाभ होता है।
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क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम और टाइप 2 डायबिटीज के साथ कैसे संतुलन बनाएं
- क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम के बारे में जानें।
- अगर बेटे में यह सिंड्रोम डायग्नोस हुआ है तो उसके विकास की सावधानीपूर्वक निगरानी करें। आपके द्वारा नोटिस की जाने वाली समस्याओं के लिए डॉक्टर से मदद लें, जैसे कि भाषा में परेशानी।
- डॉक्टर अपॉइंटमेंट को रेगुलर रखें। यह भविष्य की समस्याओं को रोकने में मदद कर सकता है।
- खेल और शारीरिक गतिविधियों में भाग लें। ये गतिविधियां मांसपेशियों की ताकत और मोटर कौशल बनाने में मदद करेंगी।
- सामाजिक अवसरों और समूह गतिविधियों में भागीदारी करें। ये गतिविधियां सामाजिक कौशल विकसित करने में मदद कर सकती हैं।
- वहीं टाइप 2 डायबिटीज को मैनेज करने के लिए हेल्दी डायट, एक्सरसाइज और दवाओं को समय पर लेना जरूरी है।
परिवार नियोजन के लिए अपने विकल्पों की जाँच करें। आप और आपका साथी अपने विकल्पों के बारे में डॉक्टर या अन्य स्वास्थ्य पेशेवर से बात करना चाह सकते हैं।
अन्य लोगों के साथ बात करें जिनकी हालत है। ऐसे कई संसाधन हैं जो क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं और अन्य पुरुषों और उनके सहयोगियों के दृष्टिकोण की पेशकश कर सकते हैं जो इस स्थिति का सामना करते हैं। कई पुरुषों को भी सहायता समूह में शामिल होने में मदद मिलती है
उम्मीद करते हैं कि आपको क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम और डायबिटीज (Klinefelter Syndrome and Diabetes) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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